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विदेश

इजराइली हमले में एक और ईरानी न्यूक्लियर साइंटिस्ट की मौत:IDF बोला- 3 कमांडर भी मारे; दावा- सुप्रीम लीडर खामेनेई ने अपने 3 उत्तराधिकारी चुने

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जेरूसलम, एजेंसी। इजराइल ने ईरान के एक और न्यूक्लियर साइंटिस्ट की हत्या कर दी है। ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी के अनुसार, साइंटिस्ट इसार तबातबाई-कमशेह और उनकी पत्नी की मौत शुक्रवार को तेहरान में एक अपार्टमेंट पर ड्रोन हमले में हुई थी।

इजराइल-ईरान के बीच जारी संघर्ष का आज 9वां दिन है। इजराइल 13 जून से अब तक 11 ईरानी न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स की हत्या कर चुका है। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने शनिवार को ईरानी सेना के 3 कमांडरों और 4 जवानों को भी मारने का दावा किया है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने 3 मौलवियों को अपनी मौत के बाद सुप्रीम लीडर बनने के लिए नॉमिनेट किया है। संभावित उत्तराधिकारियों की रेस में खामेनेई के बेटे, मोजतबा का नाम नामित नहीं हैं।

पहले कहा जा रहा था कि खामेनेई अपने बेटे को अपनी मौत के बाद सुप्रीम लीडर का पद संभालने के लिए तैयार कर रहे है। खामेनेई ​​​​​​इजराइल की तरफ से लगातार हत्या की धमकियों के कारण एक बंकर में छिपे हुए हैं।

ईरान में 13 जून से अब तक 657, इजराइल में 24 की मौत

अमेरिका स्थित ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान में 13 जून से अब तक 657 लोगों की मौत हुई है और 2000 से ज्यादा घायल हैं।

हालांकि, ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिर्फ 430 नागरिक के मारे जाने और 3,500 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। वहीं, इजराइल में 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 900 से ज्यादा घायल हुए हैं।

इजराइल-ईरान संघर्ष के 5 फुटेज…

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को रेहोवोट में वीजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस का दौरा किया। इस पर ईरान ने मिसाइलों से हमला किया था।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को रेहोवोट में वीजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस का दौरा किया। इस पर ईरान ने मिसाइलों से हमला किया था।

इजराइल के हाइफा में शुक्रवार को ईरान के मिसाइल हमले के बाद इमरजेंसी वर्कर्स एक क्षतिग्रस्त बिल्डिंग के बाहर राहत कार्य करते हुए।

इजराइल के हाइफा में शुक्रवार को ईरान के मिसाइल हमले के बाद इमरजेंसी वर्कर्स एक क्षतिग्रस्त बिल्डिंग के बाहर राहत कार्य करते हुए।

इजराइल के हाइफा में शुक्रवार को ईरानी मिसाइल के हमले के बाद एक इमारत के बाहर रेस्क्यू स्टाफ।

इजराइल के हाइफा में शुक्रवार को ईरानी मिसाइल के हमले के बाद एक इमारत के बाहर रेस्क्यू स्टाफ।

ईरान के कोम शहर में शुक्रवार की नमाज के बाद ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के दो मेंबर्स का जनाजा निकाला गया। इनकी इजराइली हमले में मौत हो गई थी।

ईरान के कोम शहर में शुक्रवार की नमाज के बाद ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के दो मेंबर्स का जनाजा निकाला गया। इनकी इजराइली हमले में मौत हो गई थी।

संयुक्त राष्ट्र में शुक्रवार को ईरान के राजदूत अमीर सईद इरावनी ने इजराइली हमलों में मारे गए ईरानी बच्चों का पोस्टर दिखाया।

संयुक्त राष्ट्र में शुक्रवार को ईरान के राजदूत अमीर सईद इरावनी ने इजराइली हमलों में मारे गए ईरानी बच्चों का पोस्टर दिखाया।

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विदेश

क्या पाकिस्तान ईरान के पीठ में घोंप रहा छूरा, पाकिस्तानी सांसद के बयान से मचा बवाल

