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UK की सरहदों पर मानव तस्करी ! एक दिन में फ्रांस से इंग्लिश चैनल पार करके हजारों प्रवासी पहुंचे ब्रिटेन

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लंदन,एजेंसी। ब्रिटेन सरकार ने आकंड़े जारी कर बताया कि शनिवार को नौकाओं में सवार होकर फ्रांस से इंग्लिश चैनल पार करके लगभग 1,200 प्रवासी देश में पहुंचे जो इस वर्ष अब तक एक दिन में दर्ज की गई प्रवासियों की सबसे अधिक संख्या है। गृह मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि शनिवार को 18 नौकाओं में 1,194 प्रवासी ब्रिटेन पहुंचे जिससे अब तक पहुंचने वाले प्रवासियों की अनंतिम वार्षिक कुल संख्या 14,811 हो गई है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में प्रवासियों के देश में प्रवेश की संख्या में 42 प्रतिशत की वृद्धि है।

ब्रिटेन की पिछली कंजर्वेटिव सरकार के प्रवासियों की संख्या में नियंत्रण पाने के प्रयासों को लेकर आंशिक रूप से मोहभंग के कारण करीब एक साल पहले सत्ता में लौटी लेबर सरकार पर इस वृद्धि ने दबाव बढ़ा दिया है। ब्रिटेन में अनधिकृत तरीकों से पहुंचे प्रवासियों को रवांडा भेजने की कंजर्वेटिव सरकार की योजना को रद्द करते हुए, प्रधानमंत्री केएर स्टॉर्मर ने कहा कि उनकी सरकार गिरोहों और उनके तस्करी कार्यों से संबंधित व्यापार मॉडल को नष्ट करके प्रवासियों पर नियंत्रण हासिल करेगी।

सत्ता प्राप्त करने के बाद से, स्टॉर्मर की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर खुफिया जानकारी साझा करने, उत्तरी फ्रांस में प्रवर्तन कार्यों को बढ़ाने के प्रयास किए हैं तथा अपने आव्रजन कानून में कड़े नियम अपनाए हैं। शनिवार को फ्रांसीसी पुलिस अधिकारी ग्रेवेलाइन्स के एक समुद्र तट पर प्रवासियों को नौकाओं पर चढते समय उन पर नजर रखते और बाद में उनकी नौकाओं को ले जाते हुए देखे गए। फ्रांसीसी अधिकारियों ने 184 प्रवासियों को बचाने की पुष्टि की है। गृह मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2024 में अब तक 36,816 प्रवासी छोटी नौकाओं से ब्रिटेन पहुंचे हैं।

  

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सरकार से हटते ही मस्क बोले-ट्रम्प को पद से हटाएं:अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- इलॉन पागल हुए, उनके सरकारी ठेके और सब्सिडी खत्म कर देंगे

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वॉशिंगटन,एजेंसी। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार से हटते ही इलॉन मस्क खुलकर उनका विरोध कर रहे हैं। गुरुवार रात को मस्क और ट्रम्प के बीच तीखी बहस हुई। बहस इतनी बढ़ी कि मस्क ने ट्रम्प को पद से हटाने की बात कह दी।

मस्क ने कहा उनकी मदद के बिना ट्रम्प चुनाव नहीं जीत पाते। ट्रम्प के ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ को फिजूलखर्ची बताते हुए उन्होंने कहा उन्हें पद से हटा देना चाहिए। उनकी जगह उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए।

इलॉन मस्क के हमलों से नाराज ट्रम्प ने कहा कि मस्क पहले इस बिल पर खामोश रहे और सरकार से हटते ही पलट गए। वे पागल हो चुके हैं। उन्होंने मस्क की कंपनियों के सरकारी ठेके और सब्सिडी खत्म करने की धमकी भी दी।

सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए, बहस कैसे शुरू हुई और किसने क्या कहा…

ट्रम्प के बिग ब्यूटीफुल बिल से शुरू हुई बहस

ट्रम्प ने गुरुवार रात करीब 9:35 बजे मीडिया से बात की। पत्रकारों ने पूछा कि मस्क ने आपके बिग ब्यूटीफुल बिल (टैक्स और खर्च बिल) की आलोचना की है। इसके बारे में आप क्या कहेंगे?

