कोरबा
नवरात्रि पर कई माता के मंदिरों में नहीं जलेंगे घी के दीप
Published
3 months agoon
By
Divya Akashरायपुर । नवरात्र की शुरुआत गुरुवार (3 अक्टूबर) से हो रही है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ के शक्ति पीठों और देवी मंदिरों में तैयारियां हो गई हैं। लाइव दर्शन, श्रद्धालुओं के रुकने सहित अन्य इंतजाम किए गए हैं। मिलावट की आशंका से कई मंदिरों में घी के ज्योति कलश पर रोक लगाई गई है।
बिलासपुर जिले के रतनपुर स्थित महामाया मंदिर महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती को समर्पित है। ये 52 शक्ति पीठों में से एक है। देवी महामाया को कोसलेश्वरी के रूप में भी जाना जाता है, जो पुराने दक्षिण कोसल क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी हैं।
- रतनपुर महामाया मंदिर
- ज्योति कलश : इस बार 31 हजार मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाने की तैयारी है। इसमें 5 हजार ज्योति घी की होगी। देवभोग से 18 हजार लीटर घी मंगवाया गया है। श्रद्धालु 700 रुपए में तेल, 2100 रुपए में घी का दीपक जला सकेंगे।
- कैसे जाएं : रतनपुर पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन करीब 25 किमी दूर बिलासपुर में है। उसके बाद आपको वहां से बस या टैक्सी-ऑटो से आना होगा। बिलासपुर सड़क और रेल मार्ग से देश के लगभग सभी बड़े स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
- डोंगरगढ़ की पहाड़ी पर मां बम्लेश्वरी देवी
- डोंगरगढ़ की पहाड़ी पर स्थित मां बम्लेश्वरी देवी का विख्यात मंदिर आस्था का केंद्र है। बड़ी बम्लेश्वरी के समतल पर स्थित मंदिर छोटी बम्लेश्वरी के नाम से प्रसिद्ध है। बम्लेश्वरी शक्ति पीठ का इतिहास करीब 2000 वर्ष पुराना है। इसे वैभवशाली कामाख्या नगरी के रूप में जाना जाता था।
- मां बम्लेश्वरी को मध्य प्रदेश के उज्जयिनी के प्रतापी राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी भी कहा जाता है। इतिहासकारों ने इस क्षेत्र को कल्चुरी काल का पाया है। मंदिर की अधिष्ठात्री देवी मां बगलामुखी हैं। उन्हें मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है। उन्हें यहां मां बम्लेश्वरी के रूप में पूजा जाता है।
- ज्योति कलश: पहाड़ के ऊपर 6500 और नीचे मंदिर में 875 आस्था के दीप जलाए जाएंगे। मुख्य मंदिर में 1101 रु. तेल की राशि ली जा रही है। मंदिर में घी के दिये जलाने पर रोक लगाई गई है।
- श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था : मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियों के अलावा रोपवे की सुविधा भी है। ऊपर पेयजल की व्यवस्था, विश्रामालयों के अलावा भोजनालय और धार्मिक सामग्री खरीदने की सुविधा है। पहाड़ी के नीचे 24 घंटे भोजन, भंडारे की व्यवस्था।
- कैसे जाएं : रायपुर से 100, नागपुर से 190 किमी की दूरी पर स्थित है और मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग के अंतर्गत आता है। सीधे ट्रेन और बस की सुविधा है।
- सक्ती जिले के चंद्रपुर की मां चंद्रहासिनी
- सक्ती जिले के चंद्रपुर की छोटी सी पहाड़ी के ऊपर विराजित है मां चंद्रहासिनी। मान्यता है कि देवी सती का अधोदन्त (दाढ़) चंद्रपुर में गिरा था। यह मां दुर्गा के 52 शक्ति पीठों में से एक है। यहां बनी पौराणिक और धार्मिक कथाओं की झाकियां, करीब 100 फीट विशालकाय महादेव पार्वती की मूर्ति आदि आने वाले श्रद्धालुओं का मन मोह लेती है।
- ज्योति कलश : इस साल 6000 से ज्यादा ज्योति कलश जलाए जाएंगे।
