तेहरान/तेल अवीव, एजेंसी। इजराइल और ईरान के बीच टकराव दूसरे दिन भी जारी है। पिछले दो दिनों में ईरान में 138 लोग मारे गए हैं। इजराइल ने शुक्रवार रात 10:30 बजे दूसरी बार ईरान के परमाणु ठिकानों पर फाइटर प्लेन से हमले किए। इस हमले में 60 लोगों की मौत हो गई। जबकि 350 से ज्यादा लोग घायल हुए।
इससे पहले ईरान में शुक्रवार सुबह 5:30 बजे हुए हमले में 78 लोग मारे गए थे। इनमें 9 न्यूक्लियर साइंटिस्ट और 20 से ज्यादा ईरानी कमांडर्स शामिल थे। ईरान ने भी जवाबी हमला करते हुए इजराइल पर 150 से ज्यादा मिसाइलें दागीं, जिनमें 6 राजधानी तेल अवीव में गिरीं।
इजराइल में अब तक 3 लोगों की मौत की खबर है। 7 जवान सहित 90 से ज्यादा घायल हुए हैं। इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू को सुरक्षित ठिकाने पर शिफ्ट कर दिया गया है। ईरान ने दावा किया है कि मिसाइल इजराइली रक्षा मंत्रालय पर भी गिरी। हालांकि अभी तक इजराइल ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने शनिवार को ईरान को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने और मिसाइलें दागीं, तो तेहरान जला देंगे। वहीं, ईरान का दावा है कि उसने तीसरी बार इजराइल का F-35 फाइटर जेट मार गिराया है।
इजराइल-ईरान संघर्ष की फुटेज…
ईरानी मिसाइल ने इजराइल में रिहाइशी ठिकाने को हिट किया।
इजराइल की राजधानी तेल अवीव पर ईरानी हमले का फुटेज।
ईरान ने दावा किया है कि उसकी दर्जनों मिसाइलों ने इजराइली शहरों को नुकसान पहुंचाया है।
ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम इजराइल के हवाई हमलों को रोकते हुए।
इजराइल की राजधानी तेल अवीव में ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल से तबाह हुई इमारत।
इजराइल और ईरान में 24 घंटे का टकराव, 7 पॉइंट्स में बड़ी बातें
1. इजराइल ने 200 फाइटर जेट्स से ईरान के कई ठिकानों पर हमला किया।
2. इजराइल ने इसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ नाम दिया।
3. इजराइली ऑपरेशन में ईरान के 6 वैज्ञानिक, 20 मिलिट्री कमांडर मारे गए।
4. ईरान ने पलटवार किया, इसे ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’ नाम दिया। 150 से ज्यादा मिसाइलें दागीं।
5. ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल से इजराइली रक्षा मंत्रालय को हिट करने का दावा किया।
6. नेतन्याहू ने पीएम मोदी से बातचीत की और हालात की जानकारी दी।
7. ट्रम्प ने ईरान को धमकी दी, कहा- परमाणु समझौता करें वरना बड़ा हमला होगा।
तोक्यो,एजेंसी। जापान के निर्यात में मई महीने में गिरावट आई है। अमेरिका को मोटर वाहनों के निर्यात में सालाना आधार पर करीब 25 प्रतिशत की भारी गिरावट इसकी मुख्य वजह रही। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि निर्यात में सालाना आधार पर 1.7 प्रतिशत की गिरावट आई जो विश्लेषकों द्वारा पूर्वानुमानित गिरावट से कम है। आयात में 7.7 प्रतिशत की गिरावट आई, जो कमजोर घरेलू मांग को दर्शाता है। यह अप्रैल में दर्ज दो प्रतिशत की गिरावट से भी बदतर है। वहीं व्यापार घाटा मई में 637.6 अरब येन या 4.4 अरब डॉलर रहा।
जापान अभी तक शुल्क मुद्दे को सुलझाने के लिए अमेरिका के साथ किसी समझौते पर नहीं पहुंच पाया है। प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने इस सप्ताह की शुरुआत में कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद कहा था कि दोनों पक्ष कुछ बिंदुओं पर सहमत नहीं हो पाए हैं। अमेरिका ने जापान के मोटर वाहनों व उसके घटकों के निर्यात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और अन्य वस्तुओं पर 24 प्रतिशत शुल्क लगाया है।
जेरूसलम,एजेंसी। इजराइल के मंत्रियों ने बुधवार को कहा कि ईरान के साथ कोई बातचीत नहीं होगी और ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ तब तक जारी रहेगा, जब तक कि यह अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर लेता। इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस्लामी राष्ट्र में सत्ता परिवर्तन की संभावना का भी संकेत दिया। काट्ज ने ईरान में संभावित सत्ता परिवर्तन की ओर संकेत करते हुए लिखा, ‘‘तेहरान के ऊपर एक तूफान आ रहा है। सरकारी संस्थानों पर बमबारी की जा रही है और उन्हें नष्ट किया जा रहा है। निवासियों की भीड़ इलाका छोड़ रही है। तानाशाही का पतन इसी तरह होता है।”
