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शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 573 अंक टूटा, निफ्टी 24800 के नीचे बंद

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मुंबई, एजेंसी।13 जून को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 573 अंक की गिरावट के साथ 81,118 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 169 अंकों की गिरावट के साथ 24,718 के स्तर पर बंद हुआ।
 
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से सभी में गिरावट रही। बैंकिंग, ऑयल एंड गैस, ऑटो और IT शेयर ज्यादा गिरे। एयर इंडिया के विमान के क्रैश होने के बाद एयरलाइन कंपनियों के शेयर भी टूटे हैं। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का शेयर 4% नीचे रहे। 

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शेयर बाजार में गिरावट की वजह 

  • इजराइल की ओर से ईरान पर एयरस्ट्राइक किए जाने की खबर के बाद ग्लोबल मार्केट में तनाव बढ़ गया, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। मार्केट पर ग्लोबल जियोपॉलिटिकल टेंशन का सीधा असर साफ नजर आ रहा है।
  • इजराइल के ईरान की राजधानी पर हमला करने के बाद ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में तेज उछाल के बीच कमजोर एशियाई बाजारों ने भी भारतीय बाजार को प्रभावित किया।

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एशियाई बाजारों में भी गिरावट

  • एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 338 अंक (0.89%) गिरकर 37,834 पर और कोरिया का कोस्पी 0.87% नीचे 2,894 पर बंद हुआ।
  • हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 142 अंक (0.59%) गिरकर 23,892 के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं चीन का शंघाई कंपोजिट अंक 25 (0.75%) गिरकर 3,377 पर क्लोज हुआ।
  • 12 जून को अमेरिका का डाउ जोन्स 0.24% चढ़कर 42,967 पर बंद हुआ। वहीं नैस्डेक कंपोजिट 0.24% चढ़कर 19,662 पर और S&P 500 0.38% अंक की तेजी के बंद हुआ।

कल 823 अंक गिरा था बाजार

सेंसेक्स 823 अंक (1%) की गिरावट के साथ 81,691 पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 253 अंक (1.01%) की गिरावट रही, ये 24,888 पर बंद हुआ।

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हिमाचल में लैंडस्लाइड, पुणे में गाड़ियां बहीं:MP में 2 दिन बाद मानसून आएगा; हरियाणा सरकार बोली- महिलाएं दोपहर में खाना न बनाएं

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नई दिल्ली/भोपाल/लखनऊ, एजेंसी। मानसून ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। मध्य प्रदेश में 16 जून तक मानसून की एंट्री हो सकती है। वहीं राजस्थान के जैसलमेर में आज सुबह बारिश हुई। मौसम विभाग ने 23 जिलों में आंधी-बारिश की संभावना जताई है। शुक्रवार को श्रीगंगानगर देश का सबसे गर्म शहर रहा। यहां अधिकतम तापमान 49.4 डिग्री पहुंच गया था।

इससे पहले श्रीगंगानगर में 1 जून 2018 को 49.1 डिग्री अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया था। श्रीगंगानगर में जून महीने का अब तक का सबसे ज्यादा तापमान 14 जून 1934 को 50 डिग्री दर्ज किया गया था।

मौसम विभाग ने शनिवार को UP, पंजाब-हरियाणा समेत देश के 7 राज्यों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। उधर बीती रात पुणे में भारी बरसात हुई। पिंपरी चिंचवड़ शहर की सड़कों पर पानी भर गया। नाले में चार से पांच गाड़ियां बह गईं, गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। हिमाचल के चंबा जिले में लैंडस्लाइड हुई।

हरियाणा में बढ़ती गर्मी को देखते हुए सरकार की ओर से गाइड लाइन जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि महिलाएं गर्मी के पीक आवर्स में खाना न बनाएं। इसके साथ यह भी कहा है कि प्यास न हो तब भी पानी पीते रहें।

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मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव से Adani Group की बड़ी डील्स खतरे में, अरबों डॉलर के निवेश पर संकट

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 गौतम अडानी की अगुवाई वाला अडानी ग्रुप इस समय एक बड़े भू-राजनीतिक तूफान की जद में है। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात ने कंपनी के अरबों डॉलर के निवेश पर संकट खड़ा कर दिया है। अडानी ग्रुप की इजरायल में तीन प्रमुख हिस्सेदारियां – हाइफा पोर्ट, डिफेंस पार्टनरशिप और सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट – अब खतरे में नजर आ रही हैं।  

हाइफा पोर्ट: 10,000 करोड़ की डील पर छाया युद्ध का साया

मुंबई, एजेंसी।साल 2023 में अडानी ग्रुप ने इजरायल के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हाइफा पोर्ट में 70% हिस्सेदारी खरीदकर 1.2 बिलियन डॉलर (लगभग 10,000 करोड़ रुपए) का निवेश किया था। यह पोर्ट इजरायल के आयात-निर्यात का अहम केंद्र है लेकिन अब मिडिल ईस्ट में बिगड़ते हालात के कारण इस पर संकट मंडरा रहा है। भले ही लड़ाई दक्षिणी इजरायल में केंद्रित है, पर लंबे समय तक युद्ध चलने की सूरत में मेडिटेरेनियन सी रूट बाधित हो सकता है, जिससे शिपिंग में देरी और लॉजिस्टिक्स का संकट उत्पन्न हो सकता है।

इस डर का असर शेयर बाजार पर दिख चुका है— शुक्रवार को अडानी पोर्ट्स के शेयर 2.71% गिरकर 1405 रुपए और अडानी एंटरप्राइजेज 1.36% गिरकर 2506 रुपए पर बंद हुए।

डिफेंस सेक्टर में अडानी-एल्बिट जॉइंट वेंचर को मिलेगी बढ़त या संकट?

