Connect with us

देश

NEET Paper Leak मामले में CBI ने फाइल की पहली चार्जशीट, 13 आरोपियों के नाम दर्ज

Published

on

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय जांच एसेंजी सीबीआई ने नीट पेपर लीक (NEET Paper Leak) मामले में पहली चार्जशीट दायर कर दी है। सीबीआई ने चार्जशीट में 13 आरोपियों के नाम लिए हैं। बता दें कि 4 जून 2024 को जारी हुए NEET UG के रिजल्ट में भारी गड़बड़ियां पाईं गईं। जिसके बाद पेपर लीक होने की आशंका जताई गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले पर सुनवाई करते हुए पेपर लीक होने की संभावनाओं से इनकार करते हुए कहा कि पेपर लीक के ठोस सबूत नहीं है और छात्रों की दोबारा परीक्षा की मांग को खारिज कर दिया। 

सीबीआई की चार्जशीट में नीतीश कुमार, अमित आनंद, सिकंदर यादवेंदु, आशुतोष कुमार1, रोशन कुमार, मनीष कुमार, मनीष प्रकाश, आशुतोष कुमार2, अखिलेश कुमार, अवधेश कुमार, अनुराग यादव, अभिषेक कुमार, शिवनंदन कुमार और आयुष राज का नाम शामिल है। सीबीआई ने चार्जशीट में बताया कि 5 मई को पटना के शास्त्री नगर मामला दर्ज हुआ था। बाद में 26 जून को मामला सीबीआई को ट्रांसफर किया गया।

सीजेआई ने कहा था, “यह निष्कर्ष निकालने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के नतीजों में गड़बड़ी हुई है या इसमें प्रणालीगत उल्लंघन है।” हालांकि, पीठ ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक की घटना हजारीबाग और पटना में हुई थी- यह तथ्य विवाद का विषय नहीं है। एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पांच मई को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर निशाने पर है। एनटीए देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में मेडिकल संबंधी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) आयोजित करती है। पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 23.33 लाख छात्रों ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा दी थी। इनमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

देश

Closing Bell: सेंसेक्स में 1048 अंक की गिरावट, 76,330 पर हुआ बंद, निफ्टी भी 345 अंक लुढ़का

Published

on

मुंबई ,एजेंसी। सुबह गिरावट के साथ शुरू हुआ शेयर बाजार में कारोबार के अंत में भी भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी आज सोमवार (13 जनवरी) को सेंसेक्स 1048 अंक की गिरावट देखने को मिली, ये 76,330 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 345 अंक की गिरावट रही, ये 23,085 के स्तर पर बंद हुआ।
 

ग्लोबल मार्केट में गिरावट रही

  • पिछले कारोबारी दिन यानी शुक्रवार (10 जनवरी) को एशियाई बाजार में जापान के निक्‍केई में 1.05% की गिरावट रही। वहीं, कोरिया का कोस्पी आज 1.21% गिरावट के साथ करोबार कर रहा है।चीन के शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स में भी आज 0.45% की गिरावट देखने को मिल रही है।
  • NSE के डेटा के अनुसार, 10 जनवरी को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने 2,254.68 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इस दौरान घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 3,961.92 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
  • 10 जनवरी को अमेरिका का डाओ जोंस 1.63% गिरकर 41,938 पर बंद हुआ। S&P 500 इंडेक्स 1.54% गिरावट के बाद 5,827 जबकि नैस्डैक इंडेक्स 1.63% गिरकर 19,161 के स्तर पर बंद हुए।

बीते हफ्ते 1845 अंक गिरा था शेयर बाजार

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार (10 जनवरी) को सेंसेक्स 241 अंक गिरकर 77,378 पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 95 अंक की गिरावट रही, ये 23,431 के स्तर पर बंद हुआ। BSE स्मॉलकैप 1298 अंक की गिरावट के साथ 52,722 के स्तर पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 में गिरावट और 8 में तेजी रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 36 में गिरावट और 14 में तेजी रही। जबकि एक शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुआ। NSE सेक्टोरल इंडेक्स में IT सेक्टर में 3.44%की रही। इसके अलावा सभी सेक्टर गिरावट के साथ बंद हुए। मीडिया सेक्टर सबसे ज्यादा 3.59 % गिरा। वहीं, हफ्तेभर के कारोबार के बाद शेयर बाजार 1845 अंक गिरा है।

Continue Reading

कोरबा

 भूपेश बघेल को मंत्री लखनलाल का जवाब.. कहा ‘जिस फोटो को वायरल कर रहे हैं वह फ्लोरा मैक्स की नहीं, उत्कर्ष बैंक की’..

