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छत्तीसगढ़

रायपुर में बैडमिंटन खेलते समय युवक की मौत :रेस्ट के लिए जमीन पर बैठा और गिर गया; हार्ट अटैक की आशंका

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रायपुर ,एजेंसी। रायपुर में बैडमिंटन खेलते हुए युवक की मौत हो गई है। वह बैडमिंटन खेलने के बाद रेस्ट करने के लिए कोर्ट से बाहर निकलकर जमीन पर बैठ गया। कुछ देर बाद वह अचानक मुंह के बल गिरा। आसपास मौजूद लोगों ने उसे मेकाहारा अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

हार्ट अटैक से युवक की मौत की आशंका जताई जा रही है। घटना का CCTV वीडियो भी सामने आया है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।

घटना CCTV में कैद हो गई-

रायपुर में बैडमिंटन खेलते समय युवक की मौत।

रायपुर में बैडमिंटन खेलते समय युवक की मौत।

युवक को वहां मौजूद लोग मेकाहारा ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

युवक को वहां मौजूद लोग मेकाहारा ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मृतक हिमांशु श्रीवास्तव (35) रायपुर में एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर था।

मृतक हिमांशु श्रीवास्तव (35) रायपुर में एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर था।

इस मामले में कोतवाली पुलिस आगे की जांच पड़ताल में जुटी हैं। जानकारी के मुताबिक, यह पूरी घटना सप्रे शाला स्कूल स्थित जिला बैडमिंटन एकेडमी की है। शुक्रवार सुबह 6-7 बजे के करीब वहां खिलाड़ी बैडमिंटन की प्रेक्टिस कर रहे थे। इस दौरान युवक भी वहां पहुंचा।

रेस्ट करने के लिए जमीन पर बैठा

युवक ने बैडमिंटन खेलने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद वह खिलाड़ियों के साथ बैडमिंटन खेलने लगा। कुछ देर खेलने के बाद वहां रेस्ट करने के लिए कोर्ट से बाहर आकर जमीन पर बैठ गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ देर बाद नीचे गिर गया। वहां मौजूद लोगों ने उसे उठाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं उठा। जहां से लोग उसे मेकाहारा अस्पताल ले गए।

सप्रे स्कूल के बैडमिंटन कोर्ट में प्रैक्टिस करते खिलाड़ी (फाइल फोटो)

सप्रे स्कूल के बैडमिंटन कोर्ट में प्रैक्टिस करते खिलाड़ी (फाइल फोटो)

हार्ट अटैक से मौत की आशंका

मृतक हिमांशु श्रीवास्तव (35) निवासी सेक्टर 4 भिलाई का निवासी था। रायपुर के खुशी इंक्लेव अमलीडीह में वह पत्नी के साथ रह रहा था। शंकर नगर स्थित एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर के पद पर पदस्थ था। हार्ट अटैक से मौत की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल पुलिस परिजनों से पूछताछ करके आगे की जानकारी जुटाएगी। घटना के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

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छत्तीसगढ़

कांग्रेस नेता की पिस्टल से चली गोली

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महासमुंद थाने में फायरिंग, लाइसेंस एक्सपायर होने पर जमा कराने आए थे

महासमुंद,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक कांग्रेस नेता के पिस्टल से गोली चली है। 7 जून को अंकित बागबाहरा अपनी पिस्टल जमा करने थाने पहुंचे थे। इस प्रक्रिया के दौरान उनके हाथ से अचानक गोली चल गई। गोली फर्श पर जा लगी।

मामला बागबाहरा थाना क्षेत्र का है। पुलिस के मुताबिक, अंकित की पिस्टल का लाइसेंस मार्च 2025 में खत्म हो गया था। इसलिए पुलिस ने उन्हें नोटिस देकर या तो नवीनीकरण का दस्तावेज प्रस्तुत करने या पिस्टल थाने में जमा करने को कहा था।

गोली थाने के जमीन पर जा लगी।

गोली थाने के जमीन पर जा लगी।

पिस्टल जब्त कर गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह ने बताया कि घटना के बाद अंकित के खिलाफ बीएनएस की धारा 125 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 व 27 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने पिस्टल जब्त कर अंकित को गिरफ्तार कर लिया है।

बता दें है कि अंकित इससे पहले पुलिस के विरोध में एक मामले में एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने को लेकर सत्याग्रह पर भी बैठे थे।

