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इजराइल का दावा- ईरानी एयरस्पेस पर हमारा कंट्रोल:कहा- 30% मिसाइल लॉन्चर्स तबाह किए; आज ईरान की फॉरेन मिनिस्ट्री पर हमला, अब तक 224 मौतें

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तेहरान/तेल अवीव, एजेंसी। इजराइल और ईरान के बीच 13 जून से लगातार चौथे दिन संघर्ष जारी है। इजराइल ने सोमवार को दावा किया कि उसने ईरान के एयरस्पेस को पूरी तरह अपने काबू में कर लिया है।

इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पश्चिमी ईरान से लेकर राजधानी तेहरान तक आसमान पर अब इजराइली एयरफोर्स का कंट्रोल है।

IDF के मुताबिक, इजराइल ने 50 से ज्यादा फाइटर जेट्स और एयरक्राफ्ट्स से ईरान पर हवाई हमले किए और 120 से ज्यादा मिसाइल लॉन्चर्स नष्ट कर दिए। यह ईरान के पास मौजूद मिसाइल लॉन्चर्स का एक तिहाई है।

इजराइल ने रविवार रात ईरान के विदेश मंत्रालय पर हमला किया था। इसमें 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। 14 जून को इजराइली सेना ने ईरानी रक्षा मंत्रालय पर भी हमला किया था।

ईरान के हमले में आज 8 इजराइलियों की मौत ईरान में अब तक 224 लोग इजराइली हमलों से मारे गए हैं, जबकि 1,277 से ज्यादा घायल हैं। अमेरिका में स्थित ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स ग्रुप ने ईरान में 406 लोगों के मारे जाने का दावा किया है।

ईरान भी लगातार जवाबी कार्रवाई कर रहा है। सोमवार सुबह ईरानी सेना ने सेंट्रल इजराइल में कई जगहों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इसमें 8 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हैं।

पिछले 4 दिनों के दौरान इजराइल में ईरान का यह सबसे बड़ा हमला है। ईरानी हमलों से इजराइल में अब तक 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 600 से ज्यादा घायल हैं।

इजराइल-ईरान संघर्ष की फुटेज…

ईरान के विदेश मंत्रालय पर हमले के बाद जगह-जगह मलबा बिखरा पड़ा है।

ईरान के विदेश मंत्रालय पर हमले के बाद जगह-जगह मलबा बिखरा पड़ा है।

इजराइल के हाइफा में ईरान का बैलिस्टिक मिसाइल से हमला।

इजराइल के हाइफा में ईरान का बैलिस्टिक मिसाइल से हमला।

इजराइल के बत याम में ईरानी हमले के बाद की तस्वीर।

इजराइल के बत याम में ईरानी हमले के बाद की तस्वीर।

इजरायली एयरफोर्स ने पूर्वी ईरान के मशहद एयरपोर्ट पर रीफ्यूलिंग प्लेन पर हमला किया।

इजरायली एयरफोर्स ने पूर्वी ईरान के मशहद एयरपोर्ट पर रीफ्यूलिंग प्लेन पर हमला किया।

जॉर्डन के एक नागरिक ने ईरानी मिसाइलों के साथ एक फोटो पोस्ट की और लिखा- मेरे बच्चों के बच्चों के लिए एक तस्वीर। जॉर्डन इजराइल से सटा देश है।

जॉर्डन के एक नागरिक ने ईरानी मिसाइलों के साथ एक फोटो पोस्ट की और लिखा- मेरे बच्चों के बच्चों के लिए एक तस्वीर। जॉर्डन इजराइल से सटा देश है।

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विदेश

ईरान का इजराइल के मोसाद हेडक्वार्टर पर हमला:मिलिट्री इंटेलिजेंस की बिल्डिंग को भी निशाना बनाया; इजराइल ने ईरानी सेना के कमांडर को मारा

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तेहरान/तेल अवीव, एजेंसी। इजराइल और ईरान के बीच 5वें दिन भी संघर्ष जारी है। ईरान ने मंगलवार को तेल अवीव में इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के हेडक्वार्टर पर हवाई हमला किया। इसके अलावा मिलिट्री इंटेलिजेंस से जुड़ी खुफिया एजेंसी AMAN की बिल्डिंग को भी निशाना बनाया है।

इजराइली हवाई हमले में ईरान के नए वॉर चीफ मेजर जनरल अली शादमानी की मौत हो गई है। शादमानी ईरान की खतम-अल-अनबिया हेडक्वार्टर्स यानी सैन्य आपात कमान के हेड थे। उन्होंने 4 दिन पहले ही यह पद संभाला था।

उन्हें 13 जून को इजराइली हमले में मारे गए मेजर जनरल गुलाम अली राशिद की जगह यह जिम्मेदारी दी गई थी। राशिद की मौत पिछले शुक्रवार को हुई थी। इजराइली हमलों में अब 224 ईरानी मारे जा चुके है, जबकि 1,481 लोग घायल हुए हैं। वहीं, इजराइल में अब तक 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 600 से ज्यादा घायल हैं।

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विदेश

यूरोप की ओर बढ़े US के ‘ विशाल उड़ते पेट्रोल पंप’, अमेरिका के अचानक सैन्य एक्शन से मची खलबली

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वाशिंगठन,एजेंसी। अगर आपने आज आसमान में बहुत सारे विशाल सैन्य विमान उड़ते देखे हैं, तो आप कोई सपना नहीं देख रहे ये सब असल में हो रहा है।अमेरिका के विभिन्न सैन्य ठिकानों से एक बड़ी संख्या में  एरियल रिफ्यूलिंग टैंकर विमान (यानी हवा में ईंधन भरने वाले विमान, जिन्हें “उड़ते हुए पेट्रोल पंप” भी कहा जाता है) उड़ान भर चुके हैं और ये सभी यूरोप की दिशा में बढ़ते दिख रहे हैं।

क्या संकेत दे रहे ये घटनाक्रम?

