नई दिल्ली/बीजिंग,एजेंसी। भारत सरकार अब चीनी पर्यटकों को फिर से वीजा देने जा रही है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत पांच साल बाद ये सेवा फिर से शुरू करेगा। कोरोना काल के बाद यह सर्विस बंद हो गई थी। इसके बाद जून 2020 में हुए गलवान संघर्ष ने दोनों देशों के रिश्तों को और खराब कर दिया था।
बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने इसकी पुष्टि की है। दूतावास ने बताया कि यह प्रक्रिया 24 जुलाई 2025 से शुरू होगी। इस जानकारी को चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भी प्रकाशित किया है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय दूतावास ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर इस संबंध में जानकारी साझा की है।
भारतीय दूतावास ने कहा है कि चीन के लोग अब भारत घूमने के लिए वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सबसे पहले ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरना होगा। फिर वेबसाइट पर जाकर अपॉइंटमेंट लेना होगा।
इसके बाद उन्हें अपने पासपोर्ट और जरूरी दस्तावेज लेकर वीजा केंद्र जाना होगा। ये वीजा केंद्र बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझू जैसे शहरों में हैं, जो दक्षिण चीन के ग्वांगडोंग प्रांत में आते हैं। वहां जाकर वे अपना आवेदन जमा कर सकते हैं।
कोरोना काल में भारत ने वीजा देना बंद किया था
गौरतलब है कि भारत ने 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते सभी पर्यटक वीजा को निलंबित कर दिया था। इसके बाद भारत-चीन के बीच जून 2020 में गलवान संघर्ष हुआ था। इससे दोनों देशों के संबंध खराब हो गए थे।
अप्रैल 2022 में अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) ने कहा था कि चीनी नागरिकों के सभी पर्यटक वीजा अब वैलिड नहीं हैं। दरअसल, चीन ने तब 22,000 भारतीय छात्रों के फिर से चीन जाने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद भारत ने ‘जैसे को तैसा’ की तरह जवाब देते हुए चीनी नागरिकों का टूरिस्ट वीजा अमान्य कर दिया था।
3 साल पहले चीन ने वीजा देना शुरू किया
जून 2022 में चीन ने अपनी वीजा नीतियों में ढील दी थी और भारतीय नागरिकों को पर्यटक वीजा के लिए आवेदन करने की अनुमति दी, जो आमतौर पर 90 दिनों की वैधता के साथ 30 दिनों तक ठहरने की अनुमति देता है।
इसके अलावा चीन ने भारतीय पेशेवरों, उनके परिवारों और अन्य विदेशी नागरिकों के लिए भी वीजा आवेदन फिर से शुरू किए, जो चीन में काम या परिवार से मिलने के लिए जाना चाहते थे।
इस नीति के तहत भारतीय नागरिक जो चीन में कार्यरत थे या जिनके परिवार वहां थे, वे वीजा के लिए आवेदन कर सकते थे।
गलवान घाटी में झड़प के बाद बिगड़े थे रिश्ते
15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं।
भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गोलियां चलीं।
इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें 40 चीनी सैनिक मारे गए थे।
इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में बड़ा तनाव देखने को मिला था।
तस्वीर लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प की है। इसी के बाद दोनों देशों के बीच विवाद गहराया था।
लखनऊ,एजेंसी। पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया। यहां उन्होंने जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्तियों का अनावरण करके पुष्पांजलि अर्पित की।
पीएम मोदी ने कहा- हमारी सरकार ने आर्टिकल 370 की दीवार गिराई। पहले एक परिवार की मूर्तियां लगती थीं, आज हर विभूति को सम्मान मिल रहा है। आजादी के बाद सभी उपलब्धियां एक ही परिवार के नाम होती थीं। भाजपा ने हर किसी के योगदान को सम्मान दिया।
मोदी ने ये भी कहा कि आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा दिल्ली के कर्तव्य पथ है। अंडमान में नेताजी ने जहां पर तिरंगा फहराया, वहां उनकी प्रतिमा है। कोई नहीं भूल सकता है कि अंबेडकर की विरासत को मिटाने का प्रयास किया गया। दिल्ली के शाही परिवार ने इसे मिटाने का प्रयास किया। यहां सपा ने भी ऐसा किया, लेकिन भाजपा ने इसे मिटने नहीं दिया।
