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कोरबा

स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान और भारत के विकास तथा प्रगति की ली शपथ

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हर घर तिरंगा अभियान के तहत मंत्री देवांगन ने दिलाई आम नागरिकों को शपथ

हर घर तिरंगा अभियान के तहत हुआ कार्यक्रम का आयोजन

तिरंगा यात्राएं, रैलियों सहित होंगी विभिन्न गतिविधियां

कोरबा । हर घर तिरंगा अभियान के तहत जिले में 09 अगस्त से 15 अगस्त तक जिले में विभिन्न गतिविधियां आयोजित किए जाएंगे। इसी कड़ी में आज पहले दिन मुख्य अतिथि वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कलेक्ट्रेट कोरबा परिसर में हर घर तिरंगा अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने आम नागरिकों, अधिकारियों-कर्मचारियों को शपथ दिलाते हुए भारत के स्वतंत्रता सेनानियों, वीर सपूतों की भावनाओं का सम्मान करने तथा भारत के विकास एवं प्रगति के लिए समर्पित रहने की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में पहुंचे अधिकारी, कर्मचारी तथा पुलिस के जवानों ने बाइक के माध्यम से तिरंगा यात्रा में शामिल होकर देशप्रेम की भावना को बनाए रखा। इस अवसर पर कलेक्टर अजीत वसंत तथा पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने भी तिरंगा यात्रा में अपनी भागीदारी दी। उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान देश प्रेम की भावनाओं से जुड़ा है। यह गौरवान्वित करने वाला क्षण है। हम अपने तिरंगा का सम्मान करते हैं। यह हमारे देश की पहचान होने के साथ ही हम सभी भारतवासियों में देश प्रेम की भावना को विकसित करता है। हम सभी भारतीय हर घर तिरंगा अभियान से जुड़ें और देश के स्वतंत्रता सेनानियों, वीर सपूतों को सम्मान दें। उन्होंने जिले वासियों से अपील की कि जिले में आयोजित होने वाले महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में वे शामिल हों और हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाएं। हर घर तिरंगा अभियान अंतर्गत सभी भारतीय नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज अपने घर पर फहराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि आमजन मेंदेश भक्ति की भावना विकसित हो तथा राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान में भी वृद्धि हो। इस अभियान के तहत तिरंगा यात्राएं, तिरंगा रैलियां, तिरंगा दौड़ और मैराथन, तिरंगा कॉन्सर्ट्स, तिरंगा कैनवास, तिरंगा प्रतिज्ञा, तिरंगा सेल्फी, तिरंगा सम्मान व तिरंगा मेला जैसी गतिविधियां आयोजित की जाएगी। 
कलेक्टर अजीत वसंत ने जिले के अंतर्गत सार्वजनिक उपक्रमों, स्व-सहायता समूहों, सामाजिक संगठनों आदि के समस्त कर्मचारियों एवं उनके परिवार की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने, कॉर्पोरेट और निजी संगठनों को भी सीएसआर संसाधनों सहित भाग लेने और योगदान व प्रोत्साहित करने, राज्य सरकार की वेबसाइटों और सोशल मीडिया का उपयोग कर जागरूकता फैलाने व हर घर तिरंगा कार्यक्रम को वेबसाइट harghartiranga.com के माध्यम से लिंक करने हेतु निर्देशित किया है।

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कोरबा

रेलवे क्रॉसिंग पर 3 घंटे तक खड़ी रही मालगाड़ी : कोरबा में फाटक के दोनों तरफ लगी लंबी लाइन, स्कूली बच्चों समेत हजारों लोग परेशान

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कोरबा। कोरबा में ट्रांसपोर्ट नगर रेलवे क्रॉसिंग पर एक मालगाड़ी 3 घंटे तक खड़ी रही, जिससे लंबा जाम गया। एल्युमिनियम पाउडर से लदी यह मालगाड़ी बालको नगर स्थित प्लांट जा रही थी। फाटक पर दोनों तरफ लगभग एक किलोमीटर तक यातायात प्रभावित रहा। थोड़ी देर बाद मालगाड़ी को दूसरा इंजन लगाकर आगे बढ़ाया गया।

