Connect with us

कोरबा

जयसिंह ने स्व. लक्ष्मीचंद को दी श्रृद्धांजलि

Published

on

कोरबा। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने छुरी निवासी सांसद प्रतिनिधि एवं जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के कोषाध्यक्ष विनोद अग्रवाल के पिताश्री स्व. लक्ष्मीचंद अग्रवाल के देवलोक गमन पर उनके निवास पहुंचकर उनके तैल्यचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया और ईश्वर से दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान देने और परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कोरबा

रायपुर की मेडिकल स्टूडेंट ने लगाई फांसी : कोरबा में SECL क्वार्टर में मिली लाश, पिता बोले- पढ़ाई के दौरान डिप्रेशन था, इलाज चल रहा था

Published

on

कोरबा। कोरबा जिले में मेडिकल की छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान छाया गौतम (22) के रूप में हुई है। वह पिछले 5 सालों से रायपुर के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। 13 जून को छाया का शव उसके घर में मिला।

मामला कुसमुंडा थाना क्षेत्र का है। छाया लगभग 15 दिन पहले रायपुर से कोरबा आई थी। रायपुर से लौटने के बाद से वह मानसिक तनाव में थी। उसने अपने पिता शशि भूषण गौतम को बताया था कि पढ़ाई के दौरान उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पिता ने उसका कोरबा के एक निजी अस्पताल में इलाज भी शुरू करवाया था। शुक्रवार सुबह, जब घर में कोई नहीं था, छाया ने क्वार्टर में फांसी लगाकर जान दे दी। उस समय उसके पिता ड्यूटी पर थे। घर के सदस्यों ने फोन कर उन्हें सूचना दी।

इसी घर में छात्रा का शव मिला।

इसी घर में छात्रा का शव मिला।

डॉक्टर बनना चाहती थी छाया

बता दें कि छाया के पिता SECL कर्मी है वे लोग कला मंदिर क्षेत्र में M 55 माइनस क्वार्टर में रहते थे। घटना के समय मां भी बाहर गई थी। छाया के पिता ने बताया कि बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में होशियार थी और डॉक्टर बनना इसका एक सपना था।

मृतक छाया गौतम (22)

मृतक छाया गौतम (22)

सहेलियों से होगी पूछताछ

कुसमुंडा थाना प्रभारी राकेश गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों का बयान दर्ज कर लिया है। जांच के लिए रायपुर मेडिकल कॉलेज और छाया की सहेलियों से पूछताछ की जाएगी। साथ ही उसके मोबाइल की कॉल डिटेल भी खंगाली जा रही है।

इस घटना से पूरे परिवार में शोक का माहौल है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। वहीं, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मृतक छाया को श्रद्धांजलि दी है।

Continue Reading

कोरबा

मत्स्य आखेट पर रहेगा प्रतिबंध, मछलियों के संरक्षण हेतु 15 अगस्त तक बंद ऋतु घोषित

Published

on

कोरबा। जिले में वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि को ध्यान में रखकर उनके संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम के तहत 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को बंद  ऋतु   (क्लोज सीजन) घोषित किया गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत जिले के समस्त नदियों-नालों तथा छोटी नदियों, सहायक नदियों में जिन पर सिंचाई के तालाब, छोटे-बड़े जलाशयों में सभी प्रकार का मत्स्याखेट 16 जून से 15 अगस्त 2025    तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
सहायक संचालक मछली पालन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार नियमों का उल्लंघन करने तथा अपराध सिद्ध होने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र अधिनियम के तहत 01 वर्ष का कारावास तथा 05 हजार रूपए का जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि उक्त नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्रोत या नदी-नालों को छोड़कर जिनका संबंध किसी नदी-नाले से नहीं है और उनके अतिरिक्त जलाशय जिनमें केज कल्चर का कार्य किया जा रहा है, उनमें मत्स्य अधिनियम लागू नहीं होंगे।

