विदेश
जापान के भूकंप में अब तक 48 की मौत
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1 year agoon
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Divya Akash
1 लाख लोगों ने घर छोड़ा, 200 इमारतें जलीं, 140 आफ्टरशॉक्स के बीच रेस्क्यू जारी

जापान। जापान के इशिकावा में नए साल के पहले दिन 7.6 की तीव्रता का भूकंप आया। जापान टुडे के मुताबिक इससे अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है, वहां 140 आफ्टरशॉक भी दर्ज किए गए हैं। इनकी तीव्रता 3.4 से 4.6 के बीच रही है। इस बीच सुरक्षाकर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। इशिकावा में भूकंप से कई जगहों पर आग लग गई। इससे 200 इमारतें जलकर खाक हो चुकी हैं। 32,500 घरों में बिजली नहीं है। यहां एक और भूकंप की चेतावनी जारी की गई है।
लोगों को बचाने के लिए समय कम
प्रधानमंत्री फुमिया किशिदा ने कहा है कि भूकंप में मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। किशिदा ने कहा कि जगह-जगह आग लगी है, लोग इमारतों के नीचे दबे हैं। समय कम है और ज्यादा लोगों की जान बचानी है। जापान के रक्षा मंत्री के मुताबिक मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए एक हजार सैनिक तैनात किए गए हैं। 8 हजार से ज्यादा सैनिकों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। इशिकावा में 19 अस्पतालों में भी बिजली नहीं होने की वजह से लोगों के इलाज में परेशानी आ रही है। जापान के मीडिया हाउस NHK के मुताबिक वाजिमा शहर में 14 लोग इमारतों के नीचे दबे हैं। उन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। वाजिमा शहर में भूकंप से 25 इमारतें तबाह हो चुकी हैं।
एक लाख लोगों को घर छोडऩा पड़ा
भूकंप प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद करने के लिए जापान की सेल्फ डिफेंस फोर्स के 10 हजार कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। एसडीएफ को सबसे पहले नोटो इलाके में भेजा जाएगा। सोमवार रात जापान की सरकार ने एक लाख लोगों को घर खाली करने के आदेश दिए थे। इन्हें सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है। हालांकि सुनामी की चेतावनी वापस लिए जाने के बाद काफी लोग अपने घर लौट रहे हैं।
6 दिन पहले ही हटाया था न्यूक्लियर प्लांट पर बैन
जापान में सोमवार को आए भूकंप से 6 दिन पहले यानी 27 दिसंबर को ही दुनिया के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट काशिवाजाकी कारिवा पर लगा बैन हटा था। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को जब भूकंप आया तो इसके टॉप फ्लोर के रिएक्टर नंबर 7 और रिएक्टर नंबर 2 पर रेडियोएक्टिव मैटीरियल बहने लगा था। हालांकि बाद में बताया गया कि प्लांट पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। दरअसल, 2011 में जापान में ईस्ट पेनिनसुला ओशिका से 70 किलोमीटर दूर 9 तीव्रता वाला भूकंप आया था। इसके करीब 20 मिनट बाद सुनामी आ गई थी। इस दौरान 15 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसके बाद सुनामी की लहरें फुकुशिमा दाइची न्यूक्लियर प्लांट में पहुंच गई थीं। समुद्र का खारा पानी घुसने से रिएक्टर पिघलने लगे और धमाके होने लगे थे। प्लांट से भारी मात्रा में रेडियोएक्टिव मैटीरियल लीक होने लगा था, जिसके बाद जापान में इसे बंद कर दिया गया था। इसके बाद जापान में सभी तरह के न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के ऑपरेशन पर बैन लगा दिया गया था।
1400 लोग बुलेट ट्रेन में फंसे
जापान के सरकारी मीडिया हाउस NHK के मुताबिक नोटो में 500 लोग पार्किंग में गाडिय़ों में फंसे हुए हैं। वहीं, वेस्ट जापान रेलवे कॉर्पोरेशन के मुताबिक 1400 लोग बुलेट ट्रेन्स में 11 घंटों से फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने ट्रैक चेक करने के लिए होकुरिकू शहर से तोयामा के बीच बुलेट ट्रेन रोक दी थीं। हालांकि कुछ ट्रेन फिर से चालू की गई हैं। जापान में भूकंप के बाद कई ट्रेन, फ्लाइट रद्द कर दी गई हैं। नोटो इलाके में सबसे ज्यादा तबाही मची है। यहां एयरपोर्ट के रनवे, टर्मिनल और एक्सेस रोड को काफी नुकसान पहुंचा है। इसके चलते यहां से सारी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
जापान के राजा ने नए साल का कार्यक्रम रद्द किया
नए साल पर जापान के राजा नारुहितो अपने परिवार के साथ टोक्यो में नए साल के कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे। हालांकि इशिकावा के भूकंप पीडि़तों के प्रति सहानुभूति जताते हुए यह कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। दरअसल, हर साल जापान का शाही परिवार राजमहल की बालकनी में आकर लोगों को नए साल की शुभकामनाएं देता है। ये रिवाज सालों से चला आ रहा है।
भारतीय दूतावास ने इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया

भारतीय दूतावास ने भूकंप पीडि़तों की मदद के लिए इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया है। सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म एक्स पर दी गई जानकारी के मुताबिक कोई भी शख्स यहां आकर मदद मांग सकता है। इससे पहले दूतावास ने ई-मेल आईडी और नंबर भी जारी किए थे। ये इस तरह हैं + 81-80-3930-1715, + 81-70-1492-0049, + 81-80-3214-4734, + 81-80-6229-5382, + 81-80-3214-4722।
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ये है दुनिया का सबसे अमीर देश, जहां हर सातवां शख्स पार कर चुका है करोड़ों का आंकड़ा
Published
4 hours agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
नई दिल्ली/स्विट्जरलैंड,एजेंसी। दुनिया में लगभग 195 देश हैं और हर देश की अपनी अनूठी पहचान है। कोई अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है तो कोई अपनी तकनीकी प्रगति के लिए। इसी तरह कुछ देश बेहद समृद्ध हैं तो कुछ गरीबी से जूझ रहे हैं। जब भी दुनिया के सबसे अमीर देशों की बात आती है तो आमतौर पर हमारे दिमाग में अमेरिका, चीन और जापान जैसे बड़े नाम आते हैं जिनकी अर्थव्यवस्थाएँ वैश्विक स्तर पर सबसे मजबूत मानी जाती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तव में दुनिया का सबसे अमीर देश कौन सा है?
यूरोप का यह छोटा सा देश है सबसे अमीर
हम जिस देश की बात कर रहे हैं वह यूरोप में बसा एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत देश है – स्विट्जरलैंड। यह देश अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है और यही कारण है कि हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक यहाँ घूमने आते हैं। दुनिया के चुनिंदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन में यह लोगों की पहली पसंद है। इतना ही नहीं दुनिया के सबसे अमीर देशों की सूची में भी स्विट्जरलैंड का अपना एक अलग और ऊँचा स्थान है।
हर 7वां व्यक्ति करोड़पति, अमेरिका भी पीछे
आँकड़ों की मानें तो स्विट्जरलैंड में हर 7वां व्यक्ति करोड़पति है और बेहद लग्जरी लाइफ जीता है। यहाँ की प्रति व्यक्ति आय (per capita income) भी दुनिया के कई विकसित देशों से कहीं अधिक है। अमीरी के मामले में इस छोटे से देश ने अमेरिका जैसे आर्थिक महाशक्ति को भी पीछे छोड़ दिया है।
- निवेशी सोच: यहाँ की अमीरी का सबसे बड़ा कारण यहाँ के लोगों की निवेशी सोच है। स्विट्जरलैंड के लोग पैसे की बचत से कहीं ज़्यादा निवेश पर ज़ोर देते हैं। यहाँ का हर व्यक्ति अपनी कमाई का केवल 20 से 30 फीसदी हिस्सा ही बचत के लिए रखता है जबकि शेष राशि को वह विभिन्न जगहों पर निवेश कर देता है। यह दीर्घकालिक वित्तीय वृद्धि में सहायक होता है।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: इस देश की अमीरी का दूसरा सबसे बड़ा कारण शिक्षा है। यहाँ के लोग बच्चों की अच्छी शिक्षा पर काफी पैसा खर्च करते हैं। हालाँकि यह शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने के लिए नहीं होती बल्कि कौशल विकास पर इसका विशेष ध्यान होता है। यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक बाज़ार की ज़रूरतों के अनुसार कुशल और रोज़गार योग्य बनें जिससे उच्च आय अर्जित करने की क्षमता बढ़ती है।
इस प्रकार निवेश-केंद्रित संस्कृति और उच्च-गुणवत्ता वाली कौशल-आधारित शिक्षा ने मिलकर स्विट्जरलैंड को दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में से एक बना दिया है।

