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कोरबा

प्रदेश में आदिवासियों का हो रहा उत्थान : मंत्री लखन लाल देवांगन

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विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी शक्तिपीठ में किया गया कार्यक्रम का आयोजन

मंत्री देवांगन ने विकास कार्यों के लिए 50 लाख देने की घोषणा की

कोरबा । विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बुधवारी स्थित आदिवासी शक्तिपीठ स्थल पर आयोजित मूल निवासी महोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे वाणिज्य उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने  मुख्य अतिथि के रूप में  अपने उद्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में आदिवासी समाज ही नहीं सभी समाज के कल्याण के लिए योजनाएं बनाकर उनका उत्थान किया जा रहा है। वे एक संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं और गरीबों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी समाज से है। देश का महामहिम राष्ट्रपति भी आदिवासी समाज से हैं। इससे बहुत गौरव की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाना चाहते हैं। वर्ष 2047 तक उन्होंने विकसित भारत का लक्ष्य निर्धारित किया है। आप सभी देश को विकास के रास्ते पर ले जाने सहयोग करें।
मुख्य अतिथि मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि जब मैं महापौर था, तब से समाज द्वारा मुझे सम्मान दिया जाता रहा है। आदिवासी शक्तिपीठ स्थल में विकास हेतु लगातार कार्य कराया गया है। बहुत खुशी होती है कि अब शक्तिपीठ स्थल में आदिवासी समाज के युवा एवं छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। यहां रहकर शिक्षा प्राप्त कर एक अच्छा नागरिक बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति की पूजा करने वाला सीधा-सादा और सरल समाज है। उन्होंने आदिवासी समाज को शिक्षा से जुड़े रहने और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि छत्तीसगढ़ व कोरबा जिला के विकास में आदिवासी समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है। मंत्री ने आदिवासी समाज द्वारा स्थापित शक्तिपीठ परिसर में बाउण्ड्री वॉल तथा सौंदर्यीकरण तथा अन्य विकास कार्यों के लिए 50 लाख रूपए विधायक निधि से देने की घोषणा की।  विशिष्ट अतिथि श्रीमती शिवकला छत्रपाल सिंह कँवर ने सभी को आदिवासी दिवस की बधाई दी और कहा कि विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन हमें अपने अस्तित्व का बोध कराती है। आदिवासी शक्तिपीठ और समाज के मोहन सिंह प्रधान, आर. एस. मार्को सहित अन्य ने अपने उदबोधन में कहा कि आज भारत ही नहीं, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा भी आदिवासी, मूल निवासी दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने समाज को संघर्ष कर शिक्षित रहने और संगठित बनने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर समाज के लोगों एवं बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।

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कोरबा

‘संगी रे लहुट के आजा ” 20 से सिनेमा घरों में…

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कोरबा। सुपरहिट पहली फिल्म ‘मोर छैया भुइयां’को अपने संगीत से अमर बनाने वाले प्रसिद्ध संगीतकार बबला बागची निर्देशक के रूप में अपनी पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘संगी रे लहुट के आजा’ लेकर आ रहे हैं।

उनके साथ निर्माता के तौर पर सुशील गर्ग भी जुड़े हैं। संगी रे फिल्म छत्तीसगढ़ की पहली संगीत-प्रधान फिल्म बताई जा रही है, जिसकी कहानी दो गायकों के प्यार, उनके सपनों और संघर्षों के इर्द-गिर्द घूमती है। खाश बात ये भी है कि निर्देशक बाबला के फिल्मी गुरु सुपर डायरेक्टर “सतीश जैन” इस फिल्म में दमदार अभिनय करते दर्शकों मंत्र मुग्ध अचंभित करते दिखाई देंगे।

फिल्म में मुख्य भूमिका में नवोदित कलाकार प्रतीक के साथ छत्तीसगढ़ी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री सिल्की गुहा नजर आएंगी। प्रतीक इस फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर रहे हैं और निर्देशक बाबला बागची का मानना है कि यह फिल्म प्रतीक के करियर के लिए “मील का पत्थर” साबित होगी। फिल्म की स्टारकास्ट भी काफी दमदार है। मुख्य जोड़ी के अलावा, छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सुपरस्टार प्रकाश अवस्थी, सतीश जैन, सिंखा चितांबरे, पुष्पेंद्र सिंह, योगेश अग्रवाल, सतीश जैन, सिग्मा उपाध्याय, हेमलाल कौशल और धर्मेंद्र अहिरवार जैसे मंझे हुए कलाकार भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में दिखाई देंगे। अपनी कर्णप्रिय आवाज से गानो में स्वर दिया हैं, सुनील सोनी, अनुराग शर्मा, कंचन जोशी, अनु दीप ने।

संगीत, निर्देशक बाबला बागची, निर्माताः सुशील गर्ग कैमरा दिनेश ठक्कर, संपादनः पूरन किरी-क्रिएटिव हेडः शुशांत शर्मा, डि आई नितेश झा ने किया हैं।

दमदार कहानी, सुरीले संगीत और बेहतरीन कलाकारों की टीम के साथ, ‘संगी रे लहुट के आजा’ से छत्तीसगढ़ी सिनेमा के दर्शकों को काफी उम्मीदें हैं। फिल्म 20 जून 2025 को, निहारिका, चित्रा टाकीज. कोरबा सहित प्रदेश के सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