Continue Reading

कोरबा

कच्चे मकानों की दीवार ही नहीं टूटी..मुसीबते भी टूट कर खुशियों को कर रही पक्का

Published

on

पीएम आवास की बनती पक्की दीवारों में सज रही परिवार की खुशियां

कोरबा । गाँव में मजदूरी कर कच्चे मकान में मुसीबतों का साथ जिंदगी गुजारते आए झूल सिंह और उनकी पत्नी फुलकुँवर को नहीं लगता था कि वे भी कभी पक्का मकान बना पाएंगे। उनकी जिंदगी तो जभी कुछ काम मिले तो उनकी मजदूरी में और कभी न मिले तो घर के चाहरदीवारी में ही बीत जाया करती है, ऐसे में पक्का मकान बना पाना तो उनके लिए दूर की कौड़ी ही थी। जैसे-तैसे अपनी जिंदगी को जीते आ रहे झूलसिंह और उनकी पत्नी फुलकुँवर का भी सपना था कि उनका भी आशियाना ठीक ठाक हो। कम से कम खपरैल वाले छत और मिट्टी की दीवारें तो न हो, क्योंकि इन मिट्टी की दीवारों और खपरैल की छत की वजह से उन्हें बारिश में हमेशा परेशानी उठानी पड़ती है। कई मुसीबतों का बीच उन्हें रहना पड़ता था। जब इन्हें मालूम हुआ कि प्रधानमंत्री आवास योजना में उनका नाम है तो इनकी खुशियों का ठिकाना न रहा। अपनी जरूरी दस्तावेज जमा कर पहली किश्त हासिल की और खुशी-खुशी उस कच्चे मकान की दीवारों को ढहा दिया जो उन्हें मुसीबतों से वास्ता कराती थीं। अब मजबूत नींव के साथ ही वे न सिर्फ पक्के मकान के लिए पक्की दीवारे उठा रहे हैं… अपने सपनो को पूरा करने के साथ ही खुशियों को भी पक्का कर रहे हैं।
    कोरबा शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के दम्हामुड़ा के आश्रित ग्राम बोदरापारा में रहने वाले झूलसिंह मरपच्ची और उनकी पत्नी फुलकुँवर ने बताया कि गाँव में मजदूरी के भरोसे घर चलता है। सीजन के साथ ही कुछ वनोपज संग्रहण कर लेते हैं और तेन्दूपत्ता भी तोड़कर बेचते हैं। इससे कुछ रुपयों का इंतजाम हो जाता है। झूलसिंह ने बताया कि घर पर दो बच्चे हैं। यहाँ कई पीढ़ी से कच्चे मकान में ही रहते आये हैं। कच्चे मकान में बारिश के दिनों में खपरैलों के बीच से पानी टपकना और कच्ची दीवारों को नुकसान होना आम बात है। गाँव में कुछ अन्य लोगो के पक्के मकान को देखकर उन्हें भी लगता था कि उनका भी घर पक्का बन जाये तो उन्हें मुसीबतों से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन उनका यह सपना कभी पूरा हो भी पायेगा,ऐसा उन्हें लगता ही नहीं था,क्योंकि उनके पास पक्का घर बनाने के लिए इतने पैसे ही नहीं थे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जब उन्हें मालूम हुआ तो ऐसा लगा कि वास्तव में पैसा मिलेगा या नहीं। जब उनके खाते में पहली किश्त की राशि आई तो बहुत खुशी हुई। झूलसिंह ने बताया कि राशि मिलने के बाद पुराने जर्जर मकान को तोड़कर नया मकान बना रहे हैं। अभी नींव डालकर दीवारे भी खड़ी कर चुके हैं। झूलसिंह और उनकी पत्नी ने बताया कि अभी हमें दो किश्त मिल चुकी है। हमें बहुत खुशी हो रही है कि हमारा घर भी पक्का होगा। खपरैल की जगह सीमेंट की छत और और दीवारे भी होंगी। इससे हमें हर साल बारिश के समय बार बार खपरैल ठीक करने, दीवारों को बनाने जैसी मुसीबतों से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा। उन्होंने पीएम आवास योजना को गरीबो के लिए बहुत राहत पहुचाने और उन्हें मुसिबतों से छुटकारा देने वाली योजना बताया। इसके लिए झूलसिंह और फुलकुँवर ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया।

Continue Reading
Advertisement

Trending