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छत्तीसगढ़

रायपुर : कच्चे घास फूस की झोपडिय़ां अब पक्के मकानों की कालोनी में हुई तब्दील

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पीएम जनमन से जबगा एवं कुर्रा के बिरहोर परिवारों की बदली जिंदगी

सुरक्षा एवं स्थिरता का हो रहा अहसास

कच्चे घास फूस की झोपडिय़ां अब पक्के मकानों की कालोनी में हुई तब्दील

रायपुर/रायगढ़। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ के सुदूर वनांचल में बसा है जबगा गांव। यह बिरहोर परिवारों का निवास भी है।  यहां रहने वाले 7 बिरहोर परिवार एक स्थान पर झोपड़ी बनाकर रहते हुए पालतू जानवरों के लिए रस्सी तैयार कर जीवन यापन कर रहे थे। उन्होंने सोचा नहीं था कि उनका कच्चा मकान कभी पक्का बन पाएगा। लेकिन आज पीएम जनमन योजना से उन परिवारों के लिए एक साथ एक कालोनी के रूप में बसाए गए है। बिरहोर परिवार अब अपने पुराने कच्चे मिट्टी के घर को छोड़कर अपने पक्के प्रधानमंत्री आवास में रह रहे है। पक्का घर से मिलने से अब उन्हें सुरक्षा और स्थिरता का अहसास हो रहा है, जिससे उनके चेहरे पर स्पष्ट खुशी दिखाई दे रही हैं।

विदित हो कि रायगढ़ जिला अंतर्गत धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम बलपेदा ग्राम पंचायत जबगा जो कि जनपद मुख्यालय से 20 किमी एवं जिला मुख्यालय से लगभग 100 कि.मी दूरी पर स्थित है। यहां पर निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति- बिरहोर के 7 परिवार निवासरत हैं। जो कि 2016 के पूर्व जंगल में ही बने एक गुफा में निवास करते थे। बलपेदा के ग्रामीणों ने उन्हें ग्राम के निकट आबादी प्लॉट में निवास करने के लिए कह कर जंगल से बाहर लाये थे। वहीं इनके द्वारा रहने के लिए झोपड़ी एवं कच्चे मकान बनाये गये थे, पक्का आवास तो जैसे इनके लिए सपना था।

जंगल में प्राप्त होने वाले माहुल पेड़ से पालतु जानवरों जैसे- गाय, बकरी को बांधने वाली रस्सी बनाकर एवं स्थानीय भाषा में बोले जाने वाले बगाई नामक घास जिससे रस्सी बनाकर खाट का नेवार बनाया जाता है, जिसे बेचकर अपने कमाए पैसों से दैनिक आवश्यकताओं को पूर्ण करते है। इन्हीं कमाएं हुए पैसों से अपने परिवार के सदस्यों का भरण पोषण भी करते है। यह भोजन के रूप में कोदो, कनकी जैसे अनाज को ग्रहण करते हैं। गांव पहाड़़ी क्षेत्र में होने के कारण हर साल तेज हवा, पानी के कारण घरों को बहुत नुकसान होता था। जिसके कारण इन परिवारों को हर साल घर की मरम्मत करनी पड़ती है। इस वजह से इन परिवारों की आय का अधिकांश हिस्सा घर मरम्मत में ही खर्च हो जाता था। जिससे इन परिवारों के आशियाने की चिंता बनी रहती थी।  बरसात के दिनों में कच्चे मकानों में साफ – सफाई की कमी से बीमारी का खतरा भी बना रहता था। पक्के मकान मिलने के बाद ये सारी चिंता और चुनौतियां अब दूर हो गई हैं।

