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अयोध्या में 7वां दीपोत्सव: 22 लाख दीए जलाने का रिकॉर्ड बना

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8 ड्रोन से की गई दीपों की गिनती

अयोध्या (एजेंसी)। अयोध्या राममय है। 7वें दीपोत्सव पर सरयू नदी के किनारे 51 घाटों पर 24 लाख दीप जलाए गए। 22 लाख 23 हजार दीप जलाने का गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड बना। होलोग्राफिक लाइट के जरिए महर्षि वाल्मीकि की राम की कथा सुनाई गई। 24 लाख दीपों को जलाने के लिए 1 लाख 5 हजार लीटर सरसों तेल का इस्तेमाल किया गया है। 54 देशों के राजदूत भी दीपोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे हैं। दीपों की गिनती के लिए 8 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। पिछली बार सरयू तट पर 15 लाख 76 हजार दीप जलाने का कीर्तिमान गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। इससे पहले सुबह श्रीराम के अयोध्या आगमन को प्रतीकात्मक रूप में दर्शाते हुए भव्य शोभा यात्रा निकली गई। दोपहर में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण पुष्पक विमान (हेलिकॉप्टर) से अयोध्या पहुंचे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी सभी का स्वागत किया। इसके बाद प्रभु राम को रामकथा पार्क लाया गया। यहां भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ। सीएम योगी ने राम का राज तिलक किया।

योगी बोले- एक ही नारा था मंदिर का निर्माण करो

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 2017 में जब दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू हुआ था। तब आप लोगों का उत्साह देखकर ऐसा लगता था। जैसे हर व्यक्ति की एक ही तमन्ना है। उस समय अयोध्या वासियों की ओर से तब एक ही नारा गूंजता था। तब आपकी एक ही आवाज आई थी। योगी जी एक काम करो और मंदिर का निर्माण करो। वही उत्साह की परीक्षा की घड़ी आज उतर प्रदेश वासियों की आज चुकी है। उन्होंने कहा कि भगवान राम के 14 साल के वनवास की स्मृतियों को अविस्मरणीय बनाने के लिए आज अयोध्या में दीपोत्सव मनाया जा रहा है।

अयोध्या के विकास के लिए 30 हजार 500 करोड़ खर्च

योगी आदित्यनाथ ने कहा, हमने बदली हुई अयोध्या देखी और देख रहे हैं। अगले दो महीने में रामलला 500 वर्ष बाद अपने स्थान पर विराजमान होंगे। अयोध्या धाम में सरकार की तरफ से तीस हजार 500 करोड़ की परियोजनाएं चल रही हैं। निजी क्षेत्र इससे अलग है। जब तक रामलला अयोध्या में विराजमान होंगे तब तक यहां 50 हजार करोड़ की योजनाएं मूर्त रूप लेते हुए दिखाई देंगी। इससे यहां रोजगार के ढेरों अवसर भी मिलेंगे।

झांकियों में राम जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक की यात्रा

रामनगरी में आज 19 झांकियां निकाली गईं। झांकियों के जरिए भगवान राम के जन्म काल से लेकर राज्याभिषेक तक की यात्रा दिखाई गई है। इसमें रामायण कालीन शिक्षा, दक्षिण से लेकर उत्तर तक के लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम, सुरक्षा, भयमुक्त समाज, बच्चों का अधिकार, बेसिक शिक्षा, राम-सीता विवाह, बेटियों की शादी के लिए सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्था, मिशन शक्ति, नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, महिला हेल्पलाइन नंबर, वन और पर्यावरण, रामेश्वरम सेतु, पुष्पक विमान, बेहतर हवाई यात्रा कनेक्टिविटी, केवट प्रसंग, बेहतर कानून व्यवस्था, शबरी-राम मिलाप, लंका दहन, भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई आदि का संदेश दिया गया।

लाइट एंड साउंड शो के जरिए रामायण पर आधारित प्रसंग दिखाए जाएंगे

राम की पैड़ी पर 200X60 फीट की स्क्रीन पर लाइट एंड साउंड शो के जरिए रामायण पर आधारित प्रसंग दिखाए जाएंगे। इस दौरान करीब 50 देशों के राजदूत दीपोत्सव के गवाह बनेंगे। 25 हजार से अधिक वॉलंटियर्स की ओर से 16X16 दीपक का ब्लॉक बनाया गया है। इसमें हर ब्लॉक में 256 दीपक सजाए गए हैं। एक वॉलंटियर्स 85 से 90 दीए जलाएगा। घाटों पर 12 पर्यवेक्षक, 95 घाट प्रभारी, 1000 से अधिक समन्वयक नियुक्त किए गए हैं। राम की पैड़ी को दीपोत्सव के लिए रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। जिससे रात्रि में राम की पैड़ी का नजार ही कुछ और नजर आ रहा है।