इसके जवाब में ट्रम्प ने कहा- मुझे हमेशा से इलॉन पसंद रहे हैं। आपने देखा होगा कि उन्होंने मेरे लिए क्या कहा, उन्होंने मेरे बारे में कुछ भी बुरा नहीं कहा है। मैं चाहूंगा कि वे बिल की बजाय मेरी आलोचना करें, क्योंकि बिल शानदार है। यह हमारे देश के इतिहास में सबसे बड़ी कटौती है।

ट्रम्प ने आगे कहा- इलॉन को इस बिल की पूरी जानकारी थी, शायद यहां बैठे किसी भी इंसान से ज्यादा। उन्हें इससे कोई समस्या नहीं थी। उन्हें अचानक दिक्कत तब हुई, जब पता चला कि हमें इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मैंडेट में कटौती करनी होगी, क्योंकि इसमें अरबों डॉलर का खर्च है।

मैं उनकी बात समझ सकता हूं, लेकिन उन्हें बिल की हर बात पता थी। उन्होंने कभी कोई शिकायत नहीं की, लेकिन वे जैसे ही हमारी सरकार से अलग हुए, उनकी राय बदल गई। मैं इलॉन से बहुत निराश हूं। मैंने उनकी बहुत मदद की है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और जर्मन राष्ट्रपति फ्रेडरिक मर्त्ज के बीच गुरुवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई। इस दौरान पत्रकार के पूछे गए एक सवाल पर ट्रम्प ने मस्क पर नाराजगी जताई।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और जर्मन राष्ट्रपति फ्रेडरिक मर्त्ज के बीच गुरुवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई। इस दौरान पत्रकार के पूछे गए एक सवाल पर ट्रम्प ने मस्क पर नाराजगी जताई।

मस्क ने कहा- ट्रम्प का दावा झूठा

मस्क ने ट्रम्प के दावे को झूठा बताते हुए कहा, ‘मुझे टैक्स और खर्च बिल बिल के बारे में कुछ नहीं पता था। ट्रम्प का दावा झूठा है।’

मस्क ने X पर लिखा- यह झूठ है। मुझे यह बिल कभी नहीं दिखाया गया और इसे आधी रात को इतनी जल्दी पास किया गया कि कांग्रेस (संसद) के किसी भी सांसद को इसे पढ़ने का मौका तक नहीं मिला।

दरअसल, बाइडेन सरकार ने एक नीति बना रखी थी जिसमें कार कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने को कहा गया था। इसका मकसद पेट्रोल-डीजल पर चलने वाली गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करना था।

ट्रम्प और उनके समर्थक इसके खिलाफ हैं। उनका मानना है कि लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। इलेक्ट्रिक गाड़ियां महंगी हैं।

ट्रम्प ने हाल ही में दावा किया था कि उन्होंने ‘इलेक्ट्रिक वाहन मैंडेट’ को खत्म कर दिया है, जिससे लोगों को फिर से अपनी पसंद की गाड़ी खरीदने की आजादी मिली है।

ट्रम्प के इस फैसले का मस्क और उनकी कंपनी टेस्ला पर सीधा असर पड़ेगा क्योंकि मस्क का बिजनेस मॉडल इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर ही टिका हुआ है।

मस्क बोले- मेरे बिना चुनाव हार जाते ट्रम्प

इसके बाद मस्क ने ट्रम्प के विरोध में लगातार कई पोस्ट किए। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा लिखा- मेरे बिना ट्रम्प चुनाव हार जाते। डेमोक्रेट्स हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स पर कब्जा कर लेते और सीनेट में रिपब्लिकन 51-49 के अंतर से जीतते।

इस पर ट्रम्प ने जवाब में कहा कि वे मस्क के बिना भी चुनाव जीत जाते।

ट्रम्प के इस जवाब पर मस्क ने कहा- ‘ऐसी एहसान फरामोशी’

ट्रम्प ने 11 मार्च को टेस्ला कार खरीदी थी। तब उन्होंने इसे शानदार कार बताया था।

ट्रम्प ने 11 मार्च को टेस्ला कार खरीदी थी। तब उन्होंने इसे शानदार कार बताया था।

ट्रम्प ने सब्सिडी खत्म करने की धमकी की

मस्क के बाद ट्रम्प ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल से मस्क को निशाने पर लिया और सब्सिडी खत्म करने की धमकी दी…

ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर लिखा- इलॉन मेरे लिए परेशानी बन रहे थे। मैंने उन्हें जाने के लिए कहा। मैंने उनका इलेक्ट्रिक वाहन (EV) मैंडेट खत्म कर दिया, जो लोगों को ऐसी इलेक्ट्रिक कारें खरीदने के लिए मजबूर करता था, जिन्हें कोई नहीं चाहता था। उन्हें महीनों से पता था कि मैं ऐसा करूंगा, फिर भी वह पागल हो गए!

एक अन्य पोस्ट में ट्रम्प ने कहा- हमारे बजट में अरबों डॉलर बचाने का सबसे आसान तरीका है कि इलॉन की सरकारी सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट्स खत्म कर दिया जाए। मुझे हमेशा हैरानी होती थी कि बाइडेन ने ऐसा क्यों नहीं किया। ट्रम्प ने कहा कि वे मस्क की कंपनियों के साथ अमेरिकी सरकार के सारे एग्रीमेंट खत्म करने पर विचार कर रहे हैं।

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अमेरिका ने 12 देशों के नागरिकों पर लगाया फुल एंट्री बैन, ट्रंप प्रशासन का कड़ा फैसला

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वाशिंगठन,एजेंसी। डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ ही अमेरिका की इमिग्रेशन नीति एक बार फिर से सख्त होती दिख रही है। ताजा फैसले में ट्रंप प्रशासन ने 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। इसके अलावा 7 अन्य देशों पर आंशिक पाबंदियां लागू की गई हैं, जो अमेरिका की यात्रा के इच्छुक हजारों लोगों के लिए झटका साबित हो सकता है। यह फैसला अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा को लेकर लिया गया है, जिसकी जानकारी ट्रंप प्रशासन ने आधिकारिक रूप से साझा की है। यह प्रतिबंध 9 जून से प्रभाव में आ जाएगा।

किन 12 देशों पर पूरी तरह से लगा एंट्री बैन?

