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छत्तीसगढ़

तेंदूपत्ता-घोटाला…23 अप्रैल तक EOW रिमांड पर DFO:सुकमा के मजदूरों को मिलना था 7 करोड़ रुपए का बोनस, अधिकारियों ने बांटा ही नहीं, होगी पूछताछ

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रायपुर, एजेंसी। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में तेंदूपत्ता घोटाले केस में EOW ने निलंबित DFO अशोक पटेल को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने अशोक पटेल 23 अप्रैल EOW की कस्टोडियल रिमांड पर भेज दिया। EOW के अफसर घोटाले को लेकर पूछताछ करेंगे।

EOW ने कोर्ट में अशोक पटेल को पेश करने के बाद पूछताछ के लिए कस्टोडियल रिमांड की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने मंजूरी दी। ACB और EOW की टीम ने रायगढ़ के कृष्णा वाटिका और पैतृक ग्राम झालमुड़ा में भी कार्रवाई की थी। ऐसा पहली बार है जब EOW ने किसी DFO को गिरफ्तार किया है।

क्या है पूरा मामला

सुकमा के वन विभाग अधिकारी अशोक कुमार पटेल और उनके साथियों पर तेंदूपत्ता तोड़ने वाले मजदूरों के बोनस में बड़ा घोटाला करने का आरोप है। यह घोटाला वर्ष 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता सीजन से जुड़ा है, जिसमें करीब 7 करोड़ रुपए की राशि संग्राहकों को दी जानी थी। अधिकारियों ने आपसी साठगांठ कर बड़ी रकम खुद रख ली और संग्राहकों तक पैसा नहीं पहुंचा।

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस राशि का कुछ हिस्सा पूर्व विधायक मनीष कुंजाम और कुछ पत्रकारों को भी दिया गया था।

इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (EOW/ACB) ने अशोक कुमार पटेल और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया। 8 अप्रैल 2025 को एफआईआर दर्ज होने के बाद 10 अप्रैल को छापेमार कार्रवाई की गई है।

छापेमारी में क्या-क्या मिला

पिछले दिनों छापेमारी में ACB-EOW को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक खातों की जानकारी और निवेश से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं। चौंकाने वाली बात यह रही कि डीएफओ ऑफिस के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के घर से 26 लाख 63 हजार 700 रुपये नगद मिले।

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कोरबा

दूसरे दिन भी कोरबा पुलिस की अपराधीयों के विरुद्ध ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी, 43 वारंटियों की गिरफ्तारी, जिनमें 11 स्थायी वारंटी शामिल

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2 दिन में कुल 94 आरोपी हुए गिरफ्तार

कोरबा । पुलिस द्वारा जिले में कानून-व्यवस्था एवं शांति बनाए रखने, आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण एवं फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु विशेष अभियान “ऑपरेशन शांति” संचालित किया जा रहा है। नववर्ष के पूर्व कार्रवाई करते हुए कोरबा पुलिस ने दूसरे दिन भी ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी रखते हुए 43 वारंटियों को गिरफ्तार किया, जिनमें 11 स्थायी वारंटी शामिल हैं, इस प्रकार 2 दिन में कुल 94 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं ।

ये सभी आरोपी न्यायालय द्वारा पूर्व में जारी गिरफ्तारी वारंट के बावजूद लंबे समय से गिरफ्तारी से बचते हुए फरार चल रहे थे, जिन पर सतत निगरानी रखकर योजनाबद्ध तरीके से दबिश देकर गिरफ्तारी की गई। इस प्रकार दो दिनों में कोरबा पुलिस द्वारा कुल 94 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया जा चुका है। इस अभियान के अंतर्गत आज की कार्यवाई में थाना कोतवाली एवं थाना कुसमुंडा द्वारा प्रत्येक ने 5-5 गिरफ्तारी वारंट तामील किए तथा थाना सिविल लाइन्स ने 4 गिरफ्तारी वारंट तामील किए । दूसरी ओर, थाना कुसमुंडा एवं थाना उरगा द्वारा क्रमशः 4 एवं 3 स्थायी वारंट तामील किए गए।

कोरबा पुलिस द्वारा संचालित “ऑपरेशन शांति” का मुख्य उद्देश्य जिले में शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखना तथा आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना को सुदृढ़ करना है। असामाजिक तत्वों एवं वारंटियों के विरुद्ध यह विशेष कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी।

