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छत्तीसगढ़

डैम में डूबने से रेलवे के जूनियर इंजीनियर की मौत:12 घंटे बाद मिला शव, बिलासपुर में 5 दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गया था

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बिलासपुर,एजेंसी। बिलासपुर में अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गए रेलवे के जूनियर इंजीनियर की डैम में डूबने से मौत हो गई। सत्येंद्र सिंह कंवर रविवार को नहाते समय गहराई में समा गया था। एसडीआरएफ की टीम ने आज सुबह शव बरामद कर लिया है। रविवार देर शाम से लेकर रात तक पुलिस और SDRF की टीम तलाश में जुटी रही। लेकिन, उसका पता नहीं चल सका था।

सोमवार सुबह जब पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची तो जूनियर इंजीनियर का शव पानी में तैरता मिला। सत्येंद्र सिंह कंवर (30) रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग में जूनियर इंजीनियर था। वो मूलत: अंबिकापुर का रहने वाला था। रविवार को सत्येंद्र सिंह अपने पांच दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने कोटा के घोंघा जलाशय स्थित कोरी डैम गए थे। दोस्तों में तीन लड़के और दो लड़कियां भी थे।

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रोजगार की मांग पर भूविस्थापित किसानों द्वारा खदान बंदी के बाद 3 महिला समेत 4 भू विस्थापित गिरफ्तार : माकपा और किसान सभा ने की निंदा, रिहा करने की मांग, दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी

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शनिवार को एसईसीएल के सीएमडी का फूंकेंगे पुतला

संवाददाता साबीर अंसारी

कोरबा:– छत्तीसगढ़ किसान सभा,माकपा और भू विस्थापित संगठनों ने कहा कि एसईसीएल में अपनी जमीन जाने के बाद लगातार रोजगार की मांग कर रहे भू विस्थापित किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन पर एसईसीएल और प्रशासन के दमनात्मक रवैये को स्वीकार नहीं किया जाएगा। कुसमुंडा खदान में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे सरिता कौशिक,गोमति केवट,मीना कंवर,लंबोदर श्याम को गिरफ्तार किया गया है उन्हे तत्काल रिहा करने की मांग करते हुए शनिवार को एसईसीएल के दमनकारी सीएमडी हरीश दुहान का पुतला फूकने का एलान किया है।उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा खदान क्षेत्र के कई गांवों की जमीन को 1978 से लेकर 2004 के मध्य कोयला खनन के लिए अधिग्रहित किया गया है, लेकिन तब से अब तक विस्थापित ग्रामीणों को न रोजगार दिया गया है, न पुनर्वास। ऐसे प्रभावितों की संख्या 1000 से भी अधिक है और वे लंबे समय से रोजगार के लिए आंदोलनरत है, जबकि एसईसीएल प्रबंधन उन्हें रोजगार देने में आनाकानी कर रहा है। अप्रैल महीने में भी प्रशांत झा सहित 13 भू विस्थापितों के खिलाफ एसईसीएल प्रबंधन द्वारा दंगा फैलाने जैसे मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी।आंदोलनकारी रोजगार और पुनर्वास से जुड़े अपने अधिकारों के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे और दमन की किसी भी कार्यवाही से डरने वाले नहीं है। इसके पहले भी वे लाठी और जेल का सामना कर चुके हैं।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव प्रशांत झा ने इन गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए भू विस्थापितों को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एसईसीएल और प्रशासन की संवेदनहीनता के कारण ही विस्थापित बेरोजगारों का आंदोलन इतने चरम पर पहुंचा है, जिसे प्रबंधन उचित पहलकदमी करके टाल सकता था। उन्होंने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन ने समस्या को हल करने का कई बार वादा किया लेकिन इस दिशा में उसने कोई ठोस कार्य नहीं किया। माकपा नेता प्रशांत झा ने आरोप लगाया की जब से एसईसीएल के नए सीएमडी हरीश दुहान बैठे है तब से एसईसीएल आंदोलन को दबाने के लिए दमन की नीति पर काम कर रहा है।उसने पूरे कोल फील्ड में आंदोलनकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए है और आंदोलनकारियों को जेल भेज कर डराने की कोशिश कर रहे हैं।कुसमुंडा में कल आंदोलनकारी महिला की गिरफ्तारी इसी दमन की अगली कड़ी है। माकपा,किसान सभा और भू विस्थापित संगठन इसका जवाब आंदोलन को और तेज करके देगा।जल्द भू विस्थापितों को एकजुट कर बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी रोजगार और पुनर्वास के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, सुमेंद्र सिंह कंवर ने आंदोलन कर रहे भू विस्थापितों पर लादे गए फर्जी मुकदमों को वापस लेने की मांग करते हुए उन्हों ने कहा कि भू विस्थापितों के शिनाख्ती के आधार पर फर्जी नियुक्तियां को रद्द कर वास्तविक और पात्र लोगों को रोजगार दिया जाए, अन्यथा पीड़ित को मुआवजा सहित उनकी जमीन वापस की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि भूविस्थापितों का शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहेगा और एसईसीएल प्रबंधन को सभी भू विस्थापितों को रोजगार देना ही होगा।भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के रेशम यादव,दामोदर श्याम,रघु यादव,जय कौशिक ने कहा कि भू विस्थापित अपने अधिकार की मांग कर रहे थे और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज कर आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रहे हैं भू विस्थापित संगठन ने गिरफ्तार भू विस्थापितों को जल्द रिहा किया जाए नहीं तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा।एसईसीएल प्रबंधन के किसान विरोधी दमनात्मक रवैये के खिलाफ छत्तीसगढ़ किसान सभा ने पूरे कोल फील्ड में किसानों और भू विस्थापितों का संयुक्त आंदोलन खड़ा करने की घोषणा की है।उन्होंने कहा है कि अपने सामाजिक उत्तरदायित्यों का पालन करने के लिए एसईसीएल को आंदोलन के जरिए मजबूर किया जायेगा।

