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कोरबा

ललमटिया एक ऐसा गांव, जहां आज तक नहीं पहुंची विकास की रोशनी:यहां आज भी लालटेन युग

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विशेष पिछड़ी जनजाति पंडो के संरक्षण एवं उनका
जीवन स्तर सुधारने में सरकारी तंत्र हो रहा फेल

ग्रामीणों ने कहा -कलेक्टर साहब खुद यहां आएं और हमें बुनियादी सुविधाएं दें

पंडो परिवार ने कहा-कलेक्टर साहब कब आएंगे हमारे गांव और हमारे गांव तथा हमारा जीवन कब समृद्ध होगा

पाली /कोरबा ।

आजादी के 76 साल बाद भी कोरबा जिले के ललमटिया में विकास की रोशनी आज तक नहीं पहुंची। यहां पंडों जनजाति निवास करती है और इंतजार है एक ऐसे जनप्रतिनिधि और अधिकारी की, जो यहां विकास की रोशनी पहुंचा सके। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि कलेक्टर साहब खुद यहां आएं और हमारी तकलीफ को समझें और हमें भी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करें। जनपद पंचायत पाली के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रामाकछार के आश्रित मोहल्ला ललमटिया में निवासरत विशेष संरक्षित पिछड़ी जनजाति पंडो के संरक्षण में सरकारी तंत्र पूरी तरह फेल नजर आ रहा है। पंडो जनजाति के लोग राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाते हैं। राष्ट्रपति के इन दत्तक पुत्रों की हालत में सुधार लाने के लिए 2014 में पंडो अभिकरण बनाने के बाद भी धरातल पर कुछ नहीं दिखा। इस संरक्षित अति पिछड़ी जनजाति की अनदेखी शासन-प्रशासन कैसे कर रहा है, यह तब उजागर हुआ है, जब पाली के हमारे प्रतिनिधि ने खबर कवरेज करने के दौरान गांव ललमटिया में पहुंचे, जहां जनजातियों की बुरी स्थिति सामने आई।
विडंबना तो यह है कि वनवासी जीवनशैली और सामाजिक ताने-बाने में जीवनयापन करने वाले इस विशेष पिछड़ी जनजाति को मुख्यधारा में लाने के दावे सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। यदि इस संरक्षित जनजाति को वास्तव में संरक्षित करना है तो इसके लिए जो योजनाएं बनती हैं, वे कागजी न हों। इस समाज के कुछ युवा पढ़-लिखकर शासकीय सेवा में कार्यरत हैं। अगर इस जनजाति की नई पीढ़ी को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा, एक-एक पंडो परिवार को शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी जरूरतें उपलब्ध कराई जाएंगी, तभी इन्हें संरक्षित किया जा सकता है। दरअसल, इन्हें महाभारत के पांडवों का वंशज भी माना जाता है। ललमटिया में पंडो की तीन पीढिय़ों से निवास करते आ रहे हैं। वर्तमान में 25 परिवार निवास कर रहे हैं। पण्डो सडक़,पुल पुलिया ,पानी ,बिजली जैसी जरूरी सुविधाओं से वंचित हैं । पानी की समस्या का आलम यह है कि महिलाएं रोज पैदल उबड खाबड़ पथरीली रास्तों से खाई में उतरती हैं तब उन्हें ढोढ़ी का पानी मिलता है। महिलाएं जंगल के कठिन रास्ते से सर पर डेचकी (एल्युमिनियम का घड़ा)में पानी भरकर घर लाती हैं। उनकी बस्ती में एक हैंडपंप है वह भी ठीक से पानी नहीं देता। 50 वर्षों से पण्डो जनजाति के लोग रह रहे हैं लेकिन पानी के साथ सडक़ बिजली की सुविधा नहीं है। दिव्य आकाश की टीम जब पण्डो के बीच पहुंची, तब उन्होंने टीम से ही सवाल करने लग गए कि आप ही बताएं यहां क्या सुविधा दिखाई दे रही हंै? उन्होंने कहा योजना लाभ बड़े लोग ले रहे हैं उनके घरों के आसपास सभी सुविधाएं होती है। लेकिन हम पण्डो के प्रति किसी का ध्यान नहीं है। वही पीएम आवास योजना से मकान नहीं मिलने से भी खासा नाराज हैं । सक्षम लोगों को योजना के तहत मकान मंजूर हुए हैं, लेकिन एक भी गरीब परिवार को यहां मकान नहीं मिला है । यहां बताना होगा कि पण्डो जनजाति को राष्ट्रपति ने गोद लिया था, इनके विकास के लिए पांडव विकास प्राधिकरण बना है, इसके बावजूद यहां के पण्डो जनजाति के लोग पशुत्तर जिंदगी जीने मजबूर हैं
पंडो परिवार का दर्द-ए-बखान
लालटेन युग में जी रहे हम-प्रिवन पंडो


