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डोनाल्ड ट्रम्प ने इजरायली हमलों के बाद ईरान से समझौता करने का आग्रह किया

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वाशिंगठन,एजेंसी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को ईरान से अपील की कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम पर समझौता करे, इससे पहले कि उसे इज़राइल के और हमले झेलने पड़ें। ट्रम्प का कहना है कि अगला हमला पहले से भी ज्यादा कड़ा और खतरनाक हो सकता है।

इज़राइल ने शुक्रवार को ईरान के कई ठिकानों पर हमले किए। इनमें परमाणु संयंत्र, मिसाइल फैक्ट्रियां और सैन्य अधिकारियों के दफ्तर शामिल हैं। इज़राइल का कहना है कि उसने ये हमले ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए किए हैं।

इस बीच, अमेरिका ईरान के साथ उसके यूरेनियम संवर्धन (uranium enrichment) को लेकर छठे दौर की बातचीत की तैयारी कर रहा है, जो रविवार को होनी है।

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देश

इजराइल की ईरान पर एयर स्ट्राइक, 78 की मौत:329 घायल, 6 परमाणु वैज्ञानिक और 4 मिलिट्री कमांडर मारे गए; नेतन्याहू ने मोदी से बात की

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तेहरान/तेल अवीव ,एजेंसी। इजराइल ने शुक्रवार सुबह 200 फाइटर जेट्स से ईरान के 6 ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। इसमें 78 लोग मारे गए और 329 घायल हो गए। मरने वालों में ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4 मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं।

इजराइली हमले के जवाब में ईरान ने दोपहर में पलटवार किया और 100 से ज्यादा ड्रोन दागे। इजराइली सेना (IDF) ने दावा किया है कि उन्होंने सभी ड्रोन मार गिराए। अभी तक एक भी ड्रोन इजराइल की सीमा में नहीं पहुंचा।

इस बीच इजराइली पीएम नेतन्याहू ने पीएम मोदी से फोन पर बात कर मिडिल ईस्ट के हालात की जानकारी दी। नेतन्याहू जल्द ट्रम्प और पुतिन से बात करेंगे।

इससे पहले आज सुबह इजराइल ने ईरान पर 200 फाइटर जेट्स से हमला किया था। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजराइली सेना ने तेहरान के आसपास कम से कम 6 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इन 6 में से 4 जगहों पर परमाणु ठिकाने भी मौजूद हैं।

नेतन्याहू ने पीएम मोदी से बातचीत की

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार शाम पीएम मोदी से फोन पर बात की है। इस दौरान उन्होंने मोदी को हालात की जानकारी दी।

पीएम मोदी ने इजराइली पीएम से इलाके में जल्द से जल्द शांति और स्थिरता कायम करने के लिए कहा है। मोदी ने X पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी।

नेतन्याहू ने ईरान पर हमले के बाद 3 देशों के शीर्ष नेताओं से बात की है। इनमें पीएम मोदी के अलावा जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्त्ज और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शामिल हैं।

कुछ ही देर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर से बात करेंगे। नेतन्याहू ने कहा कि वे आने वाले दिनों में भी इन नेताओं से बातचीत करेंगे।

ईरानी विदेश मंत्री बोले- इजराइल ने सारी हदें पार की, बहुत पछताएगा

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को लेटर लिखकर इजरायली हमले को ‘युद्ध का ऐलान’ करार दिया। उन्होंने कहा कि इजराइल ने सारी हदें पार कर दी है। इजराइल इस पर गलती पर बहुत पछताएगा।

इजराइली हमले में ईरान के 78 लोगों की मौत

ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इजराइल के हवाई हमलों में 78 लोग मारे गए हैं और 329 घायल हुए। यह एजेंसी, जो ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स से जुड़ी हुई है।

इराक ने इजराइल के खिलाफ UNSC में शिकायत की

इराक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में इजराइल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। बगदाद के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। शिकायत में इराक ने कहा है कि ईरान पर बड़े हमले के दौरान इजराइल ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।

इराकी मंत्रालय ने इसे इराक की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन बताया है और सुरक्षा परिषद से अपील की कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और आगे ऐसी घटनाओं को दोहराए जाने से रोके।

ईरान की जामकरान मस्जिद पर लाल झंडा फहराया गया, ये बदले लेने की निशानी

इजराइल से जारी तनाव के बीच ईरान ने कोम शहर के पास जामकरान मस्जिद के गुंबद पर लाल झंडा फहराया है। यह लाल झंडा शिया इस्लाम में बलिदान और बदले का प्रतीक माना जाता है। यह झंडा किसी बड़े हमले या महत्वपूर्ण व्यक्ति की मौत का बदला लेने की कसम का प्रतीक है।

शिया मुस्लिम मानते हैं कि मंगलवार की रात इमाम महदी इस मस्जिद में आध्यात्मिक तौर पर मौजूद होते हैं। इसीलिए हर मंगलवार को हजारों श्रद्धालु यहां प्रार्थना करने और कुएं में अर्जी डालने आते हैं।

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विदेश

इजराइल ने ईरान के 4 एटमी ठिकाने तबाह किए:2 सैन्य अड्डे भी बर्बाद; सेना प्रमुख, स्पेशल फोर्स चीफ और दो परमाणु वैज्ञानिकों की मौत

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तेहरान/तेल अवीव, एजेंसी। इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान के 4 एटमी और 2 सैन्य ठिकानों पर 200 फाइटर जेट से मिसाइलें दागीं। हमले में ईरान के सेना प्रमुख, स्पेशल फोर्स के चीफ, 2 बड़े परमाणु वैज्ञानिक समेत 5 बड़े अफसर मारे गए।

हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा कि ईरान परमाणु बम तैयार करने वाला था, इसलिए उस पर हमला किया गया। इजराइली सेना का दावा है कि ईरान के पास 15 परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम है।

इजराइल ने इसीलिए टारगेट भी 4 बड़े न्यूक्लियर प्लांट्स को किया। वहीं हथियार बनाने की क्षमता रखने वाली एक फैक्ट्री और बड़े मिलिट्री अफसरों के रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स को भी तबाह कर दिया।

अब उन 6 जगहों के बारे में जानिए जहां हमला हुआ…

1. नतांज- एटॉमिक फैसिलिटी सेंटर

तेहरान से लगभग 250 किलोमीटर दक्षिण में मौजूद इस सेंटर की सैटेलाइट तस्वीरें पहली बार 2002 में सामने आई थीं। कई रिपोर्ट्स में अनुमान लगाया गया है कि इस साइट पर 9 परमाणु बम बनाने जितना यूरेनियम मौजूद है।

हमला क्यों हुआ- यहां एडवांस सेंट्रीफ्यूज लगे हैं। इस मशीन की मदद से यूरेनियम-235 की सफाई होती है जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने में किया जाता है। IAEA की हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान 60% संवर्धन तक पहुंच चुका है, जो हथियार-ग्रेड यूरेनियम के करीब है। इजराइली पीएम नेतन्याहू ने इसे ‘ईरान का सबसे बड़ा परमाणु खतरा’ बता चुके हैं।

IAEA रिपोर्ट- अंडरग्राउंड साइट को 7.6 मीटर मोटी कॉन्क्रीट की दीवार से ढंका गया था, लेकिन फिर भी हमले में मुख्य ट्रांसफॉर्मर को नुकसान पहुंचा।

हमले के बाद नतांज न्यूक्लियर फैसिलिटी साइट्स की सैटेलाइट इमेज।

हमले के बाद नतांज न्यूक्लियर फैसिलिटी साइट्स की सैटेलाइट इमेज।

2. तेहरान- एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ ईरान

राजधानी में तेहरान न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर (TNRC) है। इसकी स्थापना 1967 में अमेरिका की मदद से हुई थी। TNRC में 600 ग्राम तक प्लूटोनियम उत्पादन करने में सक्षम है, जो परमाणु हथियारों के लिए संवेदनशील माना जाता है।

इसके साथ ही तेहरान ईरान की राजधानी है। यहां पर संसद के अलावा सरकार के सभी अहम ऑफिस है। ईरान के सुप्रीम लीडर का अयातुल्ला खामेनेई भी यही रहते हैं। इसके अलावा तेहरान में कई अहम मिलिट्री ठिकाने और एयरपोर्ट्स हैं।