- श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था : ठहरने के लिए चंद्रहासिनी मंदिर धर्मशाला उपलब्ध है।
- कैसे जाएं : प्राइवेट वाहन या टैक्सी से जाना बेहतर होगा। चांपा तक ट्रेन और फिर बस की सुविधा है। रायपुर से सड़क मार्ग से 225 किमी, बिलासपुर से 150 किमी और जांजगीर से 110 किमी, रायगढ़ से 32 किमी, सारंगढ़ से 29 किमी दूर है।
- दंतेश्वरी मंदिर,दंतेवाड़ा
- देश के 52 शक्ति पीठों में से एक दंतेश्वरी मंदिर है। मान्यता है कि यहां देवी का दांत गिरा था। 14वीं शताब्दी में बना यह मंदिर दंतेवाड़ा में स्थित है। मां की मूर्ति काले पत्थर से तराश कर बनाई गई है। मंदिर को चार भागों में विभाजित किया गया है।
- गर्भगृह और महा मंडप का निर्माण पत्थर के टुकड़ों से किया गया था। मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने एक गरुड़ स्तंभ है। मंदिर खुद एक विशाल प्रांगण में स्थित है जो विशाल दीवारों से घिरा हुआ है। शिखर को मूर्तिकला से सजाया गया है।
- ज्योति कलश : 11 हजार ज्योति कलश जलाए जाएंगे। श्रद्धालु 1100 रुपए देकर तेल और 2100 रुपए में घी की ज्योति जलवा सकते हैं।
- श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था : सुविधा केंद्र बनाए गए हैं। इनमें मेडिकल सुविधा के अलावा भोजन और फलाहार की सुविधा। इसके अलावा सामाजिक संस्थाओं की तरफ से भोजन की व्यवस्था।
- कैसे जाएं : जगदलपुर तहसील से 80 किमी दूर और रायपुर शहर से 350 किमी दूर स्थित है। यह NH-30 से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रायपुर शहर से सड़क मार्ग से करीब 7-8 घंटे की यात्रा दूरी पर है। सीधे जाने के लिए बस की सुविधा है।
- महामाया अंबिका देवी
- अंबिकापुर का नाम ही महामाया अंबिका देवी के नाम पर है। किवदंति है कि महामाया का सिर रतनपुर और धड़ अम्बिकापुर में है। माता की प्रतिमा छिन्न मस्तिका है। महामाया के बगल में विंध्यवासिनी विराजी हैं। विंध्यवासिनी की प्राण प्रतिष्ठा विंध्याचल से लाकर की गई है।
- शारदीय नवरात्र में छिन्न मस्तिका महामाया के शीश का निर्माण राजपरिवार के कुम्हार हर साल करते हैं। जिस प्रतिमा को मां महामाया के नाम से लोग पूजते हैं, पहले इनका नाम समलाया था। महामाया मंदिर में ही दो मूर्तियां स्थापित थी।
- पहले महामाया को बड़ी समलाया कहा जाता था और समलाया मंदिर में विराजी मां समलाया को छोटी समलाया कहते थे। बाद में समलाया मंदिर में छोटी समलाया को स्थापित किया गया, तब महामाया कहा जाने लगा।
- ज्योति कलश : पहले दिन शुभ मुहूर्त में हजारों की संख्या में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। घृत ज्योति के लिए 2100 रुपए और तेल ज्योति के लिए 800 रुपए का शुल्क निर्धारित है। ज्योति कलश के लिए नगद राशि देनी पड़ेगी।
- कैसे जाएं: दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन की सुविधा है। अंबिकापुर तक सीधे बस की सुविधा। रेलवे स्टेशन से टैक्सी, बस और ऑटो की सुविधा है।
- ,
- मां सर्वमंगला देवी मंदिर कोरबा त्रिलोकी नाथ मंदिर,काली मंदिर
- यह मंदिर कोरेश के जमींदार परिवार ने बनवाया था। त्रिलोकी नाथ मंदिर, काली मंदिर और ज्योति कलश भवन से घिरा हुआ है। वहां भी एक गुफा है, जो नदी के नीचे जाती है और दूसरी तरफ निकलती है।
- ज्योति कलश : 10 हजार ज्योति कलश जलाने की व्यवस्था। 751 रुपए देकर तेल और 1100 रुपए देकर घी की ज्योति जला सकते हैं।
- कैसे जाएं : कोरबा बस और ट्रेन से जुड़ा हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए बस, टैक्सी और ऑटो से पहुंच सकते हैं। पहाड़ी पर मां मड़वारानी, कोसगाई, मतीन और महिषासुर मर्दिनी मंदिर के दर्शन भी किए जा सकते हैं।
