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पुलिस कस्टडी में सोनम-राज के बीच तकरार:सोनम बोली- राज ने किया मर्डर का प्लान, राज की दलील- सोनम ही मास्टरमाइंड

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शिलॉन्ग/मेघालय,एजेंसी। इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी मर्डर केस की आरोपी उसकी पत्नी सोनम और कथित प्रेमी राज कुशवाह के बीच पुलिस शिकंजे में आने के बाद दरार आना शुरू हो गई है। दोनों एक-दूसरे को राजा की हत्या का मास्टरमाइंड बता रहे हैं।

मेघालय के ईस्टर्न रेंज के DIG डेविस एनआर मारक ने कहा- दोनों में से कौन मास्टरमाइंड है? इसका खुलासा तब होगा, जब उनका आमना-सामना कराया जाएगा। अभी उनसे अलग-अलग पूछताछ कर रहे हैं।

11 जून को सोनम समेत पांचों आरोपियों को शिलॉन्ग में कोर्ट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने सोनम समेत सभी आरोपियों को 8 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा है। पुलिस इनसे अलग-अलग कमरों में पूछताछ कर रही है। एक बार सभी के बयान दर्ज होंगे, तब इन्हें वेरिफाई करने के लिए आरोपियों का आमना-सामना कराया जाएगा।

हत्या में शामिल होने की बात सभी ने कबूल की

सोनम और राजा समेत पांचों आरोपियों से मेघालय पुलिस टुकड़ों-टुकड़ों में पूछताछ कर चुकी है। ईस्टर्न रेंज के DIG डेविस एनआर मारक ने बताया कि अब पांचों से ऑफिशियल पूछताछ होगी। इससे पहले जो पूछताछ हुई है, उसमें सभी ने हत्या में शामिल होने की बात कबूल की है।

जहां तक मास्टरमाइंड की बात है तो सोनम ने बताया कि राज के कहने पर उसने पति राजा का मर्डर किया, जबकि राज का कहना है कि सोनम ने ही हत्या की पूरी प्लानिंग की थी।

सोनम के पास 4 फोन थे… एक ही मिला, 3 गायब

शिलॉन्ग पुलिस के अधिकारियों ने ये कन्फर्म किया है कि सोनम के पास हनीमून के दौरान 4 मोबाइल फोन थे। इनमें से केवल एक मोबाइल ही बरामद हुआ है, बाकी तीन फोन सोनम ने ठिकाने लगा दिए हैं। DIG मारक कहते हैं कि CDR एनालिसिस में SIT को सोनम के पास अलग-अलग मोबाइल होने के पुख्ता सबूत मिले हैं।

पूछताछ के दौरान सोनम से बाकी तीन फोन के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। फोन की जानकारी मिलने के बाद इनका डेटा रिकवर करने की कोशिश करेंगे। ये फोन इस पूरे हत्याकांड की कड़ियों को जोड़ने की अहम कड़ी हैं। साथ ही टेक्निकल सबूत भी हैं।

CCTV फुटेज में भी सोनम दो फोन का इस्तेमाल करती नजर आ रही है।

CCTV फुटेज में भी सोनम दो फोन का इस्तेमाल करती नजर आ रही है।

हत्या से पहले शिपारा होम स्टे में छोड़ा मंगलसूत्र

22 मई की रात को राजा रघुवंशी और सोनम शिलॉन्ग के जिस शिपारा होम स्टे में ठहरे थे, सुबह साढ़े पांच बजे चेकआउट के समय सोनम ने एक बैग उसी होम स्टे में ही छोड़ दिया था। पुलिस जब होम स्टे संचालक से पूछताछ करने पहुंची थी, तब संचालक ने इस बैग के बारे में बताया था। पुलिस ने जब बैग की तलाशी ली तो इसमें सोनम का मंगलसूत्र और सोने की अंगूठी मिली।

उस वक्त पुलिस को अंदाजा था कि शादी की सबसे अहम निशानी को इस तरह छोड़ने के पीछे राजा को नापसंद करने की साइकोलॉजी हो सकती है। तब तक राजा की लाश पुलिस ने बरामद नहीं की थी। 2 जून को जब राजा की लाश बरामद हुई और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पक्का हुआ कि उसकी धारदार हथियार से हत्या की गई है, तो पुलिस की जांच का फोकस सोनम पर शिफ्ट हुआ।

