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कोरबा

प्रेसवार्ता : कलेक्टर के नोटिस पर जयसिंह ने कहा- ननकीराम कंवर का बयान ही फोटो की हकीकत बयां कर रहा

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कलेक्टर को मुझे निर्देश देने का अधिकार नहीं, मैं न उसका कर्मचारी और न ही मातहत अधिकारी
राज्यपाल के बगल में बैठने का अधिकार भी नहीं कलेक्टर को

कोरबा। पूर्व केबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने टीपी नगर स्थित अपने कार्यालय में आज प्रेसवार्ता ली और कलेक्टर के नोटिस के संबंध में मीडिया से रूबरू हुए। जयसिंह ने कहा कि मेरी मंशा आदिवासियों के बीच न तो आक्रोश फैलाना है और न ही किसी को नीचा दिखाना। उन्होंने कहा कि सरकार भाजपा की और प्रशासन को स्वत: प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए। ननकीराम कंवर हमारे जिले के ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे वरिष्ठतम आदिवासी नेता हैं, जो मध्यप्रदेश के समय ेसे ही केबिनेट मंत्री रहे हैं। वे अटल बिहारी बाजपाई जी – लालकृष्ण आडवाणी के समय से ही राजनीति करते आ रहे हैं और जनसेवक के रूप में उनकी छवि है। जब राज्यपाल के बगल में कलेक्टर बैठे हैं और ननकीराम कंवर सामने खड़े हैं, यह फोटो मुझे प्राप्त हुई और फोटो देखकर मैं हैरान हो गया और मुझे पीड़ा हुई, इसलिए फेसबुक में मेरा आदमी पोस्ट कर दिया।
कलेक्टर को निर्देश देने का अधिकार नहीं
जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि एक जनसेवक को कलेक्टर निर्देश नहीं दे सकता। यदि उनके द्वारा अपील की जाती, तो फेसबुक से उक्त फोटो हटाने के बारे में एक बार सोचता, लेकिन अब यह फोटो डिलीट नहीं होगी। एक आदिवासी नेता का अपमान जिला सहन नहीं कर पाएगा।
फोटो जारी करने वाले पर पहले संज्ञान ले कलेक्टर
जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि ननकीराम कंवर और उनके साथ गए आदमी का मोबाईल राज्यपाल से मिलने से पहले ही सुरक्षा अधिकारियों ने कमरे के बाहर रखवा दिया था, ऐसे में इस तरह की फोटो बाहर कैसे आई और मीडिया में यह फोटो पहले कैसे छपी, इस पर पहले कलेक्टर संज्ञान ले। उक्त फोटो मुझे किसी अखबार से ही मिली, तब मैं रायपुर में ही था।
कलेक्टर पहले ननकीराम का बयान सुन लें
जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि उनके द्वारा कहा गया कि राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने गए ननकीराम कंवर का अभिवादन किया गया, इसकी पुष्टि खुद कलेक्टर करें और सार्वजनिक करें। मुझे नोटिस जारी करने से पहले कलेक्टर स्वयं ननकीराम कंवर के बयान का अवलोकन करें और उसके बाद मुझे नोटिस देते, तो अच्छा होता। ननकीराम कंवर का बयान और वीडियो वायरल हो रहा है, उनके बयान का अवलोकन करें और स्वयं तय करें कि उनका अभिवादन किया गया कि वे अपमानित हुए।
नोटिस का जवाब दिया जाएगा
जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि कलेक्टर के नोटिस का जवाब दिया जाएगा।
मुझे नोटिस देने से पहले मीडिया को पहुंच गया नोटिस
जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि मीडिया में कलेक्टर का नोटिस पहले प्रकाशित हो गया, जबकि उक्त नोटिस मुझे अखबारों में समाचार प्रकाशित होने के बाद शाम को प्राप्त हुआ। मैंने रायपुर प्रवास के दौरान इस तरह के नोटिस के बारे में जाना, जब मीडिया का फोन आया और दूसरे दिन सुबह अखबारों में देखा।
ये रहा मामला