- मां अंगार मोती माता गंगरेल
- गंगरेल में 52 गांव डूबने के बाद मां अंगार मोती माता की स्थापना की गई थी। माता के चरण पादुका मंदिर में अभी भी विराजित है।
- ज्योति कलश : इस बार करीब 4000 मनोकामना ज्योत जगमगाएंगे। ज्योति कलश स्थापना शुल्क के लिए क्यूआर कोड जारी किया गया है। 1201 रुपए तेल और 1501 रुपए घी के ज्योति कलश के लिए देने होंगे।
- कैसे जाएं : रायपुर से धमतरी तक बस सेवा, यहां से गंगरेल डैम, अंगार मोती मंदिर जाने के लिए प्राइवेट टैक्सी, ऑटो उपलब्ध है।
- गरियाबंद जिले की जतमई माता
- रायपुर से 80 किमी दूर गरियाबंद जिले में स्थित जतमई माता के मंदिर से सटी जलधाराएं उनके चरण स्पर्श करती हैं। स्थानीय मान्यता के अनुसार ये जलधाराएं माता की दासी होती हैं। मुख्य प्रवेश द्वार के शीर्ष पर, एक पौराणिक पात्रों का चित्रण भित्ति चित्र देख सकते हैं। मां जतमई की पत्थर की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित है।
- ज्योति कलश : 8 हजार ज्योति कलश जलाए जाएंगे। तेल की ज्योति के लिए 651 रुपए निर्धारित है। इसके लिए सरपंच प्रतिनिधि रामकिशन से 9770429085, डेरहा राम ध्रुव से 8435245601 और लुमेश कंवर से 8815255450 पर संपर्क करना होगा।
- कैसे जाएं : रायपुर या गरियाबंद से स्वयं के वाहन या टैक्सी से जाना ज्यादा बेहतर है। पहाड़ी में होने की वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था नहीं है। जतमई मंदिर से 25 किमी दूर घटारानी देवी के भी दर्शन किए जा सकते हैं।
- महासमुंद जिले के बागबहारा घुंचापाली में मां चंडी का मंदिर
- महासमुंद जिले के बागबहारा घुंचापाली में मां चंडी का मंदिर स्थित है। किंवदन्ती है कि करीब 150 साल पहले ये तंत्र-मंत्र की साधना स्थल हुआ करता था। यहां महिलाओं का जाना प्रतिबंधित था। प्राकृतिक रूप से माता चंडी के स्वरूप में शिला (पत्थर) ने आकार लिया।
- वैदिक रीति रिवाज से पूजा-अर्चना शुरू हो गई। इसके बाद महिलाओं का चंडी माता की पूजा करने की प्रतिबंध समाप्त हुआ। यहां सुबह शाम, आरती के वक्त भालूओं की आमद भी होती है।
- ज्योति कलश : 6 से 7 हजार ज्योति कलश जलाए जाने की संभावना है। तेल का ही ज्योति जलेगी इसके लिए 700 रुपए देना होगा।
- कैसे जाएं : बागबहारा तक बस की सुविधा, यहां से टैक्सी या ऑटो से जाया जा सकता है। स्वयं के वाहन या टैक्सी से जाना ज्यादा बेहतर है।
- खलवाटिका,महासमुंद
- महासमुंद जिले में ही 24 किलोमीटर दूरी पर ये मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। प्राचीन काल में इसे खलवाटिका कहा जाता था। करीब 850 सीढ़ियां चढ़कर माता के दर्शन होते हैं।
- ज्योति कलश : 3 से 5 हजार मनोकामना ज्योत प्रज्ज्वलित किए जा सकते हैं।
- कैसे जाएं : महासमुंद तक बस की सुविधा, यहां से टैक्सी या ऑटो से जाया जा सकता है। स्वयं के वाहन या टैक्सी से जाना ज्यादा बेहतर है।
- ज्योति कलश : 6 से 7 हजार ज्योति कलश जलाए जाने की संभावना है। तेल का ही ज्योति जलेगी इसके लिए 700 रुपए देना होगा।
- महामाया मंदिर, मां समलेश्वरी रायपुर
- 1400 साल पहले मंदिर का निर्माण हैहयवंशी राजाओं ने करवाया था। महामाया मंदिर का गर्भगृह और गुंबद का निर्माण श्रीयंत्र के रूप में हुआ है। मंदिर में मां महालक्ष्मी, मां महामाया और मां समलेश्वरी तीनों की पूजा आराधना एक साथ की जाती है।
- ज्योति कलश : करीब 10 हजार ज्योति कलश इस बार जलाए जाएंगे। चकमक पत्थर की चिंगारी से नवरात्र की पहली ज्योति जलाई जाती है। 700 रुपए में सिर्फ तेल का ही ज्योति जलेगी। मिलावट के चलते घी का दिया नहीं जलेगा।
