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छत्तीसगढ़

सूरजपुर : हाथी ने युवक को पटक-पटककर मार डाला:4 घरों को तोड़ा, दल से बिछड़ने पर हुआ​​​​​​​ आक्रामक; महीनेभर में छठवीं मौत

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सूरजपुर छत्तीसगढ़ में हाथियों का हमला थम नहीं रहा है। सूरजपुर के नवाडीह गांव में हाथी ने एक युवक को कुचलकर मार डाला। रात 10 बजे हाथी ने कई घरों में तोड़फोड़ भी किया, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई। इससे पहले हाथी ने जशपुर में 4 ग्रामीण और सरगुजा में एक महिला की जान ली थी।

सूचना पर हाथी मित्र दल के कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए। हाथी को खदेड़ने की कोशिश की गई। बताया जा रहा है कि बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र से होकर दंतैल हाथी रेवतपुर होते हुए प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के बुधवा पहुंचा। फिर यहां से नवाडीह के लंगड़ाडांड बस्ती में घुस गया।

हाथी देखने गया युवक, पटककर मार डाला

प्रतापपुर एसडीओ फारेस्ट आशुतोष भगत के मुताबिक हाथी को खदेड़ने की कोशिश के बीच गुरुवार रात करीब 11.45 बजे सरहरी निवासी शेशमन (40) घरों को तोड़ रहे हाथी को देखने पहुंच गया। उसे लोगों ने रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नशे में धुत था।

हाथी ने शेशमन को अपने काफी करीब पाकर वहीं पटककर मार डाला। शेशमन अपने दीदी के ससुराल में करीब दो सालों से रह रहा था।

सूचना पर देर रात प्रतापपुर पुलिस मौके पर पहुंची। रात दो बजे युवक के शव को पंचनामा के बाद प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मर्च्युरी में भेजा गया। दंतैल हाथी ने नवाडीह में चार घरों को तोड़कर नुकसान पहुंचाया है। प्रतापपुर रेंजर उत्तम मिश्रा की टीम नुकसान का आकलन करने सुबह मौके पर पहुंची।

4 ग्रामीणों का घर क्षतिग्रस्त

हाथी ने नवाडीह में बासुदेव, रमाशंकर, राम बिलास और धरम साय के घरों में तोड़फोड़ कर क्षति पहुंचाई है। हाथी ने गांव में धान और गन्ने की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है। वन अमला नुकसान का आकलन कर रहा है।

आक्रामक है दंतैल, वन विभाग सतर्क

हाथी जशपुर जिले से सरगुजा और बलरामपुर वनपरिक्षेत्र होते हुए प्रतापपुर वनक्षेत्र पहुंचा। दंतैल हाथी के हमले ने वन विभाग की भी चिंता बढ़ा दी है। हाथी ने 10 अगस्त को बगीचा में चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। 11 अगस्त की रात सरगुजा में महिला को मार डाला।

हाथी के आक्रामक व्यवहार की जांच के लिए वन विभाग ने टीम को भी भेजा था। हालांकि एक अन्य हाथी के साथ दंतैल मिल गया था। दोनों कई दिनों तक साथ रहे। इस दौरान हाथी का व्यवहार सामान्य दिखा। अब हाथी फिर से अकेला होकर आक्रामक हो गया है।

हाथी की निगरानी, ग्रामीणों को किया सतर्क

एसडीओ फारेस्ट आशुतोष भगत ने बताया कि, आसपास के गांवों में हाथी की मौजूदगी की सूचना दे दी गई है। ग्रामीणों को जंगल की ओर नहीं जाने और हाथी से दूर रहने की समझाइश दी जा रही है। धरमपुर इलाके में 5 हाथी और नवाडीह इलाके में दंतैल हाथी घूम रहे हैं।

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छत्तीसगढ़

बिलासपुर में पत्नी को तवा से पीट-पीटकर मार डाला

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बिलासपुर में पत्नी को तवा से पीट-पीटकर मार डाला : 2 महीने की बच्ची की छट्ठी मनाने को लेकर विवाद; खुद थाने भी पहुंचा पति

बिलासपुर,एजेंसी। बिलासपुर में पति ने पत्नी पर तवा से ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी। बच्ची की छट्ठी मनाने को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ था। इस दौरान गुस्साए पति ने पास रखे तवे से पत्नी के सिर और चेहरे पर वार कर दिए। घटना सकरी थाना क्षेत्र के बहतराई की है।

पत्नी की मौत के बाद आरोपी खुद थाने पहुंच गया। घटना की सूचना पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और उसके घर भी पहुंची। जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह 8:30 बजे गौरीशंकर साहू (27 साल) और उसकी पत्नी रत्ना साहू (25 साल) के बीच विवाद हुआ।