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इस्लामाबाद,एजेंसी। पाकिस्तान ने ईरान के खिलाफ अपने एयरबेस और बंदरगाह अमेरिका को देने का विवादित समझौता किया है, जिससे वहां की नेशनल असेंबली में भारी हंगामा मच गया है। आरोप है कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के बीच हुई बातचीत में पाकिस्तान ने अपने आर्मी बेस और पोर्ट को अमेरिका के ईरान विरोधी इस्तेमाल के लिए सौंपने पर सहमति जताई है। यह आरोप एक पाकिस्तानी सांसद ने लगाया है, जिसने इस मामले को संसद में उठाकर सियासी तूफान खड़ा कर दिया है।

पाकिस्तानी संसद में उठा मुद्दा
सांसद साहिबजादा हामिद रजा ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने अपने एयरबेस और बंदरगाह अमेरिका और इजरायल को ईरान के खिलाफ उपयोग करने के लिए दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की चर्चा पूरी अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हो रही है।

सेना प्रमुख और सरकार को घेरा
हामिद रजा ने सीधे तौर पर सेना प्रमुख आसिम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे पाकिस्तान की संपत्तियों को अमेरिका-इजरायल के हवाले कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर देश के साथ कुछ गलत हुआ, तो वे मुशर्रफ की तरह देश छोड़कर भाग जाएंगे, क्योंकि उनके विदेशों में भी ठिकाने हैं।

ईरान के प्रति धोखा
यह आरोप खासकर तब लगे हैं जब शहबाज शरीफ हाल ही में तेहरान जाकर ईरान के साथ दोस्ताना संबंधों को और मजबूत करने का वादा कर चुके हैं। उन्होंने ईरान को अपना भाई बताया था और संकट के समय साथ देने की बात कही थी। मगर अब पाकिस्तान अपने इस दोस्त की पीठ में छुरा भोंकने जैसा काम कर रहा है।

मुस्लिम देशों से की अपील
सांसद हामिद रजा ने मुस्लिम देशों से अपील की है कि वे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत इजरायल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और इस मामले में अपनी एकजुटता दिखाएं। उनका यह बयान पाकिस्तान की सुरक्षा और कूटनीतिक नीतियों पर गहरे सवाल खड़े करता है।

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विदेश

8000000000 रुपए की क्रिप्टोकरेंसी चोरी कर इजरायली हैकर्स ने की राख, जानें क्यों?

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जेरूसलम,एजेंसी। ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष अब साइबर हमलों तक पहुंच गया है। इस टकराव का ताजा उदाहरण तब सामने आया जब इजरायली साइबर ग्रुप ‘प्रीडेटरी स्पैरो’ (Predatory Sparrow) ने दावा किया कि उन्होंने ईरान के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज नोबिटेक्स (Nobitex) से 90 मिलियन डॉलर (करीब 800 करोड़ रुपए) की क्रिप्टोकरेंसी चुराई और फिर उसे नष्ट कर दिया। समूह का कहना है कि यह एक राजनीतिक संदेश देने की रणनीति थी, न कि आर्थिक लाभ कमाने की कोशिश।

आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने का आरोप

‘प्रीडेटरी स्पैरो’ को फारसी में गोंजेशके दरंदे कहा जाता है। इस ग्रुप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “नोबिटेक्स आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का एक प्रमुख टूल बन गया है। हमारा साइबर हमला इसका जवाब है।”

नोबिटेक्स ने जवाब में कहा कि उनकी अधिकांश डिजिटल संपत्ति कोल्ड वॉलेट्स (ऑफलाइन स्टोरेज) में सुरक्षित है और बड़ी धनराशि इस हमले से प्रभावित नहीं हुई है।

पैसा चुराया नहीं, ‘बर्न’ कर दिया

क्रिप्टो रिसर्च फर्म Elliptic के अनुसार, हैकर्स ने करीब 100 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी चुराईं, जिनमें बिटकॉइन और डॉगकॉइन शामिल हैं। मगर हैरानी की बात यह रही कि उन्होंने न तो इन टोकन को बेचा और न ही कहीं उपयोग किया, बल्कि इन्हें ‘बर्न’ यानी ब्लॉकचेन के ऐसे वॉलेट एड्रेस में भेज दिया गया जहां से उन्हें निकाला नहीं जा सकता।