कुर्रा में बसी पक्के आवासों की कॉलोनी

रायगढ़ जिले के अंतिम छोर में लैलूंगा के करीब बसा है कुर्रा गांव। इसकी पहचान विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर परिवारों में निवास स्थल के रूप में भी है। पीएम जनमन योजना में शामिल होने के बाद यहां दिखने वाले 10 बिरहोर परिवारों के कच्चे घास फूस के घर अब पक्के मकानों में तब्दील हो चुके हैं। इन परिवारों के मकान निर्माण एक साथ एक कॉलोनी के रूप में किया गया है।  इस बिरहोर कॉलोनी के लिए विशेष रूप से डिजाइन और लेआउट तैयार करवाया गया। जिससे ये अपने समुदाय बीच रह सकें। इन घरों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण करवाया गया है। उनके आवागमन हेतु सड़क, पेयजल व्यवस्था हेतु पानी, बिजली की सुविधा जिला प्रशासन की तरफ से प्रदाय किया जा रहा है। इन बिरहोर परिवारों को शासन की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से भी जोड़ा गया है। जो बिरहोर परिवार घास-फुस, झुग्गी झोपड़ी, छप्पर वाले कच्चे घरों में रहते थे। बरसात के मौसम में जहरीले सांप, बिच्छु एवं अन्य जंतुओं को भय बना रहता था। अब वे पीएम जनमन योजना से पक्के आवास का निर्माण कर अपने सपनों के आशियानों में सुकून से रह रहे हैं। यह अभियान रायगढ़ जिले के कुर्रा गांव के बिरहोर परिवारों के जीवनस्तर में अभूतपूर्व बदलाव लेकर आया है।

पक्के मकानों से मिली सुरक्षा और स्थिरता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाई जा रही पीएम जनमन योजना विशेष पिछड़ी जनजाति को समाज की मुख्यधारा में जोडऩे में एक अहम कड़ी साबित हो रही है। ग्राम जबगा और कुर्रा के बिरहोर परिवार एक स्थान पर झोपड़ी बनाकर अपना जीवन यापन कर रहे थे। जब उन्हें शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत पक्का आवास निर्माण हेतु सहायता राशि प्राप्त होना बताया गया तो वह खुशी से फुले नहीं समाये। ये बिरहोर परिवार जो अपने कच्चे मिट्टी के झोपड़ी जिसमें बरसात में पानी टपकता रहता था बरसात में विषैले जानवरों का भी खतरा बना रहता था। पक्के मकानों के इन परिवारों को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान की है, जिससे उनमें काफी खुशी है। उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को अपना धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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कोरबा

अलंकार डेयरी सहित कई प्रतिष्ठानों की मिठाईयां एवं खाद्य सामग्री अमानक स्तर के

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कई प्रतिष्ठानों पर लगा लाखों का जुर्माना
आम नागरिकों के स्वास्थ्य पर खिलवाड़
कोरबा। त्यौहारों के अवसर पर कोरबा की मिठाई दुकान संचालक बड़े पैमाने पर मिष्ठान बनाकर लोगों को परोसते हैं और मानक स्तर एवं गुणवत्ता पर ध्यान न देकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। अलंकार डेयरी सहित कई प्रतिष्ठानों पर खाद्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा अधिकारियों ने होली के दौरान छापा मारा था और नमूना लिया था। तीन महीने बाद रिपोर्ट आने पर कई दुकानों की मिठाईयां एवं खाद्य सामग्री अमानक स्तर के निकले, जिन पर लाखों रूपए का जुर्माना लगाया गया।
इन दुकानों के खाद्य सामग्री अमानक स्तर के
राम अग्रवाल – रतेरिया ट्रेडिंग कम्पनी सीतामणी कोरबा
श्रीमती रेणु अग्रवाल – रतेरिया ट्रेडिंग कम्पनी सीतामणी कोरबा
जुर्माना – रूपए 10-10 हजार
विश्वजीत सेनगुप्ता – माँ दुर्गा मिष्ठान भंडार, कोसाबाड़ी कोरबा
जुर्माना – 25 हजार रूपए
जयवीर राणा – मोक्ष रेस्टोरेंट, बाईपास रोड राताखार कोरबा
जुर्माना – 50 हजार रूपए
करणदीप सिंह – मोक्ष रेस्टोरेंट, बाईपास रोड राताखार कोरबा
जुर्माना – 50 हजार रूपए
स्नेहदीप – मोक्ष रेस्टोरेंट, बाईपास रोड राताखार कोरबा
जुर्माना – 50 हजार रूपए
आजाद सिंह – ओम सांई अनाज भंडार, कोरबा
जुर्माना – 30 हजार रूपए
राकेश कुमार अग्रवाल – राकेश एजेंसी, दर्री रोड कोरबा
जुर्माना – 30 हजार रूपए
सतविंद्र सिंह – अलंकार डेयरी कोरबा
जुर्माना – 5 हजार रूपए
दीपक गुप्ता – अलंकार डेयरी कोरबा
जुर्माना – 80 हजार रूपए
महेन्द्र कुमार देवांगन – जय माँ शारदा डेयरी, बुधवारी कोरबा
जुर्माना – 50 हजार रूपए
सहित अन्य दुकानें शामिल हैं।

