देश
लद्दाख में नदी में फंसा टैंक, 5 जवानों की मौत:एक्सरसाइज से लौट रहे थे जवान, रात एक बजे नदी में पानी बढ़ने से हादसा हुआ
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10 months agoon
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Divya Akash
लेह, एजेंसी।
लद्दाख के न्योमा-चुशूल इलाके में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास श्योक नदी का जलस्तर बढ़ने से सेना के 5 जवान बह गए। सभी की मौत हो गई है। इनमें एक जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर (JCO) भी थे। घटना शुक्रवार (28 जून) की रात करीब 1 बजे की है। जानकारी शनिवार (29 जून) को सामने आई।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, सेना के जवान मिलिट्री एक्सरसाइज के बाद देर रात T-72 टैंक से लौट रहे थे। मिलिट्री टैंक ईस्टर्न लद्दाख के सासेर ब्रांगसा में श्योक नदी पार कर रहा था, तभी पानी का लेवल अचानक बढ़ गया और जवान टैंक सहित नदी में डूबने लगे।
लेह की फायर एंड फ्यूरी 14 कॉर्प्स के मुताबिक, हादसा LAC के चुशूल से 148 किलोमीटर दूर मंदिर मोड़ के पास हुआ। रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचीं, लेकिन नदी में तेज बहाव और जलस्तर के कारण जवानों को बचाया नहीं जा सका।
पांचों जवानों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इनकी पहचान रिसालदार एमआर के रेड्डी, दफादार भूपेंद्र नेगी, लांस दफादार अकदुम तैयबम, हवलदार ए खान और नागराज पी के रूप में हुई है।
बारिश के चलते अचानक पानी बढ़ने की आशंका
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि श्योक नदी के ऊपरी इलाके में बारिश के चलते अचानक पानी बढ़ गया। रात होने के चलते जवानों को इसका पता नहीं चल सका। आमतौर पर T-72 टैंक पर कमांडर, एक गनर और एक ड्राइवर होता है। हालांकि, हादसे के वक्त टैंक पर 5 जवान सवार थे।
T-72 टैंक 5 मीटर (16.4 फीट) गहरी नदियों को पार करने की क्षमता रखता है। यह एक छोटे डायमीटर वाले स्नोर्कल की मदद से नदी पार करता है। पानी के अंदर टैंक का इंजन बंद होने पर इसे 6 सेकेंड के भीतर चालू करना जरूरी होता है। ऐसा नहीं करने पर कम दबाव होने के कारण इंजन में पानी भर जाता है। इमरजेंसी के लिए इस पर सवार क्रू के सभी सदस्यों को रीब्रीदर दिया जाता है
रक्षा मंत्री ने हादसे पर दुख जताया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने X पर लिखा- लद्दाख में नदी के पार टैंक ले जाते समय हादसे में हमारे पांच बहादुर सेना के जवानों की जान जाने पर दुख हुआ। हम राष्ट्र के प्रति अपने वीर सैनिकों के बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे।
कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने X पर लिखा- लद्दाख में टैंक के नदी पार करने के सैन्य अभ्यास के दौरान हुए हादसे में भारतीय सेना के पांच जवानों की शहादत का समाचार दुखद है। दुख की इस घड़ी में हम सभी शहीद जवानों के परिजनों के साथ खड़े हैं।

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कोरबा
कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी गेवरा खदान के व्यू प्वाइंट तक पहुंचे, कोयला उत्खनन पर जोर
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1 day agoon
April 10, 2025By
Divya Akash
0 कोरबा पहुंचने पर सीएमडी सहित अधिकारियों ने किया स्वागत
कोरबा/ गेवरा। केन्द्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी एसईसीएल की गेवरा खदान पहुंचे और व्यू प्वाइंट से खनन गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से खनन गतिविधियों की जानकारी ली और अधिक से अधिक उत्खनन और परिवहन पर जोर देने अधिकारियों को निर्देशित किया।

इसके पूर्व गेवरा पहुंचने पर सीएमडी हरीश दुहन सहित एसईसीएल के अधिकारियों ने श्री रेड्डी का स्वागत किया। इस अवसर पर भाजपा नेताओं ने भी श्री रेड्डी का भव्य स्वागत किया।
कामगारों से किया सीधा संवाद

गेवरा खदान पहुंचने के बाद कोयला मंत्री सबसे पहले कामगारों से मिले और उनसे सीधा संवाद किया और समस्याओं के बारे में जानकारी ली। व्यू प्वाइंट पहुंचने पर वे कामगारों को सम्मानित भी किया। उसके बाद शोवेल-शावेल आपरेटरों से मिले और उनके साथ केबिन में बैठकर मशीन का संचालन देखा और समझा।
सस्टेनेबल माइनिंग पर जोर

कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने सर्फेस माइनर का आपरेशन देखा और सस्टेनेबल माइनिंग पर जोर दिया। उन्होंने कोयला उत्खनन, लोडिंग एवं परिवहन बढ़ाने के निर्देश दिए। ज्ञातव्य हो कि बीते वित्तीय सत्र में एसईसीएल ने अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया और एसईसीएल गेवरा खदान के विस्तार के लिए भू अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी ना आने के कारण एसईसीएल गेवरा खदान में प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है और भू विस्थापितों का आक्रोश प्रबंधन को झेलना पड़ रहा है। कोयला मंत्री के आगमन के पूर्व सीएमडी हरीश दुहन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी मिले और भू अधिग्रहण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने सहयोग कर चर्चा भी की।

लक्ष्य हासिल न होने के कारण कोयला मंत्री ने इसे संज्ञान में लिया और स्वयं खदान का निरीक्षण करने और अधिकारियों-कामगारों में जोश भरने दीपका पहुंचे और गेवरा खदान के व्यू प्वाइंट में पहुंचकर प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दिया।



एसईसीएल के सुरक्षा अधिकारियों ने कोयला मंत्री किशन रेड्डी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया

देश
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति -Gold Price में ऐतिहासिक छलांग, क्या ₹55,000 तक आएगी कीमत? जानिए एक्सपर्ट्स की राय
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1 day agoon
April 10, 2025By
Divya Akash
मुंबई,एजेंसी। डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के बाद निवेशकों का रुख गोल्ड की ओर बढ़ गया है। चीन पर 125% टैरिफ बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर की आशंका गहरा गई है। ऐसे में निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प की तलाश में सोने की खरीदारी तेज कर दी है, जिसके चलते 9 अप्रैल को इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमतों में रिकॉर्डतोड़ उछाल दर्ज किया गया। केवल एक दिन में सोने की कीमतों में $100 से अधिक की छलांग देखी गई, जो अब तक की सबसे बड़ी तेजी मानी जा रही है।
बुधवार रात गोल्ड यूएसडी 3 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था और अब सवा प्रतिशत की तेजी के साथ 3124 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था।
क्या है तेजी के पीछे की वजह?
अमेरिका द्वारा चीन पर कड़ा टैरिफ लगाने और अन्य देशों को अस्थायी राहत देने से बाजार में अनिश्चितता का माहौल बन गया है। निवेशक जोखिम भरे एसेट्स से हटकर गोल्ड जैसे सेफ हेवन में निवेश बढ़ा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि इंटरनेशनल मार्केट में स्पॉट गोल्ड 0.2% बढ़कर $3,089.17 प्रति औंस पर पहुंच गया है।
घरेलू बाजार में भी गोल्ड का दम
भारत के कई शहरों में सोने की कीमत 90,400 रुपए प्रति 10 ग्राम से ऊपर पहुंच चुकी है। ये तेजी ऐसे समय में आई है जब बीते पांच दिनों से गोल्ड में गिरावट का दौर था।
क्या सच में गिरकर ₹55,000 पर आएगा गोल्ड?
हालांकि मौजूदा तेजी के बीच कुछ विश्लेषक आने वाले वर्षों में गोल्ड में बड़ी गिरावट की संभावना जता रहे हैं। अमेरिका स्थित मॉर्निंगस्टार के एनालिस्ट जॉन मिल्स के मुताबिक, सप्लाई बढ़ने, डिमांड घटने और ऊंची कीमतों की वजह से गोल्ड में 38% तक गिरावट आ सकती है। ऐसे में भारत में सोने का रेट ₹55,000 प्रति 10 ग्राम तक लुढ़क सकता है।
कोरबा
भारतमाला प्रोजेक्ट…11 जिलों में भ्रष्टाचार की जांच करेगी EOW:किसानों की जमीन अधिग्रहण और मुआवजे में धांधली की शिकायत; इनमें कई अफसरों के नाम
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2 days agoon
April 9, 2025By
Divya Akash
रायपुर, एजेंसी। भारतमाला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे में घोटाले की जांच EOW करेगी। छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में भू-अर्जन की प्रक्रिया में अनियमितताएं पाए जाने के बाद जांच का दायरा बढ़ाया गया है।
राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने सभी संभाग कमिश्नर को लेटर लिखा है। 15 दिन में इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। जिन जिलों से भारत माला प्रोजेक्ट होकर गुजर रहा है, उन सभी जिलों में मुआवजा और अधिग्रहण की जांच होगी।