Published

on

कोरबा और आसपास के इलाकों में एक चिटफंड कंपनी फ्लोरामैक्स ने बड़े पैमाने पर महिलाओं का विश्वास जीतते हुए उनके नाम पर बैंको से ऋण पास कराये है। वही लोन देने वाले बैंक ठगी का शिकार हुई महिलाओं में बैंक वसूली और किश्त अदा करने का दबाव बना रही है।

कोरबा/रायपुर, एजेंसी।: फ्लोरामैक्स चिटफण्ड कंपनी को लेकर मची सियासत के बीच राज्य के श्रम और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के ट्वीट का जवाब दिया है। अपने रिप्लाई में मंत्री लखनलाल देवांगन ने भूपेश बघेल के लिए ‘ठगेश’ शब्द का भी इस्तेमाल किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने एक पत्र को भी शामिल किया है।

मंत्री लखनलाल देवांगन ने लिखा, ‘ठगेश भूपेश बघेल जी ये विष्णुदेव जी की सुशासन की सरकार है, आपके कार्यकाल में शुरू हुई फ्लोरा मैक्स कम्पनी पर हमनें ताला लगवाया है, मुख्य सरगना के साथ 12 लोग आज जेल मे हैं, आप जिस फोटो को वायरल कर रहे हैं वह फ्लोरा मैक्स के शुभारम्भ की नहीं उत्कर्ष बैंक के वर्षगांठ अवसर की है।’

ठगेश भूपेश बघेल जी ये विष्णुदेव जी की सुशासन की सरकार है, आपके कार्यकाल में शुरू हुई फ्लोरा मैक्स कम्पनी पर हमनें ताला लगवाया है, मुख्य सरगना के साथ 12 लोग आज जेल मे हैं, आप जिस फोटो को वायरल कर रहे हैं वह फ्लोरा मैक्स के शुभारम्भ की नहीं उत्कर्ष बैंक के वर्षगांठ अवसर की है।।।… https://t.co/NcCXDCunA6 pic.twitter.com/PKTC5tgkEn

— लखन लाल देवांगन (मोदी का परिवार) (@LakhanLalDewan1) January 13, 2025

क्या था भूपेश बघेल का ट्वीट?

Flora Max Chit Fund Company Korba News: इस ‘पहले भूपेश बघेल ने फ्लोरामैक्स चिटफंड कंपनी के मामले पर भाजपा और उनके नेताओं पर निशाना साधा था। भूपेश ने एक तस्वीर ‘एक्स’ पर साझा करते हुए दावा किया था कि, “ठगी करने वाली कंपनियों से भाजपा नेताओं का ही नाम जुड़ता है। इस बार करोड़ों की ठगी करने वाली कंपनी फ़्लोरोमैक्स का उद्घाटन करने में कृषि मंत्री लखनलाल देवांगन का नाम आ रहा है। पिछली बार भी भाजपा सरकार में चिटफंड कंपनियों के कार्यालय का उद्घाटन भाजपा नेताओं ने ही किया था। लूट-खसोट में भागीदारी भाजपा की पहचान बन गई है।”

 Minister Lakhan Lal Dewangan: ‘किसी महिला को नहीं बोला उटपटांग शब्द’.. श्रम मंत्री लखनलाल ने वायरल वीडियो मामले पर दी सफाई, पढ़ें क्या कहा..

गौरतलब है कि, कोरबा और आसपास के इलाकों में एक चिटफंड कंपनी फ्लोरामैक्स ने बड़े पैमाने पर महिलाओं का विश्वास जीतते हुए उनके नाम पर बैंको से ऋण पास कराये है। वही लोन देने वाले बैंक ठगी का शिकार हुई महिलाओं में बैंक वसूली और किश्त अदा करने का दबाव बना रही है। ठगी की शिकार हुई महिलायें कोरबा में जिलाधीश कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर ऋण माफ़ कराये जाने की मांग पर अड़ी हुई है। दूसरी तरफ सरकार का दावा है कि आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। कंपनी की संपत्ति को कुर्क भी किया जाएगा।