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छत्तीसगढ़

रायपुर : मुख्यमंत्री ने आईआईएम रायपुर परिसर में किया सुशासन वाटिका का शुभारंभ

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मुख्यमंत्री ने

मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ सुशासन वाटिका में किया मौलश्री के पौधे का रोपण

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहां भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर में आयोजित चिंतन शिविर 2.0 के पहले दिन की शाम आईआईएम परिसर में सुशासन वाटिका का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ सुशासन वाटिका में मौलश्री के पौधे का रोपण किया। 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ सुशासन वाटिका में उपमुख्यमंत्री अरुण साव व विजय शर्मा, वनमंत्री केदार कश्यप, वित्त ओपी चौधरी, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, कृषि मंत्री राम विचार नेताम , खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो. राम कुमार कांकाणी ने भी मौलश्री का पौधा लगाया।

मौलश्री वृक्ष की विशेषताएँ

मौलश्री एक सुगंधित फूलों वाला वृक्ष है जो भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है। यह एक सदाबहार वृक्ष है जो सामान्यतः 10-15 मीटर तक ऊँचा होता है।
इस के फूल छोटे, सफेद या हल्के पीले रंग के, अत्यंत सुगंधित होते हैं। रात के समय इनकी महक और भी तेज होती है। मौलश्री वृक्ष के औषधीय गुण भी होते हैं और इसका उपयोग कई तरह की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। पारंपरिक रूप से इसे मंदिरों के आसपास और घरों के आंगन में लगाया जाता रहा है।

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छत्तीसगढ़

रायपुर में 3.45 लाख KG का ‘मियाजाकी’ आम

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खूंखार डॉग्स करते हैं रखवाली, मैंगो फेस्ट में हूर पाकिस्तानी आम भी, नेम प्लेट हटाया गया

रायपुर,एजेंसी। जापान का ‘मियाजाकी’ आम दुनिया के मंहगे दामों में से एक है। एक से डेढ़ किलो की कीमत 3 लाख 45 हजार रुपए है। रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव में इस आम को प्रदर्शनी के लिए रखा गया है। इस महोत्सव में देश के कई राज्यों के 450 से अधिक किसानों ने कई किस्मों के 2000 से ज्यादा आमों का प्रदर्शनी लगाया है।

इस आम महोत्सव में दुनिया की अलग-अलग आम की वैराइटी के अलावा छत्तीसगढ़ के बस्तर के जंगलों में होने वाले छोटे और गोल मटोल आम भी लोगों को लुभा रहे हैं। यहां पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आम भी हैं। सूरजपुर में रिटायर्ड जनरल मैनेजर ने मियाजाकी समेत कई आम लगाए हैं, जिनकी रखवाली खूंखार डॉग्स करते हैं। यह आम महोत्सव 9 जून तक आम लोगों के लिए आयोजित किया गया है।

आम महोत्सव में आम की वैराइटी देखते CM साय और नेता।

आम महोत्सव में आम की वैराइटी देखते CM साय और नेता।

हूर पाकिस्तानी आम भी, नेम प्लेट हटाया गया

रायपुर की एक प्राइवेट संस्था ने आम की 50 से अधिक वैराइटी का शो-केस किया। इसमें एक आम का नाम हूर पाकिस्तानी था। इसका मतलब यह पाकिस्तान की अप्सरा है। एक आम की नस्ल को यह नाम दिया गया है। हालांकि, बाद में नेम प्लेट का हटा लिया गया।

हूर पाकिस्तानी नाम को आयोजकों ने बाद में हटा लिया।

हूर पाकिस्तानी नाम को आयोजकों ने बाद में हटा लिया।

नेम प्लेट हटाने पर कर्मचारी ने क्या कहा ?