- भक्तों के लिए सुविधा : भोग और भंडारे का आयोजन होगा। घर बैठे दान और दर्शन की सुविधा है। माता को शृंगार का सामान चढ़ाने और अपने नाम से भोग लगाने के लिए लोग सुविधा ले सकते हैं।
- कैसे जाएं : रायपुर तक रेल और बस सुविधा है। यहां से प्राइवेट ऑटो या टैक्सी से मंदिर जाया जा सकता है।
You may like
कोरबा
विभिन्न मांगों को लेकर 24 दिसंबर को सीजीएम कार्यालय गेवरा में तालाबंदी करेंगे भूविस्थापित
Published
21 hours agoon
December 22, 2024By
Divya Akash
रीना अजय जायसवाल करेंगे नेतृत्व: कल तैयारी बैठक
कोरबा/गेवरा। 24 दिसंबर को कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल के नेतृत्व में भू विस्थापित बेरोजगार युवक सीजीएम कार्यालय एसईसीएल गेवरा में तालाबंदी करेंगे। एसईसीएल गेवरा खदान प्रभावित ग्राम भिलाई बाजार, बरभांठा, मुडिय़ानार, सलोरा, पंडरीपानी, नरईबोध, उमेंदी भांठा, केसला आदि ग्रामों में धारा 4 का प्रकाशन कर अधिग्रहण किया जाना है। आगामी दिनों में हजारों एकड़ जमीन से कोयला उत्खनन होगा। वर्तमान में बड़ी-बड़ी कंपनिया गेवरा खदान में नियोजित हैद्व जिसमें हजारों की संख्या में अन्य राज्य और अन्य जिलों से मजदूरों को मंगाकर काम कराया जा रहा है और स्थानीय भू विस्थापित युवक रोजगार मांगने के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं। भू विस्थापितों ने बताया इन ग्रामों से 100 युवकों को भी रोजगार इन कंपनियों ने नहीं दी है और क्षेत्र में एसईसीएल के खिलाफ जमकर आक्रोश है।
रीना अजय जायसवाल करेंगी नेतृत्व
24 दिसंबर को तालाबंदी करने की योजना भू विस्थापित युवकों ने बनायी है, जिसका नेतृत्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल करेंगी।
कल तैयारी बैठक
24 दिसंबर को होने वाली तालाबंदी में भू विस्थापित कल रणनीति तैयार करेंगे। इस बैठक में आधा दर्जन गांव के युवक एवं ग्रामीण शामिल होंगे और अजय जायसवाल के नेतृत्व में रणनीति तैयार की जाएगी।
इस तालाबंदी आंदोलन को कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है और तालाबंदी आंदोलन को सफल बनाने युवकों ने कमर कस ली है। एसईसीएल प्रबंधन की आंख खुलते तक भू विस्थापित युवक आंदोलन करते रहेंगे।
कोरबा
श्री सप्तदेव मंदिर में कम्बल वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न
Published
22 hours agoon
December 22, 2024By
Divya Akashकोरबा । व्यापारी सुरक्षा फोरम संस्थान के उडीसा प्रभारी उडीसा अध्यक्ष गोविन्द अग्रवाल का कोरबा आगमन हुआ एवं उनके द्वारा कोरबा के ह्दय स्थल पर निर्मित श्री सप्तदेव मंदिर में आकर समस्त देवी देवताओं के दर्शन कर उनका आर्शीवाद लिया गया। गोविन्द अग्रवाल के ’’ मुख्य आथित्य ’’ में श्री सप्तदेव मंदिर में कम्बल वितरण का कार्यक्रम किया गया एवं इस अवसर पर मंदिर में बडी संख्या में उपस्थित असहायों एवं साधु संतो व साध्वियों को उनके द्वारा कम्बल वितरित किया गया।
इस अवसर पर छ.ग. प्रांतीय अग्रवाल संगठन के चेयरमेन अशोक मोदी, अखिल भारतीय मारवाडी महिला समिति की प्रीति मोदी, श्री सप्तदेव मंदिर महिला मंडल की अध्यक्षा सरला मित्तल उपस्थित थी जिनके गरिमामय उपस्थिति में कम्बल वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
गोविन्द अग्रवाल ने कोरबा के विशाल एवं भव्य श्री सप्तदेव मंदिर की प्रशंसा करते हुए उपस्थित समस्त भक्तजनों का आभार किया एवं श्री सप्तदेव मंदिर महिला मंडल, अखिल भारतीय मारवाडी महिला समिति एवं अशोक मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए बताया कि उनके द्वारा किये गये इस प्रकार के सेवा कार्यों से इस भीषण ठण्ड से काफी लोगो को राहत मिलेगी एवं इस प्रकार के कार्यो से लोगो को प्रेरणा भी मिलेगी।
