छत्तीसगढ़
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक हुई सम्पन्न, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु विभागों को दिए गए कड़े निर्देश
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2 months agoon
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Divya Akashरायपुर। छत्तीसगढ़ परिवहन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन के सभा कक्ष में छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक सम्पन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में उप मुख्यमंत्री अरूण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, विधायक अनुज शर्मा, सचिव सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. कमलप्रीत सिंह, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता, प्रमुख अभियंता वी.के. भतपहरी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं परिषद के सदस्य उपस्थित रहे। बैठक के प्रारंभ में सचिव परिवहन विभाग एस. प्रकाश ने उपस्थित अधिकारियों का स्वागत करते हुए पूर्व बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। इसके पश्चात् संजय शर्मा, अध्यक्ष अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) ने विभागवार समीक्षा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 के जनवरी से अगस्त तक प्रदेश में कुल 10,431 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.23% अधिक है। घायलों की संख्या 9,132 रही जो 8.64% की वृद्धि को दर्शाती है, वहीं 4,770 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई जो 2.51% अधिक है। वहीं मंत्री कश्यप ने इस चिंताजनक वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी संभागायुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों और विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जनसंख्या के आधार पर दुर्घटनाओं का तुलनात्मक विश्लेषण करें तथा रोकथाम हेतु ठोस कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों द्वारा दुर्घटनाओं में कमी लाने के सफल उपायों को छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूली, कॉलेज एवं कोचिंग संस्थानों में छात्र केवल हेलमेट पहनकर ही प्रवेश करें। हाईवे और रिंग रोड पर बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में यह तथ्य सामने आया कि राज्य के 33 जिलों में जिला सड़क सुरक्षा समितियों की 264 निर्धारित बैठकों के मुकाबले केवल 108 बैठकें आयोजित हुईं, जिसे मंत्री ने गंभीरता से लेते हुए फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक प्रत्येक माह अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए और बैठक की जानकारी MORTH पोर्टल पर अपलोड कर समीक्षा सुनिश्चित की जाए। प्रदेश में सड़क सुरक्षा प्रवर्तन कार्यों के अंतर्गत पुलिस विभाग ने जनवरी से अगस्त 2025 के दौरान 6,03,283 प्रकरणों में 26.95 करोड़ रुपए का शमन शुल्क वसूला, वहीं परिवहन विभाग ने 5,55,666 चालानी प्रकरणों से 115.54 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त की। पुलिस विभाग की यह कार्रवाई पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक रही। राज्य में वर्ष 2019 से अब तक चिन्हित 1000 ब्लैक स्पॉट में से 887 का सुधार कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जबकि 113 स्थानों पर कार्य शेष है। मंत्री ने शेष ब्लैक स्पॉटों के सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखकर जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार 4273 चिन्हित जंक्शनों में से 3148 का सुधार कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 1125 स्थानों पर कार्य प्रगति पर है। बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि ट्रक ले-बाय के 55 में से 42 पूर्ण हो चुके हैं, बस ले-बाय के 558 में से 374 तैयार हैं तथा 11 में से 7 रेस्ट एरिया कार्य पूर्ण हैं। मंत्री ने निर्देश दिए कि शेष कार्यों को तत्काल गति दी जाए।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के त्वरित उपचार हेतु ट्रामा सेंटर्स और एम्बुलेंस सुविधाओं की जानकारी दी गई। रायपुर और सिमगा में ट्रामा स्टेब्लाइजेशन सेंटर प्रारंभ हो चुके हैं जबकि अन्य केंद्र निर्माणाधीन हैं। मंत्री ने निर्देश दिए कि शेष केंद्रों को शीघ्र प्रारंभ किया जाए और सड़क दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस इलाज योजना के तहत तत्काल लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। शिक्षा विभाग ने बताया कि सड़क सुरक्षा विषयक सामग्री को पहली से दसवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में संशोधित कर आगामी सत्र 2025-26 से लागू करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। मंत्री ने स्कूलों में निबंध, वाद-विवाद, चित्रकला, क्विज, रैली और नुक्कड़ नाटक जैसे जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। सड़क सुरक्षा माह के दौरान NSS] NCC और भारत स्काउट-गाइड के स्वयंसेवकों को जन-जागरूकता अभियानों में शामिल करने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में बताया गया कि ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के माध्यम से अब तक 32,326 लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और राज्य के आठ स्थानों पर ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर संचालित हैं, जहां अब तक 1,97,295 वाहनों का परीक्षण किया गया। मंत्री ने निर्देश दिए कि नए वाहन विक्रेता प्रशिक्षण के बाद ही वाहन विक्रय करें और यातायात नियम तोड़ने वालों के लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही वाहनों में स्पीड लिमिट डिवाइस और डैशबोर्ड कैमरा की जांच नियमित रूप से की जाए। नगरीय प्रशासन विभाग के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया गया और शेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। मंत्री ने कहा कि iRAD और eDAR पोर्टल में एंट्री समय पर नहीं हो रही है, इसे सभी विभाग गंभीरता से लेकर समाधान करें। स्वास्थ्य विभाग से अपेक्षा की गई कि वह अपने पेशेंट एंट्री रजिस्टर को इस पोर्टल से जोड़े।
बैठक के अंत में मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सड़क सुरक्षा परिषद का उद्देश्य विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर दुर्घटनाओं में कमी लाना है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के चार स्तंभ अभियांत्रिकी, प्रवर्तन, शिक्षा/जनजागरूकता और आकस्मिक उपचार के बीच तालमेल को और सशक्त बनाया जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि रिक्त पदों पर संविदा नियुक्तियां शीघ्र की जाएं, जिला सड़क सुरक्षा समितियों की बैठकें नियमित रूप से हों, प्रत्येक विभाग सड़क सुरक्षा पर ठोस कार्ययोजना बनाकर हर माह रिपोर्ट प्रस्तुत करे और मुख्यमंत्री द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की व्यक्त चिंता का पालन अनिवार्यतः किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं, वहां के कलेक्टर व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करें और कारणों का विश्लेषण कर रोकथाम के उपाय सुनिश्चित करें। ब्लैक स्पॉटों के सुधार कार्यों से हुई प्रगति की जानकारी अगली बैठक में प्रस्तुत की जाए।
अंत में मंत्री ने जनता से अपील की कि सड़कें सबकी हैं, सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा यातायात नियमों का पालन करें, संयम से वाहन चलाएं, मोबाइल पर बात करते या नशे की हालत में वाहन न चलाएं। हेलमेट और सीट बेल्ट का सदैव उपयोग करें। किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करें, क्योंकि सड़क सुरक्षा मितान का सम्मान सरकार करेगी।
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छत्तीसगढ़
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद शुक्ल को अंतिम विदाई:बेटे ने दी मुखाग्नि, सीएम ने कांधा दिया, अंतिम यात्रा में विश्वास भी शामिल हुए
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8 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल का 88 वर्ष की आयु में मंगलवार शाम निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में हुआ। बेटे शाश्वत ने उन्हें मुखाग्नि दी, जबकि मुख्यमंत्री साय ने पार्थिव शरीर को कांधा दिया। अंतिम यात्रा में कुमार विश्वास भी शामिल हुए। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
बता दें कि शुक्ल को एक महीने पहले ही भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर दुख जताया और कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। हिन्दी साहित्य में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
शुक्ल की अंतिम विदाई की तस्वीरें …

विनोद कुमार शुक्ल पंचतत्व में विलीन हुए। रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार।

अंतिम संस्कार की रस्में निभाकर बेटे शाश्वत गोपाल ने मुखाग्नि दी।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद कुमार शुक्ल को अंतिम विदाई दी गई।

सीएम साय ने भी विनोद कुमार शुक्ल के पार्थिव देह को कांधा दिया।

शुक्ल के अंतिम यात्रा में मशहूर कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए।
छत्तीसगढ़
लॉरेंस-बिश्नोई से जुड़े गैंगस्टर मयंक को रायपुर लाई पुलिस:4 दिन की रिमांड मिली,झारखंड की जेल में बंद था, कारोबारी पर फायरिंग का है आरोपी
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9 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस रायपुर पहुंची। गैंगस्टर को झारखंड से रायपुर लाने के दौरान दोनों राज्यों के 15 अधिकारी साथ रहे। मयंक सिंह को पुलिस ने रायपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने मयंक को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। 27 दिसंबर को मयंक सिंह को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बता दें कि 23 दिसंबर की रात 10 बजे गैंगस्टर मयंक को लेकर पुलिस झारखंड से निकली थी, जो 14 घंटे बाद रायपुर पहुंची। कोर्ट ने गैंगस्टर के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। मयंक सिंह अमन साव गैंग का सदस्य है। इसके साथ ही उसके लॉरेंस बिश्नोई से भी संबंध है।
मयंक पर रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चलवाने का आरोप है। फिलहाल, वह झारखंड की जेल में बंद था, जहां दर्ज मामलों के चलते उसे न्यायिक हिरासत में रखा गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस की नजर भी उस पर बनी हुई थी। क्योंकि राज्य में भी मयंक के खिलाफ कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर रायपुर पहुंची पुलिस।

गैंगस्टर मयंक सिंह को रायपुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।

जुलाई 2024 पीआर ग्रुप के ऑफिस में आरोपियों ने गोली चलाई थी।
कारोबारी के दफ्तर पर चलाई थी गोली
जुलाई 2024 में रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चली थी। इसका CCTV भी सामने आया था। बाइक सवार आरोपी ने 2 बार फायरिंग की थी, जिसमें एक हवा में और दूसरी गोली कार पर की गई थी। आरोप है कि मयंक सिंह ने यह गोली चलवाई थी, वह इस घटना का मुख्य आरोपी है।

गैंगस्टर मयंक सिंह।
लॉरेंस बिश्नोई से है संबंध
मयंक सिंह को गैंगस्टर अमन साव का करीबी माना जाता रहा है, जबकि चर्चा ये भी है कि वह लॉरेंस बिश्नोई के बचपन का दोस्त है। हाल ही में उसे इंटरपोल की मदद से अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है।
झारखंड का यह पहला मामला है, जिसमें किसी गैंगस्टर को विदेश से प्रत्यर्पण कर देश वापस लाया गया हो। रांची एयरपोर्ट से जेल तक उसे बख्तरबंद वाहन में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया था।
45 से अधिक केस है दर्ज
पुलिस के अनुसार, मयंक सिंह पर हत्या, रंगदारी, धमकी, फायरिंग और आपराधिक साजिश जैसे करीब 45 से अधिक छोटे-बड़े मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय तक विदेश में रहकर अपने नेटवर्क का संचालन कर रहा था।
जानकारी ये भी है कि मयंक सिंह ने उद्योगपतियों, कारोबारियों और नेताओं से भी रंगदारी मांगी थी। राजस्थान में एक कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री से रंगदारी भी वह मांग चुका है। अमन साव गैंग से उसके गहरे संबंध रहे हैं। अमन साव का पहले ही एनकाउंटर हो चुका है, ऐसे में मयंक सिंह को पुलिस इस नेटवर्क की अहम कड़ी मान रही है।
डंकी रुट से गया था विदेश
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मयंक सिंह डंकी रूट के जरिए विदेश पहुंचा था। पहले सिंगापुर, फिर ईरान, मेक्सिको होते हुए अमेरिका तक गया और वहीं से गैंग का संचालन करता रहा। अब उसके प्रत्यर्पण के बाद पुलिस उससे अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कई अहम राज उगलवाने की तैयारी में है।

पुलिस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मीडिया को ई-मेल करके बताया था टारगेट
16 जून 2024 को छत्तीसगढ़-झारखंड के कोल और कंस्ट्रक्शन कारोबारियों को मारने आए आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मयंक सिंह ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को एक धमकी भरा ई-मेल भेजा है। इसमें उसने गिरफ्तारी को षड्यंत्र बताया था। साथ ही रंगदारी मांगने की बात से इनकार करते हुए ईगो हर्ट करने की बात कही थी।
वहीं मेल में बदला लेने की धमकी दी गई थी। गैंगस्टर ने कहा था कि, कारोबारियों के परिवार से एक आदमी कम करेंगे। मेल को लेकर रायपुर SSP ने जांच कराने की बात कही थी।
छत्तीसगढ़
मॉब लिंचिंग केस…30 लाख मुआवजा देगी केरल सरकार:मजदूर को बांग्लादेशी बताकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था, छत्तीसगढ़ में 5 लाख की मदद
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9 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर राम नारायण (40) को केरल में भीड़ ने 17 दिसंबर को बांग्लादेशी समझकर पीट-पीटकर मार डाला था। जिसे लेकर परिवार ने 25 लाख रुपए मुआवजा मांगा था। केरल सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 लाख मुआवजा देने की बात कही है।
इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का मानना है कि महिलाओं समेत करीब 15 आरोपी हैं। आशंका है कि बाकी संदिग्ध कथित तौर पर शुरुआती जांच में चूक के कारण राज्य छोड़कर भाग गए हैं। वहीं, बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में पैतृक गांव में राम नारायण बघेल का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
कांग्रेस ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की थी। इसके अलावा, केरल के मंत्री एमबी राजेश ने कहा था कि 4 आरोपी RSS परिवार के कार्यकर्ता हैं। मजदूर पूरे देश में संघ परिवार की तरफ से फैलाई गई नफरत की राजनीति का शिकार हुआ है।