प्रिवन सिंह पंडो का कहना है कि हम पंडो परिवार रामाकछार के लालमट्टीपारा में निवास करते 50 वर्ष हो गए, लेकिन हमारा जीवन लालटेन से ऊपर नहीं आ पाया। हमने अभी तक बिजली की की रोशनी नहीं देखी। पूरी दुनिया चांद पर पहुंच गई और हम बरसात के दिनों में नाला पार कर आवागमन करते हैं। प्रशासन ने नाले में पुल तक नहीं बना पाया।
रात के अंधेरे में निकलना मुश्किल


उमेंद सिंह पंडो का कहना है कि लाईट नहीं होने से रात के अंधेरे में निकलना मुश्किल हो जाता है, बरसात के दिनों में जहरीले जंतुओं सहित जंगल में जानवरों का खतरा बना रहता है। हमें कई बार खतरों से सामना करना पड़ा।
अब तक गांव में नहीं पहुंची सडक़-इतवार सिंह


इतवार सिंह पंडो का कहना है पहुंच विहीन है हमारी बस्ती। दो से तीन किलो मीटर तक सडक़ नहीं, दो तीन किलो मीटर सडक़ बन जाए तो बस्ती तक गाडिय़ां पहुंचने लगेंगी, लेकिन 50 साल में यहां की सडक़ नहीं बनी। उन्होंने कहा- कलेक्टर साहब यहां कब आएंगे।

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कोरबा

वनविभाग आई एक्शन मोड में, बांकीमोंगरा क्षेत्र मे विभाग ने चलाया बुलडोजर, देखते रहे बेजाकब्जा धारी,,,।

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संवाददाता साबीर अंसारी

बांकीमोंगरा:– थाना बांकीमोंगरा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग का बांस बाड़ी जो इंदिरा नगर में है, जहां काफी लंबे अर्शे से वन विभाग ने अपना जोन (डिपो) बना रक्खा है, जहां के बेखौफ स्थानीय लोगों के द्वारा जोन के ठीक बाजू से 10 मीटर के दूरी से ही वन भूमि को कब्जा कर मकान निर्माण किया हुआ था जिनको पहले भी कई बार नोटिस दिया जा चुका था पर कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। कार्यवाही न होने के वजह से कब्जाधारी लोगों को कोई डर ही नहीं था और अभी वर्तमान में उनके द्वारा बिना किसी डर के धड़ल्ले से वन भूमि में निर्माण का कार्य किया जा रहा था जो लगभग वन भूमि के अंदर 100 मीटर तक घुस कब्जा कर लिए थे,,,।

