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महाराष्ट्र में बस हादसा, 15 की मौत:20 से ज्यादा घायल; बाइक सवार को बचाने के दौरान बस रेलिंग से टकराकर पलटी

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गोंदिया , एजेंसी। महाराष्ट्र के गोदिंया में शुक्रवार दोपहर बस हादसे में 15 यात्रियों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा यात्री घायल हैं। इनमें भी कई घायलों को हालत गंभीर है।

पुलिस के मुताबिक, महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल की शिवशाही बस (MH 09 EM 1273) भंडारा से गोदिंया आ रही थी। बस दोपहर करीब 12.30 बजे के करीब गोंदिया से 30 किमी पहले खजरी गांव के पास पलट गई।

पूछताछ में सामने आया कि बाइक सवार अचानक से बस के सामने आ गया था। उसे बचाने के फेर में ड्राइवर का बस से कंट्रोल छूट गया और अनियंत्रित बस रेलिंग से टकराकर पलट गई। घटना के बाद बस ड्राइवर मौके से भाग निकला।

घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पीएम मोदी, महाराष्ट्र के कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर दुख जताया है। शिंदे ने मृतकों के परिवार को 10-10 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया।

हादसे की 5 तस्वीरें…

शिवसाही बस नंबर MH 09 EM 1273 का एक्सीडेंट हुआ।

शिवसाही बस नंबर MH 09 EM 1273 का एक्सीडेंट हुआ।

हादसे के बाद सड़क पर बैठे घायल यात्री।

हादसे के बाद सड़क पर बैठे घायल यात्री।

हादसे के बाद बस पलट गई थी।

हादसे के बाद बस पलट गई थी।

बस भंडारा से चलकर गोंदिया जा रही थी।

बस भंडारा से चलकर गोंदिया जा रही थी।

बस की टक्कर के बाद टूटी पड़ी रेलिंग।

बस की टक्कर के बाद टूटी पड़ी रेलिंग।

पीएमओ ने मुआवजे का ऐलान किया

प्रधानमंत्री मोदी ने गोंदिया बस हादसे पर दुख जताया। मृतकों के परिवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए के आर्थिक मदद का ऐलान किया गया। घायलों को 50 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। ​​​​​​​​​​​​​​

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भारत के 52वें चीफ जस्टिस बनेंगे जस्टिस बीआर गवई:देश के दूसरे दलित चीफ जस्टिस, 7 महीने का कार्यकाल; 14 मई से संभालेंगे काम

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नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस बीआर गवई के नाम की आधिकारिक सिफारिश की है। उनके नाम को मंजूरी के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेज दिया गया है। इसके साथ ही जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का भारत का 52वां मुख्य न्यायाधीश बनना तय हो गया है।

परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। मौजूदा CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को खत्म हो रहा है।

CJI खन्ना के बाद वरिष्ठता सूची में जस्टिस गवई का नाम है। इसलिए जस्टिस खन्ना ने उनका नाम आगे बढ़ाया है। हालांकि उनका कार्यकाल सिर्फ 7 महीने का होगा।

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दिए प्रोफाइल के मुताबिक जस्टिस गवई 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में प्रमोट हुए थे। उनके रिटायरमेंट की तारीख 23 नवंबर 2025 है।

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वक्फ कानून पर तत्काल रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार:केंद्र सरकार से पूछा- क्या हिंदू धार्मिक ट्रस्टों में मुस्लिमों को जगह देंगे

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नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दो घंटे सुनवाई हुई। इस कानून के खिलाफ 100 से ज्यादा याचिकाएं लगाई गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन पर केंद्र से जवाब मांगा है, लेकिन कोर्ट ने कानून के लागू होने पर तत्काल रोक नहीं लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के विरोध में देशभर में हो रही हिंसा पर चिंता जताई। इस पर SG ने कहा कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हिंसा का इस्तेमाल दबाव डालने के लिए किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि हम इस पर फैसला करेंगे।

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि वक्फ कानून के तहत बोर्ड में अब हिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। यह अधिकारों का हनन है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति देने को तैयार है। हिंदुओं के दान कानून के मुताबिक, कोई भी बाहरी बोर्ड का हिस्सा नहीं हो सकता है।

CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं। वहीं कानून के खिलाफ कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी, सीयू सिंह दलीलें रख रहे हैं।’

सुप्रीम कोर्ट अब गुरुवार 2 बजे सुनवाई करेगा। सुनवाई में अपीलकर्ताओं ने वक्फ बोर्ड बनाने, पुरानी वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन, बोर्ड मेंबर्स में गैर-मुस्लिम और विवादों के निपटारों को लेकर मुख्य दलीलें दीं।

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चीन ने कीमती मेटल्स की सप्लाई रोकी:गाड़ी, हथियार, एयरक्राफ्ट महंगे होंगे; अब ट्रम्प बोले- इलेक्ट्रॉनिक सामान पर भी टैरिफ लगाऊंगा

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वॉशिंगटन डीसी,एजेंसी। चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर रोक लगा दी है।

चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं।

ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं। इस फैसले से दुनियाभर में मोटरव्हीकल, एयरक्राफ्ट, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने वाली कंपनियों पर असर पड़ेगा। ये महंगे हो जाएंगे।

चीन ने 4 अप्रैल को इन 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने खास चुंबक सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं।

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