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कोरबा

बालको मेगा रक्तदान शिविर में 250 लोगों ने लिया हिस्सा

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बालकोनगर,। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने कोरबा के जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बालको अस्पताल में मेगा रक्तदान शिविर का आयोजन किया। शिविर में कंपनी के कर्मचारी एवं उनके परिवारजन, व्यावसायिक साझेदार और समुदाय के सदस्यों ने हिस्सा लिया। लोगों के संयुक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप कोरबा जिले में एक दिन में 250 यूनिट से अधिक जीवन रक्षक रक्त एकत्र किए गये।

विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर कंपनी द्वारा आयोजित एक दिवसीय मेगा रक्तदान शिविर कोरबा जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बालको अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों और नर्सों के देखरेख में संचालित किया गया। समर्पित चिकित्सा कर्मचारियों ने शिविर के दौरान रक्त संग्रह के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने के साथ ही रक्तदान प्रक्रिया और इसके लाभ के बारे में स्वयंसेवकों के बीच व्यापक जागरूकता पैदा करने में भी मदद की। सावधानीपूर्वक स्क्रीनिंग और जांच के बाद एकत्रित रक्त को कोरबा के सरकारी मेडिकल कॉलेज के रक्त बैंक में संग्रहीत किया गया। जरूरतमंद लोगों को ब्लड यूनिट निःशुल्क प्रदान की जाएंगी। थैलेसीमिया, सिकल सेल, कैंसर, सड़क यातायात दुर्घटनाओं, गर्भवती माताओं और हीमोफिलिया वाले व्यक्तियों के इलाज के लिए उनकी रक्त आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि हमने चिकित्सा संबंधी चुनौतियों की एक विस्तृत समझ के साथ सभी लिंग एवं आयु समूह के कल्याण को संबोधित करने के लिए तैयार की गई विविध पहलों के माध्यम से समुदाय के स्वास्थ्य को लगातार प्राथमिकता दी है। रक्तदान अभियान के दौरान समुदाय की सामूहिक प्रतिक्रिया को देखना सुखद है जिससे रक्त बैंक के भंडार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण मदद मिली है। इस प्रयास ने आपातकालीन रक्त आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चिकित्सा ढांचे को मजबूत किया है और अनगिनत लोगों की जान बचाई है।

बालको के प्रयास की सराहना करते हुए कोरबा के मुख्य स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी श्री एस. एन. केसरी ने कहा कि रक्तदान एक महान कार्य है और 250 से अधिक लोगों का रक्तदान कराना वास्तव में एक उल्लेखनीय प्रयास है। मैं प्रत्येक रक्तदाता को उनके निस्वार्थ कार्य के लिए बधाई देता हूँ। उदारता का यह कार्य हमारे समुदाय में अनगिनत लोगों की जान बचाने में मदद करेगा जिससे कई परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।

बालको का मेगा रक्तदान शिविर जीवन रक्षक ब्लड यूनिट को एकत्रित करने में सफल रहा। सभी रक्तदाताओं को प्रमाणपत्र के माध्यम से उनके योगदान को सराहा गया। इसका उद्देश्य उनके निस्वार्थ कार्यों का सम्मान करना और प्रोत्साहन प्रदान करना था।

बालको समुदाय की भलाई में योगदान देने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत पूरे वर्ष कई स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित करता है। वित्तवर्ष 2024 में 1.35 लाख से अधिक लोगों के जीवन को को लाभ पहुंचाया है। कंपनी अपने आरोग्य परियोजना के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य पहल का संचालन करता है।
स्वास्थ्य पोस्ट (आरएचपी) के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित कर रहा है। साथ ही एचआईवी, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और कुपोषण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता अभियान चलाता है। परियोजना ने वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 50,000 लोग लाभान्वित हुए हैं। कंपनी अपने मोबाइल हेल्थ वैन (एमएचवी) के माध्यम से क्षेत्र में ‘उपचार आपके दरवाजे’ थीम पर लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुलभ बनाया है जो हर 15 दिनों में क्षेत्र का दौरा करती है। वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 15,500 से अधिक नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं। कंपनी त्रैमासिक मेगा स्वास्थ्य शिविर और जागरूकता आयोजित करता है जो टीकाकरण, स्वच्छता प्रथाओं और समग्र स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देते हैं। नई किरण परियोजना के तहत बालको ने कोरबा के 45 गांवों में जागरूकता के माध्यम से 57,000 से अधिक लोगों को माहवारी के दौरान स्वच्छ प्रथाओं के बारे में जागरूक किया है।

बालको मेडिकल सेंटर 170 बिस्तरों का अत्याधुनिक कैंसर उपचार केंद्र है। देश में कैंसर उपचार के क्षेत्र में यह अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित है। वर्ष 2018 में केंद्र के उद्घाटन के बाद लगभग 38,500 पीड़ितों को विभिन्न विशेषज्ञों ने उपचार मुहैया कराए हैं।