सारे सबूतों को देखने के बाद पुलिस को समझ आया कि सोनम ने जानबूझकर मंगलसूत्र और अंगूठी छोड़ी थी, ताकि जब राजा की हत्या के बाद वह बदहवास हालत में घर पहुंचे तो सभी को बता सके कि लुटेरों ने राजा की हत्या की। उसका मंगलसूत्र और अंगूठी छीन ली। हालांकि, पुलिस सोनम से पूछताछ के बाद इस बात को और पुख्ता करेगी।

मेघालय का शिपारा होम स्टे, इसी जगह पर सोनम और राजा 22 मई की रात रुके थे।

मेघालय का शिपारा होम स्टे, इसी जगह पर सोनम और राजा 22 मई की रात रुके थे।

जिस स्कूटी से साथ पहुंचे थे, उसी से 12 किमी दूर आई

राजा रघुवंशी ने जो स्कूटी किराए पर ली थी, उसमें GPS ट्रैकर भी लगा था। ट्रैकर से पुलिस को ये समझने में मदद मिली कि ये स्कूटी 22 और 23 मई को किन-किन स्थानों से होकर गुजरी थी। इस रूट पर विशाल और आकाश की स्कूटी भी ट्रैक हुई।

पुलिस को ये भी पता चला कि 23 मई को दोपहर करीब 2 बजे राजा की हत्या कर दी गई, तब भी ये स्कूटी शिलॉन्ग रूट पर सोहरा गांव के पास तक आई। इसे विशाल और आकाश ने सड़क किनारे छोड़ दिया। उस स्कूटी में चाबी भी लगी मिली थी। बताया जा रहा है कि आरोपियों के साथ सोनम भी इसी स्कूटी से आई थी। पुलिस ने इसके सबूत भी जुटा लिए हैं।

यही वो स्कूटी है, जिसे राजा और सोनम ने किराए पर लिया था।

यही वो स्कूटी है, जिसे राजा और सोनम ने किराए पर लिया था।

अब जानिए, 8 दिन की रिमांड में पुलिस क्या-क्या करेगी

  1. सोनम, राज कुशवाह, विशाल चौहान, आकाश और आनंद से अलग-अलग पूछताछ की जाएगी। अब तक उन्होंने जो बातें पुलिस को बताई हैं, उन्हें क्रॉस चेक करते हुए स्टेटमेंट दर्ज होंगे।
  2. अलग-अलग स्टेटमेंट के आधार पर पुलिस उन बिंदुओं की पहचान करेगी, जिनमें बयान मेल नहीं खा रहे हैं।
  3. सोनम से बाकी 3 मोबाइल फोन जब्त करने की कोशिश होगी। ये पूरे केस की अहम कड़ी हैं।
  4. सोनम और राज कुशवाह का आमना-सामना कराया जाएगा, ताकि पूरी तस्वीर साफ हो कि किसका क्या रोल रहा है?
  5. घटनास्थल पहुंचकर मर्डर का रीक्रिएशन भी कराया जाएगा, ताकि कोर्ट में ये बताया जा सके कि किस तरह से मर्डर किया गया था।
  6. हत्यारों को कितना पैसा दिया, इसकी जांच बाकी
  7. अब तक पूछताछ में पता चला है कि 20 मई को राज, आनंद, विशाल और आकाश शिलॉन्ग जाने के लिए इंदौर स्टेशन पहुंचे, तो राज ने खुद जाने से मना कर दिया था और ट्रेन में नहीं बैठा। राज ने जो सिम विशाल को दे दी, इसी से उसकी बातचीत सोनम से हुई थी। विशाल ने सोनम को ये भी बताया था कि राज उनके साथ नहीं आया। वह तो हम लोगों को भी आने से रोक रहा था।
  8. इस पर सोनम नाराज हुई थी और उसने कहा था कि प्लान के मुताबिक ही पूरा काम होना चाहिए। राजा की हत्या के लिए सोनम ने 50 हजार रुपए की सुपारी दी थी। हालांकि, शिलॉन्ग पुलिस द्वारा इसकी तस्दीक करना बाकी है। पुलिस को सोनम के अलग-अलग बैंक अकाउंट की जानकारी भी मिली है। पुलिस इनकी डिटेल्स खंगाल रही है।

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प्लेन क्रैश में बचे इकलौते यात्री से मिले PM मोदी:10 मिनट बातचीत की; पैसेंजर रमेश बोला- दरवाजा टूटा और मैं सीट समेत नीचे गिर गया

