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कोरबा

रायगढ़ में प्रदर्शन कर रहे ठेकाकर्मियों पर चले लाठी-डंडे

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मांगों को लेकर कर रहे थे चक्काजाम

जिंदल प्लांट के गार्ड ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा,4 गाड्र्स गिरफ्तार

रायगढ़ (एजेंसी)। रायगढ़ जिले में जिंदल प्लांट के ठेका कर्मचारियों पर प्लांट के कई गार्ड ने लाठी और डंडे चलाए। ठेका कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर चक्काजाम कर रहे थे इसी दौरान उन्हें दौड़ा दौड़ाकर पीटा गया। कर्मचारियों ने प्रबंधन और ठेकेदार पर शोषण का आरोप लगाय है। वहीं प्रबंधन का कहना है कि यह मामला ठेकेदार और कर्मचारियों के बीच का है। पुलिस ने फिलहाल कंपनी के 4 सुरक्षा गाड्र्स को गिरफ्तार कर लिया है। जिंदल स्टील प्लांट के कर्मचारी बुधवार से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज हड़ताली ठेकाकर्मियों ने पतरापाली के आजाद चौक से करीब 2 किलोमीटर लंबा जाम लगा दिया था। यातायात ठप होने और प्लांट का काम प्रभावित होने के बाद प्लांट के सुरक्षागार्ड पहुंच गए और मारपीट की। इसमें एक कर्मचारी के सिर पर गंभीर चोट भी आई है।

मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा प्रबंधन

नाराज ठेका कर्मियों का कहना है कि सालों से उनकी मांगों और सुरक्षा पर न तो जिंदल प्रबंधन और न ही कंपनी के ठेकेदार ध्यान दे रहे हैं। इस वजह से उन्हें मजबूरन सड़क पर उतरना पड़ा है। कर्मियों ने बताया कि कंपनी के ठेकेदार ओवर टाइम करवाकर भी तय दर पर वेतन नहीं दे रहे हैं। इसके लिए कई बार प्रबंधन को पत्र और ज्ञापन दिया गया है, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। श्रमिकों का आरोप है कि ठेका कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर भी बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। ज्यादातर ठेका मजदूरों को जूते, हेलमेट और सेफ्टी जैकेट भी नहीं दिए गए हैं। दुर्घटना होने पर इलाज भी नहीं कराया जाता। ठेकेदार अपने कर्मचारियों से दुव्र्यवहार करते हैं और उन्हें समय पर वेतन भी नहीं दिया जाता।

प्रबंधन ने कहा, बेहतर सुविधा दे रहे

कर्मचारी सेवाओं के महाप्रबंधक सुधीर राय ने कहा कि, यह मामला ठेकेदारों और ठेका श्रमिकों के बीच का है। जिंदल स्टील एंड पॉवर की ओर से शासन-प्रशासन के तय मानकों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित किया जाता रहा है। वर्तमान में भी उन्हें तय दर के अनुरूप ही बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। उम्मीद है जल्द से जल्द मामले का हल निकल जाएगा।

इन मांगों को लेकर सड़क पर उतरे ठेकाकर्मी

हड़ताली ठेका कर्मियों ने बताया कि उन्हें न्यूनतम वेतन मजदूरी 21,215 रुपए दी जाएं। उनके काम की अवधि 8 घंटे हो, साथ ही हफ्ते में एक दिन छुट्टी भी हो। मांग है कि 4.8त्न की दर से साल में वेतन वृद्धि की जाए। सभी ठेका कर्मचारियों की आईडी कार्ड में पोस्ट लिखा हो। ठेकाकर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा साधन दिए जाएं। हमने यह तय किया है कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, हम काम नहीं करेंगे।

एसडीएम गगन शर्मा ने मामला हल करने का दिया आश्वासन

वहीं एसडीएम गगन शर्मा ने कहा कि, दोनों पक्षों से बातचीत की जा रही है। आपस में शांतिपूर्ण तरीके से बात करके समस्या का समाधान निकालने की कोशिश हो रही है। जिंदल के एच आर हेड सुधीर राय ने भी इस विवाद को ठेकेदार और श्रमिकों के बीच का बताया। ठेकेदारों से बात करके मामला हल करने की कोशिश की जा रही है। जिंदल कंपनी के 4 सुरक्षा गाड्र्स गिरफ्तार

