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5 राज्यों में कहां खिलेगा कमल और कहां उठेगा पंजा, कांग्रेस को मिल सकता है फायदा!
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2 years agoon
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Divya Akash
नई दिल्ली (एजेंसी)। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे तीन दिसंबर, रविवार को आएंगे, लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल के नतीजों ने राजनीतिक गलियारों में भूचाल खड़ा कर दिया है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों को नतीजे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के ट्रेलर के तौर पर देखे जा रहे हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि ये विधानसभा चुनाव 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनावों की दशा और दिशा तय करेंगे। तस्वीर तीन दिसंबर को साफ हो जाएगी। एग्जिट पोल के अनुसार मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। दोनों ही पार्टियों के बीच सीटों का अंतर बहुत कम है, लेकिन भाजपा को बढ़त दिखाई दे रही है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी दोनों ही पार्टियों के बीच कुर्सी के लिए कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। हालांकि कुछ पोल मध्य प्रदेश और राजस्थान में भगवा रंग फैला हुआ दिखा रहे हैं। कुल मिलाकर एग्जिट पोल के नतीजों पर नजर डालें तो कांग्रेस को फायदा मिलता नजर आ रहा है।
पहले बात तेलंगाना की
एग्जिट पोल में तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार स्पष्ट बनती नजर आ रही है। 119 सीटों वाली तेलंगाना विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल में लगातार दो बार से सत्तारूढ़ बीआरएस- भारत राष्ट्र समिति की सीट को खतरे में बताया गया है। पोल ऑफ पोल के अनुसार, तेलंगाना में बीआरएस को 48, कांग्रेस को 60, बीजेपी को 5 और एआईएमआईएम को 6 सीटें मिलते हुए दिखाया गया है। जन की बात के एग्जिट पोल में बीआरएस को 48, कांग्रेस को 56, एआईएमआईएम को 5 और बीजेपी के खाते में 10 सीटें दिखाई गई हैं। सीएनएक्स कांग्रेस को 71 और बीआरएस को 40 सीटों पर विजयी दिखाया है।
मध्य प्रदेश में कमल या कमलनाथ
एग्जिट पोल में सबसे ज्यादा कांटे की टक्कर मध्य प्रदेश में नजर आ रही है। यहां सत्तारूढ़ बीजेपी फिर से अपना परचम लहराने में कामयाब होगी या नहीं इस पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि पोल ऑफ पोल्स के एग्जिट पोल बीजेपी को स्पष्ट बहुमत दिखा रहे हैं। पोल ऑफ पोल्स कहता है कि यहां बीजेपी को 124, कांग्रेस को 102 तथा अन्य के खाते में 4 सीटें आएंगी। 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में कमल या कमलनाथ से संशय के बादल हटाते हुए जन की बात ने कांग्रेस को 114 सीटों पर जीत मिलते हुए दिखाया गया। बीजेपी के खाते में 109 सीटें आने की बात कही जा रही है। मैट्रिज के एग्जिट पोल भी लगभग यही कहानी बयां कर रहे हैं। इसने बीजेपी को 125 और कंग्रेस के खाते में 103 सीटें दिखाई हैं। पोलस्टार्ट के नतीजे बता रहे हैं कि कांग्रेस 116 और बीजेपी 111 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है।
राजस्थान में बीजेपी मजबूत
एग्जिट पोल बता रहे हैं कि 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कमल खिल सकता है। यहां 199 सीटों पर चुनाव हुए थे। पोल ऑफ पोल्स के अनुसार, राजस्थान में बीजेपी के खाते में 109, कांग्रेस 77 और अन्य के खाते में 27 सीटें आ सकती हैं। जन की बात भी बीजेपी के पक्ष में नतीजे बता रहा है। इसने बीजेपी को 111, कांग्रेस को 74 और अन्य को 14 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान व्यक्त किया है। ईटीजी के एग्जिट पोल कांग्रेस को 64 और बीजेपी को 118 सीटों पर विजयी दिखा रहे हैं।
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भारत बोला- पाकिस्तानी पीएम ने UN में बेतुकी नौटंकी की:जले एयरबेस जीत हैं, तो जश्न मनाएं, शरीफ ने जंग जीतने का दावा किया था
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18 hours agoon
September 27, 2025By
Divya Akash