2 माह के बच्ची का छट्ठी मनाने को लेकर पति-पत्नी में हुआ था विवाद।

2 माह के बच्ची का छट्ठी मनाने को लेकर पति-पत्नी में हुआ था विवाद।

घटना के बाद घर के पास लोगों की भीड़ जमा हो गई।

घटना के बाद घर के पास लोगों की भीड़ जमा हो गई।

पुलिस को आरोपी पति ने खुद दी सूचना

आरोपी ने बताया कि, विवाद के बाद गुस्से में उसने तवे से कई वार किए इससे पत्नी लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गई। गिरने के बाद भी तवे से उसके सिर पर वार किया जिससे उसकी मौत हो गई। आरोपी ने थाने पहुंचने के अलावा डायल 112 को भी खुद सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि पूरे घर में खून फैला हुआ था।

पुलिस ने हत्या में उपयोग किया गया तवा भी बरामद कर लिया है।

पुलिस ने हत्या में उपयोग किया गया तवा भी बरामद कर लिया है।

पुलिस ने तवा भी किया बरामद

घटना के समय घर के बाकी लोग खेत में काम करने गए थे। पुलिस ने मृतिका के परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे। उनकी उपस्थिति में पंचनामा कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए रवाना किया गया। पुलिस ने हत्या में उपयोग किया गया तवा भी बरामद कर लिया है।

सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

आगे की कार्रवाई में जुटी पुलिस

घटना की सूचना पाकर टीआई प्रदीप आर्य और एफएसएल टीम के साथ मौके पर पहुंचे, और घेराबंदी कर जांच की गई। टीआई ने बताया कि जब वे घर पहुंचे तो महिला का शव खून से लथपथ जमीन पर पड़ा हुआ था। आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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छत्तीसगढ़

2161 करोड़ का शराब-घोटाला…EOW के रडार पर 16 आरोपी

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इनमें सिंघानिया-बिजलानी और हवाला कारोबारी चावड़ा भी, सिंडिकेट के ठिकानों तक पहुंचाते थे शराब-पैसा और रॉ-मटेरियल

रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की जांच की रफ्तार तेज हो गई है। दिल्ली से शराब कारोबारी विजय भाटिया की गिरफ्तारी के बाद EOW EOW की नजर अब सिंडिकेट के उन 16 आरोपियों पर है, जिन्होंने शराब की आपूर्ति, पैसे के लेनदेन और रॉ-मटेरियल की डिलीवरी में भूमिका निभाई है।

EOW के मुताबिक सिंडिकेट में नामी कारोबारी, प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक और हवाला नेटवर्क से जुड़े चेहरे शामिल हैं। जांच एजेंसी अब इन आरोपियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक शराब सिंडिकेट में शामिल इन लोगों से विजय भाटिया से तगड़े कनेक्शन मिले हैं।

EOW की लिस्ट में सिद्धार्थ सिंघानिया, पीयूष बिजलानी और हवाला कारोबारी दिपेंद्र चावड़ा जैसे कई नामी चेहरे हैं, जिन पर घोटाले के लिए शराब, पैसा और रॉ मटेरियल की लॉजिस्टिक सप्लाई की जिम्मेदारी रही।

राजनीतिक और आर्थिक गठजोड़ हो सकता है उजागर

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी पप्पू बंसल से पूछताछ के बाद अब जांच का दायरा और बड़ा होता जा रहा है। EOW इस महीने के अंत तक आरोपियों के बयान दर्ज कर सकती है। माना जा रहा है कि ये बयान घोटाले के कई और अनदेखे पहलुओं को उजागर कर सकते हैं, जो बड़े राजनीतिक और आर्थिक गठजोड़ की ओर इशारा करेंगे।

शराब कारोबारी विजय भाटिया EOW की रिमांड पर है।

शराब कारोबारी विजय भाटिया EOW की रिमांड पर है।

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

A, B और C कैटेगरी में बांटकर किया गया घोटाला

A: डिस्टलरी संचालकों से कमीशन

2019 में डिस्टलरी संचालकों से प्रति पेटी 75 रुपए और बाद के सालों में 100 रुपए कमीशन लिया जाता था। कमीशन को देने में डिस्टलरी संचालकों को नुकसान ना हो, इसलिए नए टेंडर में शराब की कीमतों को बढ़ाया गया। साथ ही फर्म में सामान खरीदी करने के लिए ओवर बिलिंग करने की राहत दी गई।

B: नकली होलोग्राम वाली शराब को सरकारी दुकानों से बिकवाना

डिस्टलरी मालिक से ज्यादा शराब बनवाई। नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों से बिक्री करवाई गई। नकली होलोग्राम मिलने में आसानी हो, इसलिए एपी त्रिपाठी के माध्यम से होलोग्राम सप्लायर विधु गुप्ता को तैयार किया गया। होलोग्राम के साथ ही शराब की खाली बोतल की जरूरत थी। खाली बोतल डिस्टलरी पहुंचाने की जिम्मेदारी अरविंद सिंह और उसके भतीजे अमित सिंह को दी गई।