इस हैक में लगी सुपर कंप्यूटिंग पावर

Elliptic के लीड थ्रेट रिसर्चर अर्दा अकार्टुना ने बताया कि इतने विशिष्ट शब्दों वाले हजारों ब्लॉकचेन एड्रेस जनरेट करना सामान्य कंप्यूटिंग से संभव नहीं, इसके लिए भारी कंप्यूटिंग पावर चाहिए। इससे साफ है कि यह सिर्फ आर्थिक नुकसान पहुंचाने का नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक हमला था — एक स्पष्ट साइबर युद्ध का इशारा।

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बिज़नस

Apple की अब तक की सबसे बड़ी डील, Perplexity AI को खरीदने की तैयारी में जुटी कंपनी, जानिए क्या है पूरा मामला

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वाशिंगठन,एजेंसी। टेक्नोलॉजी की दुनिया की दिग्गज कंपनी Apple अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेक्टर में अपना दबदबा बढ़ाने की ओर एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, Apple अब एक उभरते हुए AI स्टार्टअप Perplexity AI को खरीदने की योजना बना रही है। अगर यह डील पूरी होती है तो यह Apple की इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी डील मानी जाएगी।

कौन है Perplexity AI?

Perplexity AI एक रियल-टाइम कन्वर्सेशनल AI सर्च इंजन है जो यूजर्स को स्मार्ट और सटीक जवाब देता है। यह प्लेटफॉर्म खासतौर पर तेज़, संक्षिप्त और रेफरेंस आधारित उत्तर देने के लिए जाना जाता है। इसकी वैल्यूएशन वर्तमान में करीब 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गई है।

इससे पहले कब की थी बड़ी डील?

अगर Apple इस सौदे को अंजाम देता है, तो यह उसकी 2014 में Beats Electronics के 3 बिलियन डॉलर की डील को भी पीछे छोड़ देगा। उस वक्त Beats को Apple ने म्यूजिक सेगमेंट को मजबूत करने के मकसद से खरीदा था। अब कंपनी AI सेक्टर में Perplexity को खरीदकर Googleऔर OpenAI जैसी कंपनियों को टक्कर देना चाहती है।

Apple और Perplexity के बीच क्या चल रहा है?

ब्लूमबर्ग के वरिष्ठ रिपोर्टर मार्क गुरमन की रिपोर्ट के मुताबिक, Apple और Perplexity के बीच कई मीटिंग हो चुकी हैं। हालांकि, Apple ने फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। दूसरी ओर, Perplexity की ओर से भी इस खबर को ‘अफवाह’ बताया गया है।

क्यों जरूरी है Apple के लिए ये डील?

Apple अब तक AI रेस में Google, Microsoft, OpenAI और Anthropic जैसी कंपनियों से पीछे रहा है। कंपनी पर यह दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह अपने डिवाइसेज और सॉफ्टवेयर में मजबूत AI फीचर्स जोड़कर प्रतिस्पर्धा में वापसी करे। ऐसे में Perplexity AI को खरीदना, Apple को AI वेब सर्च में बड़ा प्लेयर बना सकता है।

क्या है AI वेब सर्च?

AI वेब सर्च एक ऐसी तकनीक है जिसमें यूजर जब कोई सवाल पूछता है तो AI सर्च इंजन उसे इंटरनेट पर मौजूद अलग-अलग सोर्स से एकत्रित कर, सटीक और आसान भाषा में जवाब देता है। यह पारंपरिक सर्च इंजन से कहीं अधिक स्मार्ट और उपयोगकर्ता-केंद्रित होता है।

Perplexity क्यों है खास?

  • यह रीयल टाइम सर्च पर आधारित है
  • संवादात्मक (कन्वर्सेशनल) इंटरफेस देता है
  • स्रोतों के साथ सटीक जवाब दिखाता है
  • तेजी से बढ़ रहा है इसका यूजरबेस

क्या कहता है टेक वर्ल्ड?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर Apple इस डील को सफलतापूर्वक कर लेता है, तो iPhone, iOS और Safari जैसे प्रोडक्ट्स में इनोवेटिव AI सर्च फीचर्स जोड़े जा सकते हैं। इससे न केवल यूजर एक्सपीरियंस बेहतर होगा बल्कि Apple एक बार फिर तकनीकी लीडरशिप की दौड़ में सबसे आगे पहुंच सकता है।

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