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कोरबा

योग से जहां शरीर स्वस्थ रहता है, वहीं आत्मा भी पुष्ट होती है

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सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक चंद्रमा सिंह राजपूत ने परिवार सहित किया योग
कोरबा। 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जहां विश्वभर में करोड़ों लोगों ने योग किया। पूरे विश्वभर में अधिकांश कार्यक्रम सामुहिक हुए, वहीं घर-घर लोगों ने परिवार सहित और व्यक्तिगत रूप से घंटों योग साधना में लगे रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को विश्वभर में पहुंचाया और अंतर्राष्ट्रीय वैश्विक संगठन यूएस ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। 21 जून को ब्रम्हमुर्हुत से लेकर 8 बजे तक घर-घर लोगों ने योग साधना से आज के दिन को सार्थक बना दिया। सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक एवं भाजपा नेता चंद्रमा सिंह राजपूत ने अपने निवास स्थान पर परिवार सहित योग किया, वहीं उनकी धर्मपत्नी महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत ने जिला स्तरी योग कार्यक्रम में योगा कीं। चंद्रमासिंह राजपूत ने बताया कि योग स्वस्थ रहने का सबसे आसान तरीका है और यह हमारी प्राचीन विधा है, इसके माध्यम से हमारे ऋषि-महऋषि, सिद्धपुरूष से लेकर देवी-देवता भी योग कर शरीर को स्वस्थ रखने का संदेश दिया। योग से सिर्फ शरीर ही स्वस्थ नहीं रहता, बल्कि आत्मा भी पुष्ट होती है।

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कोरबा

योग करने वाले रहते है निरोग : फूल सिंह राठिया

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हायर सेकेंड्री स्कूल केरवाद्वारी किया गया सामूहिक योग
कोरबा । योग करने वाले होते हैं निरोग यह कहना रामपुर विधायक फूल सिंह राठिया का, आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केरवाद्रारी के स्कूल प्रांगण में योग करते हुए विधायक ने सभी को योग करने का निवेदन किया ।


विधायक श्री राठिया ने कहा कि बच्चों को हमेशा अपने गुरुजनों और माता पिता का सम्मान करना चाहिए । इससे आत्मशक्ति बढ़ती है, और कोई भी कार्य आसानी से पूरी हो जाती हैं। आजकल के बच्चे गुरुजनों का सम्मान नहीं करते । हमारे जमाने में गुरु को भगवान की तरह मानते थे।
11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विद्यालय में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य सतीश गुप्ता ने कहा कि गांव के किसान मेहनती होते है, उनका शरीर तंदुरुस्त रहता है वैसे ही योग करने वालो का शरीर तंदुरुस्त रहता है, इसीलिए रोजाना योग करना चाहिए।


विधायक, सरपंच , शिक्षको ने एवं विद्यार्थियों ने योग के विभिन्न आसान एवं प्राणायाम किए। विद्यालय की व्याख्यता श्रीमती ज्योति शर्मा ने अनुलोम-विलोम, ताड़ासन, भ्रामरिक प्राणायाम, मकरासन, सर्वांगासन, वृक्षासन, नौकासन, धनुरासन, त्रिकोणासन, वीरभद्रासन सहित प्राणायाम करवाया। इस अवसर पर प्रमुख रुप से सरपंच परमेश्वर राठिया, उत्तम कुमार तिवारी, श्रीमती हीरा कंवर, कृष्णा लाल , ओम प्रकाश साहू, श्रीमती सुधा रानी राठौर, सतीश कुमार धुरी, जोहर सिंह, संजय खैरवार सहित विघालय के विद्यार्थी उपस्थित थे।

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