इस बढ़ते कब्जे को देख वन विभाग के द्वारा 8 कब्जाधारियों को चिन्हित कर दिनांक 29/05/25 को शॉर्ट नोटिस दिया गया,,, जिसमें 4 लोगों ने कब्जा भूमि पर पक्का मकान निर्माण करा लिया था और चार लोग बाड़ी बनाए हुए थे, और इस बार भी लोग नोटिस को नजरअंदाज करते हुए अपना कब्जा बरकरार रखा जिसके बाद दिनांक 04/06/25 को वन विभाग का अमला सुबह सुबह पूरे विभाग के दल बल के साथ बुलडोजर लेकर बांस बाड़ी के पीछे पंहुचा, और चिन्हित लोगों के बेजा कब्ज़ा को तोडना शुरू कर दिया, बेजाकब्जा धारियों ने विरोध करने की कोशिश की पर नाकाम रहे और वन अमला अपना काम करता रहा।

बेजा कब्जा हटाने के बाद विभाग द्वारा स्थानीय लोगों को कड़ी शब्दों में हिदायत दी गई कि वन भूमि के दायरे अंदर जो भी कब्जा करेगा उन सब पर कार्यवाही की जाएगी,,।

जानकारी के अनुसार इसी क्षेत्र में जल्द ही एक बार फिर हो सकती है कार्यवाही।

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कोरबा

कांगे्रस का संविधान बचाओ आंदोलन : वक्ताओं ने कहा – संविधान बदलने भाजपा की साजिश कभी सफल नहीं होगी

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कोरबा। भाजपा की नफरत में डूबी बयानबाजी, भारत के सामाजिक ताने – बाने के लिए एक गंभीर खतरा है। इस नफरत का एकमात्र विकल्प हमारे सविंधान में निहित संदेश है । यह एक ऐसा विचार है, जो भारत के नागरिकों को परस्पर सम्मान, प्रेम और सबके सम्मिलित उत्थान के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता के आधार पर एकबद्ध करता है ।


उक्त कथन सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कोरबा सुभाष चौक पर आयोजित विधानसभा स्तरीय सविंधान बचाओ आंदोलन की आमसभा में अपने उद्बोधन में व्यक्त किया। सांसद महंत ने आगे कहा कि भारत में दो विचारधाराएं है, एक जो सविंधान की रक्षा करती है तथा समानता और एकता की बात करती है और दूसरी विचारधारा सविंधान खतम करने वालों की है ।


पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सविंधान की रक्षा करते रहेंगे । यह सविंधान डॉ.अंबेडकर जी, महात्मा गांधी जी और देश के हर नागरिक का सविंधान है, इसलिए हम सबको इसकी रक्षा करनी चाहिए। किसी भी हालात में हमें, हमारे सविंधान को नष्ट नहीं होने देंगे। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ.भीमराव अंबेडकर के तैल्यचित्र एवं नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजली अर्पित कर उन्हें नमन किया गया ।
जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष नत्थुलाल यादव ने कहा कि भाजपा भारत में धर्म, भाषा और जाति के नाम पर नफरत फैलाने का काम रही है । कांग्रेस इस नफरत का खिलाफत करते रहेगी ।


जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष मनोज चौहान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से भारत को एकजूट रखने की कोशिश की है। श्रीमती इंदिरा गांधी और राजीव गांधी देश को एकजूट रखने के लिए अंतिम सांस तक कार्य करते रहे और शहीद हुए।


