श्रीनगर,एजेंसी। ईरान में हालात बहुत खतरनाक हैं। इजराइल से जंग के बीच हर रात खौफ में गुजरी। आसपास एयरस्ट्राइक हो रही थीं। दुकानें, बैंक सब बंद हैं, ATM खाली पड़े हैं। हम तो अपने घर लौट आए, लेकिन हमारे कई दोस्त अब भी वहीं फंसे हैं। वे डरे हुए हैं। हमें फोन करते हैं तो रोते हैं। कहते हैं कि हमें भी यहां से निकलवाओ।’
ईरान से श्रीनगर लौटीं सबा जान के चेहरे पर घर आने की खुशी है, लेकिन उन्हें वहां फंसे रह गए दोस्तों की फिक्र भी है। सबा मेडिकल की पढ़ाई के लिए 4 साल से ईरान में रह रही थीं। वे ईरान से लौटे 110 भारतीय स्टूडेंट्स के पहले ग्रुप में शामिल हैं, जिन्हें आर्मेनिया के रास्ते 18 जून को भारत लाया गया।
ईरान-इजराइल जंग में फंसे छात्रों को निकालने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु शुरू किया है। इसके तहत अब तक 400 स्टूडेंट्स वापस आ चुके हैं। हालांकि अब भी ईरान में 1,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स समेत करीब 10 हजार भारतीय फंसे हैं। उन्हें भी भारत लाने की तैयारी है।
सबसे पहले भारत लौटे स्टूडेंट्स की बात… ‘मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट बंद, हालात हर दिन के साथ बिगड़ते गए’ ईरान से लौटे कश्मीरी स्टूडेंट्स का पहला बैच 19 जून को श्रीनगर पहुंचा। इनमें श्रीनगर के सफा कादर की रहने वाली सबा जान भी हैं। जंग के हालात पर सबा कहती हैं, ‘बीते 4 साल में मैंने पहली बार ऐसे हालात देखे हैं।’
‘हमारे शहर में पहला ड्रोन अटैक बच्चों के हॉस्पिटल के बाहर हुआ। दूसरा हमला तबरीज एयरपोर्ट पर किया गया। इजराइल ने शियाओं के सबसे पवित्र स्थल इमाम रेजा मजार को भी निशाना बनाने की कोशिश की। इजराइली हमलों में मशहद एयरपोर्ट तबाह हो गया। ये सब देखकर हम बहुत डर गए थे।‘
हालात कब ज्यादा बिगड़े? इसके जवाब में सबा कहती हैं, ‘हमलों के दो दिन बाद ही परिवार से बात करना मुश्किल हो गया। इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क ने काम करना बंद कर दिया। हमने मम्मी-पापा को बोला कि अब फोन पर ज्यादा बात नहीं हो पाएगी। मैंने उन्हें भरोसा दिलाया था कि यहां सबकुछ ठीक है। हम सेफ हैं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।‘
‘तब तक इंटरनेट सिर्फ कुछ घंटों के लिए बंद किया जा रहा था, लेकिन बाद में पूरी तरह ब्लैकआउट हो गया। हम कहीं बात नहीं कर पा रहे थे। हॉस्टल, हॉस्पिटल और घरों पर हमले हो रहे थे। ATM में पैसे नहीं थे। वे खाली पड़े हैं। दुकानें बंद हैं और हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं।‘

इजराइल लगातार ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई को जान से मारने की धमकी दे रहा है। हमें लगने लगा कि अब ईरान में हालात बदतर होते जा रहे हैं। हालांकि एंबेसी ने हमें तुरंत वहां से निकाल लिया।
4 दिन सफर के बाद भारत लौटे सबा कहती हैं, ‘घर लौटकर मैं बहुत खुश हूं। जंग में जिस हालात में फंसी थी, मैंने तो सुरक्षित वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी। भारत सरकार और ईरान में भारतीय एंबेसी के शुक्रगुजार हैं। उन्होंने हमारी बहुत मदद की। पहले हमें ईरान में सेफ जगह पहुंचाया। इसके बाद हमारी वापसी का इंतजाम कराया। हालांकि ईरान में अब भी बहुत स्टूडेंट फंसे हैं। इंडियन एंबेसी और विदेश मंत्रालय उन्हें निकालने में लगा है।‘