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छत्तीसगढ़

8 लाख के इनामी नक्सली ने दंतेवाड़ा SP संग काटा-केक:लोन-वर्राटू अभियान…5 साल में 1005 नक्सलियों का सरेंडर, 249 पर है 4.96 करोड़ का इनाम

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दंतेवाड़ा,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में लोन वर्राटू अभियान के तहत 5 साल में 1005 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनमें से 249 इनामी नक्सली हैं, जिन पर कुल 4 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपए का इनाम घोषित है।वहीं, बुधवार को 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 8-8 लाख रुपए के 2 और 5, 3, 2 और 1 लाख रुपए के 1-1 इनामी नक्सली शामिल है।

दरअसल, लोन वर्राटू अभियान के तहत 1 हजार नक्सलियों के सरेंडर पर दंतेवाड़ा पुलिस ने सेलिब्रेशन किया। बुधवार को सरेंडर किए 8 लाख रुपए के इनामी चंद्रन्ना के हाथों केक कटवाया। SP और सरेंडर नक्सली दोनों ने साथ मिलकर केक काटा। नक्सली ने कहा कि, मैंने हिंसा छोड़ दी है। अब सरकार के साथ मिलकर काम करूंगा। विकास में साथ दूंगा।

लोन वर्राटू अभियान के तहत 1 हजार नक्सलियों के सरेंडर पर दंतेवाड़ा पुलिस ने सेलिब्रेशन किया।

लोन वर्राटू अभियान के तहत 1 हजार नक्सलियों के सरेंडर पर दंतेवाड़ा पुलिस ने सेलिब्रेशन किया।

बुधवार को 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

बुधवार को 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

अब जानिए क्या है लोन वर्राटू अभियान?

दरअसल, लोन वर्राटू गोंडी बोली का शब्द है। जिसका हिंदी अनुवाद घर वापसी है। साल 2020 में दंतेवाड़ा के तत्कालीन SP अभिषेक पल्लव ने दंतेवाड़ा में इसकी शुरुआत की थी। इस अभियान के तहत नक्सलियों से सरेंडर कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की थी। नक्सल संगठन में इस अभियान का बड़ा असर देखने को मिला। इस अभियान के तहत हथियार छोड़ने वाले नक्सलियों को नौकरी मिली।

जो नौकरी नहीं करना चाहता था उनका समूह बनाकर खेती-किसानी के लिए ट्रैक्टर दिया गया। इसके अलावा अन्य स्किल्स भी सिखाए गए थे। इस अभियान का फायदा ऐसा हुआ कि पड़ोसी राज्यों में सक्रिय नक्सली भी यहां आकर सरेंडर किए। इस अभियान का असर ऐसा रहा कि, 813 पुरुष और 192 महिला नक्सलियों ने हथियार छोड़ा है।

कितने हैं इनामी नक्सली

  • 8 लाख रुपए – 17 नक्सली
  • 5 लाख रुपए – 18 नक्सली
  • 3 लाख रुपए – 19 नक्सली
  • 2 लाख रुपए – 23 नक्सली
  • 1 लाख रुपए – 163 नक्सली
  • 50 हजार रुपए – 9 नक्सली

SP बोले- जिले में शांति

दंतेवाड़ा के SP गौरव राय ने कहा कि, घर वापस आइए सफल अभियान रहा है। नक्सलवाद की कमर टूटी है। जिले में आर्म्स कैडर के नक्सलियों का लगभग सफाया हो गया है। उन्होंने कहा कि हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।

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कोरबा

पूर्व मंत्री अग्रवाल ने दी कोरबा सहित प्रदेशवासियों को क्रिसमस की बधाई

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कोरबा। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने 25 दिसम्बर गुरूवार को क्रिसमस डे के मौके पर कोरबा सहित प्रदेशवासियों को प्रभु ईसा मसीह जयंती पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि प्रभु यीशु मसीह ने समाज को प्रेम, करूणा, क्षमा एवं समानता का संदेश दिया है। उन्हो´ने गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने एवं आपसी भाईचारा के साथ रहने की सीख दी है। प्रभु यीशु के संदेश हमेशा समाज के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय रहेंगे। 

