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कम्युनिस्ट नेता बोले- प्रियंका-राहुल को सांप्रदायिक मुस्लिमों का सपोर्ट:इन्हीं की वजह से दोनों वायनाड में जीते, राहुल गांधी विपक्ष के नेता बने

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वायनाड,एजेंसी। CPI(M) पोलित ब्यूरो के सदस्य ए विजयराघवन ने कहा, ‘राहुल और प्रियंका गांधी की वायनाड जीत के पीछे सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन था।’ उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन के मजबूत समर्थन के बिना राहुल गांधी जीत सकते थे?

उन्होंने कहा, ‘वायनाड से दो व्यक्ति राहुल और प्रियंका गए हैं, किसके समर्थन से? वे सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन के मजबूत समर्थन से जीते। उनके समर्थन के बिना क्या राहुल गांधी का दिल्ली पहुंचना संभव था। आज वे विपक्ष के नेता हैं।

विजयराघवन ने कहा, ‘प्रियंका गांधी की रैलियों में आगे और पीछे कौन लोग थे? ये अल्पसंख्यकों में शामिल सबसे खराब चरमपंथी लोग थे, जो कांग्रेस लीडरशिप के साथ थे।’ विजयराघवन 21 दिसंबर को वायनाड के बाथरी पहुंचे थे। उन्होंने यहां पार्टी के सम्मेलन को संबोधित किया था।

राहुल गांधी 2019 और 2024 लोकसभा चुनाव में वायनाड से सांसद चुने गए थे। 2024 में उन्होंने रायबरेली से भी जीत हासिल की थी। इसके बाद राहुल ने वायनाड सीट छोड़ी थी। इसके बाद वायनाड में लोकसभा का उपचुनाव हुआ, जिसमें प्रियंका जीतीं।

विजयराघवन की टिप्पणी पर कांग्रेस का पलटवार विजयराघवन की टिप्पणी पर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने पलटवार ने कहा- जब अमित शाह ने अंबेडकर का अपमान किया, तो सबसे पहले पिनाराई विजयन को इस पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी, लेकिन उनकी पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य इस तरह का बयान दे रहे हैं।

केरल सीएम ने कहा था- प्रियंका जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से चुनाव लड़ रही वायनाड लोकसभा के उपचुनाव के दौरान केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने दावा किया था- प्रियंका गांधी जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठन के समर्थन से वायनाड में चुनाव लड़ रही हैं।

वामपंथी गठबंधन (LDF) ने भी कांग्रेस और जमात-ए-इस्लामी के बीच संबंधों पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस ने विजयन के बयान को आधारहीन और पॉलिटिकली मोटिवेटेड बताया था।

वायनाड में हुए लोकसभा चुनाव और उपचुनाव के नतीजे

लोकसभा उपचुनाव 2024- राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड दोनों जगह से लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी थी। कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को वहां से कैंडिडेट बनाया था। यह प्रियंका गांधी का पहला चुनाव था। उन्होंने CPI के सत्यन मोकेरी को 4 लाख 10 हजार वोटों से हराया। भाजपा की नव्या हरिदास (1 लाख 9 हजार वोट) तीसरे नंबर पर रहीं थीं।

लोकसभा चुनाव 2024 – राहुल गांधी ने 3 लाख 64 हजार 422 वोटों से CPI की एनी राजा को हराया था। रायबरेली लोकसभा सीट से भी राहुल जीते थे। उन्हें 6 लाख 87 हजार 649 वोट मिले। उन्होंने बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह को 3 लाख 90 हजार 030 वोटों से हराया था। दिनेश को 2 लाख 97 हजार 619 वोट मिले थे।

लोकसभा चुनाव 2019 – साल 2019 में वायनाड में कुल 13 लाख 59 हजार 679 मतदाता थे। राहुल को 7 लाख 6 हजार 367 वोट हासिल हुए थे। राहुल ने 4.31 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में राहुल गांधी को लोकसभा सीट में मौजूद कुल मतदाताओं में से 51.95 प्रतिशत का समर्थन प्राप्त हुआ था, जबकि इस सीट पर डाले गए वोटों में से 64.64 प्रतिशत उन्हें दिए गए थे।

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भारत का हरित क्षेत्र 25.17% तक बढ़ा, पर्यावरण पर सकारात्मक असर : सरकारी रिपोर्ट

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नई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।

भारत के वनावरण में बढ़ोतरी

भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।

कार्बन अवशोषण में वृद्धि

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।

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PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च सम्मान:ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर पाने वाले पहले भारतीय PM; अब तक 20 देश कर चुके सम्मानित

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कुवैत सिटी ,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान कुवैत के अमीर शेख मिशाल ​​​​​​अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने दिया। ये सम्मान पाने वाले मोदी पहले भारतीय PM हैं। मोदी को किसी देश से मिलने वाला ये 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।

ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है। यह अवॉर्ड दोस्ती की निशानी के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शासकों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को दिया जा चुका है।

वहीं, अमीर शेख मिशाल के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पीएम ने लिखा-

कुवैत के अमीर के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। हमने अपनी पार्टनरशिप को स्ट्रैटजिक लेवल तक बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी मजबूत होगी।

इससे पहले PM मोदी का अमीर के महल बायन पैलेस में स्वागत किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। PM मोदी शनिवार को दो दिन के कुवैत दौरे पर पहुंचे थे।

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खड़गे बोले- चुनाव नियम बदलना सरकार की सोची-समझी साजिश:यह EC की आजादी पर हमला; केंद्र ने कहा था- पोलिंग बूथ के फुटेज सार्वजनिक नहीं होंगे

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नई दिल्ली,एजेंसी। वोटिंग नियमों में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ECI) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।

रविवार सुबह X पर पोस्ट में उन्होंने कहा- पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं। यह सरकार की सोची-समझी साजिश है।

जब भी कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में ट्रांसपेरेंसी के बारे में लिखा, तो ECI ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।

अधिकारियों ने बताया कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नैरेटिव फैलाया जा सकता है। बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते हैं।

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