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कोरबा

छत्तीसगढ़ के राज्य के चार शहरों में चलेंगी ई-बसें

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नागरिकों को मिलेगी इको-फ्रेंडली, किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

कोरबा को 20 मीडियम एवं 20 मिनी ई-बसों की स्वीकृति

रायपुर , एजेंसी। छत्तीसगढ़ के चार शहरों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और कोरबा में नागरिकों को जल्द ही इको-फ्रेंडली, किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत इन चारों शहरों में कुल 240 ई-बसें संचालित की जाएंगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत रायपुर के लिए 100, बिलासपुर और दुर्ग-भिलाई के लिए 50-50 तथा कोरबा के लिए 40 ई-बसों की स्वीकृति प्रदान की गई है। राज्य स्तर पर इसके लिए सुडा को नोडल एजेंसी तथा संबंधित जिलों में गठित अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है।

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि ई-बस सेवा प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ के शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरण का संरक्षण होगा। कम ऊर्जा खपत और बेहतर ईंधन दक्षता के साथ ही नागरिकों को आरामदायक आवागमन की सुविधा सुलभ होगी। इसे शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिले।

    उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। सार्वजनिक परिवहन की इस अभिनव योजना में केंद्र सरकार द्वारा शहरों को बसों की खरीद तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका एक बड़ा हिस्सा शहरों में बस डिपो एवं बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी अधोसंरचना विकास के लिए भी खर्च किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत तीन तरह की बसें स्टैंडर्ड, मीडियम और मिनी चलाई जाएंगी। शहरों की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है।

    उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने सड़कों पर इन ई-बसों को उतारने की तैयारियां तेज करते हुए चारों शहरों में बस डिपो और बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कुल 67 करोड़ 40 लाख रुपए मंजूर करते हुए निविदा आमंत्रण की भी अनुमति दे दी है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के राज्य शहरी विकास अभिकरण ने चारों शहरों में ई-बस सेवा के संचालन के लिए अलग-अलग गठित अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को इन दोनों कार्यों के लिए राशि स्वीकृत करते हुए निविदा आमंत्रित करने कहा है।      

    सुडा द्वारा रायपुर में बस सेवा प्रारंभ करने के लिए बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर हेतु रायपुर अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को 14 करोड़ 33 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है। इसमें आठ करोड़ 60 लाख रुपए का केन्द्रांश और पांच करोड़ 73 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। सुडा ने बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए भी 12 करोड़ 90 लाख रुपए मंजूर किए हैं। दुर्ग-भिलाई में ई-बसों हेतु बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए दुर्ग-भिलाई अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को छह करोड़ 73 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति सुडा द्वारा जारी की गई है। इसमें चार करोड़ चार लाख रुपए का केन्द्रांश और दो करोड़ 69 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। वहां बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 11 करोड़ दो लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। बिलासपुर में बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बिलासपुर अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को आठ करोड़ 37 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें पांच करोड़ दो लाख रुपए का केन्द्रांश और तीन करोड़ 35 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए तीन करोड़ आठ लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इसी तरह कोरबा में बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कोरबा अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को सात करोड़ 19 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। इसमें चार करोड़ 31 लाख रुपए का केन्द्रांश और दो करोड़ 88 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए वहां तीन करोड़ 78 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं।

चार श्रेणियों में बांटा गया है शहरों को, जनसंख्या के आधार पर स्वीकृत की गई हैं बसें

    प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत शहरों को जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। 20 लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, दस से बीस लाख और पांच से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 100-100 तथा पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई-बसों की पात्रता है। इसके आधार पर रायपुर को 100 मीडियम ई-बसों, दुर्ग-भिलाई को 50 मीडियम ई-बसों, बिलासपुर को 35 मीडियम और 15 मिनी ई-बसों तथा कोरबा को 20 मीडियम एवं 20 मिनी ई-बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार बसों का क्रय तथा संचालन एजेंसी का चयन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।

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कोरबा

विभिन्न मांगों को लेकर 24 दिसंबर को सीजीएम कार्यालय गेवरा में तालाबंदी करेंगे भूविस्थापित

