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कोरबा

बालको ने सुरक्षित कार्यस्थल की संकल्पना को किया मजबूत

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बालकोनगर। बालको ने सुरक्षित कार्यस्थल की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए डिजिटलीकरण, सुरक्षा मानकों को सुदृढ़ करने के साथ ही कर्मचारियों एवं परिवहन भागीदारों में सुरक्षा के प्रति उत्तरदायित्व की भावना को भी प्रोत्साहित किया है। पूरे प्लांट में मासिक चर्चा एवं जागरूकता कार्यक्रम सुरक्षा संस्कृति को और मजबूती प्रदान करती हैं। एआई-संचालित निगरानी प्रणालियों तथा डिजिटल सुरक्षा डिस्प्ले के सहयोग से जोखिमों की पहचान तथा सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित कर कंपनी के शून्य-हानि दर्शन की प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

कंपनी औद्योगिक विकास के साथ कर्मचारियों की सुरक्षा तथा भलाई के प्रति भी पूरी तरह समर्पित है। सुरक्षित कार्यस्थल को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण सत्र और सेमिनार आयोजित किये हैं। इसका उद्देश्य संयंत्र परिसर में कार्यरत विभिन्न परिवहन भागीदार के बीच सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ाना था। कोयला एवं ऐश के परिवहन से जुड़े 50 से अधिक ट्रांसपोर्ट भागीदारों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। परिवहनकर्ताओं को महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा उपायों से अवगत कराया गया तथा उन्हें सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए प्रोत्साहित किया गया।

इसके साथ ही कंपनी ने आईएसओ 39001 रोड ट्रैफिक सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम (आरटीएस) की शुरुआत की है जिसका उद्देश्य संगठन के भीतर सभी स्तर पर परिवहन सुरक्षा को बेहतर बनाना है। अभियान के तहत सड़क से जुड़ी जोखिमों की पहचान, कानूनी अनुपालन, और सर्वोत्तम सुरक्षा प्रथाओं पर केंद्रित प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके साथ ही संभावित घटनाओं की गहराई से जांच और विश्लेषण हेतु कंपनी ने इंसिडेंट इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग का आयोजन किया। इसका उद्देश्य घटनाओं के मूल कारणों की पहचान करना, प्रभावी निवारक उपायों को लागू करना तथा प्रतिभागियों को आवश्यक जांच कौशल प्रदान करना था, ताकि जोखिमों को कम किया जा सके और कार्यस्थल पर सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सके।

कंपनी ने डिजिटलाजेशन से कर्मचारियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया है जिससे प्रचालन का कार्य सुरक्षित व दक्षता के साथ हो रहा है। पॉटलाइन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एआर/वीआर प्रशिक्षण ने कर्मचारियों को सुरक्षित एवं नियंत्रित वातावरण में जटिल कार्यों के लिए तैयार होने में सक्षम बनाया है। मैटेरियल मूवमेंट और कास्ट हाउस के कार्यों का संचालन रियल-टाइम डैशबोर्ड और स्वचालित ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से अधिक पारदर्शिता और दक्षता के साथ किया जाता है। इन्वेंट्री प्रोसेसिंग से लेकर इंटरलॉक प्रोटेक्शन तक डिजिटल टूल टीम को तेजी से निर्णय लेने, जोखिमों की पहचान करने और कार्यस्थल के तनाव को कम करने में सहायक हैं।

एआई आधारित उन्नत तकनीक ने बालको के फर्नेस में एनोड निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह रोबोट-आधारित तकनीक फर्नेस की रिफ्रेक्टरी संरचनाओं का स्वतः परीक्षण करती है, जिससे घिसाव और क्षति का सटीकता से पता चलता है। एनोड की गुणवत्ता बेहतर और साथ ही संचालन की सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई है। बालको के 1200 मेगावाट बिजली संयंत्र में लागू किया गया एआई-संचालित कन्वेयर बेल्ट मॉनिटरिंग सिस्टम सुरक्षा और दक्षता दोनों को बढ़ाता है। यह सिस्टम कन्वेयर की स्वास्थ्य जांच, रियल-टाइम अग्नि अलर्ट और संचालन बेल्ट के पास मानव उपस्थिति की पहचान करता है, जिससे सुरक्षित संचालन सुनिश्चित होता है।