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अहमदाबाद, एजेंसी। अहमदाबाद प्लेन हादसे में जिंदा बचे इकलौते यात्री रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि मुझे विश्वास नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर निकला। शायद दरवाजा टूटा और सीट समेत नीचे गिर गया। मुझे कुछ याद नहीं था।

रमेश कुमार अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। PM मोदी ने शुक्रवार को उनसे मुलाकात की और हालचाल जाना। दोनों के बीच करीब 10 मिनट बातचीत हुई।

इसके बाद रमेश ने DD न्यूज से बातचीत में कहा, PM ने उनका हालचाल जाना और पूछा कि हादसा कैसे हुआ। रमेश प्लेन की 11A सीट पर बैठे थे। हादसे के बाद वे घटनास्थल से खुद पैदल चलकर बाहर निकले।

पीएम मोदी ने विश्वास से करीब 5 मिनट बात की।

पीएम मोदी ने विश्वास से करीब 5 मिनट बात की।

रमेश ने कहा- मुझे विश्वास नहीं होता, मैं कैसे जिंदा बचा

सवाल: हादसा कैसे हुआ? जवाब: सब कुछ मेरे सामने हुआ। मुझे पता नहीं कैसे यह हुआ। मुझे विश्वास नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर निकला। थोड़े वक्त के लिए लगा था कि मैं भी मरने वाला हूं। मेरी आंख खुली तो लगा कि मैं जिंदा हूं। मैंने सोचा मैं यहां से निकल सकता हूं और मैं निकल गया। सवाल: फ्लाइट के टेक ऑफ होते ही क्या हुआ? जवाब: टेक ऑफ होते ही पांच-दस सेकेंड के अंदर लगा कि स्टाप हो गया हो है। बाद में ग्रीन और व्हाइट लाइट ऑन हो गई। फिर जैसे ही स्पीड बढ़ाई। उसी समय गिर गया और धमाका हो गया। सवाल: जब फ्लाइट हॉस्टल पर गिरी तभी आप बाहर निकले थे। जवाब: मेरी सीट प्लेन के जिस हिस्से में थी, वो बिल्डिंग के निचले हिस्से से टकराया होगा। ऊपर के हिस्से में आग लग गई थी, कई लोग वहीं फंसे गए। शायद मैं सीट समेत नीचे गिर गया था। मैं जैसे-तैसे निकल पाया। दरवाजा टूट गया था और सामने कुछ खाली जगह दिखी, तो निकलने की कोशिश की। दूसरी साइड पर दीवार थी, वहां से शायद कोई नहीं निकल सका। आंखों के सामने ही दो एयर होस्टेस, एक अंकल-आंटी और सब कुछ जल रहा था। सवाल: आप पैदल चलकर आए वहां से। जवाब: हां।

प्लेन हादसे के बाद रमेश विश्वास कुमार घटनास्थल से खुद ही पैदल चलकर बाहर आए थे।

प्लेन हादसे के बाद रमेश विश्वास कुमार घटनास्थल से खुद ही पैदल चलकर बाहर आए थे।

अस्पताल में भर्ती रमेश विश्वास कुमार। उन्हें चेहरे और शरीर पर जख्म आए हैं।

अस्पताल में भर्ती रमेश विश्वास कुमार। उन्हें चेहरे और शरीर पर जख्म आए हैं।

विमान में 242 लोग सवार थे, 241 की जान चली गई एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन) अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। गुरुवार दोपहर 1.40 बजे क्रैश हो गई। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। एक यात्री जिंदा बचा है। 240 लोगों की मौत हुई है।

प्लेन जिस बिल्डिंग से टकराया, वहां अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स रहते हैं। जानकारी के मुताबिक हादसे के समय इमारत में 50 से 60 डॉक्टर मौजूद थे, इनमें 15 से ज्यादा घायल हो गए हैं। हादसे की जगह से मिले ज्यादातर शव पूरी तरह से झुलस गए।

रमेश विश्वास कुमार का टिकट, वे 11A नंबर की सीट पर बैठे थे।

रमेश विश्वास कुमार का टिकट, वे 11A नंबर की सीट पर बैठे थे।

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3th Grade शिक्षकों के नहीं होंगे तबादले, बना हुआ सस्पेंस!, सरकार से पूछ रहे सवाल