उक्त फोटो को जयसिंह अग्रवाल के फेसबुक में पोस्ट किया गया था, जिस पर कलेक्टर ने जयसिंह अग्रवाल को नोटिस जारी किया और उक्त फोटो को डिलीट करने का निर्देश जारी किया। यह भी कहा गया कि उक्त फोटो को डिलीट करें, नहीं तो आदिवासियों के खिलाफ आक्रोश भड़काने के मामले में कार्यवाही की जाएगी, जिस पर जयसिंह अग्रवाल ने पत्रकारवार्ता लेकर अपनी मंशा जाहिर की और कहा कि वे जनसेवक हैं और कलेक्टर को निर्देश देने का अधिकार नहीं है।
पत्रकारवार्ता के दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्षद्वय मनोज चौहान, नत्थूलाल, पूर्व अध्यक्ष सपना चौहान, कोरबा शहर महिला अध्यक्ष कुसूम द्विवेदी, विकास सिंह, पूर्व महापौर राजकिशोर प्रसाद, निगम में नेताप्रतिपक्ष कृपाराम साहू, मुकेश राठौर, प्रदीप राय, दर्शनसिंह मानिकपुरी, मानक साहू, राजेंद्र तिवारी, गोपाल कुर्रे, प्राणनाथ मिश्रा, सुरेश अग्रवाल सहित कई कांग्रेस नेता एवं नेत्री उपस्थित रहे।

निर्मल सिंह राज ने भी मामले को गंभीर बताया, कहा- राज्यपाल के कोरबा दौरे में पूर्व मंत्री व वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर के साथ दुर्व्यवहार प्रोटोकॉल व्यवस्था की खुली पोल


छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका के दो दिवसीय कोरबा प्रवास के दौरान एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय घटना सामने आई, जिसने न केवल छत्तीसगढ़ की राजनीतिक मर्यादा को चोट पहुंचाई, बल्कि प्रोटोकॉल व्यवस्था की पोल भी खोल दी।
अध्यक्ष आदिवासी कांग्रेस कोरबा निर्मल सिंह राज ने एक वरिष्ठ आदिवासी नेता का प्रशासनिक तौर पर हुए अपमान को गंभीरता से लेते हुए विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि भाजपा के वरिष्ठतम आदिवासी नेता, अविभाजित मध्यप्रदेश एवं पृथक छत्तीसगढ़ में मंत्री रह चुके ननकीराम कंवर जब क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं को लेकर राज्यपाल से मिलने पहुंचे और एक ज्ञापन सौंपा, तब उन्हें बैठने तक की अनुमति नहीं दी गई। यह घटना उस समय और भी अधिक शर्मनाक हो जाती है जब प्रोटोकॉल की अवमानना करते हुए प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के चलते भाजपा की ही सरकार में, भाजपा के ही वरिष्ठ नेता के साथ होता है।
ननकीराम कंवर न केवल भाजपा के आधार स्तंभों में से एक हैं, बल्कि उन्होंने जीवनभर आदिवासी समाज की बेहतरी और भाजपा की विचारधारा के लिए कार्य किया है। आज जब उसी पार्टी की सरकार में उन्हें नजर अंदाज किया जाता है, तो यह भाजपा की कथनी और करनी के बीच गहरे अंतर को उजागर करता है। एक प्रमुख समाचार पत्र में खबर के साथ प्रकाशित फोटो को देखने पर साफ पता चलता है कि राज्यपाल के साथ कोरबा जिला प्रशासन प्रमुख भी बैठे हैं, जो न तो स्वयं ननकीराम के सम्मान में खड़े होते हैं और न ही उनको बैठने के लिए बोलते हैं। ऐसे समय में प्रोटोकॉल क्या होना चाहिए, यह तो कोरबा जिला प्रशासन प्रमुख को भलीभांति पता होगा। इसमें संदेह नहीं, लेकिन उन्होंने इसकी कोई परवाह नहीं की।
निर्मल राज ने उक्त घटना पर दु:ख प्रकट करते हुए कहा कि यह घटना इस सवाल को जन्म देती है कि क्या यही है प्रदेश सरकार का आदिवासी सम्मान मॉडल? आखिर वह कौन-सी भाजपा है, जो अपने संघर्षशील नेताओं तक को नजर अंदाज कर रही है? क्या यह उदाहरण यह नहीं दर्शाता कि भाजपा की प्राथमिकता में आदिवासी समाज केवल एक वोट बैंक बनकर रह गया है? यह अपमान न केवल एक नेता का है, बल्कि पूरे आदिवासी समाज की अवहेलना है। जनता और आदिवासी समुदाय इस प्रकार की घटनाओं को न भूलेगा, न माफ करेगा।