तकनीक का उपयोग अब एल्यूमिनियम ‘भविष्य की धातु’ उत्पादन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है जो उसकी सुरक्षा को सुदृढ़ करता है। 62 प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण से मैनुअल कार्यों की जगह अब रियल-टाइम डेटा संग्रह ने ले ली है। संसाधनों का कुशल उपयोग संभव हुआ और निर्णय प्रक्रिया भी अधिक डेटा-आधारित हो गई है। मानव एवं मशीन इंटरैक्शन के बीच संतुलन सुनिश्चित हुई जिससे सुरक्षा मानकों को मजबूती मिली है। बालको ने सुरक्षा, स्थिरता और संचालन उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

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कोरबा

‘संगी रे लहुट के आजा ” 20 से सिनेमा घरों में…

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कोरबा। सुपरहिट पहली फिल्म ‘मोर छैया भुइयां’को अपने संगीत से अमर बनाने वाले प्रसिद्ध संगीतकार बबला बागची निर्देशक के रूप में अपनी पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘संगी रे लहुट के आजा’ लेकर आ रहे हैं।

उनके साथ निर्माता के तौर पर सुशील गर्ग भी जुड़े हैं। संगी रे फिल्म छत्तीसगढ़ की पहली संगीत-प्रधान फिल्म बताई जा रही है, जिसकी कहानी दो गायकों के प्यार, उनके सपनों और संघर्षों के इर्द-गिर्द घूमती है। खाश बात ये भी है कि निर्देशक बाबला के फिल्मी गुरु सुपर डायरेक्टर “सतीश जैन” इस फिल्म में दमदार अभिनय करते दर्शकों मंत्र मुग्ध अचंभित करते दिखाई देंगे।

फिल्म में मुख्य भूमिका में नवोदित कलाकार प्रतीक के साथ छत्तीसगढ़ी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री सिल्की गुहा नजर आएंगी। प्रतीक इस फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर रहे हैं और निर्देशक बाबला बागची का मानना है कि यह फिल्म प्रतीक के करियर के लिए “मील का पत्थर” साबित होगी। फिल्म की स्टारकास्ट भी काफी दमदार है। मुख्य जोड़ी के अलावा, छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सुपरस्टार प्रकाश अवस्थी, सतीश जैन, सिंखा चितांबरे, पुष्पेंद्र सिंह, योगेश अग्रवाल, सतीश जैन, सिग्मा उपाध्याय, हेमलाल कौशल और धर्मेंद्र अहिरवार जैसे मंझे हुए कलाकार भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में दिखाई देंगे। अपनी कर्णप्रिय आवाज से गानो में स्वर दिया हैं, सुनील सोनी, अनुराग शर्मा, कंचन जोशी, अनु दीप ने।

संगीत, निर्देशक बाबला बागची, निर्माताः सुशील गर्ग कैमरा दिनेश ठक्कर, संपादनः पूरन किरी-क्रिएटिव हेडः शुशांत शर्मा, डि आई नितेश झा ने किया हैं।

दमदार कहानी, सुरीले संगीत और बेहतरीन कलाकारों की टीम के साथ, ‘संगी रे लहुट के आजा’ से छत्तीसगढ़ी सिनेमा के दर्शकों को काफी उम्मीदें हैं। फिल्म 20 जून 2025 को, निहारिका, चित्रा टाकीज. कोरबा सहित प्रदेश के सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

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कोरबा

बिना नंबर की गाड़ियों पर लगातार कार्रवाई जारी : 193 गाड़ियों पर चालानी कार्रवाई

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कोरबा । जिले में ट्रैफिक पुलिस द्वारा बिना नंबर प्लेट वाहनों के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान के अंतर्गत पिछले दो दिन में और 193 गाड़ियों पर मोटरयान अधिनियम की धारा 55/177 के तहत चालानी कार्रवाई की गई।
अब तक इस अभियान के तहत कुल 256 वाहनों पर चालानी कार्रवाई करते हुए रू.76,800/- का समन शुल्क वसूला गया है।

इस अभियान के दौरान वाहनों के इंजन नंबर, चेचिस नंबर तथा वैध दस्तावेजों की जांच के उपरांत ही चालानी कार्रवाई की गई। बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों का अपराधिक गतिविधियों (जैसे चोरी, लूट आदि) में उपयोग होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