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जयपुर, एजेंसी। राजस्थान में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के तबादलों को लेकर एक बार फिर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सरकार की ओर से तबादलों पर से आधिकारिक रूप से प्रतिबंध नहीं हटाया गया है, लेकिन शिक्षा विभाग ने कई श्रेणियों के कर्मचारियों के तबादलों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। खास बात यह है कि तृतीय श्रेणी (Third Grade) के शिक्षकों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है, जिससे उनमें जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने भाजपा विधायकों को एक विशेष प्रोफॉर्मा भेजा है, जिसमें प्राचार्य, उप प्राचार्य, व्याख्याता, द्वितीय श्रेणी शिक्षक, कनिष्ठ लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादलों के लिए 70-70 नाम मांगे गए हैं। ये नाम सीधे शिक्षा मंत्री को ईमेल के माध्यम से भेजने को कहा गया है।

वहीं करौली जिले के सपोटरा विधायक हंसराज बालौती ने सोशल मीडिया के जरिए तृतीय श्रेणी शिक्षकों को छोड़कर अन्य सभी ग्रेड के तबादलों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल उन्हीं कर्मचारियों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे जो सपोटरा विधानसभा में स्थानांतरण के इच्छुक हैं।

किसे नहीं मिलेगा तबादले का मौका?

जिनकी नियुक्ति को 2 साल पूरे नहीं हुए

·         संविदा कर्मी व प्रबोधक

·         गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, किडनी, नेत्रहीनता से ग्रसित

·         एक वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले

हालांकि, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने तबादला प्रोफॉर्मा को फर्जी बताया है और स्पष्ट किया है कि सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। बावजूद इसके विभागीय स्तर पर जो गतिविधियां हो रही हैं, उनसे साफ है कि तबादलों को लेकर कोई न कोई कवायद जरूर चल रही है।राज्य में करीब 4 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से लगभग एक लाख पद अभी भी खाली हैं। ऐसे में थर्ड ग्रेड शिक्षकों को तबादले से बाहर रखने का फैसला न केवल विरोधाभासी है, बल्कि इससे शिक्षक समुदाय में नाराजगी भी बढ़ी है।

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जूठण की बावड़ी में जल संरक्षण का संगम, मान फाउंडेशन की ऐतिहासिक पहल

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जयपुर, एजेंसी। राजस्थान सरकार की “वंदे गंगा – जल संरक्षण जन अभियान” के तहत 430 साल पुरानी ऐतिहासिक जूठण की बावड़ी एक बार फिर जागी। मान द वैल्यू फाउंडेशन की पहल पर यहां “पौधारोपण और श्रमदान” का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था – जल संरक्षण, धरोहरों का संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता को जन-आंदोलन में बदलना। इस अभियान में “एक पेड़ मां के नाम” संकल्प के तहत पौधारोपण भी किया गया। साथ ही, बावड़ी की साफ-सफाई, परिसर में वृक्षारोपण और लोगों के बीच जागरूकता संवाद आयोजित किए गए।

मान फाउंडेशन की संस्थापिका डॉ. मनीषा सिंह ने बताया कि यह सिर्फ एक सफाई या पौधारोपण कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी को पुनः जागृत करने की एक प्रेरणादायक पहल थी। “हमारी धरोहर, हमारी जिम्मेदारी” के भाव के साथ फाउंडेशन आने वाले समय में और भी ऐसे आयोजन करेगा।

इस कार्यक्रम में प्रशासन और समाज का जुड़ाव उल्लेखनीय रहा। एसडीएम रवि गोयल (RAS), भाजपा प्रदेश मीडिया संयोजक प्रमोद वशिष्ठ, सांगानेर मंडल अध्यक्ष सुनील शर्मा, पार्षद गिर्राज शर्मा सहित कई गणमान्य जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।

नगर निगम का भी पूर्ण सहयोग रहा। कार्यक्रम में मान फाउंडेशन की टीम – सिद्धि रांका, कुसुम ललवानी, वंशिका सिंह, भावना मिश्रा, राजीव राय, छवि अग्रवाल, वैदेही, नवीन – ने भी श्रमदान कर योगदान दिया। यह पहल न केवल बावड़ी जैसे ऐतिहासिक स्थल को सहेजने की कोशिश है, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए जल और प्रकृति के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में एक सशक्त कदम भी है।

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