  • इस तरह के टैंकर विमान तब भेजे जाते हैं  जब अमेरिका बड़ी संख्या में लड़ाकू विमानों को लंबे समय तक आसमान में तैनात रखना चाहता है। 
  • टैंकर विमानों की ये तैनाती बताती है कि कोई बड़ी सैन्य गतिविधि या ऑपरेशन की तैयारी हो रही है। 
  • ऐसा तभी होता है जब  संभावित युद्ध या सैन्य तनाव बढ़ रहा हो और अमेरिकी सेना को अपने लड़ाकू विमानों को दूरस्थ क्षेत्रों में लंबे समय तक मिशन पर भेजना हो।

क्या बोले रक्षा विशेषज्ञ
हाल के दिनों में यूरोप में रूस और नाटो (NATO) के बीच तनाव पहले से कहीं ज्यादा बढ़ा है। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका  पूर्वी यूरोप या बाल्टिक क्षेत्र में सैन्य उपस्थिति बढ़ा सकता है।  रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि “इतने सारे टैंकर विमानों का एक साथ उड़ान भरना सामान्य बात नहीं है। यह दर्शाता है कि अमेरिका किसी बड़े एयर ऑपरेशन की तैयारी में है।”  अगर ऐसा है तो जल्द ही F-16, F-35 जैसे लड़ाकू विमान भी यूरोप भेजे जा सकते हैं। 

Pentagon से कोई आधिकारिक बयान नहीं
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (Pentagon) ने अभी तक  इस मिशन पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन इंटरनेट पर और सोशल मीडिया पर लोग लगातार टैंकर विमानों की उड़ानों की  लाइव लोकेशन साझा कर रहे हैं, जिससे ये खबर और ज्यादा गर्म हो गई है।आकाश में इन विशाल विमानों की हलचल यह साफ संकेत दे रही है कि कुछ बड़ा और असामान्य घटने वाला है। अमेरिका की यह गतिविधि किसी बड़े सैन्य ऑपरेशन की ओर इशारा कर रही है। आने वाले कुछ दिन यूरोप और दुनिया की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम हो सकते हैं। 

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देश

साइप्रस में PM मोदी ने Israel-Iran Conflict पर जताई चिंता, कहा-“यह युद्ध का युग नहीं!” 

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नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने और साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों पर ‘‘चिंता जताई” और उन दोनों का मानना है कि ‘‘यह युद्ध का युग नहीं है।” मोदी ने यहां क्रिस्टोडौलिडेस के साथ व्यापक वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अपने संबोधन में यह भी कहा कि ‘‘बातचीत के जरिए समाधान और स्थिरता बहाल करना मानवता की मांग है।” प्रधानमंत्री ने सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में साइप्रस के समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में साइप्रस के समर्थन के लिए आभारी हैं।” प्रधानमंत्री मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में अभी साइप्रस में हैं। मई में भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाए जाने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में, ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया गया था। संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान अपने संबोधन में राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस ने कहा, ‘‘हमारे बीच ऐतिहासिक मित्रता है और हमारे संबंधों में विश्वास है।”

उन्होंने 22 अप्रैल के भयावह पहलगाम आतंकी हमले को भी याद किया और कहा कि साइप्रस, भारत के साथ ‘‘पूरी एकजुटता” के साथ खड़ा है। राष्ट्रपति ने कहा कि साइप्रस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है। अपने संबोधन में क्रिस्टोडौलिडेस ने अहमदाबाद में 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे का भी जिक्र किया और कहा कि साइप्रस के लोग दुख की इस घड़ी में भारत के साथ हैं। मोदी और क्रिस्टोडौलिडेस ने भारत-साइप्रस संबंधों के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु न्याय जैसे क्षेत्रों में सहयोग के बारे में बात की। उन्होंने क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। मोदी ने कहा, ‘‘हम दोनों ने पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों पर चिंता व्यक्त की। उनका नकारात्मक प्रभाव केवल उन क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है। हम दोनों का मानना है कि यह युद्ध का युग नहीं है। बातचीत के माध्यम से समाधान और स्थिरता बहाल करना मानवता की मांग है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी यात्रा भारत-साइप्रस द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय लिखने का ‘‘स्वर्णिम अवसर” है। पिछले दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की यह पहली यात्रा है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया। बाद में, मोदी ने भारत-साइप्रस संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रपति के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल वार्ता के दौरान मौजूद थे। साइप्रस पहुंचने के तुरंत बाद मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह यात्रा भारत-साइप्रस संबंधों को महत्वपूर्ण गति प्रदान करेगी, खासकर व्यापार, निवेश और अन्य क्षेत्रों में।” संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान साइप्रस के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमने प्रधानमंत्री के साथ साइप्रस मुद्दे पर भी चर्चा की।”

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