अब इन देशों के नागरिक किसी भी रूप में अमेरिका की यात्रा नहीं कर पाएंगे :- अफगानिस्तान, ईरान, म्यांमार (बर्मा), लीबिया, चाड, कांगो गणराज्य, इरिट्रिया, हैती, इक्वेटोरियल गिनी, सूडान, यमन, सोमालिया

इन देशों के नागरिकों के लिए न केवल वीजा अप्रूवल ठप होगी, बल्कि अमेरिका के किसी एयरपोर्ट, बॉर्डर या टर्मिनल पर प्रवेश करने की स्थिति में उन्हें तुरंत हिरासत में लिया जाएगा।

इन 7 देशों पर आंशिक प्रतिबंध, वीजा नियमों में सख्ती

इन देशों के नागरिक अमेरिका तो आ सकेंगे, लेकिन अब उनके वीजा की शर्तों में सख्ती कर दी गई है। इनका अमेरिका में ठहरने का समय सीमित कर दिया गया है और बी-1, बी-2, एफ, एम, और जे वीजा श्रेणियों पर कड़ा नियंत्रण लागू किया गया है :- बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला

नए दिशा-निर्देशों के तहत इन देशों के नागरिकों को वीजा मिलना कठिन होगा, और मिलने की स्थिति में भी लंबे समय तक अमेरिका में रुकना संभव नहीं होगा।

कैसे लागू किया जाएगा ये प्रतिबंध?
अमेरिकी प्रशासन ने इन प्रतिबंधों के लागू होने से पहले संबंधित देशों की सरकारों और वहां के अमेरिकी दूतावासों को सूचित कर दिया है। एयरलाइंस को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन देशों के नागरिकों को अमेरिका की उड़ानों में बोर्डिंग की अनुमति न दें। इसके बावजूद अगर कोई व्यक्ति किसी रास्ते से अमेरिका पहुंच जाता है, तो एयरपोर्ट, बॉर्डर और इमिग्रेशन चेकपॉइंट्स पर उसे हिरासत में लेने की तैयारी की जा चुकी है।

 पहले भी लग चुके हैं ऐसे प्रतिबंध
यह कोई पहला मौका नहीं है जब अमेरिका ने यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान 2017 में भी 7 मुस्लिम बहुल देशों पर बैन लगाया गया था, जिसमें ईरान, यमन, सीरिया, सोमालिया, इराक, सूडान और लीबिया शामिल थे। हालांकि तब वैश्विक आलोचना और कानूनी चुनौतियों के बाद कुछ देशों के लिए प्रतिबंधों में ढील दी गई थी।

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यूक्रेन के रूस पर हमले को लेकर पहली बार खुलकर बोले ट्रंप-पुतिन बहुत गुस्से में, देंगे खतरनाक जवाब

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वाशिंगठन,एजेंसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा दावा किया है कि  यूक्रेन के रूस पर हमले  के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का गुस्सा सातवें आसमान पर है।  ट्रंप ने कहा कि पुतिन  ने उन्हें फोन पर बताया कि रूस पर यूक्रेन के हालिया ड्रोन हमलों का कड़ा जवाब दिया जाएगा। ट्रंप ने यह जानकारी अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में दी। उन्होंने कहा कि पुतिन से उनकी बातचीत लंबी और स्पष्ट  रही, लेकिन यह ऐसी बातचीत नहीं थी जिससे तुरंत शांति की उम्मीद की जा सके।

यह पहली बार है जब ट्रंप ने रूस के अंदर यूक्रेनी हमले पर सार्वजनिक टिप्पणी की है। हाल ही में, यूक्रेनी ड्रोन ने रूस के हवाई अड्डों  को निशाना बनाया था। ट्रंप ने पुतिन की इस प्रतिक्रिया पर कोई अपनी राय नहीं दी लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि वार्ता में कुछ सुलझा नहीं। व्हाइट हाउस ने इस बातचीत या यूक्रेन के हमले की पूर्व जानकारी होने की बात से इनकार किया है। अमेरिका ने हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज किए हैं। ट्रंप पहले कई बार कह चुके हैं कि वे राष्ट्रपति बनने से पहले ही युद्ध को खत्म करा देंगे।

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