कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा विज्ञान भवन नई दिल्ली में दिए गए पुरस्कार
कोरबा/बिलासपुर। एसईसीएल को तीन खदानों की स्टार रेटिंग एवं विशेष अभियान 3.0 की उपलब्धियों के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा पुरस्कार दिया गया है। एसईसीएल की चरचा भूमिगत खदान (वर्ष 2018-19, 2019-20), बंगवार भूमिगत खदान (वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22) एवं खैरहा भूमिगत खदान (वर्ष 2020-21) के लिए स्टार रेटिंग पुरस्कार से नवाजा गया है। उक्त अवार्ड कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के करकमलों से नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में प्रदान किए गए। कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला एवं लिग्नाइट खदानों को सात व्यापक मॉड्यूलों खनन प्रचालन, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी एवं बेस्ट प्रैक्टिस का समावेश, आर्थिक प्रदर्शन, पुनर्वास और पुनस्र्थापन, श्रमिक संबंधित अनुपालन और सुरक्षा एवं संरक्षण के आधार पर देशभर की सरकारी एवं निजी क्षेत्रों की कोयला एवं लिग्नाइट खदानों को स्टार रेटिंग दी जाती है। प्रत्येक खदान की उपलब्धियों का समग्र रूप से मूल्यांकन करते हुए, स्टार रेटिंग फाइव स्टार से नो स्टार तक के स्तर पर प्रदान की जाती है।
भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर, एसईसीएल में कंटीन्यूअस माइनर की संख्या होगी 50 के पार
कोयला मंत्रालय द्वारा वर्ष 2030 तक भूमिगत कोयला खदानों से कुल उत्पादन 100 मिलियन टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। एसईसीएल द्वारा भी इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं जिसके फलस्वरूप पिछले वित्तीय वर्ष में काफी समय के बाद भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। कंपनी द्वारा वर्तमान में भूमिगत खदानों में 12 कंटीन्यूअस माइनर लगाए गए हैं एवं भविष्य में 40 और कंटीन्यूअस माइनर लगाने की योजना पर काम किया जा रहा है।
विशेष अभियान 3.0 की उपलब्धियों के लिए एसईसीएल को मिला पुरस्कार
मीडिया प्रचार-प्रसार सहित तीन श्रेणियों में कोयला मंत्रालय की सभी 14 कंपनियों में एसईसीएल रही प्रथम
उक्त समारोह में एसईसीएल को भारत सरकार के विशेष अभियान 3.0 के तहत मीडिया प्रचार-प्रसार (सर्वाधिक सोशल मीडिया उपस्थिति एवं प्रेस कवरेज), सर्वाधिक साफ किया गया क्षेत्र एवम् स्क्रैप निपटान से सर्वाधिक राजस्व एवं के क्षेत्र में सभी 14 कोयला एवं लिग्नाइट खदानों में पहला स्थान हासिल करने के लिए माननीय कोयला मंत्री द्वारा पुरस्कृत किया गया। विशेष अभियान 3.0 अंतर्गत एसईसीएल द्वारा लगभग 29 लाख वर्ग फुट से अधिक का क्षेत्र साफ किया गया एवं 2000 मेट्रिक टन से अधिक स्क्रैप हटाया गया जिससे 10 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। विशेष अभियान 3.0 के तहत की जा रही गतिविधियों के सोशल मीडिया एवं विभिन्न माध्यमों पर प्रचार प्रसार में भी एसईसीएल भारत सरकार की सभी कोल/लिग्नाइट कंपनियों में अव्वल रही। अभियान के दौरान एसईसीएल की गतिविधियों में 159 ट्वीट, 20 प्रेस रिलीज़, 22 लाभार्थी विडियो, 03 बेस्ट प्रैक्टिस विडियो, दूरदर्शन एमपी व छत्तीसगढ़ पर विशेष रिपोर्ट का प्रसारण, पीआईबी नई दिल्ली द्वारा प्रेस रिलीज़ आदि शामिल रहीं। आज के कार्यक्रम में कोयला मंत्रालय से कोयला सचिव अमृत लाल मीणा, अपर सचिव एम नागराजू, कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद की विशिष्ट उपस्थिति रही। समारोह में एसईसीएल से निदेशक (तकनीकी सह योजना/परियोजना) एसएन कापरी, क्षेत्रीय महाप्रबंधक सोहागपुर क्षेत्र पी कृष्णा, क्षेत्रीय महाप्रबंधक बैकुंठपुर क्षेत्र बीएन झा, महाप्रबंधक (कल्याण/सीएसआर) रत्नेश कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे। इस अवसर पर सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने एसईसीएल टीम को बधाई दी ।