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कोरबा

कैदियों की सुविधों, स्वास्थ्य और विधिक सहायता की हुई गहन समीक्षा

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कोरबा। न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने एवं बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से संतोष शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में जिला जेल कोरबा का सघन निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल में निरूद्ध कैदियों की स्थिति, उन्हें उपलब्ध करायी जा रही मूलभूत सुविधाओं की गुणवत्ता तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से दी जा रही सेवाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था। निरीक्षण के दौरान बोर्ड सदस्यों ने जेल परिसर के विभिन्न हिस्सों का बारीकी से अवलोकन किया। उसमें कौदियों के बैरक, रसोईघर, स्वास्थ्य केन्द्र, स्वच्छता व्यवस्था तथा अन्य सामान्य उपयोग के स्थान शामिल रहे। अधिकारियों ने कौदियों से प्रत्यक्ष संवाद कर उसी समस्याओं आवश्यकताओं एवं दैनिक दिनचर्या की जानकारी प्राप्त की। भोजन की गुणवत्ता, पोषण मानकों, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, दवाईयों एवं चिकित्सकों की उपस्थिति, शिक्षा कर्यक्रमों जैसी गतिविधियों का भी आकलन किया गया। जेल लीगल एड क्लीनिक की कार्यप्रणाली की भी जांच की गयी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैदियों को समय पर और सरल रूप से कानूनी सहायता प्राप्त हो रही है। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा के अध्यक्षता में जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि कैदियों के लिए स्वच्छ वातावरण, पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थय परीक्षण एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं बिना किसी व्यवधान के सुनिश्चित की जाए। वहींं निरीक्षण के दौरान 17 महिला एवं 189 पुरूष बंदी जेल में रहे। इस संयुक्त निरीक्षण में सुश्री मयुरा गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कु. त्राप्ति कु. ग्रेसी – न्यायिक मजिस्टेट, प्रथम श्रेणी, ओमप्रकाश यादव- अपर कलेक्टर कोरबा, नीतिश िसह ठाकुर- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, विजय लक्ष्मी- लोक निर्माण विभाग, सी.के. सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी,  तामेश्वर उपाध्याय- जिला शिक्षा अधिकारी,  दिपेश भारती रोजगार अधिकारी, विनय कुमार उद्योग अधिकारी, मुकेश कुमार वेलफेयर अधिकारी एवं समाज कल्याण विभाग से उपसंचालक हरीश सक्सेना उपस्थित रहे।

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कोरबा

ईएमटी पद हेतु अनंतिम मेरिट सूची जारी

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दावा आपत्ति 31 दिसंबर तक आमंत्रित

कोरबा। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा के द्वारा जिला खनिज न्यास मद अंतर्गत 102 महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस हेतु इमरजेन्सी मेडिकल टेक्नीशियन ;ईएमटी के 14 पदों हेतु पात्र/अपात्र सूची प्रकाशन कर दिनांक 28.11.2025 को सायं पांच बजे तक दावा आपत्ति आमंत्रित की गई थी।
कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कोरबा से प्राप्त जानकारी अनुसार दावा आपत्ति निराकरण पश्चात् दावा अपत्ति निराकरण सूची एवं अंनंतिम मेरिट सूची कार्यालयीन सूचना पटल पर चस्पा तथा कोरबा जिले के शासकीय वेबसाईट www.korba.gov.in  मे सर्व संबंधितों के अवलोकनार्थ एवं दावा आपत्ति हेतु अपलोड़ कर दिया गया है। अनंतिम मेरिट सूची के समस्त कॉलमों का उम्मीद्वारों द्वारा सूक्ष्म अवलोकन कर दावा आपत्ति कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा में 31 दिसंबर 2025 समय 5ः00 बजे तक मय आवश्यक दस्तावेज सहित प्रस्तुत कर सकते हैं।

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कोरबा

26 दिसम्बर को मनाया जाएगा वीर बाल दिवस

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स्कूल कॉलेजों में  विद्यार्थियों को सम्मिलित कर विविध गतिविधियां होंगी आयोजित

कोरबा। भारत सरकार द्वारा 26 दिसम्बर को दसवें सिक्ख गुरु गोविन्द सिंह  के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहादत को राष्ट्रीय दिवस घोषित करते हुए 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया है। उक्त शहादत दिवस के अवसर पर जिला स्तर पर विद्यालयों/महाविद्यालयों में विविध गतिविधियों का आयोजन करने के निर्देश दिए गए है। स्कूल -कॉलेज  के विद्यार्थियों को सम्मिलित करते हुए बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह के  शहादत की स्मृति में भाषण प्रतियोगिता सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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