इससे पहले शारदा विहार रेलवे क्रॉसिंग पर भी बिजली कंपनी की मालगाड़ी फंस गई थी। रेलवे विभाग का कहना है कि इस रास्ते पर चढ़ाई होने के कारण अक्सर यह समस्या होती है। कई बार गाड़ियों के आने की सूचना के बावजूद ट्रैक पर लोगों और मवेशियों की आवाजाही से भी इंजन का प्रेशर प्रभावित होता है।

लोग 1 घंटे तक फाटक में खड़े रहे।

लोग 1 घंटे तक फाटक में खड़े रहे।

हर दूसरे दिन समस्या

स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, फाटक बंद होने से दुकानों के सामने वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। इससे उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह समस्या लगभग हर दूसरे दिन सामने आती है।

दूसरा इंजन जोड़कर मालगाड़ी को आगे बढ़ाया गया।

दूसरा इंजन जोड़कर मालगाड़ी को आगे बढ़ाया गया।

आम नागरिक परेशान

वार्ड 26 के पार्षद गोपाल कुर्रे ने बताया कि मुड़ापार, रामनगर, अमरिया पारा, रेलवे कॉलोनी, शारदा विहार समेत कई इलाकों के लोगों को शारदा विहार फाटक, टीपी नगर फाटक और सीएसईबी फाटक से होकर गुजरना पड़ता है। फाटक बंद होने से स्कूली बच्चों, मरीजों और आम नागरिकों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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कोरबा

गीतांजलि एक्सप्रेस की चपेट में युवक, मौत:चांपा रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म बदलते समय हादसा, दोस्तों के साथ विशाखापट्टनम जा रहा था

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कोरबा/जांजगीर-चांपा । कोरबा रेल्वे स्टेशन में गीतांजलि एक्सप्रेस की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। 19 जून की शाम 5 बजे की घटना है। दिलावर सिंह (35 साल) अपने दो दोस्तों के साथ विशाखापट्टनम जाने के लिए चांपा स्टेशन पहुंचा था।

एक दोस्त स्टेशन पर ट्रेन की जानकारी ले रहा था। दूसरा दोस्त प्लेटफॉर्म नंबर 1 से प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर पहुंच गया था। दिलावर भी पटरी पार कर दूसरे प्लेटफॉर्म की ओर जा रहा था। तभी ट्रेन तेजी से आ गई और चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई की।

ट्रेन की चपेट में आने से दिलावर सिंह की मौत हो गई।

ट्रेन की चपेट में आने से दिलावर सिंह की मौत हो गई।

सीएसईबी में कार्यरत था मृतक

बताया जा रहा है दिलावर सिंह सीएसईबी कॉलोनी का रहने वाला था। वह सीएसईबी में अपने पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति पर कार्यरत था। कुछ साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। पत्नी और एक बेटी का परिवार है।

घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी।

घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी।

शव परिजनों को सौंपा

रेलवे पुलिस ने परिजनों को खबर दी और आवश्यक कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। घटना वाली शाम ही शव को कोरबा लाया गया। घर के बाहर परिजनों और शुभचिंतकों की भीड़ जमा हो गई।

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कोरबा

DMF घोटाला…रानू साहू को 57.85 करोड़ मिले : घूस लेने के लिए खर्च के नियम बदले गए

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कोरबा/ रायपुर । छत्तीसगढ़ के कोरबा में डिस्ट्रिक मिनरल फंड (DMF) घोटाला मामले में महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। घूस लेने के लिए खर्च के नियम बदले गए। कलेक्टर को 40%, सीईओ 5%, एसडीओ 3% और सब इंजीनियर को 2% कमीशन मिला।

DMF के वर्क प्रोजेक्ट में करप्शन के लिए फंड खर्च के नियमों को बदला गया था। फंड खर्च के नए प्रावधानों में मटेरियल सप्लाई, ट्रेनिंग, कृषि उपकरण, खेल सामग्री और मेडिकल उपकरणों की कैटेगरी को जोड़ा गया था, ताकि संशोधित नियमों के सहारे DMF के तहत जरूरी डेवलपमेंट वर्क को दरकिनार कर अधिकतम कमीशन वाले प्रोजेक्ट को अप्रूव किया जा सके।

यह खुलासा कोरबा में 575 करोड़ रुपए से ज्यादा के हुए DMF स्कैम की जांच में हुआ है। इसकी पुष्टि रायपुर कोर्ट में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) द्वारा पेश किए गए 6 हजार पेज के चालान से हुई है।

रानू साहू को कोर्ट में पेश करने ले जाती पुलिस। (फाइल फोटो)