वॉशिंगटन डीसी,एजेंसी। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और झूठ बोलने का आरोप लगाया है। भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) में कहा, ‘पाकिस्तान के पीएम ने बेतुकी नौटंकी की। वे आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, जो उनकी विदेश नीति का हिस्सा है। कोई भी ड्रामा या झूठ सच को नहीं छिपा सकता।’
भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने ‘राइट टू रिप्लाई’ का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के दावों को खारिज किया। उन्होंने कहा, ‘9 मई तक पाकिस्तान भारत पर हमले की धमकी दे रहा था। 10 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को नष्ट कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने जंग रोकने की गुहार लगाई।
पाकिस्तानी PM जिस ‘जीत’ की बात कर रहे हैं, वह दरअसल भारतीय हमले में नष्ट हुए उनके एयरबेस, जले हुए हैंगर और टूटे हुए रनवे की तस्वीरें हैं, जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। अगर पाकिस्तान इन्हें जीत मानता है, तो जश्न मनाए।’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को UN में भारत को दुश्मन बताया। साथ ही दावा किया कि भारत के साथ हुए संघर्ष में पाकिस्तान की जीत हुई थी और भारत के 7 विमान गिराए थे।
भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं
गहलोत ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे द्विपक्षीय बातचीत से हल होंगे। इसमें किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है।’
उन्होंने पाकिस्तान के शांति के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका देश नफरत में डूबा है। भारत ने साफ किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा।
गहलोत बोलीं- पाकिस्तान आतंकवादियों को सम्मान देता है
गहलोत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके में मारे गए आतंकियों का जिक्र किया और कुख्यात आतंकवादियों को श्रद्धांजलि और सम्मान देने का भी आरोप लगाया।
गहलोत ने आगे कहा, ‘एक तस्वीर हजार शब्द बयां करती है और हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर और मुरीदके के आतंकी परिसरों में मारे गए आतंकवादियों की कई तस्वीरें देखीं। जब पाकिस्तानी सैन्य और अधिकारी खुलकर आतंकवादियों को श्रद्धांजलि देते हैं, तो क्या इससे शासन पर संदेह नहीं होगा?’

लश्कर के आतंकी ठिकाने मुरीदके में पाकिस्तानी सैनिकों के लोग आतंकियों के नमाज-ए-जनाजा में शामिल हुए थे। तस्वीर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की है।

कोर कमांडरों को जनाजे में शामिल होने और वर्दी में उसकी सुरक्षा करने के लिए कहा गया था।
आतंकवादी शिविरों को बंद करे पाकिस्तान
गहलोत ने जोर देकर कहा, ‘सच्चाई यह है कि पहले की ही तरह, पाकिस्तान भारत में बेगुनाहों पर आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार है। हमने अपने लोगों की रक्षा करने और जवाब देने के अधिकार का प्रयोग किया है, साथ ही अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया है।’
उन्होंने पाकिस्तान से तुरंत सभी आतंकवादी शिविरों को बंद करने और सभी आतंकवादियों को सौंपने की मांग की। गहलोत ने चेतावनी दी कि भारत ‘परमाणु ब्लैकमेल’ के आगे झुके बिना आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों दोनों को जवाबदेह ठहराएगा।
पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को दस साल तक छिपाया
गहलोत ने बताया कि इस साल अप्रैल में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक आतंकी संगठन को बचाया था। उन्होंने कहा, ‘यह वही पाकिस्तान है जिसने 25 अप्रैल, 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रेजिस्टेंस फ्रंट को बचाया था। यह संगठन जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की हत्या के लिए जिम्मेदार था।’
उन्होंने आगे कहा, ‘पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को दस साल तक छिपाया। उनके मंत्री अब स्वीकार कर रहे हैं कि वे दशकों से आतंकी शिविर चला रहे हैं।’
भारत ने PAK के एयरबेस तबाह किए थे
भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ी लड़ाई 9 और 10 मई की रात को हुई, जो 10 मई की दोपहर तक चली। भारत ने इस दौरान पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों में बने एयरबेस को निशाना बनाया था।
