नई दिल्ली, एजेंसी।जल संकट से जूझ रही दिल्ली के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। शुक्रवार 31 मई को दाखिल की गई याचिका में केजरीवाल सरकार ने अपील की है कि कोर्ट हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से एक महीने के लिए एक्स्ट्रा पानी देने के लिए निर्देश दे।दिल्ली सरकार ने कहा है कि गर्मी की वजह से शहर में पानी की मांग काफी बढ़ गई है और पड़ोसी राज्यों को एक महीने के लिए और ज्यादा पानी देने का निर्देश दिया जाना चाहिए।राजधानी में पानी की बहुत ज्यादा कमी है और जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा पर दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं देने का आरोप लगाया।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी भाजपा से अपील की है कि वह हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अपनी सरकारों से एक महीने के लिए पानी देने के लिए कहे।
दिल्ली की SC में याचिका- लोगों को पानी न मिलना जीवन के अधिकार का उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की तरफ से लगाई याचिका में ये भी कहा गया है कि मौजूदा जल संकट के चलते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बेहतर जिंदगी जीने अधिकार का उल्लंघन करता है। इसके चलते लोगों को पीने का साफ पानी भी नहीं मिल पा रहा है।सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने हरियाणा से वजीराबाद बैराज में तुरंत और लगातार पानी सप्लाई का निर्देश देने की मांग की है। इसमें दिल्ली के लिए हिमाचल प्रदेश की तरफ से दिया गया पानी भी शामिल है।
वहीं, AAP सरकार ने कहा कि समस्या से निपटने के लिए पानी की राशनिंग, टार्गेटेड सप्लाई जैसे उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन पानी की भयंकर बनी हुई है। दिल्ली को अतिरिक्त पानी की सख्त जरूरत है।
वजीराबाद बैराज में पानी का स्तर 4 फीट कम हुआ, दिल्ली सरकार की केंद्र को चिट्ठी
वहीं, आतिशी ने केंद्र से भी प्रार्थना की कि दिल्ली में पानी की अभूतपूर्व दिक्कत है। उत्तर प्रदेश या हरियाणा से अतिरिक्त पानी सप्लाई सुनिश्चित करें। आतिशी ने इसको लेकर केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्ठी लिखी है।आतिशी ने लिखा कि पिछले कुछ दिनों में वजीराबाद बैराज में पानी के स्तर में काफी कमी आई है। इसकी वजह हरियाणा का पर्याप्त पानी नहीं छोड़ना है।वजीराबाद बैराज में पानी का सामान्य स्तर 674.50 फीट रहता है। अभी पानी का स्तर 670.3 फीट पर है।
केजरीवाल ने लिखा- इस वक्त राजनीति न करें
CM केजरीवाल ने X पर एक पोस्ट में लिखा कि भीषण गर्मी में पानी की डिमांड बहुत बढ़ गई है। जो पानी दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से मिलता था, उसमें भी कमी कर दी गई है। यानी सप्लाई कम हो गई है। हम सबको मिलकर इसका निवारण करना है। मैं देख रहा हूं कि बीजेपी के साथी हमारे खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। यदि बीजेपी हरियाणा और UP की अपनी सरकारों से बात करके एक महीने के लिए दिल्ली को कुछ पानी दिलवा दे तो दिल्ली वाले बीजेपी के इस कदम की खूब सराहना करेंगे। इतनी भीषण गर्मी किसी के हाथ की बात नहीं, लेकिन हम सब मिलकर काम करें तो लोगों को इस से राहत तो दिलवा सकते हैं।
पानी की कमी को लेकर भाजपा ने किया प्रदर्शन
दिल्ली में पानी के संकट को लेकर BJP के कार्यकर्ताओं ने शहीदी पार्क से दिल्ली सचिवालय तक प्रदर्शन मार्च निकाला। इस दौरान केजरीवाल सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। प्रदर्शन में नई दिल्ली से भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार बांसुरी स्वराज भी मौजूद रहीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि AAP सरकार ने कृत्रिम जल संकट पैदा किया है। दिल्ली जल बोर्ड 2013 में 600 करोड़ के मुनाफे में था। आज 73 हजार करोड़ के घाटे में है। इसके जिम्मेदार अरविंद केजरीवाल हैं।
टैंकर माफिया से मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे केजरीवाल दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल पर पानी को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- दिल्ली में जल संकट अरविंद केजरीवाल के मिसमैनेजमेंट का नतीजा है। वे 2000 का जुर्माना लगा रहे हैं। यह जुर्माना नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का एक और तरीका है। वे टैंकर माफियाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। केजरीवाल का हर विधायक टैंकर माफिया के साथ मिलकर जनता को पानी बेच रहा है और उन्हें लूट रहा है।
नई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।
भारत के वनावरण में बढ़ोतरी
भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।
कार्बन अवशोषण में वृद्धि
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
कुवैत सिटी ,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान कुवैत के अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने दिया। ये सम्मान पाने वाले मोदी पहले भारतीय PM हैं। मोदी को किसी देश से मिलने वाला ये 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।
ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है। यह अवॉर्ड दोस्ती की निशानी के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शासकों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को दिया जा चुका है।
वहीं, अमीर शेख मिशाल के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पीएम ने लिखा-
कुवैत के अमीर के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। हमने अपनी पार्टनरशिप को स्ट्रैटजिक लेवल तक बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी मजबूत होगी।
इससे पहले PM मोदी का अमीर के महल बायन पैलेस में स्वागत किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। PM मोदी शनिवार को दो दिन के कुवैत दौरे पर पहुंचे थे।
नई दिल्ली,एजेंसी। वोटिंग नियमों में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ECI) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।
रविवार सुबह X पर पोस्ट में उन्होंने कहा- पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं। यह सरकार की सोची-समझी साजिश है।
जब भी कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में ट्रांसपेरेंसी के बारे में लिखा, तो ECI ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया।
दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।
अधिकारियों ने बताया कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नैरेटिव फैलाया जा सकता है। बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते हैं।