विदेश मंत्री गिदोन सार ने रविवार को तेल अवीव के निकट बाट याम में ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल हमले के स्थल पर विदेशी राजदूतों को जानकारी दी। इस हमले में कम से कम नौ लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। उन्होंने विदेशी राजनयिकों से कहा, ‘‘(ईरान से) कोई बातचीत नहीं होगी। जब तक हम अपने लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते, तब तक ऑपरेशन जारी रहेगा।” विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा, ‘‘ईरान जानबूझकर आबादी वाले इलाकों को निशाना बनाता है और नागरिकों की हत्या करता है। वे गलती कर रहे हैं। वे यह नहीं समझते कि इजराइली लोग मजबूत हैं और ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ का बड़े पैमाने पर समर्थन करते हैं।” भारत सहित 30 से अधिक देशों के राजदूतों को घटनास्थल पर जानकारी दी गई।
इससे पहले, घटनास्थल पर मीडिया को जानकारी देते हुए इजरायल के विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इजराइल जारी सैन्य अभियान में अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगा। इजराइल रक्षा बल (IDF) के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने प्रेसवार्ता में कहा कि इजराइली वायुसेना ने शुक्रवार को ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ शुरू करने के बाद से ईरान में सैकड़ों हमलों में 1,100 से अधिक ईरानी संपत्तियों को निशाना बनाया है। डेफ्रिन ने कहा, ‘‘हम परमाणु खतरे को बेअसर करने के लिए व्यवस्थित रूप से काम कर रहे हैं।”
पेशावर,एजेंसी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर वैश्विक मंच पर हंसी का कारण बन गए हैं—और इस बार वजह कोई राजनीतिक फैसला नहीं, बल्कि एक भयंकर टाइपो है। ईरान और इजरायल के बीच भड़की जंग पर प्रतिक्रिया देते हुए शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक गंभीर पोस्ट शेयर किया। लेकिन इस संवेदनशील वक्त में उनकी एक चूक ने पूरी बात को हास्यास्पद बना दिया।
क्या लिखा शहबाज शरीफ ने?
दरअसल, शरीफ ने अंग्रेजी में “condemn” (निंदा करना) लिखने की कोशिश की, लेकिन गलती से उन्होंने “condom” लिख दिया। उन्होंने लिखा: “I strongly condom the unprovoked Israeli attack on Iran…” बस, फिर क्या था—उनका यह पोस्ट पल भर में वायरल हो गया और दुनिया भर में मीम्स और ट्रोल्स की बाढ़ आ गई।
क्या यह महज एक टाइपो था?
हालांकि इस पोस्ट को शहबाज शरीफ की टीम ने कुछ ही देर में डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। स्क्रीनशॉट्स वायरल हो चुके थे और सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे पाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था पर तंज कसते हुए निशाना बना लिया। इस पोस्ट पर संदेह भी जताया गया कि कहीं यह फोटोशॉप या एडिट तो नहीं, लेकिन ‘X’ के एआई फीचर ‘Grok’ ने पुष्टि की कि यह पोस्ट 13 जून को वास्तव में किया गया था और बाद में हटा लिया गया।
पाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
शहबाज शरीफ की यह चूक कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के नेताओं ने अंग्रेजी या ज्ञान की कमी से अपनी फजीहत करवाई हो। इस मौके पर एक बार फिर पाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था की गंभीर स्थिति पर बहस छिड़ गई है।
UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में 5 से 16 साल के करीब 2.28 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जाते, जो दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है।
यह देश की कुल स्कूली उम्र की जनसंख्या का करीब 44% है।
UNESCO-GEM रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा को लेकर सबसे धीमी प्रगति हो रही है और देश दक्षिण-पश्चिम एशिया में सबसे निचले स्तर पर है।
GDP का मात्र 1.9% से 2.1% हिस्सा शिक्षा पर खर्च होता है, जबकि UNESCO 4% का न्यूनतम स्तर सुझाता है।