खाली बोतल पहुंचाने के अलावा अरविंद सिंह और अमित सिंह को नकली होलोग्राम वाली शराब के परिवहन की जिम्मेदारी भी मिली। सिंडिकेट में दुकान में काम करने वाले और आबकारी अधिकारियों को शामिल करने की जिम्मेदारी एपी त्रिपाठी को सिंडिकेट के कोर ग्रुप के सदस्यों ने दी।

शराब बेचने के लिए प्रदेश के 15 जिले शॉर्ट लिस्टेड किए गए

शराब बेचने के लिए प्रदेश के 15 जिलों को चुना गया। शराब खपाने का रिकॉर्ड सरकारी कागजों में ना चढ़ाने की नसीहत दुकान संचालकों को दी गई। डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब बिना शुल्क अदा किए दुकानों तक पहुंचाई गई। इसकी एमआरपी सिंडिकेट के सदस्यों ने शुरुआत में प्रति पेटी 2880 रुपए रखी थी। इनकी खपत शुरू हुई, तो सिंडिकेट के सदस्यों ने इसकी कीमत 3840 रुपए कर दी।

डिस्टलरी मालिकों को शराब सप्लाई करने पर शुरुआत में प्रति पेटी 560 रुपए दिया जाता था, जो बाद में 600 रुपए कर दिया गया था। ACB को जांच के दौरान साक्ष्य मिला है कि सिंडिकेट के सदस्यों ने दुकान कर्मचारियों और आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 40 लाख पेटी से अधिकारी शराब बेची है।

C: डिस्टलरीज की सप्लाई एरिया को कम/ज्यादा कर अवैध धन उगाही करना

देशी शराब को CSMCL के दुकानों से बिक्री करने के लिए डिस्टलरीज के सप्लाई एरिया को सिंडिकेट ने 8 जोन में विभाजित किया। इन 8 जोन में हर डिस्टलरी का जोन निर्धारित होता था। 2019 में सिंडिकेट की ओर से टेंडर में नई सप्लाई जोन का निर्धारण प्रतिवर्ष कमीशन के आधार पर किया जाने लगा।

एपी त्रिपाठी ने सिंडिकेट को शराब बिक्री का जोन अनुसार विश्लेषण मुहैया कराया था, ताकि क्षेत्र को कम-ज्यादा करके पैसा वसूल किया जा सके। इस प्रक्रिया को करके सिंडिकेट डिस्टलरी से कमीशन लेने लगा। EOW के अधिकारियों को जांच के दौरान साक्ष्य मिले हैं कि तीन वित्तीय वर्ष में देशी शराब की सप्लाई के लिए डिस्टलरीज ने 52 करोड़ रुपए पार्ट C के तौर पर सिंडिकेट को दिया है।

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छत्तीसगढ़

तोमर ब्रदर्स पर शिकंजा..निगम अफसर घर पहुंचे, दस्तावेज मांगे

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जोन कमिश्नर बोले- मकान निर्माण परमिशन की जांच होगी; IT और पुलिस की भी इन्वेस्टिगेशन अलग

रायपुर,एजेंसी। रायपुर के हिस्ट्रीशीटर रोहित और वीरेंद्र तोमर पर शिकंजा और कसता जा रहा है। कुछ दिन पहले उनके घर से पुलिस ने लाखों रुपए कैश, सोने-चांदी के जेवरात और हथियार बरामद किए थे। अब रविवार को निगम अफसर भी उनके घर पहुंचे।

निगम की टीम ने तोमर ब्रदर्स के परिजनों से मकान निर्माण और टैक्स संबंधित दस्तावेजों की मांग की। इसके कुछ देर बार दस्तावेज लेकर टीम चली गई। दोनों भाई पिछले 7 दिन से फरार हैं।

जोन 8 के कमिश्नर हितेंद्र यादव ने बताया कि इन दस्तावेजों की जांच की जाएगी। उनके पास कितनी अनुमति है और मकान कितने में बना है? यानी अगर घर निर्माण में कुछ अवैध निकलता है तो घर पर भी कार्रवाई हो सकती है।

इसके अलावा आयकर विभाग की टीम अलग जांच कर रही है। वीरेंद्र और रोहित के पास कुल कितनी संपत्ति है? दोनों भाई कितनी संपत्तियों का टैक्स दे रहे हैं? कितनी प्रॉपर्टी बेनामी है? इन सभी सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं।

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के घर निगम की टीम जांच कर रही है।

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के घर निगम की टीम जांच कर रही है।

हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के घर में जांच के दौरान कैश-हथियार बरामद किए गए थे।

हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के घर में जांच के दौरान कैश-हथियार बरामद किए गए थे।

कर्जदारों को डराने के लिए इस्तेमाल करते थे आवाजी कारतूस

सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के परिजनों से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है। पुलिस ने आरोपियों के घर से सामान जब्त करने के दौरान अवैध हथियार और आवाजी कारतूस जब्त किए थे।

जांच अधिकारियों को आशंका है, कि आवाजी कारतूस का इस्तेमाल हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधु कर्जदारों को डराने के लिए इस्तेमाल करते थे।

पुलिस की गिरफ्त में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित का भतीजा दिव्यांश तोमर।

पुलिस की गिरफ्त में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित का भतीजा दिव्यांश तोमर।

भतीजा दिव्यांश बोला- सब चाचा को पता

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के घर से पुलिस ने 37 लाख से ज्यादा नकद, 734 ग्राम सोने के जेवरात, 125 ग्राम चांदी, 4 गाड़ियां, आई-पेड, लैपटॉप, चेक एटीएम कार्ड, डी.व्ही.आर., ई-स्टाम्प जब्त किया था।

इसके अलावा पैसों के लेन-देन के हिसाब का रजिस्टर, जमीनों के दस्तावेज, नोट गिनने का मशीन, 5 तलवार, 1 रिवाल्वर, 1 पिस्टल, जिंदा राउंड और आवाजी कारतूस भी बरामद किए गए थे।

पुलिस ने सामान जब्त करने के साथ ही वीरेंद्र और रोहित के भतीजे दिव्यांश प्रताप तोमर को भी रिमांड में लिया था। दिव्यांश से 2 दिन दस्तावेज दिखाकर पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन उसने सब चाचा को पता है बोलकर जानकारी नहीं दी।

मददगारों की जानकारी जुटा रही पुलिस

शहर में अंडा ठेला लगाने वाला इतना बड़ा सूदखोर कैसे बना? इसका पता लगाने के लिए पुलिस उसके मददगार की कुंडली निकालेगी। कुंडली निकालने की शुरुआत जेल से होगी। वीरेंद्र तोमर 2006 में कारोबारी पर चाकू से हमला किया था। 2013 में हत्या का केस दर्ज हुआ था।

इस दौरान जेल गया था और पहले से जेल में बंद दूसरे राज्यों के कुछ अपराधियों से मेल मुलाकात बढ़ी। जेल से छूटने के बाद वीरेंद्र ने ब्याज में पैसे देने का काम शुरू किया था। इसके बाद उसके खिलाफ कई और मुकदमे दर्ज हुए।

जेल के अंदर और जेल के बाहर वीरेंद्र और रोहित की मदद करने वालों की जानकारी पुलिस जुटा रही है। मददगारों के अलावा वीरेंद्र और रोहित के खास गुर्गे, जिनके पास उनकी संपत्ति हो सकती है, उनका पता भी जांच एजेंसी लगा रही है।

पुलिस ने आरोपी तोमर बंधुओं के घर से ये जब्त किया। (लाल घेरे में ओरिजिनल कारतूस के साथ हरी डिब्बी लगा आवाजी कारतूस)

पुलिस ने आरोपी तोमर बंधुओं के घर से ये जब्त किया। (लाल घेरे में ओरिजिनल कारतूस के साथ हरी डिब्बी लगा आवाजी कारतूस)

आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई देखकर पीड़ित पहुंच रहे थाना

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित के कई शिकार हैं। आरोपियों और उनके गुर्गों का खौफ पीड़ितों को इस कदर था, कि उनके शहर में रहते हुए शिकायत देने नहीं पहुंच रहे थे। पुलिस ने वीरेंद्र और रोहित पर जबसे कार्रवाई शुरू की है, तब से पीड़ितों के मन में डर खत्म हो गया है।

दो दिन पहले पुरानी बस्ती थाना में नारायणपुर जिले के पीड़ित ने आरोपी रोहित तोमर के खिलाफ एक पीड़ित ने शिकायत की है। पीड़ित ने पुलिस को बताया, कि उसने 10 लाख रुपए कर्ज लिया था और ब्याज सहित 1 करोड़ 10 लाख रुपए दिए।

इसके बाद भी रोहित उसको परेशान करता था। पुलिस ने इस केस को भी दर्ज कर लिया है। नारायणपुर के पीड़ित के अलावा कई और व्यक्ति आरोपी तोमर बंधुओं के खिलाफ शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।

अब तक 3 FIR दर्ज- टीआई कश्यप

हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के खिलाफ जांच कर रहे पुरानी बस्ती टीआई योगेश कुमार कश्यप ने बताया, कि आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद अब तक 3 केस दर्ज किया गया है। आरोपी वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर फरार है, उनकी तलाश की जा रही है।

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