कोरबा पुलिस की आम नागरिकों से अपील

▪️ जिन व्यक्तियों के विरुद्ध वारंट लंबित हो एवं जो लंबे समय से फरार हैं, उनकी सूचना भी गोपनीय रूप से पुलिस को उपलब्ध कराएं, ताकि उनके विरुद्ध शीघ्र कार्यवाही की जा सके।

▪️शराब पीकर वाहन न चलाएं; नशे की हालत में ड्राइविंग आपके तथा अन्य लोगों के जीवन के लिए अत्यंत घातक हो सकती है।

▪️ओवरस्पीडिंग से बचें और हमेशा निर्धारित गति सीमा का पालन करें, क्योंकि तेज रफ्तार सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण है।

▪️दोपहिया वाहन चालक स्टंटबाज़ी / खतरनाक स्टंट (Stunting) न करें; ऐसी हरकतें जानलेवा होने के साथ‑साथ कानूनन दंडनीय भी हैं।

▪️महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार की अभद्रता, छेड़छाड़, हिंसा या दुर्व्यवहार न करें; यदि कहीं ऐसा कोई व्यवहार होता दिखे तो तत्काल पुलिस को सूचित करें, ताकि दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सके।

▪️ किसी भी आपराधिक गतिविधि या संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी तुरंत अपने नजदीकी थाने या डायल 112 पर दें।

▪️ कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।

▪️ नव वर्ष शांति, सौहार्द एवं आपसी भाईचारे के साथ मनाएं।

कोरबा पुलिस जिले के नागरिकों की सुरक्षा एवं शांति बनाए रखने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है तथा फरार एवं वारंटी आरोपियों के विरुद्ध इसी प्रकार सख्त, सुनियोजित और निरंतर कार्रवाई जारी रखेगी।

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कोरबा

39वां अंतर्राष्ट्रीय मंगल पाठ एवं भजनोत्सव में शामिल हुए पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल

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पालकी एवं निशान उठाकर शोभायात्रा को किया रवाना
कोरबा। ऊर्जाधानी एवं मां सर्वमंगला की पावन धरा कोरबा में 39वां अंतर्राष्ट्रीय मंगल पाठ एवं भजन उत्सव के दो दिवसीय आयोजन अवसर पर भव्य शोभा यात्रा एवं पालकी यात्रा निकाली गई ।
इस यात्रा में पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित होकर शोभा यात्रा में पालकी एवं निशान उठाकर शोभायात्रा को रवाना किया।
इस धार्मिक आयोजन में अनेकों गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया । यह शोभा यात्रा पंचदेव मंदिर कोरबा से प्रारंभ होकर जश्न रिसॉर्ट में संपन्न हुई ।
पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने राणीसती दादी जी मंगल पाठ के अवसर पर कोरबावासियों को शुभकामनाएं देते हुए कोरबावासियों के जीवन में सुख समृद्धि एवं अमन – चैन के लिए राणीसती दादी से कामना की।

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कोरबा

1517 दिनों के धरने, कई बार खदान बंदी के बाद नियमों को शिथिल कर पुराने रोजगार प्रकरणों में रोजगार के लिए आदेश हुआ जारी

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किसान सभा ने रोजगार मिलने की जीत के बाद जीएम ऑफिस के सामने मिठाइयां बांटी

जमीन अधिग्रहण के 37 साल बाद भू विस्थापित को रोजगार के लिए कुसमुंडा जीएम ने नियुक्ति पत्र देकर दी शुभकामनाएं

कोरबा/कुसमुंडा। जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे भूविस्थापित किसानों के आंदोलन की जीत हुई है। एसईसीएल के बिलासपुर मुख्यालय ने पुराने लंबित रोजगार प्रकरण मामले में एक भू विस्थापित को रोजगार देने के लिए एप्रुवल आदेश बिलासपुर मुख्यालय से जारी किया, जिसके बाद प्रक्रिया को पूरा कर कुसमुंडा महाप्रबंधक सचिन तानाजी पाटिल के हाथों भू विस्थापित को नियुक्ति पत्र दिया गया।

