कुसमुंडा खदान में सुरक्षा पखवाड़ा के बीच लगातार हादसे, एसईसीएल प्रबंधन पर उठे सवाल
कोरबा। कोरबा जिले की एसईसीएल कुसमुंडा खदान में बुधवार रात करीब 9.40 बजे कोयला कटिंग मशीन (सरफेस माइनर मशीन) में भीषण आग लग गई। मशीन चला रहे ऑपरेटर को भी ये समझ में नहीं आया कि आखिर आग लगी कैसे? आनन-फानन में मशीन से कूदकर उसने अपनी जान बचाई। आग लगने की वजह अब तक सामने नहीं आ सकी है। आग लगने की सूचना ऑपरेटर ने तुरंत आला अधिकारियों और फायर ब्रिगेड को दी। आग बुझाने के लिए जब तक कुसमुंडा एसईसीएल की दमकल विभाग की गाड़ी पहुंची, तब तक मशीन आधे से ज्यादा जल चुकी थी।
कुसमुंडा खदान में लगातार हो रहे हैं हादसे
बीते 2 दिनों में कुसमुंडा खदान में आग लगने की ये दूसरी बड़ी घटना है। सोमवार को कोरबा जिले के साउथ ईस्टर्न कोल लिमिटेड गेवरा खदान में कोयला लोडेड टिपर में अचानक आग लग गई थी। आग में टिपर का बड़ा हिस्सा जलकर खाक हो गया था। ड्राइवर ने जैसे-तैसे ट्रक से कूदकर अपनी जान बचाई थी। वहीं रविवार को भी गेवरा खदान में ट्रेलर पलटने से ड्राइवर मनहरण सिंह की मौत हो गई थी। ये सभी हादसे सुरक्षा पखवाड़ा के दौरान हो रहे हैं।
टिपर वाहन में एसी तक नहीं
बता दें कि कुसमुंडा खदान में भी कई ऐसी ठेका कंपनियां काम कर रही हैं, जैसे एमपीसीसी,एसएसएसजेव्ही जिनके टिपर वाहन में एसी तक नहीं है। इसकी वजह से ड्राइवर गाड़ी का कांच खोलकर खदान के अंदर कोयला गाड़ी चला रहे हैं। इस बात को प्रबंधन अनदेखा भी कर रही है। सुरक्षा पखवाड़ा के अंतर्गत एसईसीएल के सुरक्षा नियम में यह भी निर्देश है कि खदान के अंदर काम कर रही गाडिय़ों में अग्निशमन सिलेंडर के साथ-साथ गाड़ी पूरी तरह से बंद रहेगी। खदान के अंदर विंडो खुली नहीं होनी चाहिए।
खिड़की बंद रखने के निर्देश
खिड़की खुली होने से कभी भी कोयले या पत्थर का बड़ा हिस्सा या भारी भरकम डस्ट गाड़ी के अंदर आ सकती है, जिससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। कुसमुंडा खदान के अंदर काम कर रही कई ठेका कंपनी की गाडिय़ों में बिल्कुल भी सेफ्टी नजर नहीं आती है, जिसकी वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं।