छत्तीसगढ़
भूपेश बोले- छत्तीसगढ़ में पैसा बटोरने आते हैं पं.धीरेंद्र शास्त्री:कहा- BJP के एजेंट बनकर काम कर रहे, देश छोड़ देने वाले बयान पर पलटवार
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4 hours agoon
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Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के भिलाई में चल रही पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा के दौरान उठे विवाद ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पं. धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर तीखा पलटवार किया है।
भूपेश बघेल ने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छत्तीसगढ़ में धार्मिक आयोजनों की आड़ में पैसा बटोरने आते हैं और व्यवहार में बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘जब धीरेंद्र शास्त्री पैदा भी नहीं हुए थे, तब से मैं हनुमान चालीसा पढ़ रहा हूं। वह कल का बच्चा है और हमें सनातन धर्म सिखाने चला है।’
दरअसल धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि हिंदू समाज को जोड़ना अंधविश्वास है, तो ऐसे लोगों को देश छोड़ देना चाहिए। इसी बयान के बाद सियासत हो रही है।

भूपेश बघेल बोले- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छत्तीसगढ़ में धार्मिक आयोजनों की आड़ में पैसा बटोरने आते हैं
हमें सनातन मत सीखाइए – भूपेश बघेल
भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती कबीर साहेब और गुरु घासीदास की विचारधारा से जुड़ी है। यहां की आध्यात्मिक परंपरा बहुत पुरानी है और किसी बाहरी व्यक्ति से सीखने की जरूरत नहीं है। बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि धीरेंद्र शास्त्री से उनका बेटा भी उम्र में 10 साल बड़ा है।
दिव्य दरबार पर सवाल, शास्त्रार्थ की चुनौती
भूपेश बघेल ने दिव्य दरबार को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर वहां लोग ठीक हो रहे हैं, तो फिर मेडिकल कॉलेज खोलने की जरूरत क्यों पड़ रही है। साथ ही उन्होंने आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को खुली चुनौती दी कि वे छत्तीसगढ़ के किसी भी साधु-संत से शास्त्रार्थ कर लें।

पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था- अगर हिंदू समाज को जोड़ना अंधविश्वास है, तो ऐसे लोगों को देश छोड़ देना चाहिए
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कही थी पाकिस्तान चले जाने की बात
दरअसल, भूपेश बघेल द्वारा कथावाचकों पर अंधविश्वास फैलाने के आरोपों के बाद आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि अगर हिंदू समाज को जोड़ना अंधविश्वास है, तो ऐसे लोगों को देश छोड़ देना चाहिए। इसी बयान के बाद सियासी बयानबाजी और तेज हो गई।
राम कथा के मंच से शुरू हुआ यह विवाद अब धार्मिक मुद्दे से निकलकर सीधी राजनीतिक लड़ाई बन चुका है, जिसमें दोनों पक्ष लगातार एक-दूसरे पर हमलावर हैं।
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कोरबा
कोरबा : टी.पी.नगर जोन के 05 वार्डो में होगे 02 करोड़ 28 लाख 60 हजार रू. के नए विकास कार्य
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4 hours agoon
December 27, 2025By
Divya Akashउद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन एवं महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत ने किया विकास कार्या का भूमिपूजन

कोरबा। नगर पालिक निगम कोरबा के टी.पी.नगर जोन के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्र. 18, 15, 17, 03 एवं 04 में 02 करोड़ 28 लाख 60 हजार रूपये के नए विकास कार्य कराए जाएंगे। आज नर्सरीपारा कोहड़िया, ढोढ़ीपारा भैंसखटाल तथा राताखार बजरंग चौक में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के उद्योग, श्रम, आबकारी व सार्वजनिक उपक्रम मंत्री लखनलाल देवांगन के मुख्य आतिथ्य एवं महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत की अध्यक्षता में इन विकास कार्यो का भूमिपूजन उनके करकमलों से किया गया।
नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा टी.पी.नगर जोनांतर्गत वार्ड क्र. 18 अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल कोहड़िया में 05 लाख 94 हजार रूपये की लागत से शौचालय निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 18 अंतर्गत बरपारा (छोटे नर्सरीपारा) विनय साहू के घर से नारायण घर तक 18 लाख रूपये की लागत से नाली निर्माण एवं रोड मरम्मत कार्य, वार्ड क्र. 18 कोहड़िया में 20 लाख रूपये की लागत से सामुदायिक भवन निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 18 के विभिन्न बस्तियों में 50 लाख रूपये की लागत से सी.सी. रोड व नाली निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 15 अंतर्गत स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम स्कूल कन्या साडा कोरबा में 06 लाख 30 हजार रूपये की लागत से साईकल स्टैण्ड निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 15 अंतर्गत पन्द्रह ब्लाक आंगनबाड़ी क्र. 01 पीछे 05 लाख रूपये की लागत से मंच निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 17 अंतर्गत छ.ग.रा.वि.मं.कं. 01 सुलभ से लेकर वर्षा किराना स्टोर एवं सराई पेड़़ से लक्ष्मी राठौर के घर तक 08 लाख रूपये की लागत से सी.सी. रोड एवं नाली निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 17 अंतर्गत गौठानपारा रसियन हास्टल ढोढ़ीपारा में 20 लाख रूपये की लागत से नाली, सी.सी. रोड निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 17 ढोढ़ीपारा कबीर आश्रम में 10 लाख रूपये की लागत से सामुदायिक भवन निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 17 अंतर्गत साहू खटाल ढोढ़ीपारा सब स्टेशन के पीछे 10 लाख रूपये की लागत से सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 17 ढोढ़ीपारा में शिव चबूतरा नंदू पटेल घर के पास 05 लाख रूपये की लागत से सार्वजनिक मंच निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 03 गेरवाघाट में शिव मंदिर के बगल में 05 लाख रूपये की लागत से शेड निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 03 श्री अग्रसेन महाविद्यालय दर्री रोड कोरबा के परिसर के पास 10 लाख रूपये की लागत से प्रसाधन निर्माण कार्य, नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्र. 03 इंदिरा स्टेडियम के पास स्थित 30 लाख 32 हजार रूपये की लागत से आडिटोरियम का जीर्णोद्धार एवं विकास कार्य, वार्ड क्र. 04 अंतर्गत बजरंग चौक शिव मंदिर गली राताखार में शिव मंदिर के सामने बिन्दु सिंह राजपूत के घर तक 15 लाख रूपये की लागत से सी.सी. रोड एवं नाली निर्माण कार्य तथा वार्ड क्र. 04 अंतर्गत राताखार बजरंग चौक के पास 10 लाख रूपये की लागत से सामुदायिक भवन निर्माण कार्य का भूमिपूजन उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन एवं महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत के द्वारा किया गया।
कोरबा की जनता का मुझ पर भरोसा, मेरी अमूल्य पूंजी
इस अवसर पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोरबा की देवतुल्य जनताजनार्दन का मुझ पर लगातार भरोसा एवं उनका निरंतर मिल रहा आशीर्वाद मेरी सबसे बड़ी एवं अमूल्य पूंजी है, जिसे व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। उन्होने कहा कि यहॉं के नागरिकों ने जिस आशा व विश्वास के साथ मुझे अपना आशीर्वाद दिया है, उसके लिए मैं उनका सदैव आभारी रहूॅंगा तथा मेरा निरंतर प्रयास रहेगा कि मैं उनके विश्वास पर खरा उतरू। उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने उपस्थित नागरिकों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि आप सबके आशीर्वाद से आज कोरबा के हर वार्ड में लाखों, करोड़ों रूपये के विकास कार्य हो रहे हैं तथा विगत कुछ वर्षो से विकास से पिछड़े केरबा का अब तेजी से विकास हो रहा है। मंत्री श्री देवांगन ने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रशासन देने की दिशा में अग्रसर है, सबका साथ – सबका विकास की मूलभावना के साथ हमारी सरकार कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि केन्द्र एव राज्य सरकार द्वारा किसान, मजदूर, युवा, नारी शक्ति, वरिष्ठजनों तथा समाज के सभी वर्ग के लोगों के हित में दर्जनों योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनका लाभ लाखों, करोड़ों परिवारों को मिल रहा है।
आम जनता की समस्या, मेरी अपनी समस्या है-महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत
इस अवसर पर महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोरबा की देवतुल्य जनताजनार्दन की समस्याएं मेरी अपनी समस्याएं हैं। उनके दुख-दर्द मेरे अपने दुख-दर्द हैं। मैं हमेशा इसी भावना के साथ आप सबकी सेवा करने का प्रयास कर रही हॅूं। उन्होने कहा कि कोरबा के विकास में यहॉं की जनसमस्याओं को दूर करने में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, नगरीय प्रशासन मंत्री अरूण साव और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन का लगातार मार्गदर्शन व आशीर्वाद मुझे प्राप्त हो रहा है। उन्होने कहा कि निगम क्षेत्र में प्रतिदिन बडे़ स्तर पर नए विकास कार्य प्रारंभ कराए जा रहे हैं। ढेर सारे कार्य प्रगति पर हैं तथा सैकड़ों कार्य प्रस्तावित हैं, जिन्हें शीघ्र ही प्रारंभ कराया जाएगा।
उद्योग मंत्री ने अपने महापौर कार्यकाल में बनाई थी कोरबा के विकासपुरूष की छबि – गोपाल मोदी
इस अवसर पर गोपाल मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन जब कोरबा के महापौर थे, तब उनके द्वारा बस्ती-बस्ती, गली-गली जिस तरह से विकास की बयार बहाई गई थी, उसे आज भी कोरबा के लोग याद करते हैं, निश्चित रूप से उन्होने अपने कार्यो से तत्समय में केरबा के विकासपुरूष की छबि बनाई थी, जिसे हम आज भी याद करते हैं। उन्हो´ने कहा कि अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि आज उन्ही के मार्गदर्शन में नगर निगम कोरबा में लगातार नए विकास कार्य प्रारंभ हो रहे हैं, लोगों की समस्याएं दूर हो रही हैं तथा केरबा विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
विकसित व समस्याविहीन कोरबा, हम सबका संकल्प-नरेन्द्र देवांगन
इस अवसर पर वार्ड क्र. 18 के पार्षद नरेन्द्र देवांगन ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सबका संकल्प है कि हमारा कोरबा सम्पूर्ण विकसित व समस्याविहीन शहर बने, इस दिशा में उद्योग मंत्री श्री देवांगन के मार्गदर्शन व महापौर श्रीमती राजपूत के दिशा निर्देशन में कोरबा के सभी वार्ड व बस्तियों में वहॉं के नागरिकों की मांग व आवश्यकता के अनुसार लगातार विकास कार्य कराए जा रहे हैं, जनता जनार्दन की समस्याएं दूर की जा रही हैं।
भूमिपूजन कार्यक्रमों के दौरान लक्ष्मण श्रीवास, मथुराबाई चन्द्रा, रविसिंह चंदेल, प्रेमलता बंजारे, रामकुमार साहू, ईश्वर साहू, प्रीति चौहान, प्रकाश अग्रवाल, कृष्णा द्विवेदी, श्रीधर द्विवेदी, वैभव शर्मा, नरेन्द्र पाटनवार, आकाश श्रीवास्तव, अनिल यादव, जोन कमिश्नर अखिलेश शुक्ला, सहायक अभियंता लीलाधर पटेल, सोमनाथ डेहरे, मिलाप बरेठ, पुनीराम साहू, मनोज सिंह राजपूत, दीपक गुप्ता, रवि पोर्ते, सुनीता राव, आशीष द्विवेदी, प्रवीण साहू, बलीराम, अघन पटेल, प्यारेलाल साहू, ईश्वरी महंत आदि के साथ काफी संख्या में आमनागरिकगण उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़
खैरागढ़ में आरएसएस प्रांत प्रमुख मनोहर गौशाला पहुंचे
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4 hours agoon
December 27, 2025By
Divya Akashअनुसंधान को बताया गौसेवा में दूरदर्शी पहल, प्राकृतिक और जैविक गतिविधियों की सराहना की
राजनांदगांव,एजेंसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत प्रमुख टोपलाल वर्मा ने खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले के खैरागढ़ स्थित मनोहर गौशाला का दौरा किया। उनके साथ एनिमल वेलफेयर बोर्ड छत्तीसगढ़ के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आरके सोनवाने और डॉ. उदय शंकर तिवारी भी मौजूद थे।
इस दौरान अतिथियों ने गौशाला में संचालित विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन किया। उन्होंने यहां निर्मित फसल अमृत, आसपास के वन क्षेत्र और प्राकृतिक व जैविक गतिविधियों का निरीक्षण कर कार्यों की सराहना की। अतिथियों ने निर्माणाधीन चंद्रमणि गौ चिकित्सालय एवं रिसर्च सेंटर का भी अवलोकन किया।

पशु चिकित्सक और गौसेवा कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित
उन्होंने इसे गौसेवा, पशु चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण vkSj दूरदर्शी पहल बताया। दौरे का समापन कामधेनु माता की आरती के साथ हुआ। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व डायरेक्टर बिसेसर साहू, किसान, पशु चिकित्सक और गौसेवा से जुड़े कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।
गौशाला के ट्रस्टी डॉ. अखिल जैन (पदम डाकलिया) ने बताया कि अतिथियों ने मनोहर गौशाला को देश के लिए एक आदर्श मॉडल बताया और यहां हो रहे कार्यों की सराहना की। कार्यक्रम के अंत में गौशाला प्रबंधन ने सभी अतिथियों और सहभागी किसानों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान गौसेवा, पर्यावरण संरक्षण और जैविक कृषि को बढ़ावा देने का संकल्प दोहराया गया।
छत्तीसगढ़
न्यू ईयर पर मैनपाट बना टूरिस्ट हॉटस्पॉट:पैरासेलिंग-पैरामोटरिंग से नाइट कैंपिंग तक फुल एंटरटेनमेंट, कुदरती खूबसूरती का लुत्फ उठा रहे सैलानी
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4 hours agoon
December 27, 2025By
Divya Akashसरगुजा,एजेंसी। छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में सर्दियों की छुट्टियां मनाने और नए साल का स्वागत करने के लिए रोज़ाना हज़ारों टूरिस्ट पहुंच रहे हैं। मैनपाट छत्तीसगढ़ का सबसे ठंडा पठारी इलाका है। मैनपाट की कुदरती खूबसूरती के साथ-साथ रोमांचक पैराग्लाइडिंग और पैरासेलिंग की सुविधाएं लोगों को अपनी ओर खींच रही हैं।
आप मैनपाट में नाइट कैंपिंग का भी मज़ा ले सकते हैं, जिसके लिए इस साल बड़े पैमाने पर टेंट लगाए गए हैं। पूरे मैनपाट पठार की कुदरती खूबसूरती और इसकी खूबसूरत घाटियां यहां आने वाले लोगों को रोमांचित कर देती हैं। मैनपाट में झरनों और कई खूबसूरत जगहों के साथ-साथ टाऊ की फसल भी लोगों को अपनी ओर खींचती है। हालांकि, टाऊ की ज्यादातर फसल दिसंबर के आखिर तक कट जाती है।

मैनपाट पहुंचने का मार्ग सैलानियों को करता है रोमांचित।
ऐसे पहुंचे मैनपाट की वादियों में
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से आप ट्रेन, फोर-व्हील ड्राइव और कई लग्ज़री बसों से 350 किलोमीटर का सफ़र कर अंबिकापुर पहुंच सकते हैं। मैनपाट अंबिकापुर से 40 किलोमीटर दूर है। आप सड़क के रास्ते मैनपाट पहुंच सकते हैं और मैनपाट की खूबसूरत घाटियों के रोमांचक और शानदार नज़ारों का मज़ा ले सकते हैं।
मैनपाट में तिब्बती समुदाय के कैंप भी देखने लायक हैं। सात अलग-अलग तिब्बती कैंपों में शांति के झंडे हवा में लहराते हैं, जिससे एक अनोखी शांति का एहसास होता है। बौद्ध मठ और मंदिर भी हमेशा आने वालों के लिए खुले रहते हैं।

मैनपाट में लहलहाती टाउ की फसल
रोमांचित कर रहे पैराग्लाइडिंग और पैरासेलिंग
मैनपाट में हर सीजन में सैलानी पहुंचते हैं, लेकिन सर्दियों का सीजन सबसे ज्यादा सुहाना होता है। मैनपाट छत्तीसगढ़ का सबसे सर्द पाट क्षेत्र है, जहां रात का न्यूनतम तापमान 2 डिग्री तक गिर जाता है। ठंड का मौसम मैनपाट में सैलानियों को रोमांचित करता है।
मैनपाट के सुरम्य वादियों में पहुंचने वाले सैलानियों के लिए मैनपाट के कुदारीडीह में पैरासेलिंग (पैरा-मोटर) और केसरा में पेरासेलिंग शुरू की गई है। यह सैलानियों को रोमांचित कर रहा है। समुद्र तल से 1085 मीटर की उंचाई पर बसे मैनपाट में सर्द हवाओं के बीच आसमान में गोते लगाने का आनंद सैलानी उठा रहे हैं।

रोमांचित कर रहा है पैरामोटरिंग।

पहाड़ वाले घर में सैलानी बिता सकते हैं सर्द रात।
नाइट कैंपिंग का ट्रेंड, सैलानियों के लिए पहाड़ वाला घर
मैनपाट में नाइट कैंपिंग ट्रेंड पर है। खुले आसमान के नीचे टेंट में रात गुजारना चाहते हैं तो इसके लिए मैनपाट में करीब 600 टेंट लगाए जा चुके हैं। इनमें मेहता प्वाइंट व्यू सहित कार्निवाल स्थल, कुनिया रोड में बड़ी संख्या में टेंट लगाए गए हैं। टेंट लगाने के साथ ही परिसरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। नाइट कैंपिंग के साथ सैलानी देर रात तक अलाव का आनंद लेते हुए संगीत सुन सकते हैं।
इन टेंट में रात गुजारने का शुल्क 500 से लेकर 1000 तक है। 1000 रुपए में कैंपिंग के साथ भोजन की व्यवस्था भी मिलती है। इसके साथ ही मैनपाट में होम स्टे भी शुरू किया गया है। बाहर से आने वाले सैलानी पहाड़ वाले घरों में रुक सकते हैं, जहां एक कमरे का शुल्क 1000 से 1500 रुपए तक है।

सजाए गए टेंट में नाइट कैंपिंग।
मैनपाट के ये स्थल करते हैं रोमांचित
मैनपाट पहुंचने के बाद 22 से 25 किलोमीटर की दूरी पर कई पर्यटन स्थलों तक पहुंचा जा सकता है। सभी स्थलों तक पहुंचने के लिए पक्की सड़कें हैं। यहां के टाइगर प्वाइंट, फिश प्वाइंट, दलदली, उल्टा पानी, परपटिया सनसेट व्यू, तिब्बती मठ मंदिर, तिब्बती कैंप, मेहता प्वाइंट, टांगीनाथ का मंदिर प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं।

ठंड में फूलों से लदी सरसों की फसल।
मैनपाट में रुकने के लिए मोटल और निजी कई होटल
मैनपाट में रुकने के लिए शासकीय मोटल और निजी कई होटल हैं। शासकीय मोटल के साथ ही शैला रिसॉर्ट में बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए रुकने की व्यवस्था है। इनकी ऑनलाइन बुकिंग होती है। करमा एथनिक रिसॉर्ट में सैलानियों के लिए प्रतिदिन छत्तीसगढ़ी नृत्य का भी आयोजन छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल कर रहा है। फिलहाल मोटल के सभी कमरे 2 जनवरी तक बुक हैं।
यहां सेंटर प्वाइंट, अनमोल, होटल पितांबरा, देव हेरिटेज, अराइज स्काई गार्डेन, हर्ष मेहुल गेस्ट हाउस, कर्मा रिसॉर्ट, यादव रिसोर्ट सहित अन्य होटल शामिल हैं। होटलों में सर्दियों में 3 हजार रुपए से 5 हजार रुपए तक में कमरे मिल सकते हैं। नववर्ष के स्वागत के लिए अधिकांश होटलों के कमरे बुक हैं। इनमें रेट दोगुने से भी ज्यादा बढ़े हुए हैं।

मैनपाट में उल्टा पानी, जहां उंचाई पर चढ़ता है पानी।
उल्टा पानी जहां विज्ञान का चमत्कार
मैनपाट में उल्टा पानी ऐसा स्थल है, जहां विज्ञान का चमत्कार भी दिखाता है। यहां नीचे से पहाड़ की ऊपरी दिशा की ओर पानी बहता है। देखने में यह गुरुत्वाकर्षण के विपरीत नजर आता है। उल्टा पानी से लगी सड़क पर चुंबकीय प्रभाव के कारण न्यूट्रल चार पहिया वाहन ढाल में लुढ़कने के बजाय ऊपर की ओर चलने लगती है।
दलदली, जहां हिलती है धरती
मैनपाट का दलदली जहां पहुंचकर रोमांच का अद्भुत अनुभव होता है। यहां छोटे बच्चों से लेकर हर वर्ग के लोग उछल-कूद करते हैं। यहां की धरती डोलती है। झूले की तरह धरती हिलने लगती है। साल के घने जंगलों के बीच यह दलदली मैनपाट के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
मैनपाट कैसे पहुंचे
- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से इसकी दूरी 390 किमी है। अंबिकापुर से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर है।
- मैनपाट जाने के लिए बस, टैक्सी की सुविधा आसानी से मिल जाएगी। अंबिकापुर-रायगढ़ राजमार्ग से होते हुए मैनपाट आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- नजदीकी रेलवे स्टेशन- अंबिकापुर रेलवे स्टेशन मैनपाट का नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं।
- नजदीकी हवाई अड्डा- स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा रायपुर मैनपाट का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा हैं।
- दरिमा एयरपोर्ट से हवाई सेवाएं बंद हो गई हैं। यहां से मैनपाट की दूसरी मात्र 40 किलोमीटर है।

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