100 आधुनिक बेड से युक्त बालको अस्पताल कंपनी के कर्मचारियों एव उनके परिवारजन और विभिन्न जिलों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है। विशेषज्ञों की टीम है जिसमें सामान्य चिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट, दंत चिकित्सक, नेत्र रोग विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, स्त्री रोग विशेषज्ञ और आर्थोपेडिक सर्जन के साथ 09 विजिटिंग कंसल्टेंट शामिल हैं। इसे 14 रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर, 60 नर्स और 113 स्टाफ सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। नियमित जांच शिविर, जागरूकता शिविर आयोजित करने के साथ ही आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के साथ ही सरकार द्वारा निर्धारित समस्त टीकाकरण कार्यक्रमों का अनुसरण बालको अस्पताल में किया जाता है। बालको अस्पताल छत्तीसगढ़ के कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर और जांजगीर चांपा जिलों से हर साल 2 लाख 10 हजार से अधिक रोगियों को सेवा प्रदान करता है।

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कोरबा

स्थानीय भू विस्थापितों को रोजगार देने पर बनी सहमति: कल की तालाबंदी स्थगित

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अजय जायसवाल ने रखा भू विस्थापितों का बेहतर ढंग से पक्ष: प्रबंधन माना

कोरबा/गेवरा। कल 24 दिसंबर को गेवरा खदान से प्रभावित ग्रामों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने हेतु गेवरा प्रबंधन के खिलाफ ताला बंदी का ऐलान जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल के नेतृत्व में आयोजित था, जिसे आगामी निर्णय तक स्थगित कर दिया गया। प्रबंधन द्वारा आज 23 दिसंबर को त्रिपक्षिय वार्ता हेतु आमंत्रित किया गया , जिसमें गेवरा विस्तार परियोजना में नियोजित ठेका कंपनी,एसईसीएल प्रबंधन और जनप्रतिनिधियों, ग्रामवासियों के मध्य वार्ता हुई। वार्ता के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि ओवर बर्डन और कोयला उतखनन में लगभग 3000 से ज्यादा ड्राइवर हेल्पर कार्य कर रहे हैं, जिसमें खदान प्रभावित ग्रामों से 5 प्रतिशत लोग भी कार्यरत नहीं हैं। इस मामले को जिला पंचायत कोरबा के पूर्व उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता अजय जायसवाल ने गंभीर चिंता का विषय बताते हुए बैठक में भू विस्थापितों का पक्ष रखा और प्रबंधन से कहा-यह बड़ी शर्म की बात है। स्थानीय भू विस्थापित युवकों को रोजगार की लड़ाई लडऩी पड़ रही है और बाहरी लोग आकर सीधे रोजगार प्राप्त कर रहे हैं, जिस पर प्रबंधन को ठोस निर्णय लेने की जरूरत है। स्थानीय बेरोजगार युवकों की अपेक्षा प्रबंधन को भारी पड़ सकता है । अजय जायसवाल ने एसईसीएल प्रबंधन को चेताया कि पहले बेरोजगार स्थानीय युवकों को प्राथमिकता दें, जिसमे प्रबंधन द्वारा भू विस्थापितों के रोजगार हेतु ह्यश द्य&ह्म् के नेतृत्व में कमेटी गठन करने का निर्णय लिया गया, जिसमें अब कोई भी कंपनी सीधी भर्ती नहीं करेगी। भू विस्थापितों का आवेदन पहले कमेटी द्वारा लिया जाएगा, जिसे सत्यापित कर कम्पनियों में नियोजित किया जाएगा। कोई भी कपनी सीधे भर्ती नहीं करेगी और साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि खदान प्रभावित उक्त ग्रामों से युवाओं को एक सप्ताह के भीतर 40 ड्राइवर और 15 हेल्पर को रोजगार देने पर सहमति बनी। उसके पश्चात जनवरी-फऱवरी-मार्च तक आगामी भर्ती में 70 प्रतिशत स्थानीय भू विस्थापितों को रोजगार मिलेगा। अगर प्रबंधन वादाखिलाफ़ी करता है तो हम फिर से सीजीएम कार्यालय गेवरा की तालाबंदी करने मजबूर होंगे और इसकी संपूर्ण जवाबदेही एसईसीएल प्रबंधन की होगी।

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कोरबा

नेत्र रोग विशेषज्ञों से उपचार के बाद भी बढ़ती जा रही थी आंखों की समस्या: पंचकर्म चिकित्सा ने लौटाया पुराना चश्मा