कोरबा पुलिस की नागरिकों से अपील : बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाना न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि ऐसे वाहन अपराधियों को छुपने और अपराध को अंजाम देने में मदद करते हैं, जिससे शहर की कानून व्यवस्था प्रभावित होती है।

कोरबा पुलिस नागरिकों से आग्रह करती है कि : अपने वाहनों पर वैध नंबर प्लेट अनिवार्य रूप से लगवाएं।यातायात नियमों का पालन कर स्वयं सुरक्षित रहें व दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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कोरबा

वज्रपात / आकाशीय बिजली से बचाव हेतु कोरबा पुलिस की अपील – सभी नागरिक सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

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कोरबा। कोरबा जिला मानसून काल में आकाशीय बिजली (वज्रपात) से प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है। हर वर्ष इस प्राकृतिक आपदा के कारण कई लोगों की मृत्यु हो जाती है। इससे बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता आवश्यक है।

कोरबा पुलिस सभी नागरिकों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों, किसानों एवं मजदूरों से निम्न सावधानियों का पालन करने की अपील करती है:

  1. यदि घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं और उससे दूर रहें, तथा बिजली से चलने वाले यंत्रों/उपकरणों को बंद कर दें।
  2. यदि दो पहिया वाहन, साइकिल, ट्रक, खुले वाहन आदि पर सवारी हो तो तुरंत उतरकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
  3. वज्रपात/आकाशीय बिजली के दौरान वाहनों पर सवारी न करें।
  4. धातु की डंडी वाले छाते का उपयोग न करें।
  5. टेलीफोन व बिजली के पोलों/खंभों तथा टेलीफोन टावर से दूर रहें।
  6. कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग न करें, टूट या सूत की रस्सी का उपयोग करें।
  7. बिजली की चमक तथा गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर ऊंचे एवं एकल पेड़ों के नीचे न जाएं।
  8. यदि आप जंगल में हों तो छोटे एवं घने पेड़ों की शरण में चले जाएं।
  9. वृक्षों, दलदल वाले स्थानों तथा जल स्रोतों से यथा संभव दूर रहें; परंतु खुले आकाश में रहने से अच्छा है कि छोटे पेड़ों के नीचे रहें।
  10. यदि खुले आकाश में रहना मजबूरी हो, तो नीचे के स्थलों को प्राथमिकता से चुनें।
  11. एक साथ कई व्यक्ति इकट्ठे न हों; दो व्यक्तियों के बीच कम से कम 15 फीट की दूरी रखें।
  12. तैराकी कर रहे लोग, मछुआरे आदि अविलंब पानी से बाहर निकल जाएं।
  13. गीले खेतों में हल चलाते, रोपाई या अन्य कार्य कर रहे किसानों एवं मजदूरों या तालाब में कार्यरत व्यक्ति तुरंत सूखे एवं सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।
  14. धातु से बने कृषि यंत्र, डंडा आदि से दूर रहें।
  15. यदि आप खेत-खलिहानों में कार्यरत हों और किसी सुरक्षित स्थान पर नहीं जा सकते, तो:
    – जहां हैं, वहीं रहें। पैरों के नीचे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रखें।
    – दोनों पैरों को आपस में सटाकर, दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर सिर को जमीन की ओर यथा संभव झुका लें। सिर को जमीन से न छूने दें।
    – जमीन पर बिल्कुल न लेटें।
  16. अपने घरों तथा खेत-खलिहानों के आसपास कम ऊंचाई वाले उन्नत किस्म के फलदार वृक्षों का समूह लगाएं।
  17. ऊंचे पेड़ों के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार स्थापित कर उसे जमीन में पर्याप्त गहराई तक दबा दें, जिससे पेड़ सुरक्षित हो सके।
  18. मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित स्थान होता है।
  19. यदि संभव हो तो अपने घरों में तड़ित चालक (Lightning Arrester) लगवाएं।
  20. यथासंभव खुले क्षेत्र में स्वयं को धात्विक संपर्क से बचाकर रखें।

कोरबा पुलिस नागरिकों से अपील करती है कि वज्रपात के समय मौसम विभाग की चेतावनी पर ध्यान दें, सतर्क रहें और इन सावधानियों का पालन कर अपने व अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह जानकारी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों तक विशेष रूप से पहुँचाई जाए।

आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है।

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