अडानी ग्रुप और इजरायल की प्रमुख रक्षा कंपनी Elbit Systems के बीच बना जॉइंट वेंचर Adani Elbit Advanced Systems India, भारत में Hermes 900 ड्रोन बना रहा है, जो इजरायली डिफेंस फोर्सेज द्वारा उपयोग किए जाते हैं। युद्ध के माहौल में ड्रोन्स की डिमांड बढ़ सकती है, जिससे इस जॉइंट वेंचर को व्यापारिक लाभ हो सकता है लेकिन दूसरी तरफ इस तरह की डिफेंस साझेदारी जियोपॉलिटिकल दबावों को भी बढ़ा सकती है। अगर ईरान या उसके सहयोगी देशों ने इस साझेदारी को निशाना बनाया, तो अडानी ग्रुप को रणनीतिक और कारोबारी झटके लग सकते हैं।

10 अरब डॉलर की सेमीकंडक्टर डील पर लगा ब्रेक

अडानी ग्रुप और इजरायली Tower Semiconductor के बीच भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की योजना थी, जिसकी अनुमानित लागत थी 10 बिलियन डॉलर (83,000 करोड़ रुपये)। लेकिन अप्रैल में आई रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रोजेक्ट को फिलहाल रोक दिया गया है। मुख्य कारण हैं–मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव और ग्लोबल मार्केट की अनिश्चितता।

ग्लोबल बाजार में भी उथल-पुथल

इजरायल के हमले के बाद कच्चे तेल की कीमत 9% उछलकर 75.36 डॉलर/बैरेल हो गई और सोना 1.5% चढ़कर 3434 डॉलर/औंस तक पहुंच गया। एशियाई शेयर बाजारों में भी भारी गिरावट देखी गई। इजरायल ने इमरजेंसी की घोषणा की है और ईरानी जवाबी हमले की आशंका बनी हुई है।

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दुर्लभ खनिज ऑक्साइड निर्यात पर पुनर्विचार, भारत-जापान समझौते की नई शर्तों पर मंथन

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मुंबई, एजेंसी। भारत सरकार जापान के साथ 2012 में हुए दुर्लभ खनिज ऑक्साइड निर्यात समझौते की शर्तों पर नए सिरे से विचार कर रही है। यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब घरेलू उद्योगों को चीन से मैग्नेट की आपूर्ति में रुकावट के चलते कच्चे माल की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

समझौते के तहत, भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई IREL इंडिया लिमिटेड जापान की टोयोटा त्सुशो को दुर्लभ खनिज ऑक्साइड निर्यात करती है, जिसे बाद में परिष्कृत कर मैग्नेट के रूप में जापान को आपूर्ति किया जाता है। इन मैग्नेट का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, पवन टर्बाइनों, एयरोस्पेस और रक्षा उपकरणों में होता है।

सूत्रों के मुताबिक, अब भारत इस समझौते को अधिक संतुलित और पारस्परिक लाभकारी बनाना चाहता है। सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, “हमने सालों से निर्यात किया है, लेकिन बदले में कुछ खास नहीं मिला। अब हमारी मांग है कि अगर जापान हमारे दुर्लभ खनिज ले रहा है, तो वह बदले में हमें मैग्नेट की आपूर्ति करे या तकनीक साझा करे।”

घरेलू उद्योगों की मांग और रणनीतिक दबाव

वाहन उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “भारत मैग्नेट उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है और हमारी लगभग 30-40% जरूरतें आयात से पूरी होती हैं। जापान इस मामले में हम पर निर्भर है, इसलिए हमें एक ऐसी साझेदारी चाहिए जिसमें तकनीकी सहयोग और स्थानीय उत्पादन दोनों शामिल हों।

भारत सरकार की योजना है कि जापान के साथ मिलकर मैग्नेट निर्माण का संयुक्त ढांचा तैयार किया जाए। प्रस्ताव यह भी है कि जापान कुछ मैग्नेट खुद बनाए और शेष का उत्पादन भारत में किया जाए।

भविष्य की संभावनाएं और उत्पादन क्षमता

भारत में दुर्लभ खनिजों का मुख्य स्रोत मोनाजाइट रेत है, जो आंध्र प्रदेश, केरल, ओडिशा और तमिलनाडु में पाई जाती है। विशेष रूप से केरल की रेत अत्यधिक समृद्ध मानी जाती है। मोनाजाइट में नियोडिमियम और प्रेजोडिमियम जैसे खनिज मौजूद होते हैं, जो उच्च गुणवत्ता के मैग्नेट के लिए जरूरी हैं।

फिलहाल भारत का वार्षिक मोनाजाइट उत्पादन लगभग 5,000 टन है, जबकि IREL की परिष्कृत करने की क्षमता 10,000 टन तक है। सरकार ने 2032 तक इस क्षमता को 5 करोड़ टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।

जापान की प्रतिक्रिया

जापानी दूतावास के एक अधिकारी ने इस विषय पर कहा, “हम भारत से कच्चा माल आयात कर उसे परिष्कृत करते हैं और मैग्नेट बनाते हैं। हम भारत को भी मैग्नेट निर्यात करते हैं, हालांकि मात्रा अभी सीमित है। यह विषय हमारी सरकार के साथ विचाराधीन है।”

संभावित समझौता: भारत के लिए रणनीतिक अवसर

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के पास अब रणनीतिक बढ़त है क्योंकि जापान के पास दुर्लभ खनिजों का अपना स्रोत नहीं है। अगर भारत समझदारी से बातचीत करता है, तो यह देश के लिए तकनीकी सहयोग, स्थानीय उत्पादन और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में प्रमुख स्थान पाने का अवसर हो सकता है।

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