तेहरान के आसपास इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कई ट्रेनिंग सेंटर और हथियार डिपो हैं।

IRGC कमांडर हुसैन सलामी, सेनाध्यक्ष मोहम्मद बघेरी और सभी परमाण वैज्ञानिकों की मौत तेहरान पर हुए हमले में ही हुई है।

हमला क्यों हुआ- इजराइल ने नेतृत्व पर सीधा हमला कर यह जताया कि वो ईरान के सबसे सुरक्षित केंद्रों तक पहुंच सकता है।

3. इस्फहान- परमाणु टेक्नोलॉजी सेंटर

इस शहर में यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी है, जहां कच्चे यूरेनियम को गैस में बदला जाता है।

यहां न्यूक्लियर फैसिलिटी की शुरुआत साल 1999 में हुई।

इस शहर में ईरान का एक बड़ा एयरबेस भी है, यहां पुराने अमेरिकी F-14 टॉमकैट फाइटर जेट रखे गए हैं, जो ईरान ने 1979 की क्रांति से पहले खरीदे थे।

माना जा रहा है कि इस बार के हमले में एयरबेस पर स्थित एक रडार केंद्र को निशाना बनाया गया था।

इस्फहान में हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियां भी हैं, जिनमें से एक पर पिछले साल भी इजराइल ने हमला किया था।

इस बार 3 ड्रोन से यहां हमला हुआ। ईरानी अधिकारियों ने कहा कि दो ड्रोन मार गिराए गए और एक ने फैक्ट्री की छत को थोड़ा नुकसान पहुंचाया।

हमला क्यों हुआ- ईरान की वायुसेना और रक्षा सिस्टम को कमजोर करना और हिजबुल्लाह जैसे संगठनों को हथियार मिलने से रोकना।

इस्फहान में यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी है। यह जगह तेहरान से 410 किमी दूर है।

इस्फहान में यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी है। यह जगह तेहरान से 410 किमी दूर है।

4. अराक- हैवी वाटर रिएक्टर

अराक में हैवी वाटर रिएक्टर है। इससे प्लूटोनियम बन सकता है। यह परमाणु हथियार बनाने का एक और तरीका है। जिसे आधिकारिक तौर पर IR-40 रिएक्टर के रूप में जाना जाता है।

यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम का हिस्सा है और इसे मुख्य रूप से अनुसंधान और रेडियो आइसोटोप उत्पादन के लिए डिजाइन किया गया था।

अराक रिएक्टर ईरान के परमाणु कार्यक्रम के सबसे विवादास्पद हिस्सों में से एक रहा है। पश्चिमी देशों, विशेष रूप से अमेरिका और इजराइल, ने चिंता जताई थी कि इस रिएक्टर का उपयोग हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम के उत्पादन के लिए हो सकता है।

हमला क्यों हुआ- ईरान के एटमी प्रोग्राम के दूसरे रास्ते को भी रोकना।

अराक में हैवी वाटर रिएक्टर है। यह तेहरान से लगभग 280 किमी दूर है।

अराक में हैवी वाटर रिएक्टर है। यह तेहरान से लगभग 280 किमी दूर है।

5. तबरीज- मिलिट्री बेस और एक बड़ा तेल रिफाइनरी

तबरीज ईरान के अजरबैजान प्रांत की राजधानी है। यहां कोई परमाणु ठिकाना नहीं है। यह तुर्की और आर्मेनिया की सीमा के करीब है। यहां कई मिलिट्री वेयरहाउस, मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट और IRGC से जुड़े ठिकाने हैं, जो बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों का उत्पादन करते हैं।

इजराइल ने 2023 में भी यहां पर एक ड्रोन फैक्ट्री पर हमला किया था। तबरीज में तेल रिफाइनरी भी है। यहां हमला करने का मकसद ईरान के तेल क्षमता को कमजोर करना है।