कोरबा में स्नेक कैचर ने किया रेस्क्यू; डिब्बे में भरकर जंगल में छोड़ा
कोरबा,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के मुड़ापार स्थित SECL अस्पताल में एक जहरीला नाग दिखने से हड़कंप मच गया। 8 जून की रात अस्पताल के बाथरूम के पास स्टाफ को पहले रस्सी जैसा कुछ दिखा। मोबाइल टॉर्च की रोशनी में देखा तो 5 फीट लंबा नाग फन फैलाए खड़ा था।
डॉक्टर सीमा सिंह ने तुरंत स्नेक कैचर टीम को सूचना दी। सर्पमित्र उमेश यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने सांप को सुरक्षित तरीके से पकड़ा। एक प्लास्टिक के डिब्बे में कैद किया फिर जंगल में छोड़ दिया।
डिब्बे में भरा गया नाग सांप
जहरीला और फुर्तीला सांप था
स्नेक कैचर के मुताबिक यह एक अत्यंत जहरीला और फुर्तीला सांप था। इसके काटने पर जहर का असर बहुत जल्द होता है। ऐसे में तुरंत इलाज जरूरी होता है।
अस्पताल परिसर के आसपास नर्सरी होने के कारण वन्य जीवों की संख्या अधिक है। यहां सांप निकलने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं।
स्थानीय लोगों और अस्पताल प्रशासन ने उमेश यादव के समय पर किए गए रेस्क्यू की सराहना की। उनके इस कार्य से अस्पताल में मरीजों और कर्मचारियों की जान बच गई।
कोरबा । संचालनालय कृषि रायपुर द्वारा वर्ष 2025 के लिए डॉ. खूबचंद बघेल, कृषक रत्न पुरस्कार के लिए कृषकों से आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। किसान उप संचालक कृषि व वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय से आवेदन पत्र निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। कृषकों से आवेदन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित है। कृषक निर्धारित प्रपत्र में पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन पत्र को उप संचालक कृषि व वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं। किसानों को अपने आवेदन पत्र के साथ सफलता की कहानी भी प्रस्तुत करना होगा। अंतिम तिथि के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। उप संचालक कृषि विभाग ने बताया कि पुरस्कार की राशि 2 लाख व प्रशस्ति पत्र है। इस प्रतिस्पर्धा में केवल छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी ऐसे कृषक ही पात्र होंगे जो विगत दस वर्षों से छत्तीसगढ़ में कृषि कार्य कर रहे हो, जिनकी कुल वार्षिक आमदनी में से न्यूनतम 75 प्रतिशत् आय कृषि पर आधारित हो साथ ही कृषक तकाबी, सिंचाई शुल्क, सहकारी बैंकों का कालातीत ऋण न हो। कृषक का चयन व मूल्यांकन फसल विविधीकरण व उत्पादकता वृद्धि के लिए नवीन कृषि तकनीकी अपनाने का स्तर है।
सीईओ जिला पंचायत ने आवेदनों का समय सीमा में निराकृत करने के दिए निर्देश
कोरबा। कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशन में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जनदर्शन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दिनेश नाग ने आम नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना। उन्होंने जनदर्शन में प्राप्त सभी आवेदनों को संबंधित अधिकारियों को प्रेषित कर निश्चित समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए। जनदर्शन में आज भूमि सीमांकन, बंटवारा, नक्शा दुरूस्तीकरण, राशन वितरण, बिजली बिल में सुधार, स्कूल फीस मांफ, किसान ऋण पुस्तिका, मुआवजा भुगतान, वनाधिकार पत्र, पेंशन सहित अन्य 111 आवेदन प्राप्त हुए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर मनोज कुमार बंजारे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।