रानू साहू को कोर्ट में पेश करने ले जाती पुलिस। (फाइल फोटो)

रानू साहू को 40 प्रतिशत कमीशन मिला

DMF घोटाला केस में गिरफ्तार भुवनेश्वर सिंह राज ने बताया कि टेंडर स्वीकृति के लिए टेंडर अमाउंट का 40 प्रतिशत कमीशन कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू को दिया जाता था। मामले में गिरफ्तार मुंगेली के संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर, कोरबा में डीएमएफटी के नोडल अधिकारी रहे हैं।

पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया है कि जब वह कोरबा में पदस्थ थे तब DMF के टेंडरिंग में सब इंजीनियर को 2, एसडीओ को 3 और जनपद पंचायत सीईओ को 3 से 5 प्रतिशत तक कमीशन दिया जाता था।

इसलिए रानू को कोरबा कलेक्टर बनाया गया

दस्तावेजों के मुताबिक DMF में करप्शन का प्लान आईएएस रानू साहू, कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, एसी ट्राइबल माया वारियर और तब शासन के प्रभावशाली लोगों ने बनाया था। इसीलिए रानू साहू को कोरबा कलेक्टर बनाया गया।

वेंडर्स से घूस लेने का सिस्टम तैयार किया

बालोद में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी माया को कोरबा में पदस्थ किया गया। यहां रानू ने माया वारियर की मदद से डीएमएफ के अलग-अलग प्रोजेक्ट के टेंडर मंजूरी के लिए वेंडर्स से घूस लेने का सिस्टम तैयार किया।

माया वारियर ने घूस में ली 25.95 लाख की इनोवा

चालान के मुताबिक माया वारियर ने संजय शेंडे की फर्म ज्योति ट्रेडिंग कंपनी का टेंडर मंजूर करने 25.95 लाख की इनोवा क्रिस्टा रिश्वत में ली। शेंडे ने यह कार माया वारियर को दी। साथ ही माया वारियर ने वेंडर ऋषभ सोनी से 24.78 लाख लिए।

ऋषभ से घूस की मध्यस्थता कोरबा कलेक्टोरेट कर्मी अमन कुमार राम ने की थी, जबकि रकम रवि जांभुलकर ने कलेक्ट की। अन्य वेंडर से माया वारियर ने करप्शन सिंडिकेट का हिस्सा बनकर करीब 3 करोड़ घूस में लिए।

चालान के मुताबिक माया वारियर ने टेंडर मंजूर करने इनोवा क्रिस्टा कार रिश्वत में ली।

चालान के मुताबिक माया वारियर ने टेंडर मंजूर करने इनोवा क्रिस्टा कार रिश्वत में ली।

बिना जॉब वेंडर की कंपनी से बहन के नाम लिया वेतन

कोरबा के डीएमएफ करप्शन केस की जांच कर रही एसीबी रायपुर ने रिपोर्ट में लिखा है कि सहायक आयुक्त, ट्राइबल के पद पर रहते हुए माया वारियर ने वेंडर संजय शेंडे से दो अलग-अलग तरीकों से भी घूस ली।

माया वारियर ने संजय शेंडे की फर्म ज्योति ट्रेडिंग कंपनी में अपनी बहन आशा वारियर को कर्मचारी बताकर 9 लाख 10 हजार एक रुपए वेतन के रूप में लिए। जबकि आशा वारियर ज्योति ट्रेडिंग कंपनी में कभी ड्यूटी करने नहीं गई।

150 करोड़ के टेंडर की मंजूरी के बदले 19 करोड़ की रिश्वत

कोरबा जिले की पाली और कटघोरा जनपद पंचायत में बतौर सीईओ काम करने के दौरान वीरेंद्र कुमार राठौर (वीके राठौर) ने उदगम सेवा समिति के प्रमुख मनोज कुमार द्विवेदी से 5 करोड़, वेंडर राकेश शुक्ला से 4 करोड़ और वेंडर संजय शेंडे से 10 करोड़ रुपए अवैध तरीके से लिए।

यह रकम बाद में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग माया वारियर के निर्देश पर वेंडर और बिचौलिया मनोज द्विवेदी को सौंपी गई थी। उल्लेखनीय है वीके राठौर को एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर की टीम ने 9 मई की दोपहर को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के समय राठौर जशपुर जिले की पत्थलगांव जनपद पंचायत में बतौर मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदस्थ थे।

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