इस आम को लाने वाली संस्था के कर्मचारी विजय ने बताया कि, आम की वैराइटी को लेकर कुछ कंफ्यूजन था। इस वजह से नेम प्लेट हटा लिया गया है। हालांकि, चर्चा यह भी थी कि कुछ लोगों ने पाकिस्तानी नाम को लेकर आपत्ति जताई। इस वजह से आयोजकों ने आम के नेम प्लेट को हटा लिया।

बगैर गुठली का सिंधू आम, पाकिस्तान में और भारत दोनों में पाया जाता है।

बगैर गुठली का सिंधू आम, पाकिस्तान में और भारत दोनों में पाया जाता है।

दूसरे पाकिस्तानी वैराइटी भी

ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोगों में पाकिस्तान को लेकर रोष है। मगर पाकिस्तान से जुड़ी एक और वैराइटी आम महोत्सव में है। इसका नाम सिंधू है। पाकिस्तान के सिंध इलाके में इस आम की पैदावार होती है। हालांकि इसे भारतीय आम की नस्ल भी मानी जाती है। इस आम में गुठली बिल्कुल छोटी और पतली होती है। इसी वजह से सीड-लेस वैराइटी का आम भी कहा जाता है।

सबसे महंगे आम की रखवाली करते हैं खूंखार कुत्ते

सूरजपुर जिले के विश्रामपुर इलाके के कमलपुर बाग में कोल इंडिया के रिटायर्ड जनरल मैनेजर राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने मियाजाकी आम अपने बाग में लगाया है। इसके अलावा, अफगानिस्तान, थाईलैंड, फिलिपींस जैसे विदेशों के आमों की वैराइटी अपने फॉर्म में लगाई है। वो इन महंगे किस्म के आमों को बेचते नहीं हैं, शौकिया तौर पर लगाते हैं। देशभर की प्रदर्शनियों में इन्हें शो केस करते हैं।

उन्होंने बताया कि, हमारे बाग में इन महंगे और प्रीमियम आमों की रखवाली दो एलशेसियंस डॉग करते हैं। फॉर्म में हमने CCTV कैमरे भी लगा रखे हैं। विदेशी आम की किस्मों के पौधे मुंबई के कुछ इम्पोर्टर्स ने मंगवाकर दिए हैं। ये पौधे विदेशों से आते हैं। सरगुजा की मिट्टी और हवा पानी इन विदेशी किस्म के आमों की पैदावार के लिए बढ़िया होने की वजह से यह आम वहां लगाए जा रहे हैं।

3.45 लाख रुपए वाले आम छत्तीसगढ़ के राजेंद्र प्रसाद गुप्ता अपने फॉर्म उगाते हैं।

3.45 लाख रुपए वाले आम छत्तीसगढ़ के राजेंद्र प्रसाद गुप्ता अपने फॉर्म उगाते हैं।

2000 से ज्यादा आम की वैराइटी

इस आम महोत्सव में 2 से लेकर 15 इंच तक के आम हैं। राष्ट्रीय आम महोत्सव में आम की 200 से अधिक किस्मों और आम से बने 56 व्यंजनों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस आम महोत्सव में छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों के 450 से अधिक किसानों ने कई किस्मों के 2000 से ज्यादा आमों का प्रदर्शन किया है।

पूरे हॉल में इस तरह से आमों को रखा गया है।

पूरे हॉल में इस तरह से आमों को रखा गया है।

बस्तर के जंगलों में मिलते हैं ये मीठे रसीले आम।

बस्तर के जंगलों में मिलते हैं ये मीठे रसीले आम।

CM ने उठाया सबसे बड़ा आम

रायपुर और संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, छत्तीसगढ़ शासन इस आम महोत्सव का आयोजन कर रहा है। सीएम विष्णुदेव साय भी शनिवार को पहुंचकर सबसे बड़े आम को हाथ में लेकर तस्वीरें खिंचवाईं।

उन्होंने कहा कि, आम के इन्ही विशिष्ट गुणों के कारण इसे फलों का राजा भी कहा जाता है। मैंने आज आम की अनेकों दुर्लभ किस्में देखी जो अपने जीवन में इससे पहले नहीं देखी थी। इनमें से एक प्रजाति बीजापुर की हाथीझुल किस्म है। जिसका एक-एक फल दो किलो से लेकर चार किलो तक वजन का होता है।

हाथीझुल किस्म के आम बीजापुर में मिलते हैं।

हाथीझुल किस्म के आम बीजापुर में मिलते हैं।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने राष्ट्रीय आम महोत्सव के बारे में मुख्यमंत्री और लोगों को जानकारी देते हुए कहा कि, यहां देश के कई हिस्सों से आए आम उत्पादक आम के विभिन्न किस्मों के फलों और पौधों की बिक्री भी कर रहे हैं। डॉ. चंदेल ने मुख्यमंत्री साय को प्राकृतिक रूप से पके आमों की कई प्रजातियों से भरी टोकरी भी भेंट की।

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