प्रेरणा स्थल पर 65-65 फीट ऊंची दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्तियां लगाई गई हैं। हर एक प्रतिमा 42 टन वजनी है। प्रेरणा स्थल 65 एकड़ क्षेत्र में 230 करोड़ रुपए की लागत से बना है। साल 2022 में इसका निर्माण शुरू हुआ था।
प्रेरणा स्थल में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की 65-65 फीट ऊंची मूर्तियां लगाई गई हैं।
पीएम मोदी की बड़ी बातें-
लखनऊ की धमक पूरे विश्व में है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में ब्रह्मोस मिसाइल का बहुत बड़ा योगदान है। इस मिसाइल का निर्माण लखनऊ में हो रहा है।
दिल्ली के एक शाही परिवार ने बाबा साहब आंबेडकर का जिक्र इसलिए नहीं किया कि कहीं उनके महत्व में कमी न आ जाए। प्रदेश में यही काम सपा ने किया।
कांग्रेस ने बीजेपी को अछूत बनाए रखा, लेकिन बीजेपी के संस्कार सभी का सम्मान करना सिखाते हैं। हमारी सरकार ने प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न दिया, मुलायम सिंह को भी सम्मानित किया।
करनाल,एजेंसी। ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा की शादी के बाद आज गुरुवार को रिसेप्शन रखा गया है। कार्यक्रम करनाल शहर के द ईडन जन्नत हॉल में आयोजित है। दोपहर तक मेहमान होटल पहुंच गए। इसके बाद नीरज और उनकी पत्नी हिमानी ने हाथ में हाथ डालकर एंट्री ली।
नीरज-हिमानी के रिसेप्शन में एंट्री का पहला वीडियो भी सामने आया है। नीरज चोपड़ा ने जहां इंडो-वेस्टर्न ड्रेस पहनी है, वहीं हिमानी ने मैरून कलर का डिजाइनर लहंगा-चोली पहनी है। नीरज ने अपनी अपर पॉकेट पर मरून पॉकेज स्क्वेयर से मैच किया है। इस दौरान नीरज-हिमानी की वेडिंग शूट भी दिखाई गई। स्टेज पर खड़े नीरज-हिमानी एक-दूसरे का हाथ पकड़ एक-दूसरे में खोए नजर आए। दोनों आपस में शादी के पलों के बारे में भी बात करते दिखे।
बता दें कि नीरज चोपड़ा ने सोनीपत की रहने वाली टेनिस प्लेयर हिमानी मोर से 16 जनवरी 2025 को शादी की थी। आयोजन की पूरी जिम्मेदारी मुंबई की एक विशेष टीम ने ली है। द ईडन जन्नत हाल के प्रबंधन को अभी तक यह जानकारी नहीं दी गई थी कि कि कौन-कौन से वीआईपी गेस्ट पहुंचेंगे।
हालांकि, नीरज चोपड़ा और हिमानी मोर ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित अन्य बड़े नेताओं से मुलाकात कर उन्हें व्यक्तिगत रूप से रिसेप्शन पार्टी का न्योता दिया था। इस मुलाकात के बाद से ही कार्यक्रम को लेकर चर्चाएं और तेज हो गई थी।
अभी तक रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा और हरियाणवी कलाकार रेनू दूहन ने रिसेप्शन में शिरकत करने की फोटो अपने सोशल मीडिया अकाउंट शेयर की है।
गुपचुप हुई थी शादी, अब भव्य आयोजन
पानीपत के खंडरा गांव के रहने वाले नीरज चोपड़ा ने सोनीपत की रहने वाली टेनिस प्लेयर हिमानी मोर से 16 जनवरी 2025 को शादी की थी। यह शादी हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित एक रिसॉर्ट में बेहद सादगी और गुपचुप तरीके से संपन्न हुई थी। शादी के दौरान केवल परिवार के करीबी सदस्य और दोस्त ही मौजूद थे।
नीरज चोपड़ा ने कहा था कि ट्रेनिंग शेड्यूल और प्रतियोगिता सीजन शुरू होने वाला था। ऐसे में बड़े स्तर पर आयोजन करना संभव नहीं हो पाया। अब वे सभी से मिलकर खुशी साझा करेंगे।
नई दिल्ली,एजेंसी। भारतीय सेना के जवानों को पांच साल बाद सोशल मीडिया एप्स के इस्तेमाल की परमिशन मिल गई है। हालांकि कुछ शर्तें लागू रहेंगी। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, नई गाइडलाइन के तहत जवान इंस्टाग्राम पर रील, फोटो और वीडियो देख सकेंगे, लेकिन लाइक, कमेंट करने की अनुमति नहीं है।
वॉट्सएप, टेलीग्राम जैसे एप्स पर गैर-गोपनीय जानकारी शेयर कर सकेंगे। इसके अलावा यूट्यूब और X का इस्तेमाल केवल जानकारी के लिए किया जा सकेगा। वहीं, लिंक्डइन, स्काइप और सिग्नल एप के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की गई है।
सरकार ने 2020 में संवेदनशील सूचनाएं लीक होने की आशंका के चलते जवानों और अधिकारियों को 89 एप हटाने का आदेश दिया था। इसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, जूम और पबजी शामिल थे। इन एप के जरिए उस वक्त हनीट्रैप के कई मामले सामने आए थे।