रायपुर से विशाखापट्टनम तक हाईवे बनना है इसमें जमीन मुआवजे को लेकर गड़बड़ी की बात सामने आई है।
पहले जानिए क्या है भारतमाला परियोजना?
भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं जो भारत सरकार की है। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा जो अब तक अधूरे हैं। इसी के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक करीब 463 किमी लंबी नई फोरलेन सड़क बनाई जा रही है।

राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने पत्र जारी किया है।
अब जानिए घोटाले को लेकर क्या है शिकायत?
रायपुर से विशाखापट्टनम 463 किमी सड़क बन रही है इसमें छत्तीसगढ़ में 124 किमी सड़क 3 कंपनियां बना रही हैं। यह सड़क नवा रायपुर से भी होकर गुजरेगी। इसलिए यहां सड़क के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया। जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे का घोटाला सामने आया है।
छत्तीसगढ़ के अवर सचिव को 8 अगस्त 2022 को धमतरी निवासी शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार साहू और हेमंत देवांगन ने शिकायत की थी। बताया गया कि, अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा बांटने के नाम पर अधिकारियों ने पैसों का बंदरबांट किया। उनकी जमीन का खसरा बदल दिया गया। पूर्व खसरे पर उस राशि का भुगतान दिख रहा है।
एसडीएम, नायब तहसीलदार और पटवारी से इसकी शिकायत की है, लेकिन वो समाधान नहीं कर रहे हैं। इन अफसरों ने दस्तावेजों में हेर-फेर कर भू-माफियाओं की मदद से शासन के पैसों का दुरुपयोग किया है।
अधिग्रहण नियम क्या है?
अधिग्रहण नियमों के अनुसार, गांवों में 500 वर्गमीटर से कम जमीन है तो उसका मुआवजा ज्यादा मिलता है। जमीन 500 वर्गमीटर से ज्यादा है तो पैसा कम मिलता है। उदाहरण के तौर पर एक एकड़ जमीन का मुआवजा 20 लाख होगा। इसे टुकडों में बांटकर 500 वर्गमीटर से कम कर दिया जाए तो मुआवजा 1 करोड़ हो जाएगा।
इन 11 जिलों में होगी जांच
- रायपुर
- धमतरी
- कांकेर
- कोंडागांव
- कोरबा
- रायगढ़
- जशपुर
- राजनांदगांव
- दुर्ग
- बिलासपुर
- जांजगीर-चांपा
- EOW ने मांगी पिछली जांच रिपोर्ट
रायपुर जिले में जांच के बाद प्रदेश के 11 जिलों में गड़बड़ी सामने आई है। अधिकारियों की तरफ से फर्जी नामांतरण, बंटवारा और अधिक मुआवजा बांटने की शिकायत है। इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेकर राजस्व विभाग ने जांच का दायरा बढ़ाया।
भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की जांच EOW को सौंपने का फैसला कैबिनेट में लिया गया था। अब इस पूरे मामले में EOW के अधिकारी जांच में जुट गए हैं। वहीं, राजस्व विभाग से पूर्व में की गई जांच की रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में EOW घोटाले में शामिल अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
सीबीआई से भी की गई शिकायत
स्वामी बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के संचालक नरेंद्र पारख ने बताया कि, अभनपुर के उरला गांव नहर के पास उनकी 88 डिसमिल जमीन है। इसमें 39 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण एनएचएआई ने किया है। भुगतान पत्रक में 1.36 करोड़ का मुआवजा बना। लेकिन इनकी जमीन का मुआवजा किसी हृदय लाल गिलहरे के नाम पर कर दिया गया।
उसने बैंक से पूरा पैसा निकालकर खाता बंद कर दिया है। उन्होंने इसकी शिकायत सीबीआई में की गई है। अमित पाण्डेय ने बताया कि, उनके पास 1.80 लाख स्क्वायर फीट जमीन थी। उन्हें 29 करोड़ मुआवजा मिलना था, लेकिन 17 करोड़ ही मिले। बाकी 12 करोड़ कहां गए उन्हें पता नहीं।
ननकी राम कंवर ने पिछले साल पीएम मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की थी।
पूर्व गृहमंत्री ने लिखी थी पीएम को चिट्ठी
मुआवजा घोटाले में रिव नाम के व्यक्ति की मुख्य भूमिका बताई जा रही है। इसकी शिकायत बीजेपी नेता ननकीराम कंवर ने पत्र लिखकर 28 नवंबर 2024 को पीएम मोदी से की थी।
चिट्ठी में मुआवजा घोटाले में शामिल अफसरों का नाम लिखा था और प्रोजेक्ट की जानकारी भू-माफियाओं को लीक करने की बात भी लिखी थी। इसमें जिन अफसरों का नाम लिखा हुआ था, उनमें से कई अफसर अभी भी जांच के दायरे के बाहर है।- कई अफसर जांच के दायरे में



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