कुसमुंडा महाप्रबंधक सचिन तानाजी पाटिल ने नियुक्ति पत्र देते हुए रघुनंदन यादव को एसईसीएल परिवार में शामिल होने के लिए शुभकामनाएं देते हुए भू विस्थापितों को आश्वाशन भी दिया । जिनकी जमीन अधिग्रहण की गई है उन्हे´ नियमानुसार रोजगार दिलाने में तेजी लाई जायेगी। नियुक्ति पत्र देते समय कुसमुंडा एपीएम और भू राजस्व समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जीत से उत्साहित आंदोलनकारियों ने अपने संघर्ष को और तेज करने का फैसला किया है और भूमि अधिग्रहण से प्रभावित सभी विस्थापित परिवारों को रोजगार मिलने तक आंदोलन जारी रखने का निश्चय किया है। किसान सभा ने इसे भू विस्थापित किसानों के संघर्षों की बड़ी जीत बताते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भी सभी भू विस्थापित खातेदारों के रोजगार के लिए संघर्ष तेज करते हुए आगे भी लड़ेंगे और जितेंगे।

उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा कोयला खदान विस्तार के लिए 1978 से 2004 तक जरहा जेल, बरपाली, दुरपा, खम्हरिया, मनगांव, बरमपुर, दुल्लापुर, जटराज, सोनपुरी, बरकुटा, गेवरा, भैसमा आदि गांवों में बड़े पैमाने पर हजारों किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। उस समय एसईसीएल की नीति भूमि के बदले रोजगार देने की थी। लेकिन प्रभावित परिवारों को उसने रोजगार नहीं दिया। बाद में यह नीति बदलकर न्यूनतम दो एकड़ भूमि के अधिग्रहण पर एक रोजगार देने की बना दी गई। इससे अधिग्रहण से प्रभावित अधिकांश किसान रोजगार मिलने के हक़ से वंचित हो गए।

पिछले 1517 दिनों से छत्तीसगढ़ किसान सभा के सहयोग से भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के बैनर पर भूविस्थापितों द्वारा ‘जमीन के बदले रोजगार’ के लिए आंदोलन चलाया जा रहा है। आंदोलनकारी जमीन अधिग्रहण के समय की पूर्व नीति के अनुसार सभी प्रभावितों को रोजगार देने की माग कर रहे हैं। 1517 दिनों से चल रहे अनिश्चित कालीन आंदोलन को बड़ी जीत मिली है। 1988 में बरपाली गांव के रघुनंदन यादव की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। अधिग्रहण के 37 साल बाद भी रोजगार के लिए भटक रहे थे। 1517 दिनों के संघर्ष के बाद रोजगार देने के लिए एसईसीएल को आदेश जारी करने के लिए बाध्य होना पड़ा है। यह खबर मिलते ही धरनास्थल पर इस जीत की खुशी में मिठाईयां बांटी गई।

इस अवसर पर आयोजित सभा को छत्तीसगढ़ किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने संबोधित करते हुए कहा कि किसान सभा का शुरू से मानना है कि जिनकी जमीन का एसईसीएल ने अधिग्रहण किया है, प्रत्येक खातेदार को स्थाई रोजगार मिलना चाहिए, क्योंकि किसानों के पास जीविका का एकमात्र साधन जमीन ही होता है। यह भू विस्थापितों के संघर्षों की जीत है। एसईसीएल को इस जायज मांग को मानना पड़ा है। अपने अधिकार के लिए लड़े है´, उन्हीं की जीत हुई हैं। भू विस्थापितों को आगे भी सभी मांगो में जीत मिलेगी।

भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के रेशम यादव और दामोदर श्याम ने कहा की एसईसीएल कुसमुंडा में पुराने लंबित प्रकरणों में रोजगार के आदेश के बाद भू विस्थापित किसानों द्वारा चल रहे आंदोलन को नई ऊर्जा मिली है और अन्य सभी भू विस्थापितों में उम्मीद की किरण दिखाई दिख रही है। एकता बद्ध तरीके से आंदोलन करने में ही सभी भू विस्थापितों को रोजगार मिलेगा ।

रघुनंदन यादव ने कहा कि एसईसीएल में 1988 में उनकी जमीन अधिग्रहण हुई थी। अधिग्रहण के बाद दफ्तरों का रोजगार के लिए चक्कर लगाया लेकिन रोजगार नहीं मिला भटक कर थक गए थे और रोजगार की उम्मीद समाप्त हो गई थी, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ किसान सभा के सही मार्ग दर्शन नेतृत्व में 1517 दिनों से एकता बद्ध तरीके से भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने संघर्ष किया। संघर्ष के बाद एसईसीएल ने रोजगार के लिए पात्र मानते हुए रोजगार के लिए नियुक्ति पत्र जारी किया है, यह संघर्ष की जीत है।

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