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कोरबा

बांगो बांध में पात्र मछुआरों को मिले आर्थिक कार्यों में अवसर : ज्योत्सना महंत

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0 वन अधिकार अधिनियम का मिले लाभ
0 मछुआरों की चौपाल में पहुंचीं कोरबा सांसद

कोरबा। जिले के हसदेव-बांगो बांध के नजदीक में बसे ग्राम बोड़ानाला मे हसदेव बांगो जलाशय मछुवारा संघ की चौपाल में पहुंची कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने मछुवारों और ग्रामीणों के हक और अधिकारो की आवाज़ बुलंद करने और उनकी मांगों का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ उनके हक की इस लड़ाई में अंतिम तक साथ देने का वायदा किया है।


बोड़ा नाला में आयोजित चौपाल को संबोधित करते हुए सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है बांगो जलाशय में मछली पालन, मत्स्याखेट और मत्स्य विक्र य के लिए बुलाए गए टेंडर को निरस्त करने और वन अधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत पात्र मछुआरों को कार्य देने का अनुरोध किया है। सांसद ने कहा कि अधिनियम-2006 में स्पष्ट प्रावधान है कि वन भूमि पर स्थित जल क्षेत्र में मछली पालन, मत्स्याखेट और मछली विक्रय करने का अधिकार पात्र अजा वर्ग तथा अन्य वर्ग के वनवासियों को ही है। इस पर जरा भी कोई शंका हो तो वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 तथा धारा 4 का अवलोकन कर लेवें। सांसद ने कहा कि दिसंबर-2007 के पश्चात हसदेव बांगो जलाशय को मछली पालने आदि के लिए ठेके पर दिया जाना वन अधिकार अधिनियम के विरुद्ध है। शासन से मांग है कि मछुआरों को निर्बाध रूप से इस पर कार्य करने दिया जाए। बोड़ा नाला में आयोजित बड़ी संख्या में उपस्थित मछुवारों और वन वासियों की बैठक में सांसद ने कहा कि बुका, हसदेव बांगो जलाशय क्षेत्र की गरीब ग्रामीण जनता के अधिकारों का हनन असंवैधानिक है। कोरबा के दूरस्थ वनांचल ग्रामों के दौरे में पहुंची सांसद ने अनेक विकास कार्यों और ग्रामीणों की समस्याओं को नजदीक से जाना और आश्वस्त किया कि इसके लिए वे शासन और प्रशासन से पहल करेंगी। ग्राम में आयोजित चौपाल में सुपुत्र सूरज महंत,जिलाध्यक्ष मनोज सिंह चौहान, प्रदेश महामंत्री प्रशांत मिश्रा, संयुक्त महासचिव व साँसद प्रतिनिधि हरीश परसाई, वरिष्ट नेता डॉ.शेख इस्तियाक, साँसद प्रतिनिधि किरण चौरसिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।