इधर जिंदल उद्योग के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहे ठेकाकर्मियों के साथ मारपीट करने वाले कंपनी के 4 सुरक्षा गाड्र्स पर पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। मामला संज्ञान पर आने पर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने साफ किया है कि कानून-व्यवस्था बिगाडऩे वालों पर कार्रवाई की जाएगी। जिंदल कंपनी के सुरक्षा गार्ड ने मारपीट की थी, जिसमें ठेका मजदूर सदानंद चौहान के सिर और दुर्गा चरण पटेल के पैर में चोट आई है।

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कोरबा

हॉस्पिटल के बाथरूम में निकला 5 फीट लंबा नाग सांप…

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कोरबा में स्नेक कैचर ने किया रेस्क्यू; डिब्बे में भरकर जंगल में छोड़ा

कोरबा,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के मुड़ापार स्थित SECL अस्पताल में एक जहरीला नाग दिखने से हड़कंप मच गया। 8 जून की रात अस्पताल के बाथरूम के पास स्टाफ को पहले रस्सी जैसा कुछ दिखा। मोबाइल टॉर्च की रोशनी में देखा तो 5 फीट लंबा नाग फन फैलाए खड़ा था।

डॉक्टर सीमा सिंह ने तुरंत स्नेक कैचर टीम को सूचना दी। सर्पमित्र उमेश यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने सांप को सुरक्षित तरीके से पकड़ा। एक प्लास्टिक के डिब्बे में कैद किया फिर जंगल में छोड़ दिया।

डिब्बे में भरा गया नाग सांप

डिब्बे में भरा गया नाग सांप

जहरीला और फुर्तीला सांप था

स्नेक कैचर के मुताबिक यह एक अत्यंत जहरीला और फुर्तीला सांप था। इसके काटने पर जहर का असर बहुत जल्द होता है। ऐसे में तुरंत इलाज जरूरी होता है।

अस्पताल परिसर के आसपास नर्सरी होने के कारण वन्य जीवों की संख्या अधिक है। यहां सांप निकलने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं।

स्थानीय लोगों और अस्पताल प्रशासन ने उमेश यादव के समय पर किए गए रेस्क्यू की सराहना की। उनके इस कार्य से अस्पताल में मरीजों और कर्मचारियों की जान बच गई।

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कोरबा

डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार हेतु 31 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित

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कोरबा । संचालनालय कृषि रायपुर द्वारा वर्ष 2025 के लिए डॉ. खूबचंद बघेल, कृषक रत्न पुरस्कार के लिए कृषकों से आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। किसान उप संचालक कृषि व वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय से आवेदन पत्र निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। कृषकों से आवेदन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित है। कृषक निर्धारित प्रपत्र में पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन पत्र को उप संचालक कृषि व वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं। किसानों को अपने आवेदन पत्र के साथ सफलता की कहानी भी प्रस्तुत करना होगा। अंतिम तिथि के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
उप संचालक कृषि विभाग ने बताया कि पुरस्कार की राशि 2 लाख व प्रशस्ति पत्र है। इस प्रतिस्पर्धा में केवल छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी ऐसे कृषक ही पात्र होंगे जो विगत दस वर्षों से छत्तीसगढ़ में कृषि कार्य कर रहे हो, जिनकी कुल वार्षिक आमदनी में से न्यूनतम 75 प्रतिशत् आय कृषि पर आधारित हो साथ ही कृषक तकाबी, सिंचाई शुल्क, सहकारी बैंकों का कालातीत ऋण न हो। कृषक का चयन व मूल्यांकन फसल विविधीकरण व उत्पादकता वृद्धि के लिए नवीन कृषि तकनीकी अपनाने का स्तर है।

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कोरबा

जनदर्शन में सुनी गई आम नागरिको की समस्याएं

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सीईओ जिला पंचायत ने आवेदनों का समय सीमा में निराकृत करने के दिए निर्देश


कोरबा। कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशन में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जनदर्शन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दिनेश नाग ने आम नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना। उन्होंने जनदर्शन में प्राप्त सभी आवेदनों को संबंधित अधिकारियों को प्रेषित कर निश्चित समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए।  जनदर्शन में आज भूमि सीमांकन, बंटवारा, नक्शा दुरूस्तीकरण, राशन वितरण, बिजली बिल में सुधार, स्कूल फीस मांफ,  किसान ऋण पुस्तिका, मुआवजा भुगतान, वनाधिकार पत्र, पेंशन सहित अन्य 111 आवेदन प्राप्त हुए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर मनोज कुमार बंजारे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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