पूर्व महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि देश की संपत्ति को केन्द्र सरकार द्वारा लगातार बेची जा रही है । रेल्वे स्टेशनों पर वेटिंग हॉल में प्रति घण्टे के दर से किराया देना पड़ रहा है ।
प्रदेश कांग्रेस सचिव विकास सिंह ने कहा कि देश और प्रदेश में जो सरकार चल रही है, वह सविंधान को तोडऩे और बदलने का असफल प्रयास कर रही है। उनका यह प्रयास कभी भी सफल नहीं होगा ।
श्याम सुंदर सोनी ने कहा कि जिस तरह से केन्द्र सरकार की भाजपा सरकार सविंधान के साथ छेड़छाड़ कर रही है, वह चिंता का विषय है। सविंधान से हम सबको अधिकार मिले हैं। केन्द्र सरकार तमाम जांच एजेंसी को अपना एजेंट बनाकर विपक्ष को परेशान करने में लगी है। यह विषय भी सविंधान के नियमों के विरूद्ध है
कार्यक्रम में दुलेश्वरी सिदार, सूरज महंत, रेखा त्रिपाठी, उपनेता प्रतिपक्ष डॉ.रामगोपाल कुर्रे, सांसद प्रतिनिधि मोहन प्रधान, सुरेश सहगल, सपना चैहान, बी एन सिंह, कुसुम द्विवेदी, प्रदीप पुरायणे, राकेश पंकज, सुभाष राठौर, संतोष राठौर, सुकसागर निर्मलकर, बसंत चंद्रा, दुष्यंत शर्मा, रमेश जायसवाल, जयप्रकाश यादव, राजेन्द्र तिवारी, बद्रीकिरण, नारायण कुर्रे, अविनाश बंजारे, मस्तुल कंवर, रवि चंदेल, अनुज जायसवाल, अर्जुन सिंह, आकाश पटेल, पालुराम साहू, अश्वनी पटेल, मनक साहू, अतुल दास, गिरधारी बरेठ, रमेश वर्मा, राजेश यादव, लक्ष्मी महंत, दीपक राठौर, शशिलता पाण्डेय, राजेन्द्र ठाकुर, रामकुमार राठौर, गणेश दास, जीवन चैहान ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने किया और अंत में पार्षद मुकेश राठौर ने आभार व्यक्त किया ।

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कोरबा

X-बॉयफ्रेंड बोला- तू मुझे छोड़ नहीं सकती, फिर मारा चाकू:नाबालिग लड़की बोली- उसने जेल से छूटने के बाद भी मारने की धमकी दी

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कोरबा,एजेंसी। कोरबा जिले में एक्स बॉयफ्रेंड ने अपनी एक्स गर्लफ्रेंड के सीने में चाकू मारा है। सिविल लाइन के डिंगापुर रिक्शा पारा में शनिवार (7 जून) को पीड़िता और उसकी मां पूर्व प्रेमी राहुल सारथी (19 साल) के घर उसे समझाने गए थे कि वह उनकी बेटी से दूर रहे, तभी उसने मारपीट की। इसी बीच बचाव करने आई मां को भी चोट लगी है।

मामला रामपुर थाना क्षेत्र का है। राहुल का लड़की के घर आना-जाना था। वह छोटी-छोटी बातों पर टोकता और शक के चलते मारपीट करता था। परेशान होकर रिलेशनशिप के 1 साल बाद लड़की ने उससे ब्रेकअप कर लिया। इसके बाद भी राहुल ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। पीड़िता का कहना है कि, लड़के ने जेल से छूटने के बाद भी मारने की धमकी दी है।

नाबालिग के सीने में टांके लगे है।

नाबालिग के सीने में टांके लगे है।

आरोपी राहुल सारथी ने ये फोटो अपने इंस्टाग्राम पेज पर डाली है।

आरोपी राहुल सारथी ने ये फोटो अपने इंस्टाग्राम पेज पर डाली है।

नाबालिग लड़की ने क्या कहा?

वह अक्सर घर आकर गाली-गलौच और मारपीट करता था। उसका कहना है कि तू किसी और कि नहीं हो सकती न होने दूंगा क्योंकि तेरे चक्कर में मोहल्ले और घर में बदनाम हो चुका हूं इसलिए तु मेरे को छोड़कर नहीं जा सकती।

आगे नाबालिग ने बताया कि, मेरे चेहरे पर वो पहले भी मारा है। आंख के ऊपर टांके आए थे, इस बार फिर मारा है तो सीने में टांके आए है। राहुल कुछ काम नहीं करता था। अभी भी वह धमकी दिया है कि जेल से निकल के फिर मारुंगा। वह धमकी देता था कि वह किसी और की नहीं हो सकती। राहुल के पिता स्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी करते हैं।

बता दें कि पीड़िता के शरीर पर पहले से भी कई चोटों के निशान हैं। परिजनों की शिकायत के बाद थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने जांच की बात कही है।

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