1 लाख 8000 दीपक से राम मंदिर मॉडल तैयार

राम की पैड़ी पर 6000 स्क्वायर फीट में राम मंदिर मॉडल दीप मालाओं के जरिए बनाया गया है। इसे डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट के 150 बच्चों ने 3ष्ठ इफेक्ट में तैयार किया है। इसमें भगवान श्री राम को जीत की मुद्रा में दिखाया गया है। जो कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद राम मंदिर निर्माण के विजय की गौरव गाथा को बयान कर रहा है। इस राम मंदिर मॉडल को तैयार करने में 1 लाख 8000 दीपक लगे हैं।

2022 में पीएम मोदी दीपोत्सव के बने थे गवाह

पिछले साल अयोध्या में दीपोत्सव पर प्रधानमंत्री भी मौजूद रहे। उन्होंने लेजर शो के जरिए राम के चरित्र का अवलोकन किया था। पीएम मोदी के साथ-साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहे। 2021 में अयोध्या में 12 लाख दीपक जलाए गए थे। तब राम की पैड़ी पर 9 लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में 3 लाख दीपक जलाए गए थे।

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“मुझे शक है…”पहली बार राज ठाकरे के साथ अपने रिश्ते पर बोलीं सोनाली बेंद्रे

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मुंबई, एजेंसी। बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे को भला कौन नहीं जानता।  उनकी अलौकिक सुंदरता और अभिनय प्रतिभा ने उन्हें 90 के दशक की कई फिल्मों के लिए लोकप्रिय पसंद बनाया और उन्हें एक वफादार प्रशंसक आधार दिलाया। हाल ही में सोनाली  ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और उनके रिश्ते को लेकर पहली बार बात की। कुछ दिनों पहले दोनों का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ था। 

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कुछ दिनों पहले सोनाली बेंद्रे और राज ठाकरे सालों बाद एक साथ नजर आए थे। इस दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें सोनाली आंखों से राज ठाकरे को बुलाती नजर आई, जिसके बाद कई तरह की बातें चलने लगी।  एएनआई से बातचीत में बेंद्रे ने सभी दावों को खारिज कते हुए कहा- ” “क्या उन्होंने… मुझे संदेह है, मैं  उस समय अपनी बहन से बात कर रही थी जो वहीं थी।” गपशप की आलोचना करते हुए, बेंद्रे ने कहा- ” मुझे लगता है कि जब लोग इस तरह से बात करते हैं तो यह बहुत अच्छा नहीं लगता। उन्होंने बताया कि दोनों परिवारों के बीच संबंध दशकों पुराने हैं।

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बेंद्रे ने कहा-  “इस तथ्य के अलावा कि मेरे जीजा और मेरी बहन… मेरे जीजा जो एक क्रिकेटर हैं और इसलिए राज के चचेरे भाई के साथ क्रिकेट खेलते थे… बहन के पति और वे हमेशा साथ खेलते थे। दूसरी बात, मेरी बहन की सास विभाग की प्रमुख थीं जिन्होंने हमें (रामनारायण) रुइया कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया, जहां से मैं हूँं,”। अभिनेत्री ने आगे एक निजी पारिवारिक संबंध का खुलासा करते हुए कहा, “…तो वे सभी एक-दूसरे को जानते थे। मेरे लिए, संबंध यह था कि शर्मिला, राज की पत्नी, उनकी मां और मेरी मासी सबसे अच्छी दोस्त थीं। उनकी मां  ने मुझे 10 दिनों तक अपने पास रखा। इसके अलावा, ‘सरफरोश’ अभिनेत्री ने कहा- “मैंने हमेशा यात्रा की है… ऐसा कुछ नहीं है कि मैं उन्हें एक सीमा से ज़्यादा जानती हूं क्योंकि मैं दो साल में केवल एक बार गर्मियों की छुट्टियों या ऐसे ही कुछ समय के लिए महाराष्ट्र आई हूं,”। 

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राजनीति में उनकी रुचि के बारे में पूछे जाने पर, ‘दिलजले’ अभिनेत्री ने किसी भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से दृढ़ता से इनकार किया।    उन्होंने कहा-  “नहीं, वास्तव में नहीं। मुझे लगता है कि इसके लिए आपको बहुत मोटी चमड़ी की ज़रूरत होती है, जो मेरे पास नहीं है… और मैं राजनीतिक रूप से सही नहीं हूं… दुर्भाग्य से”।  ऐसी खबरें थी कि सालों पहले सोनाली और राज ठाकरे रिश्ते में थे, हालांकि शादीशुदा होने के वलते राज ठाकरे अपने रिश्ते को आगे नहीं बढ़ा पाए। 

