नई दिल्ली, एजेंसी। 18वीं लोकसभा का तीसरा सत्र (शीतकालीन सत्र) 25 नवंबर से शुरू होने वाला है। इससे पहले रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। इस दौरान 30 पार्टियों के कुल 42 नेता मौजूद थे। कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं ने लोकसभा में पहले दिन अडाणी मामले पर बहस की मांग की है।
अमेरिका की न्यूयॉर्क फेडरल कोर्ट ने गौतम अडाणी पर सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को लगभग 2,200 करोड़ रुपए की रिश्वत देने की पेशकश का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने इस मामले पर JPC की मांग रखी है।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि उनकी पार्टी ने मणिपुर हिंसा, प्रदूषण, रेल दुर्घटनाओं पर भी संसद में चर्चा का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा- चर्चा के मुद्दों पर कार्य मंत्रणा समिति फैसला करेगी। विपक्ष सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने दे।
संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान 19 बैठकें होंगी। सरकार ने संसद से मंजूरी के लिए वक्फ संशोधन विधेयक सहित 16 विधेयकों की लिस्ट तैयार की है। लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक लोकसभा में 8 और राज्यसभा में 2 विधेयक लंबित हैं।
सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले केरल और नांदेड़ सीट से उपचुनाव जीतकर आए 2 नए सांसदों को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला शपथ दिलाएंगे।
सत्र में कुल 16 बिल, 11 पर चर्चा, 5 मंजूरी के लिए पेश होंगे
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 16 विधेयक पेश किए जाने हैं। इनमें से 11 विधेयक चर्चा के लिए रखे जाएंगे। जबकि 5 कानून बनने के लिए मंजूरी के लिए रखे जाएंगे। वन नेशन वन इलेक्शन के लिए प्रस्तावित विधेयकों का सेट अभी सूची का हिस्सा नहीं है, हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार इसे सत्र में ला सकती है।
वहीं, राज्यसभा बुलेटिन में कहा गया है कि लोकसभा से पारित एक अतिरिक्त विधेयक भारतीय वायुयान विधेयक राज्यसभा में मंजूरी के लिए लंबित है।
वक्फ बिल पर बनी JPC के सदस्यों ने मांगा और समय
वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति के 29 नवंबर को संसद में अपनी रिपोर्ट पेश करने की उम्मीद है, लेकिन यह तभी संभव है जब वह मानसून सत्र में दी गई समय सीमा का पालन करती है। JPC को सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने पैनल को अपनी रिपोर्ट देने के लिए समय बढ़ाने की मांग की है।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू का कहना है कि JPC का कार्यकाल बढ़ाने का प्रावधान है, लेकिन अभी तक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। इस पर चर्चा कार्य मंत्रणा समिति में होनी चाहिए।
JPC ने 22 अगस्त से लेकर अब-तक 25 बैठकें की हैं। इनमें 123 हितधारकों से सुझाव लिए गए हैं, जिनमें 6 मंत्रालय, 8 वक्फ बोर्ड और 4 अल्पसंख्यक आयोग शामिल हैं।
वक्फ एक्ट, 1995 को वक्फ संपत्तियों को रेगुलेट करने के लिए बनाया गया था, लेकिन इस पर भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोप लगे हैं। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के जरिए इसमें सुधार लाने, डिजिटाइजेशन, ऑडिट, ट्रांसपेरेंसी और अवैध कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र बनाने का लक्ष्य है।
संविधान दिवस पर पुरानी संसद में होगा आयोजन
सत्र के दूसरे दिन यानी 26 नवंबर (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल (पुरानी संसद) में विशेष कार्यक्रम होगा। 19 सितंबर 2023 से संसद का पूरा कामकाज नई संसद से ही चल रहा है। संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था। संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था।
75वीं वर्षगांठ पर सिक्का और डाक टिकट जारी किया जाएगा। साथ ही संस्कृत और मैथिली में संविधान की कॉपी भी रिलीज की जाएंगी। इसके अलावा दो किताबें – “संविधान का निर्माण: एक झलक” और “संविधान का निर्माण और इसकी शानदार यात्रा” का भी विमोचन किया जाएगा।
पहली बार संसद में गांधी परिवार के तीन सदस्य
केरल के वायनाड लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका गांधी की जीत के बाद लोकसभा में दोबारा कांग्रेस के 99 सांसद हो गए हैं। वायनाड सीट राहुल गांधी ने छोड़ी थी, जबकि नांदेड़ सीट कांग्रेस सांसद बसंतराव चव्हाण के निधन के चलते खाली हुई थी। इन पर हाल ही में उपचुनाव हुए हैं और दोनों ही सीटें कांग्रेस के पास वापस आ गई हैं।
यह पहली बार होगा कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े गांधी परिवार के 3 सदस्य एक साथ संसद के सदस्य होंगे। राहुल गांधी रायबरेली से और प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से लोकसभा सांसद हैं। जबकि सोनिया गांधी राजस्थान से राज्य सभा सांसद हैं।
नई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।
भारत के वनावरण में बढ़ोतरी
भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।
कार्बन अवशोषण में वृद्धि
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
कुवैत सिटी ,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान कुवैत के अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने दिया। ये सम्मान पाने वाले मोदी पहले भारतीय PM हैं। मोदी को किसी देश से मिलने वाला ये 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।
ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है। यह अवॉर्ड दोस्ती की निशानी के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शासकों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को दिया जा चुका है।
वहीं, अमीर शेख मिशाल के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पीएम ने लिखा-
कुवैत के अमीर के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। हमने अपनी पार्टनरशिप को स्ट्रैटजिक लेवल तक बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी मजबूत होगी।
इससे पहले PM मोदी का अमीर के महल बायन पैलेस में स्वागत किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। PM मोदी शनिवार को दो दिन के कुवैत दौरे पर पहुंचे थे।
नई दिल्ली,एजेंसी। वोटिंग नियमों में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ECI) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।
रविवार सुबह X पर पोस्ट में उन्होंने कहा- पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं। यह सरकार की सोची-समझी साजिश है।
जब भी कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में ट्रांसपेरेंसी के बारे में लिखा, तो ECI ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया।
दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।
अधिकारियों ने बताया कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नैरेटिव फैलाया जा सकता है। बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते हैं।