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रीना अजय जायसवाल करेंगे नेतृत्व: कल तैयारी बैठक
कोरबा/गेवरा। 24 दिसंबर को कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल के नेतृत्व में भू विस्थापित बेरोजगार युवक सीजीएम कार्यालय एसईसीएल गेवरा में तालाबंदी करेंगे। एसईसीएल गेवरा खदान प्रभावित ग्राम भिलाई बाजार, बरभांठा, मुडिय़ानार, सलोरा, पंडरीपानी, नरईबोध, उमेंदी भांठा, केसला आदि ग्रामों में धारा 4 का प्रकाशन कर अधिग्रहण किया जाना है। आगामी दिनों में हजारों एकड़ जमीन से कोयला उत्खनन होगा। वर्तमान में बड़ी-बड़ी कंपनिया गेवरा खदान में नियोजित हैद्व जिसमें हजारों की संख्या में अन्य राज्य और अन्य जिलों से मजदूरों को मंगाकर काम कराया जा रहा है और स्थानीय भू विस्थापित युवक रोजगार मांगने के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं। भू विस्थापितों ने बताया इन ग्रामों से 100 युवकों को भी रोजगार इन कंपनियों ने नहीं दी है और क्षेत्र में एसईसीएल के खिलाफ जमकर आक्रोश है।
रीना अजय जायसवाल करेंगी नेतृत्व
24 दिसंबर को तालाबंदी करने की योजना भू विस्थापित युवकों ने बनायी है, जिसका नेतृत्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल करेंगी।
कल तैयारी बैठक

24 दिसंबर को होने वाली तालाबंदी में भू विस्थापित कल रणनीति तैयार करेंगे। इस बैठक में आधा दर्जन गांव के युवक एवं ग्रामीण शामिल होंगे और अजय जायसवाल के नेतृत्व में रणनीति तैयार की जाएगी।
इस तालाबंदी आंदोलन को कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है और तालाबंदी आंदोलन को सफल बनाने युवकों ने कमर कस ली है। एसईसीएल प्रबंधन की आंख खुलते तक भू विस्थापित युवक आंदोलन करते रहेंगे।

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कोरबा

श्री सप्तदेव मंदिर में कम्बल वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न

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कोरबा । व्यापारी सुरक्षा फोरम संस्थान के उडीसा प्रभारी उडीसा अध्यक्ष गोविन्द अग्रवाल का कोरबा आगमन हुआ एवं उनके द्वारा कोरबा के ह्दय स्थल पर निर्मित श्री सप्तदेव मंदिर में आकर समस्त देवी देवताओं के दर्शन कर उनका आर्शीवाद लिया गया। गोविन्द अग्रवाल के ’’ मुख्य आथित्य ’’ में श्री सप्तदेव मंदिर में कम्बल वितरण का कार्यक्रम किया गया एवं इस अवसर पर मंदिर में बडी संख्या में उपस्थित असहायों एवं साधु संतो व साध्वियों को उनके द्वारा कम्बल वितरित किया गया।

इस अवसर पर छ.ग. प्रांतीय अग्रवाल संगठन के चेयरमेन अशोक मोदी, अखिल भारतीय मारवाडी महिला समिति की प्रीति मोदी, श्री सप्तदेव मंदिर महिला मंडल की अध्यक्षा सरला मित्तल उपस्थित थी जिनके गरिमामय उपस्थिति में कम्बल वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

गोविन्द अग्रवाल ने कोरबा के विशाल एवं भव्य श्री सप्तदेव मंदिर की प्रशंसा करते हुए उपस्थित समस्त भक्तजनों का आभार किया एवं श्री सप्तदेव मंदिर महिला मंडल, अखिल भारतीय मारवाडी महिला समिति एवं अशोक मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए बताया कि उनके द्वारा किये गये इस प्रकार के सेवा कार्यों से इस भीषण ठण्ड से काफी लोगो को राहत मिलेगी एवं इस प्रकार के कार्यो से लोगो को प्रेरणा भी मिलेगी।

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कोरबा

अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे जूनियर नरेन्द्र मोदी को मिला रनर अप का खिताब

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कोरबा । नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे कोरबा के जूनियर नरेन्द्र मोदी ने रनर-अप का पुरस्कार प्राप्त कर कोरबा नगर को गौरान्वित किया है।

विदित हो कि दिल्ली में बच्चों की अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा दिनॉक 15 दिसम्बर 2024 दिन रविवार को आयोजित की गई थी जिसमें लगभग 8000 से अधिक बच्चो ने इस अंतर्राष्ट्रीय यू.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में नरेन्द्र मोदी जो कि कोरबा के प्रसिद्व व्यवसायी गौरव मोदी के सुपुत्र है ने भी भाग लिया जिसमे उसने रनर-अप ( द्वितीय) पुरस्कार का खिताब अपने नाम किया।

कोरबा नगर के लिये अत्यंत गौरव एवं गर्व की बात है कि इस अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे लगभग 8000 बच्चों के बीच रनर-अप का पुरस्कार प्राप्त कर जूनियर नरेन्द्र मोदी ने कोरबा नगर को गौरान्वित किया।

नरेन्द्र मोदी पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद एवं जूडो कराटे में भी रूचि रखते है एवं नरेन्द्र ने उक्त सभी में पुरस्कार प्राप्त कर सदैव कोरबा नगर को गौरान्वित किया है, उनके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा में रनर-अप पुरस्कार प्राप्त कर कोरबा आने पर नगरवासियों ने नरेन्द्र मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

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