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राजस्थान में सियासी सरगर्मियां तेज, अशोक गहलोत के घर पहुंचे सचिन पायलट; 2 घंटे की मुलाकात ने बढ़ाई हलचल

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जयपुर,एजेंसी। राजस्थान की राजनीति में एक नया और दिलचस्प मोड़ तब आया जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं AICC महासचिव सचिन पायलट ने पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरकारी आवास का रुख किया। यह मुलाकात जयपुर स्थित सिविल लाइंस के उस सरकारी आवास पर हुई जहां अशोक गहलोत वर्षों से रहते हैं। यह सामान्य राजनीतिक शिष्टाचार से कहीं ज्यादा बड़ी मुलाकात मानी जा रही है क्योंकि दोनों नेताओं के बीच पिछले कुछ वर्षों से तनातनी बनी रही है। ऐसे में यह भेंट राजस्थान कांग्रेस में संभावित एकता और सुलह की तरफ इशारा करती है।

क्यों पहुंचे पायलट गहलोत के घर?

इस मुलाकात का औपचारिक कारण स्वर्गीय राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा का निमंत्रण देना था। राजेश पायलट की पुण्यतिथि हर वर्ष 11 जून को दौसा जिले के भंडाना-जीरोता गांव स्थित स्मारक स्थल पर आयोजित की जाती है। इस बार कार्यक्रम इसलिए भी खास है क्योंकि यह उनकी 25वीं पुण्यतिथि है। सचिन पायलट खुद इस आयोजन के प्रमुख आयोजक हैं और चाहते हैं कि इसमें कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हों। सचिन पायलट और अशोक गहलोत की यह मुलाकात केवल चाय-पानी की नहीं थी। दोनों नेता लगभग दो घंटे तक बंद कमरे में चर्चा करते रहे। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में कयास लगना शुरू हो गया है कि क्या कांग्रेस आलाकमान अब राजस्थान में दोनों गुटों को फिर से एक करने की कोशिश कर रहा है?
 
गहलोत ने दी प्रतिक्रिया, पुरानी यादें की साझा

मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा “AICC महासचिव सचिन पायलट आज मेरे निवास पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. राजेश पायलट की पुण्यतिथि कार्यक्रम का निमंत्रण देने आए। हम दोनों 1980 में साथ लोकसभा पहुंचे थे और लगभग 18 वर्षों तक संसद में साथ काम किया। उनके असमय निधन से पार्टी और मुझे व्यक्तिगत रूप से बड़ी क्षति हुई।” गहलोत के इस बयान को एक भावनात्मक और राजनीतिक रूप से संतुलित संदेश माना जा रहा है, जो पार्टी के भीतर एकजुटता का संकेत भी देता है।

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अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर सबसे बड़ी कार्रवाई ! छापेमारी में 44 गिरफ्तार, विरोध कर लोगों पर दागे आंसू गैस गोले

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वाशिंगठन,एजेंसी। अमेरिका के लॉस एंजिलिस में संघीय आव्रजन अधिकारियों ने आव्रजन नियम के उल्लंघन को लेकर शुक्रवार को 44 लोगों को गिरफ्तार किया। एक संघीय हिरासत केंद्र के बाहर उस समय झड़प देखी गई जब इस कार्रवाई का विरोध करने जुटे लोगों को तितर-बितर करने के लिए अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागे। गृह मंत्रालय की प्रवक्ता यास्मीन पिट्स ओ’कीफ ने बताया कि आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन अधिकारियों और एजेंटों ने तीन स्थानों पर तलाश अभियान चलाया। ‘कोअलिशन ऑफ ह्यूमेन इमिग्रेंट राइट्स’ की कार्यकारी निदेशक एंजेलिका सालास ने कहा कि आव्रजन अधिकारियों ने बताया कि उन्हें दो किराना स्टोर, ‘फैशन डिस्ट्रिक’ में एक गोदाम और एक डोनट की दुकान समेत सात स्थानों से लोगों को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी मिली है।

अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के प्रवक्ता सियारन मैकएवॉय ने पुष्टि की कि एजेंटों और एक न्यायाधीश ने पाया कि ‘फैशन डिस्ट्रिक्ट’ में नियोक्ता अपने कुछ कर्मचारियों के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर रहे थे जिसके बाद कारोबारी के यहां तलाश अभियान चलाया गया। शुक्रवार शाम को लॉस एंजिलिस में एक संघीय हिरासत केंद्र के बाहर काफी संख्या में लोग इस कार्रवाई के विरोध में इकट्ठा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तार किए गए लोगों के समर्थन में ‘उन्हें आजाद करो’, ‘उन्हें देश में रहने दो’ के नारे लगाए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। हेलमेट पहने और डंडे लिए अधिकारियों ने धीरे-धीरे प्रदर्शनकारियों को इमारत से दूर कर दिया। 

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