भारतीय वायुसेना ने 9 मई को पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस, सरगोधा और मुरीद हवाई अड्डों पर हमला किया। इन ठिकानों पर मौजूद कमांड और कंट्रोल केंद्र (C2 सेंटर) नष्ट कर दिए गए थे।
10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने फिर से हमला किया। उसने सरगोधा, रफीकी, रहीमयार खान, जैकोबाबाद, भोलारी और कराची के पास एयरपोर्ट को निशाना बनाया था।

भारतीय एयरस्ट्राइक में PAK एयरबेस पर हुए नुकसान की सैटेलाइट तस्वीरें। ये फोटो प्राइवेट कंपनी मक्सर (Maxar) ने जारी किए थे।
पाकिस्तानी पीएम ने कश्मीर मुद्दा फिर उठाया
पाकिस्तान के पीएम शरीफ ने हर साल की तरह कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, ‘मैं कश्मीरी लोगों के साथ हूं। पाकिस्तान उनके साथ है। भारत का कश्मीर में अत्याचार जल्द खत्म होगा।’
शरीफ ने कश्मीर के लिए संयुक्त राष्ट्र के तहत जनमत संग्रह की मांग की। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद की निंदा करता है और तहरीक-ए-तालिबान और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी जैसे समूहों को विदेशी समर्थन मिलता है। भारत ने इन टिप्पणियों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
UN में बोले- कट्टरपंथी हिंदुत्व दुनिया के लिए खतरा
शहबाज ने कहा कि उन्होंने पहलगाम हमले की निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की अपील की थी, लेकिन भारत ने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और उस त्रासदी का राजनीतिक फायदा उठाया। भारत का कट्टरपंथी हिंदुत्व दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा है।
शरीफ ने कहा कि वे पिछले साल ही UN के मंच से चेतावनी दे चुके थे कि पाकिस्तान किसी बाहरी हमले को सहने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी चेतावनी सच साबित हुई। इस साल मई में बिना उकसावे के पाकिस्तान पर हमला हुआ।
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बरेली में इंटरनेट बंद, तौकीर रजा गिरफ्तार:योगी बोले- मौलाना भूल गया किसका शासन है, ऐसा सबक सिखाएंगे, पीढ़ियां दंगे करना भूल जाएंगी
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18 hours agoon
September 27, 2025By
Divya Akash
बरेली,एजेंसी। UP के बरेली में जुमे पर ‘आई लव मोहम्मद’ को लेकर बवाल के बाद पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। शनिवार शाम को इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। साथ ही हिंसा को लेकर जांच टीम भी बनाई गई है। जांच टीम को 10 दिन के भीतर रिपोर्ट देनी होगी।
वहीं, इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को बरेली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 39 लोगों को हिरासत में लिया है। मौलाना को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है। पहले उसे बरेली जेल में रखा गया था, बाद में शाम को फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया।
इसके अलावा, 2000 अज्ञात लोगों पर 5 थानों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 10 मुकदमों में से 7 में तौकीर रजा का नाम है।
इधर, CM योगी ने एक कार्यक्रम में कहा- मौलाना भूल गया कि शासन किसका है? वो मानता था कि धमकी देंगे और जबरदस्ती जाम कर देंगे। हमने कहा कि जाम नहीं होगा। कर्फ्यू भी नहीं लगने देंगे। ऐसा सबक सिखाएंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ियां दंगे करना भूल जाएंगी।
दरअसल, शुक्रवार को मौलाना तौकीर रजा की अपील पर ही भीड़ सड़क पर उतर आई थी। पुलिस ने रोका तो पथराव कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था।
इधर, लखनऊ की सड़कों पर नए होर्डिंग लगवा दिए गए हैं। इन पर लिखा है- ‘आई लव श्री योगी आदित्यनाथ जी’ और ‘आई लव बुलडोजर’। वहीं, बाराबंकी में शुक्रवार देर रात आई लव मोहम्मद के पोस्टर फाड़ने पर हंगामा हो गया। इस दौरान काफी संख्या में पुलिस पहुंच गई और हालात काबू में किए।

बरेली में अब तक 39 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
I Love Muhammad विवाद कानपुर से शुरू हुआ था
विवाद कानपुर में 4 सितंबर से शुरू हुआ। बारावफात (ईद मिलाद-उन्नबी) के जुलूस के दौरान एक समूह ने ‘I Love Muhammad’ लिखा एक बैनर/लाइटबोर्ड जुलूस मार्ग पर लगाया। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया।