राम नारायण बघेल, जिनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

मजदूर को हाथ मुक्कों से मारने का यह वीडियो वायरल हुआ था।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 17 दिसंबर को अट्टापल्लम इलाके में स्थानीय लोगों ने छत्तीसगढ़ के सक्ती निवासी राम नारायण बघेल (31) को चोरी के शक में पकड़ा। उसकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस के मुताबिक राम नारायण नशे की हालत में थे, लेकिन उनके पास से चोरी का कोई सबूत नहीं मिला था।
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर हितेश शंकर ने बताया था कि, शरीर का कोई भी हिस्सा बिना चोट के नहीं था। राम नारायण के शरीर पर 80 से ज्यादा चोटों के निशान थे। सिर पर गंभीर चोटों के साथ खून ज्यादा बह गया, जिससे राम नारायण की मौत हो गई।
केरल पुलिस के मुताबिक मजदूर के शरीर पर चोट के बहुत ज्यादा निशान थे। दर्द से उसकी मौत हुई है। मारपीट से मजदूर की छाती से खून भी बह रहा था। शरीर में कई घाव बन गए थे। वालैयार थाने में अपराध मामला दर्ज किया गया है।

रामनारायण बघेल (40) की डेडबॉडी बुधवार को छत्तीसगढ़ लाई गई।
परिवार को नहीं दी गई थी मौत की जानकारी
राम नारायण के चचेरे भाई शशिकांत बघेल ने बताया था कि परिवार को उनकी मौत की जानकारी नहीं दी गई थी। पुलिस ने सिर्फ यह कहा कि राम नारायण थाने में हैं और तुरंत पहुंचने को कहा। बाद में पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। राम नारायण के 2 बेटे हैं, जिनकी उम्र 8 और 10 साल है।
मृतक के परिजनों ने केरल सरकार सरकार से मुआवजा देने, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और रामनारायण के शव को उसके पैतृक गांव तक पहुंचाने की मांग की थी। जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने पीड़ित परिवारों को 5 लाख आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री विष्णु देवसाय ने कहा था कि परिजनों को तत्काल केरल भेजने की व्यवस्था की गई है। मजदूर का शव आज हवाई जहाज से छत्तीसगढ़ लाया गया।

मजदूर की हत्या के बाद परिजनों ने न्याय की मांग की है।
सोशल एक्टिविस्ट जब्बार बोले- यह मॉब लिंचिंग है
वहीं सोशल एक्टिविस्ट जब्बार ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर पीटा गया। यह मॉब लिंचिंग है। पुलिस ने शुरू में बिना ठीक से जांच किए शव को वापस भेजने की कोशिश की। राम नारायण को सांप्रदायिक और नफरत भरी बातें कहकर निशाना बनाया गया। परिवार को सही मुआवजा मिलना चाहिए।

वालैयार पुलिस ने आधार कार्ड से पहचान के बाद परिजनों को सूचना दी थी।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
इस घटना पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने पलक्कड़ जिला पुलिस प्रमुख से 3 सप्ताह के भीतर डिटेल में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मजदूर की हत्या के आरोप में इन आरोपियों को किया गिरफ्तार।
पुलिस ने 7 आरोपियों को अरेस्ट किया
वालैयार पुलिस ने 18 दिसंबर को वारदात में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें मुरली, प्रसाद, अनु, बिपिन और आनंदन शामिल हैं। ये सभी अट्टापल्लम गांव के निवासी हैं। इसके बाद 2 आरोपियों को और गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि राम नारायण का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।

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