कोरबा
अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे जूनियर नरेन्द्र मोदी को मिला रनर अप का खिताब
Published
22 hours agoon
December 22, 2024By
Divya Akashकोरबा । नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे कोरबा के जूनियर नरेन्द्र मोदी ने रनर-अप का पुरस्कार प्राप्त कर कोरबा नगर को गौरान्वित किया है।
विदित हो कि दिल्ली में बच्चों की अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा दिनॉक 15 दिसम्बर 2024 दिन रविवार को आयोजित की गई थी जिसमें लगभग 8000 से अधिक बच्चो ने इस अंतर्राष्ट्रीय यू.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में नरेन्द्र मोदी जो कि कोरबा के प्रसिद्व व्यवसायी गौरव मोदी के सुपुत्र है ने भी भाग लिया जिसमे उसने रनर-अप ( द्वितीय) पुरस्कार का खिताब अपने नाम किया।
कोरबा नगर के लिये अत्यंत गौरव एवं गर्व की बात है कि इस अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे लगभग 8000 बच्चों के बीच रनर-अप का पुरस्कार प्राप्त कर जूनियर नरेन्द्र मोदी ने कोरबा नगर को गौरान्वित किया।
नरेन्द्र मोदी पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद एवं जूडो कराटे में भी रूचि रखते है एवं नरेन्द्र ने उक्त सभी में पुरस्कार प्राप्त कर सदैव कोरबा नगर को गौरान्वित किया है, उनके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा में रनर-अप पुरस्कार प्राप्त कर कोरबा आने पर नगरवासियों ने नरेन्द्र मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
विभिन्न मांगों को लेकर 24 दिसंबर को सीजीएम कार्यालय गेवरा में तालाबंदी करेंगे भूविस्थापित
भारत का हरित क्षेत्र 25.17% तक बढ़ा, पर्यावरण पर सकारात्मक असर : सरकारी रिपोर्ट
PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च सम्मान:ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर पाने वाले पहले भारतीय PM; अब तक 20 देश कर चुके सम्मानित
कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर के गुर्गों द्वारा दिव्य आकाश कर्मियों पर हमला की कोशिश
कुसमुंडा खदान में डंपर पलट कर लगी आग, सरकारी गाड़ी में कोयला और डीजल चोर सवार थे, जलने से दोनों गंभीर
दर्री में 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना के लिए नई सरकार गठन के बाद होगी पर्यावरणीय जनसुनवाई
Trending
- कोरबा1 year ago
कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर के गुर्गों द्वारा दिव्य आकाश कर्मियों पर हमला की कोशिश
- कोरबा8 months ago
कुसमुंडा खदान में डंपर पलट कर लगी आग, सरकारी गाड़ी में कोयला और डीजल चोर सवार थे, जलने से दोनों गंभीर
- कोरबा1 year ago
दर्री में 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना के लिए नई सरकार गठन के बाद होगी पर्यावरणीय जनसुनवाई
- कोरबा7 months ago
श्रीमती स्वाति दुबे का निधन
- कोरबा4 months ago
ग्राम पंचायत पोड़ी के पूर्व सरपंच सचिव पर गबन के आधार पर अधिरोपित राशि 3341972/- रुपये शीघ्र वसूल हो- कय्युम बेग
- कोरबा11 months ago
वरिष्ठ भाजपा नेता दुष्यंत शर्मा कोरबा लोकसभा उम्मीदवार के लिए प्रबल दावेदार
- छत्तीसगढ़12 months ago
बिलासपुर में अपोलो अस्पताल के 4 सीनियर डॉक्टर अरेस्ट
- कोरबा1 year ago
कटघोरा जनपद की 25 करोड़ की जमीन उनके करीबी कांग्रेसियों की 25 लाख में कैसे हो गई?