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कोरबा

तान नदी पुल के आकस्मिक मरम्मत कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी

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4.76 करोड़ की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की होगी संरचनात्मक मरम्मत

कोरबा। राष्ट्रीय राजमार्ग-130 के कटघोरा-शिवनगर खंड के अंतर्गत गुरसियाँ में स्थित तान नदी पुल के मरम्मत एवं रखरखाव के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लगभग चार करोड़ 76 लाख रुपए की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की संरचनात्मक मरम्मत की जाएगी। पुल पर पूर्ण क्षमता के साथ शीघ्र यातायात सुचारु करने के लिए मरम्मत के कार्य को दो महीने में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा यात्रियों की सुरक्षा और सुगम आवागमन को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए तत्परता से सड़कों और पुलों की मरम्मत सुनिश्चित की जा रही है। तान नदी पुल की स्थिति और यातायात के दबाव को देखते हुए इसे आकस्मिक मरम्मत एवं रखरखाव (Emergent Work) की श्रेणी में रखा गया था। इसके लिए प्राप्त निविदाओं को आज खोल दिया गया है। तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के बाद जल्दी ही चयनित एजेंसी को कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा।

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कोरबा

कोरबा के मुख्य चौक-चौराहों पर दुकानें बंद:धर्मांतरण के विरोध में हिंदू संगठनों ने दुकानदारों से मांगा समर्थन, छत्तीसगढ़ बंद का दिखा असर

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कोरबा। कोरबा में धर्मांतरण के विरोध में बुलाए गए बंद के आह्वान पर शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर दुकानें बंद रहीं। निहारिका घंटाघर, सुभाष चौक, कोसाबाड़ी और टीपी नगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद कराईं। सुबह खुली कई दुकानों को निवेदन कर बंद कराया गया।

यह बंद कांकेर के आमाबेड़ा में धर्मांतरण के विरोध में हुई हिंसा के खिलाफ सर्व समाज के आह्वान पर बुलाया गया था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंद के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।

सक्रिय दिखा हिंदू संगठन

कोरबा में हिंदू संगठन से जुड़े महिला और पुरुष कार्यकर्ता सक्रिय दिखे। सीतामढ़ी चौक से लेकर शहर के कई हिस्सों में खुली दुकानों को बंद करने का अनुरोध किया गया। लाउडस्पीकर के माध्यम से भी दुकानदारों से बंद का समर्थन करने की अपील की गई।

विभिन्न हिंदू संगठन अलग-अलग गुटों में काम कर रहे थे। एक गुट सीतामढ़ी से कोरबा शहर तक दुकानें बंद करा रहा था, जबकि दूसरा निहारिका घंटाघर से कोसाबाड़ी चौक तक सक्रिय था।

छत्तीसगढ़ बंद का कोरबा में भी समर्थन

हिंदू संगठन से जुड़े अजय विश्वकर्मा ने बताया कि बस्तर में ईसाई समुदाय और हिंदू आदिवासियों के बीच हुआ विवाद एक दुखद घटना है। उन्होंने आदिवासी भाइयों पर हुए हमले को गलत बताया। इसी के विरोध में पूरे छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया गया है, जिसका कोरबा में भी समर्थन किया जा रहा है।

विश्वकर्मा ने यह भी कहा कि कोरबा में भी धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं। रूमगड़ा, कटघोरा, करतला क्षेत्रों के अलावा कोरबा शहर में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिससे कई बार विवाद की स्थिति बनी है। पुलिस ने ऐसे मामलों में कई बार केस भी दर्ज किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रलोभन और झूठ बोलकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जिससे कोरबा में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

सर्व हिंदू समाज द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन के तहत, खुले दुकानदारों से पूछा जा रहा था कि क्या वे धर्म परिवर्तन का समर्थन करते हैं। उनसे कहा गया कि यदि वे समर्थन नहीं करते, तो अपनी दुकानें बंद रखें।

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