पुलिस ने बैनर हटाए और 9 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की। 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। बाद में विवाद बढ़ गया और कई अन्य शहरों व राज्यों में ‘I Love Muhammad’ के समर्थन में रैलियां, बैनर और पोस्टर लगे। हिंदू समुदाय ने इसके जवाब में “I Love Mahadev/Mahakaal” जैसे बैनर लगाए।
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लद्दाख DGP बोले- वांगचुक का पाकिस्तानी कनेक्शन:जासूस से संपर्क का दावा, कहा- सेल्फ डिफेंस में फायरिंग की, नहीं तो पूरा लेह जल जाता
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19 hours agoon
September 27, 2025By
Divya Akash
लेह,एजेंसी। सोनम वांगचुक पर NSA लगाने के बाद पुलिस अब उनके पाकिस्तान और बांग्लादेश से संबंधों की जांच करेगी। लद्दाख के DGP एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को कहा कि हमने कुछ दिन पहले पाकिस्तान इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (PIO) के एक सदस्य को पकड़ा था। वह वांगचुक से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था।
यही नहीं वांगचुक पाकिस्तान के न्यूजपेपर डॉन के एक इवेंट कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे। इसके अलावा वे बांग्लादेश भी जा चुके हैं। उधर हिंसा को लेकर डीजीपी ने कहा कि, हमने सेल्फ डिफेंस में फायरिंग की, नहीं तो पूरा लेह जल जाता।
लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा में 4 युवकों की मौत हुई थी और 80 लोग घायल हुए थे, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेह में तीन दिन के कर्फ्यू के बाद शनिवार दोपहर चार घंटे के लिए ढील दी गई।
वांगचुक को शुक्रवार दोपहर पुलिस ने उनके गांव उल्याकटोपो से गिरफ्तार किया। उन्हें एयरलिफ्ट कर राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया। वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है, जिसके तहत लंबे समय तक बिना जमानत हिरासत में रखा जा सकता है।

लेह हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस फूंक दिया था। CRPF की गाड़ी में आग लगा दी थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार किया
सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जब वे लेह नहीं पहुंचे तो आयोजकों को शक हुआ। बाद में गिरफ्तारी की खबर मिली। इसके बावजूद प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। आयोजकों ने माना,
हिंसा उन युवाओं से हुई जो ‘काबू से बाहर’ हो गए थे, लेकिन इसमें किसी विदेशी ताकत का हाथ नहीं है।
लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पुलिस और CRPF ने न तो पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और न ही चेतावनी के लिए गोलियां चलाईं, बल्कि सीधे अंधाधुंध फायरिंग की।
वांगचुक को पहले से गिरफ्तारी का अंदेशा था
सोनम वांगचुक को पहले से अंदेशा था कि सरकार उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि “इस मुद्दे पर कभी भी गिरफ्तार होना पड़े तो मुझे खुशी होगी।” लेकिन अब उनकी गिरफ्तारी से माहौल शांत होने के बजाय और बिगड़ सकता है।
माना जा रहा है कि इससे लद्दाख के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच चल रही बातचीत पर भी असर पड़ सकता है। वांगचुक पिछले पांच साल से लद्दाख के अधिकारों की लड़ाई का बड़ा चेहरा रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि वांगचुक हिंसा भड़काने वाले व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे।
लेह हिंसा के बाद अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई…
- गृह मंत्रालय ने वांगचुक की एक संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का विदेशी फंडिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। विदेशी अनुदान या दान के लिए एनजीओ को विदेशी अशंदान (विनियमन) एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। जिसमें पाया गया कि संस्था ने फंडिंग का गलत इस्तेमाल किया।
- CBI ने वांगचुक की एक और NGO हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के खिलाफ भी विदेशी फंडिंग (FCRA) मामले में भी जांच शुरू कर दी है। HIAL पर भी विदेशी चंदा कानून (FCRA) के उल्लंघन का आरोप है। सीबीआई टीम एनजीओ के अकाउंट्स और रिकॉर्ड की जांच कर रही है।


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