देश
जंग के बीच इजराइल ने हथियार बिक्री में की ताबड़तोड़ कमाई, होश उड़ा देगा रूस का रिकार्ड
Published
5 hours agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
नई दिल्ली,एजेंसी। दुनिया में चल रही 2 जंगों रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास लड़ाई ने अप्रत्याक्षित नतीजों से हैरान कर दिया है। 2024 का साल इजराइल के लिए जहां एक ओर युद्ध का साल रहा, वहीं दूसरी ओर उसकी हथियार अर्थव्यवस्था के लिए ‘बंपर मुनाफे’ वाला। वैश्विक आलोचना, गाजा युद्ध, लेबनान और सीरिया में संघर्ष के बावजूद इजराइल ने इस साल रिकॉर्ड 14.8 अरब डॉलर के हथियार बेचे जिससे वह हथियार बाजार में कई देशों से आगे निकल गया। दूसरी तरफ, रूस जो कभी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक था 92% गिरावट के साथ इस रेस में पिछड़ गया है।
इजराइल की बंपर कमाई, रूस की जबरदस्त गिरावट
इजराइल के रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में डिफेंस एक्सपोर्ट्स में 13% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2023 में जहां निर्यात 13 अरब डॉलर था, वहीं 2024 में यह 14.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया । इस बीच जेम्सटाउन फाउंडेशन ने बताया कि रूस की हथियार बिक्री 2019-2023 के बीच आधी हो गई और 2021 से 2024 के बीच 92% तक गिर गई, जैसा कि ।
यूरोप बना इजराइल का सबसे बड़ा खरीदार
2024 में इजराइल की 54% हथियार बिक्री यूरोप को हुई, जो 2023 में 35% थी। सबसे बड़ी डील हुई जर्मनी के साथ Arrow-3 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए 3.8 अरब डॉलर का सौदा था , जिसने यूरोप में इजराइली तकनीक के लिए दरवाजे खोल दिए। यूरोपीय देश अब रूस की जगह इजराइल से हथियार ले रहे हैं ताकि अपनी सुरक्षा और सैन्य क्षमता को मजबूत किया जा सके।
भारत और एशिया में इजराइल की पकड़ मजबूत
- भारत ने 2020-2024 के बीच अपने कुल हथियार आयात का 13% हिस्सा इजराइल से खरीदा ।
- फिलीपींस ने अपने 27% हथियार इजराइल से मंगवाए।
- अरब देशों में भी इजराइल की पैठ बढ़ी जहां 2023 में इसकी बिक्री 3% थी, 2024 में यह 12% हो गई ।
- मोरक्को,अबू धाबी जैसे देशों ने इजराइल से उपग्रह तक खरीद लिए हैं।
कौन से हथियार सबसे ज्यादा बिके? इजराइल के निर्यात में सबसे ज्यादा मांग रही:
- मिसाइल, एयर डिफेंस सिस्टम्स और रॉकेट्स-कुल निर्यात का 48%
- बख्तरबंद गाड़ियां -9%
- मानवयुक्त विमान – 8%
- साइबर व इंटेलिजेंस सिस्टम- 4%
- ड्रोन और UAVs – 1%
हालांकि ग्लोबल मार्केट में इजराइल की हिस्सेदारी सिर्फ 3.1% है, लेकिन उसकी ग्रोथ रेट सबसे तेज़ मानी जा रही है।गाजा, सीरिया, लेबनान जैसे कई मोर्चों पर लड़ने के बावजूद इजराइल ने न केवल अपनी सुरक्षा को बनाए रखा, बल्कि दुनियाभर में हथियार बेचकर भारी मुनाफा कमाया । इसके मुकाबले, रूस युद्ध में उलझा रह गया और उसका हथियार बाजार लगातार सिकुड़ता जा रहा है।

विदेश
अमेरिका में विरोध की आग! आंसू गैस और गिरफ्तारियों से बवाल, ट्रंप ने LA में 2000 सैन्य जवान किए तैनात
Published
6 hours agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
वाशिंगठन,एजेंसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लॉस एंजिलिस में विरोध प्रदर्शनों को काबू करने के लिए ‘कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड’ के 2,000 जवानों को तैनात करने का आदेश दिया है जबकि गवर्नर ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है। लॉस एंजिलिस में संघीय आव्रजन अधिकारियों ने आव्रजन नियमों के उल्लंघन को लेकर शुक्रवार को 44 लोगों को गिरफ्तार किया जिसके बाद एक संघीय हिरासत केंद्र के बाहर उस समय झड़प हुई जब इस कार्रवाई का विरोध करने जुटे लोगों को तितर-बितर करने के लिए अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागे।
अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने शनिवार को एक बयान में कहा कि ट्रंप कैलिफोर्निया में ‘‘बढ़ती अराजकता से निपटने के लिए” ‘कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड’ के जवानों को तैनात कर रहे हैं। कैलिफोर्निया के गवर्नर एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता गैविन न्यूसम ने इस कदम पर आपत्ति जताई और ‘एक्स’ पर एक ‘पोस्ट’ साझा करते हुए कहा कि रिपब्लिकन पार्टी के नेता एवं राष्ट्रपति ट्रंप का यह कदम ‘‘जानबूझकर भड़काने वाला है और इससे केवल तनाव बढ़ेगा।” न्यूसम ने कहा, ‘‘यह मिशन अनुचित है और इससे जनता का भरोसा खत्म हो जाएगा।”



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