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कोरबा।पंचकर्म चिकित्सा पद्धति पर लोगों का विश्वास बढ़ता ही जा रहा है। कोरबा की प्रसिद्ध पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. मनीषा सिंह ने बताया कि आयुर्वेद पंचकर्म चिकित्सा से हर तरह की बीमारियों का ईलाज संभव है। एक ऐसे ही मामले में पंचकर्म चिकित्सा का चमत्कार देखने को मिला। खरमोरा निवासी रेलवे कर्मचारी (मूल निवासी जिल्गा) संजय कुमार बेक पिता रूपन बेक ने बताया कि वह कोरबा सहित बिलासपुर-रायपुर के कई नेत्र रोग विशेषज्ञों से ईलाज कराया, लेकिन आंख में देखने की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही थी और चश्मे का नंबर बढ़ता ही जा रहा था। उन्होंने बताया कि प्रसाद नेत्रालय में दिखाने पर पहले चश्मा 0.5, फिर 0.7, फिर +1, फिर 1.5, फिर 1.7 होता गया और माइग्रेन की भी समस्या आने लगी। इसके बाद बिलासपुर और रायपुर में भी ईलाज कराया लेकिन कोई फायदा दिखा नहीं।
इसके बाद मंैने पंचकर्म चिकित्सालय के बारे में सुना और पढ़ा तथा वहां पहुंचा। डॉ. मनीषा सिंह ने पंचकर्म चिकित्सा से एक सप्ताह ईलाज किया और मुझे माइग्रेन से राहत मिलने के साथ मेरी आंखों में 0.5 नंबर वाला चश्मा लगा। आंखों की समस्या के कारण मैं तनाव पूर्वक जीवन जी रहा था, लेकिन पंचकर्म चिकित्सा ने मुझे सामान्य जीवन की ओर लौटाया। मेरे चेहरे पर ग्लो भी आने लगा।
पंचकर्म एक चमत्कारिक चिकित्सा पद्धति है- डॉ. मनीषा सिंह
पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ मनीषा सिंह ने बताया कि संजय कुमार बेक को पंचकर्म से काफी राहत मिली। उनकी आंखों और माईग्रेन में समस्या बढ़ती जा रही थी। नेत्र तर्पण, नेत्रवस्ती के माध्यम से आंखों की रोशनी बेहतर की जा सकती है। पंचकर्म में इतना चमत्कार होता है कि धीरे-धीरे आंखों से चश्मा भी उतर जाता है। उन्होंने बताया कि संजय कुमार बेक को आंखों की समस्या के कारण माइग्रेन भी होने लगा था और बेचैनी होती थी। आंखों की समस्या बढ़ती तो माइग्रेन स्थाई हो जाता और बड़ी गंभीर समस्या पैदा हो सकती थी।
अपनी ही रिपोर्ट फाड़ दी डॉ. प्रसाद ने
महीनों तक ईलाज करने के बाद आखिरी में फिर से आंख का परीक्षण किया गया और रिपोर्ट आने के बाद कर्मचारियों ने रिपोर्ट डॉ. प्रसाद को दिखाई, तो उन्होंने रिपोर्ट को आश्चर्य से देखा और मुझे दिखाए बिना खुद रिपोर्ट फाड़ दी। मैं समझ गया कि यहां ईलाज कराने में कोई फायदा नहीं और मैं वहां ईलाज कराना बंद कर दिया। पंचकर्म ने मुझे नई रोशनी दी और मेरा जीवन सामान्य हो गया। पुराना चश्मा आंखों पर लगा रहा हूं और माइग्रेन की भी समस्या खत्म हो गई। मेरा ईलाज पंचकर्म में जारी है।

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कोरबा

ओव्हर स्पीडिंग और ड्रंक एंड ड्राइव के विरुद्ध ताबड़तोड़ कार्यवाही: 1.64 लाख रूपए का मिला समनशुल्क

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कोरबा। पुलिस अधीक्षक कोरबा के निर्देश पर संपूर्ण जिले में ओवर स्पीडिंग एवं शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरुद्ध वीक एंड पर ताबड़तोड़ कार्यवाही की गई ।
उल्लेखनीय है कि ओवर स्पीडिंग और ड्रंक एंड ड्राइव सडक़ दुर्घटनाओं में प्रमुख कारण रहता है, जिसे देखते हुए सप्ताहांत में दिनांक 21 एवं 22 दिसंबर को संपूर्ण जिले में यातायात सहित सभी थाना,चौकी,पुसके प्रभारियों द्वारा फर्राटेदार तथा शराब पीकर वाहन चालन पर कार्यवाही की गई ?।
अभियान के दौरान ओव्हर स्पीडिंग के 68, शराब पीकर वाहन चलाने पर 70 तथा 229 वाहन चालकों के विरुद्ध मोटर यान अधिनियम की अन्य धाराओं में इस प्रकार कुल 347 वाहन चालकों पर कार्यवाही की गई ।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ओवर स्पीडिंग एवं ड्रंक एंड ड्राइव पर इसी तरह समय समय पर अभियान चलाया जाएगा ।
ओव्हर स्पीडिंग और अन्य मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत उपरोक्त कार्यवाही में 1,64,000 रूपए का शमन शुल्क प्राप्त हुआ, जबकि शराब पीकर वाहन चालन वाले प्रकरण न्यायालय प्रस्तुत किए जाएंगे, जिसका न्यायालय से निराकरण होगा ।

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