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कोरबा

आबकारी ने 329 आपराधिक मामलों में जप्त की 1620 लीटर अवैध शराब और 8280 किलो लाहन

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कोरबा। कलेक्टर अजीत वसंत ने अवैध शराब पर सघन एवं सख्त कार्यवाही करने आबकारी विभाग को निर्देशित किया है। सहायक आयुक्त आबकारी, श्रीमती आशा सिंह ने जिले में पदस्थ अमले को लगातार कार्यवाही कर अधिकाधिक मात्रा में अवैध शराब जप्त करने टीम का गठन किया है।
माह अप्रैल और मई, 2025 में 329 आपराधिक प्रकरण जिले में दर्ज किये गये है जिसमें लगभग 1620 लीटर अवैध शराब और 8280 किलो शराब बनाने का लाहन छापामार कर जप्त किया गया है। 55 आरोपियों के विरूद्ध धारा 34(2) के तहत् अजमानतीय अपराध दर्ज कर न्यायालय से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है। इन आपराधिक प्रकरणों में शराब का बाजार मूल्य लगभग बीस लाख रूपये आंका गया है। साथ ही 4.200 किलोग्राम गांजा मूल्य सत्तावन हजार रूपये जप्त कर दो आरोपियों को एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत् जेल भेजा गया है।
सहायक आयुक्त आबकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार रजगामार हाथीमुड़ क्षेत्र में अवैध शराब बनाकर बिक्री की सूचना पर आबकारी टीम की कार्यवाही में पंकज कुमार पिता ठण्डा राम और सुमित्रा पति फूलसिंह को 35.5 और 6.5 लीटर अवैध शराब बिक्री करते हुए रंगे हाथो पकड़ा गया। उपनिरीक्षक नारायण सिंह कंवर ने आरोपियों को कोरबा न्यायालय से अभिरक्षा में जेल दाखिल किया है। बालको थाना क्षेत्र के रूमगरा हवाई पट्टी के पास मुकेश चौहान पिता छतपाल और अजगरबहार के राधेश्याम सारथी पिता सुकलाल को 20 लीटर, दोंदरों के दुर्गेश पिता गणेश सिंह को 14.5 लीटर अवैध शराब ग्राहको को पालिथिन पाउच और बोतल में भरकर बिक्री के लिए रखें हुए पाये जाने पर धारा 34(2) के तहत् गिरफ्तार किया। दर्री थाना क्षेत्र में नदियांखार डेम के पास नदी के बीचोबीच दूरपति एवं सरस्वती दो बहनों द्वारा भारी मात्रा में अवैध शराब बिक्री की सूचना पर उपनिरीक्षक श्रीमती दीपमाला लक्षवानी ने टीम के साथ दबिश दी मौके पर नदी किनारे रेत में छिपाकर रखे डिब्बों में कुल 57 लीटर महुआ शराब बरामद कर जप्त किया गया। आरोपी बहनों को न्यायालय कटघोरा से रिमाण्ड पर कोरबा जेल भेजा गया। थाना करतला के सरदुकला में बलराम पिता घुससिंह को देशी, विदेशी और महुआ तीनों प्रकार की कुल 15.08 लीटर शराब बेचते पाया गया। बलराम से 12 पाव देशी मदिरा प्लेन, 19 पाव विदेशी मदिरा गोवा व्हिस्की और बोतलों में भरी हुई 9.5 लीटर महुआ शराब बेचने के लिए रखे पाये जाने पर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालयीन कार्यवाही की गई। बांगो थाना क्षेत्र में माचाडोली के महिराम रजक पिता भंवर सिंह के द्वारा शराब बेचे जाने की सूचना सहायक जिला आबकारी अधिकारी, रमेश कुमार अग्रवाल को मिली। जिसकी खरीदी की टेस्ट परचेस कार्यवाही कर जांच की गई। आरोपी महिराम से 5.5 लीटर शराब बरामद होने पर गिरफ्तार कर न्यायालय कटघोरा से रिमाण्ड पर जेल भेजा गया।
उल्लेखनिय है कि छत्तीसगढ़ में 5 लीटर से अधिक मात्रा में अवैध शराब धारण, निर्माण, बिक्री या परिवहन दण्डनीय और अजमानतीय अपराध है, इसमें आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल कर विवेचना उपरान्त प्रकरण का अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। इसमें एक वर्ष से तीन वर्ष तक का कारावास और पच्चीस हजार रूपये से एक लाख रूपये तक के जुर्माने के दण्ड का प्रावधान है। आरोपी के दूसरी बार दोष सिद्ध पाये जाने पर कारावास की अवधि दो वर्ष से पांच वर्ष और जुर्माना पचास हजार से दो लाख रूपये तक लिए जाने का प्रावधान है।

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