हमला क्यों हुआ- सैन्य और आर्थिक ढांचे को कमजोर करना।

6.करमनशाह- इराक की राजधानी बगदाद के पास

ईरान के मिसाइल बेस और औद्योगिक कॉम्प्लेक्स इराक सीमा के पास हैं। करमनशाह शहर इराक के दियाला प्रांत और सुलेमानिया जैसे क्षेत्रों के पास है। यह इराक की राजधानी बगदाद से बस 150-200 किलोमीटर दूर है।

करमनशाह में कई महत्वपूर्ण सीमा क्रॉसिंग पॉइंट हैं, जैसे खोस्रवी सीमा चौकी, जो ईरान और इराक के बीच व्यापार और तीर्थयात्रा (विशेष रूप से शिया तीर्थयात्रियों के लिए, जो इराक में करबला और नजफ जाते हैं) के लिए उपयोग होती है।

हमला क्यों हुआ- अक्टूबर 2024 के ईरानी मिसाइल हमलों के बाद, करमनशाह से संभावित जवाबी हमलों को रोकना।

यह तेहरान से लगभग 525 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में और इराक की सीमा के करीब है।

यह तेहरान से लगभग 525 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में और इराक की सीमा के करीब है।

नेतन्याहू बोले- ईरान हमारे लिए खतरा इजराइल सेना ने कहा कि यह ‘प्री-एम्पटिव स्ट्राइक’ थी। यानी खतरे को भांपकर इजराइल ने हमला किया, ताकि ईरान कोई बड़ी कार्रवाई न कर सके। इजराइली सेना ने यह भी कहा कि आगे और भी ऐसे कई हमले हो सकते हैं।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान चोरी-छिपे परमाणु हथियार बना रहा था। यह हमारे देश के लिए खतरा था। इसलिए हमारी सेना ने नतांज जैसे अहम परमाणु ठिकानों और ईरान के कुछ प्रमुख वैज्ञानिकों पर हमला किया।

नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए ये कदम उठा रहा है। ईरान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और पूरी दुनिया को अस्थिर करना चाहता है। आज का दिन इतिहास में उस दिन के रूप में याद किया जाएगा जब अच्छाई ने बुराई पर और रोशनी ने अंधकार पर जीत की दिशा में कदम बढ़ाया।

ईरान पर इजराइली हमले के बाद की 5 तस्वीरें…

तेहरान में शुक्रवार तड़के इजराइली हमले का निशाना बने एक स्थान से धुआं उठता हुआ दिखाई दिया।

तेहरान में शुक्रवार तड़के इजराइली हमले का निशाना बने एक स्थान से धुआं उठता हुआ दिखाई दिया।

ईरान की राजधानी तेहरान में इजराइली हमलों के बाद लोग एक क्षतिग्रस्त इमारत को देखते हुए।

ईरान की राजधानी तेहरान में इजराइली हमलों के बाद लोग एक क्षतिग्रस्त इमारत को देखते हुए।

तेहरान मे इमारत में हुए विस्फोट की जगह पर दमकलकर्मी काम कर रहे हैं।

तेहरान मे इमारत में हुए विस्फोट की जगह पर दमकलकर्मी काम कर रहे हैं।

इजराइली हमलों के बाद तेहरान में दमकलकर्मी साफ-सफाई करते हुए।

इजराइली हमलों के बाद तेहरान में दमकलकर्मी साफ-सफाई करते हुए।

इजराइली हमलों के बाद सड़क किनारे बैठा एक घायल शख्स।

इजराइली हमलों के बाद सड़क किनारे बैठा एक घायल शख्स।

IAEA ने ईरान के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था

इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने गुरुवार को ईरान के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया था। एजेंसी ने कहा था कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर जो नियम तय हैं, उनका पालन नहीं कर रहा है।

IAEA के मुताबिक, ईरान के पास इतनी अधिक मात्रा में संवर्धित यूरेनियम है कि वह एक साल से भी कम समय में 10 परमाणु बम बना सकता है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि ईरान कई जगहों पर परमाणु गतिविधियों की जानकारी देने से लगातार इनकार कर रहा है और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा।

यह बीते 20 साल में पहली बार हुआ जब संयुक्त राष्ट्र की इस निगरानी संस्था ने ईरान को लेकर इतनी सख्त कार्रवाई की है।

IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के डायरेक्टर राफाएल मारियानो ग्रोसी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में। तस्वीर 11 जून की है।

IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के डायरेक्टर राफाएल मारियानो ग्रोसी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में। तस्वीर 11 जून की है।

IAEA के 35 देशों के बोर्ड में से 19 देशों ने इस ईरान के खिलाफ प्रस्ताव में वोटिंग की। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी शामिल थे। वहीं रूस और चीन ने इसके खिलाफ वोट दिया और बाकी देशों ने या तो हिस्सा नहीं लिया या वोटिंग से दूर रहे।

ईरान ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह पूरी तरह से राजनीतिक है। ईरानी विदेश मंत्रालय और देश की परमाणु एजेंसी ने संयुक्त बयान में कहा कि इस तरह के फैसलों से अंतरराष्ट्रीय एजेंसी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।

हालांकि ईरान बार-बार कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण और नागरिक इस्तेमाल के लिए है, जैसे बिजली बनाना या दवा तैयार करना, न कि हथियार बनाने के लिए।

ईरान-इजराइल के बीच टकराव बढ़ा

ईरान लंबे समय से इजराइल को खत्म करने की बात करता आया है और उन क्षेत्रीय लड़ाकों का समर्थन करता है जो इजराइल के खिलाफ हैं। दूसरी तरफ इजराइल ईरान को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है। उसका मकसद ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना है।

पिछले कुछ सालों में यह टकराव लगातार बढ़ा है। 2019 में इजराइल ने सीरिया, लेबनान और इराक में उन ठिकानों पर हमले किए जहां से ईरान अपने सहयोगियों को हथियार भेजता था। साल 2020 में इजराइल ने ईरान के एक बड़े परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या कर थी।

फखरीजादेह अपनी कार में थे। इस दौरान एक रिमोट मशीन गन से लैस एक गाड़ी ने उन पर हमला कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह हथियार सैटेलाइट से कंट्रोल होता था। इसमें AI का इस्तेमाल किया गया था ताकि सटीक निशाना लगाया जा सके।

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देश

बैन होने वाला है WhatsApp और Telegram, चैटिंग के लिए आएगा ये नया ऐप

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नई दिल्ली, एजेंसी। अगर आप WhatsApp या Telegram जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं और रूस जाने का सोच रहे हैं, तो आपके लिए यह खबर ज़रूरी है। दरअसल, रूस सरकार इन विदेशी मैसेजिंग ऐप्स को बैन करने की तैयारी कर रही है। इसके बदले सरकार खुद का एक नया ऐप लॉन्च करने जा रही है, जिसका नाम Vlad’s App होगा। यह ऐप रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नाम पर रखा गया है।

क्या करेगा Vlad’s App?

Vlad’s App सिर्फ चैटिंग के लिए नहीं होगा। इसमें लोग ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे, सरकारी सेवाओं का इस्तेमाल कर पाएंगे, और डिजिटल दस्तावेजों पर साइन भी कर सकेंगे। इसे देश के सभी डिजिटल सिस्टम से जोड़ा जाएगा। सरकार का कहना है कि यह सब लोगों की मंजूरी से होगा।

क्यों हटाए जाएंगे WhatsApp और Telegram?

रूस के सांसदों का कहना है कि ये विदेशी ऐप्स सुरक्षित नहीं हैं और देश की डिजिटल सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इसीलिए सरकार अब इनका विकल्प तैयार कर रही है। इससे रूस का इंटरनेट सिस्टम बाकी दुनिया से और अलग हो जाएगा — जैसे चीन का इंटरनेट है।

क्या होगा असर?

अगर सरकार इन ऐप्स को पूरी तरह बंद कर देती है, तो रूस के करोड़ों लोग सिर्फ Vlad’s App ही इस्तेमाल कर पाएंगे। हालांकि सरकार कह रही है कि यह ऐप सुरक्षित और सहमति-आधारित होगा, लेकिन कई लोग इसे सरकार की निगरानी और सेंसरशिप बढ़ाने वाला कदम मान रहे हैं। उनका कहना है कि इससे लोगों की प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है और आज़ादी से बात करना मुश्किल हो जाएगा।

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