Continue Reading

देश

CAG रिपोर्ट पर हाईकोर्ट बोला-दिल्ली सरकार की ईमानदारी पर संदेह:स्पीकर को भेजकर विधानसभा में चर्चा करवानी थी; रिपोर्ट में शराब नीति का जिक्र था

Published

on

नई दिल्ली, एजेंसी। CAG रिपोर्ट को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट ने आतिशी सरकार को फटकार लगाई। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा- CAG रिपोर्ट पर विचार करने में जिस तरह से दिल्ली सरकार ने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे इनकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है। रिपोर्ट स्पीकर को भेजकर फौरन विधानसभा में चर्चा करानी चाहिए थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

कोर्ट भाजपा के 7 विधायकों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। भाजपा विधायकों ने दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उनका कहना है कि 14 मामलों पर CAG की रिपोर्ट पर सदन में चर्चा करवानी चाहिए। सरकार का तर्क है कि विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने वाला है, इसलिए रिपोर्ट सदन में लाने का फायदा नहीं है। अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।

सूत्रों के मुताबिक CAG रिपोर्ट में शराब घोटाले से भी जुड़ी जानकारी है। 11 जनवरी को CAG की एक रिपोर्ट लीक हुई थी, जिसे भाजपा ने दिखाया था। भाजपा नेताओं ने रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2026 करोड़ रुपए का रेवेन्यू लॉस हुआ है।

दिल्ली में 2021 में नई शराब नीति लागू की गई थी। इसमें लाइसेंस आवंटन को लेकर कई सवाल खड़े हुए। नीति वापस लेनी पड़ी। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा। दोनों जेल भी गए। CM और डिप्टी CM पद छोड़ना पड़ा। दोनों फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

लीक हुई CAG की रिपोर्ट, इसमें शराब नीति के फैसले का भी जिक्र

रिपोर्ट में दावा- फैसलों पर LG की मंजूरी तक नहीं ली गई

रिपोर्ट में बताया गया है कि डिप्टी चीफ मिनिस्टर जिस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की अगुआई कर रहे थे, उसने एक्सपर्ट पैनल के सुझावों को खारिज कर दिया था। कैबिनेट ने नीति को मंजूरी दे दी थी और कई अहम फैसलों पर तब के उप-राज्यपाल की मंजूरी भी नहीं ली गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतों के बावजूद सभी को नीलामी की बोली लगाने की मंजूरी दे दी गई थी। जिन्हें घाटा हुआ था, उन्हें भी लाइसेंस दे दिए गए या रिन्यू कर दिए गए थे। CAG रिपोर्ट को अभी दिल्ली विधानसभा में रखा जाना है।

CAG रिपोर्ट में शराब नीति को लेकर क्या-क्या …

रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतों के बावजूद सभी को नीलामी की बोली लगाने की मंजूरी दे दी गई थी। जिन्हें घाटा हुआ था, उन्हें भी लाइसेंस दे दिए गए या रिन्यू कर दिए गए थे।

आप सरकार ने नई शराब नीति को रद्द करने के फैसले में न कैबिनेट की मंजूरी ली और न उपराज्यपाल से राय मांगी।

कोविड प्रतिबंधों के कारण जनवरी 2022 के लाइसेंस शुल्क के रूप में 144 करोड़ रुपए की छूट रिटेल लाइसेंस धारियों को कैबिनेट की मंजूरी लिए बिना दी गई।

जिन वार्ड में शराब खोलने की अनुमति नहीं थी। वहां भी शराब की दुकान के लाइसेंस बांटे गए। ये फैसला भी उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना लिया गया।

डिप्टी चीफ मिनिस्टर जिस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की अगुआई कर रहे थे, उसने एक्सपर्ट पैनल के सुझावों को खारिज कर दिया था।

कैबिनेट ने नीति को मंजूरी दे दी थी और कई अहम फैसलों पर तब के उप-राज्यपाल की मंजूरी भी नहीं ली गई थी।

21 दिसंबर को LG ने केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने 21 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की इजाजत दे दी थी। ED ने 5 दिसंबर को एलजी से केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल चलाने की अनुमति मांगी थी।

पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ ED ने इस साल मार्च में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत केस दर्ज किया था। 21 मार्च को 4 घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को अरेस्ट किया गया था। केजरीवाल को इस केस में जमानत मिल गई थी, लेकिन ED ट्रायल शुरू नहीं कर पाई थी।

Continue Reading
Advertisement

Trending