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कोरबा

बिना नंबर की गाड़ियों पर लगातार कार्रवाई जारी : 193 गाड़ियों पर चालानी कार्रवाई

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कोरबा । जिले में ट्रैफिक पुलिस द्वारा बिना नंबर प्लेट वाहनों के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान के अंतर्गत पिछले दो दिन में और 193 गाड़ियों पर मोटरयान अधिनियम की धारा 55/177 के तहत चालानी कार्रवाई की गई।
अब तक इस अभियान के तहत कुल 256 वाहनों पर चालानी कार्रवाई करते हुए रू.76,800/- का समन शुल्क वसूला गया है।

इस अभियान के दौरान वाहनों के इंजन नंबर, चेचिस नंबर तथा वैध दस्तावेजों की जांच के उपरांत ही चालानी कार्रवाई की गई। बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों का अपराधिक गतिविधियों (जैसे चोरी, लूट आदि) में उपयोग होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

कोरबा पुलिस की नागरिकों से अपील : बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाना न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि ऐसे वाहन अपराधियों को छुपने और अपराध को अंजाम देने में मदद करते हैं, जिससे शहर की कानून व्यवस्था प्रभावित होती है।

कोरबा पुलिस नागरिकों से आग्रह करती है कि : अपने वाहनों पर वैध नंबर प्लेट अनिवार्य रूप से लगवाएं।यातायात नियमों का पालन कर स्वयं सुरक्षित रहें व दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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कोरबा

वज्रपात / आकाशीय बिजली से बचाव हेतु कोरबा पुलिस की अपील – सभी नागरिक सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

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कोरबा। कोरबा जिला मानसून काल में आकाशीय बिजली (वज्रपात) से प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है। हर वर्ष इस प्राकृतिक आपदा के कारण कई लोगों की मृत्यु हो जाती है। इससे बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता आवश्यक है।

कोरबा पुलिस सभी नागरिकों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों, किसानों एवं मजदूरों से निम्न सावधानियों का पालन करने की अपील करती है:

  1. यदि घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं और उससे दूर रहें, तथा बिजली से चलने वाले यंत्रों/उपकरणों को बंद कर दें।
  2. यदि दो पहिया वाहन, साइकिल, ट्रक, खुले वाहन आदि पर सवारी हो तो तुरंत उतरकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
  3. वज्रपात/आकाशीय बिजली के दौरान वाहनों पर सवारी न करें।
  4. धातु की डंडी वाले छाते का उपयोग न करें।
  5. टेलीफोन व बिजली के पोलों/खंभों तथा टेलीफोन टावर से दूर रहें।
  6. कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग न करें, टूट या सूत की रस्सी का उपयोग करें।
  7. बिजली की चमक तथा गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर ऊंचे एवं एकल पेड़ों के नीचे न जाएं।
  8. यदि आप जंगल में हों तो छोटे एवं घने पेड़ों की शरण में चले जाएं।
  9. वृक्षों, दलदल वाले स्थानों तथा जल स्रोतों से यथा संभव दूर रहें; परंतु खुले आकाश में रहने से अच्छा है कि छोटे पेड़ों के नीचे रहें।
  10. यदि खुले आकाश में रहना मजबूरी हो, तो नीचे के स्थलों को प्राथमिकता से चुनें।
  11. एक साथ कई व्यक्ति इकट्ठे न हों; दो व्यक्तियों के बीच कम से कम 15 फीट की दूरी रखें।
  12. तैराकी कर रहे लोग, मछुआरे आदि अविलंब पानी से बाहर निकल जाएं।
  13. गीले खेतों में हल चलाते, रोपाई या अन्य कार्य कर रहे किसानों एवं मजदूरों या तालाब में कार्यरत व्यक्ति तुरंत सूखे एवं सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।
  14. धातु से बने कृषि यंत्र, डंडा आदि से दूर रहें।
  15. यदि आप खेत-खलिहानों में कार्यरत हों और किसी सुरक्षित स्थान पर नहीं जा सकते, तो:
    – जहां हैं, वहीं रहें। पैरों के नीचे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रखें।
    – दोनों पैरों को आपस में सटाकर, दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर सिर को जमीन की ओर यथा संभव झुका लें। सिर को जमीन से न छूने दें।
    – जमीन पर बिल्कुल न लेटें।
  16. अपने घरों तथा खेत-खलिहानों के आसपास कम ऊंचाई वाले उन्नत किस्म के फलदार वृक्षों का समूह लगाएं।
  17. ऊंचे पेड़ों के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार स्थापित कर उसे जमीन में पर्याप्त गहराई तक दबा दें, जिससे पेड़ सुरक्षित हो सके।
  18. मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित स्थान होता है।
  19. यदि संभव हो तो अपने घरों में तड़ित चालक (Lightning Arrester) लगवाएं।
  20. यथासंभव खुले क्षेत्र में स्वयं को धात्विक संपर्क से बचाकर रखें।

कोरबा पुलिस नागरिकों से अपील करती है कि वज्रपात के समय मौसम विभाग की चेतावनी पर ध्यान दें, सतर्क रहें और इन सावधानियों का पालन कर अपने व अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह जानकारी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों तक विशेष रूप से पहुँचाई जाए।

आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है।

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