रायपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM), ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा “लखपति दीदी बनाने की दिशा में” विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय क्षेत्रीय कार्यशाला का शुभारंभ आज रायपुर में हुआ। कार्यशाला ज़ोन-5 के अंतर्गत आने वाले छह राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए आयोजित की जा रही है।
कार्यक्रम का वर्चुअल उद्घाटन ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने किया। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के सचिव एस.सी.एल. दास ने भी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया।
उद्घाटन सत्र में ग्रामीण विकास मंत्रालय के अपर सचिव टी.के. अनिल कुमार, छत्तीसगढ़ शासन की प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, संयुक्त सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय श्रीमती स्वाति शर्मा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छत्तीसगढ़ के सचिव भीम सिंह भी उपस्थित रहे।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन करोड़ “लखपति दीदियों” को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में एनआरएलएम राज्यों के साथ मिलकर ठोस रणनीति के तहत कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं और लखपति महिला पहल न केवल महिला सशक्तिकरण बल्कि विकसित भारत की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
एमएसएमई मंत्रालय के सचिव दास ने कहा कि स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं का एक सशक्त संगठनात्मक ढांचा तैयार हुआ है। अब समय है कि इन लखपति महिलाओं को सफल उद्यमी के रूप में स्थापित किया जाए। उन्होंने महिला उद्यमिता के लिए पंजीयन, वित्तीय सहयोग और कौशल विकास जैसे पहलुओं को महत्वपूर्ण बताया।
छत्तीसगढ़ शासन की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने राज्य में महिला समूहों द्वारा संचालित नवाचारों और लखपति महिला पहल की प्रगति की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि महिलाएं विभागीय अभिसरण के माध्यम से आजीविका गतिविधियों में तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं।
संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय श्रीमती स्वाति शर्मा ने ज़ोन-5 राज्यों द्वारा इस पहल के सफल क्रियान्वयन की सराहना की और सीजीएसआरएलएम द्वारा कार्यशाला के लिए किए गए उत्कृष्ट समन्वय की प्रशंसा की। मिशन संचालक, सीजीएसआरएलएम श्रीमती जयश्री जैन ने कार्यशाला की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय इस कार्यशाला में राज्यों द्वारा प्रस्तुतीकरण, विषय आधारित सत्र, उपसमूह चर्चाएं और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन की व्यवस्था की गई है।
कार्यशाला के पहले दिन आयोजित तकनीकी सत्र ‘उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु कौशल और वित्त‘ विषय पर केंद्रित रहा। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण के सीईओ श्री विजय दयाराम के., वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की उप सचिव सुश्री रेना जमील, एनआईबीएफ के सह-संस्थापक सतेंद्र श्रीवास्तव, नाबार्ड के एजीएम श्री जगदीश गायकवाड़ तथा मध्यप्रदेश और बिहार के राज्य परियोजना प्रबंधकों ने अपने विचार साझा किए।
कार्यशाला में प्रेरणादायक लखपति दीदियों की सफलता की कहानियों को भी प्रस्तुत किया गया, जो यह दर्शाती हैं कि यह पहल ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सकारात्मक आर्थिक परिवर्तन ला रही है और उन्हें आत्मनिर्भरता व नेतृत्व के नए अवसर प्रदान कर रही है।
कोरबा। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने 25 दिसम्बर गुरूवार को क्रिसमस डे के मौके पर कोरबा सहित प्रदेशवासियों को प्रभु ईसा मसीह जयंती पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।
पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि प्रभु यीशु मसीह ने समाज को प्रेम, करूणा, क्षमा एवं समानता का संदेश दिया है। उन्हो´ने गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने एवं आपसी भाईचारा के साथ रहने की सीख दी है। प्रभु यीशु के संदेश हमेशा समाज के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय रहेंगे।
4.76 करोड़ की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की होगी संरचनात्मक मरम्मत
कोरबा। राष्ट्रीय राजमार्ग-130 के कटघोरा-शिवनगर खंड के अंतर्गत गुरसियाँ में स्थित तान नदी पुल के मरम्मत एवं रखरखाव के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लगभग चार करोड़ 76 लाख रुपए की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की संरचनात्मक मरम्मत की जाएगी। पुल पर पूर्ण क्षमता के साथ शीघ्र यातायात सुचारु करने के लिए मरम्मत के कार्य को दो महीने में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा यात्रियों की सुरक्षा और सुगम आवागमन को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए तत्परता से सड़कों और पुलों की मरम्मत सुनिश्चित की जा रही है। तान नदी पुल की स्थिति और यातायात के दबाव को देखते हुए इसे आकस्मिक मरम्मत एवं रखरखाव (Emergent Work) की श्रेणी में रखा गया था। इसके लिए प्राप्त निविदाओं को आज खोल दिया गया है। तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के बाद जल्दी ही चयनित एजेंसी को कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा।
कोरबा। कोरबा में धर्मांतरण के विरोध में बुलाए गए बंद के आह्वान पर शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर दुकानें बंद रहीं। निहारिका घंटाघर, सुभाष चौक, कोसाबाड़ी और टीपी नगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद कराईं। सुबह खुली कई दुकानों को निवेदन कर बंद कराया गया।
यह बंद कांकेर के आमाबेड़ा में धर्मांतरण के विरोध में हुई हिंसा के खिलाफ सर्व समाज के आह्वान पर बुलाया गया था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंद के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।
सक्रिय दिखा हिंदू संगठन
कोरबा में हिंदू संगठन से जुड़े महिला और पुरुष कार्यकर्ता सक्रिय दिखे। सीतामढ़ी चौक से लेकर शहर के कई हिस्सों में खुली दुकानों को बंद करने का अनुरोध किया गया। लाउडस्पीकर के माध्यम से भी दुकानदारों से बंद का समर्थन करने की अपील की गई।
विभिन्न हिंदू संगठन अलग-अलग गुटों में काम कर रहे थे। एक गुट सीतामढ़ी से कोरबा शहर तक दुकानें बंद करा रहा था, जबकि दूसरा निहारिका घंटाघर से कोसाबाड़ी चौक तक सक्रिय था।
छत्तीसगढ़ बंद का कोरबा में भी समर्थन
हिंदू संगठन से जुड़े अजय विश्वकर्मा ने बताया कि बस्तर में ईसाई समुदाय और हिंदू आदिवासियों के बीच हुआ विवाद एक दुखद घटना है। उन्होंने आदिवासी भाइयों पर हुए हमले को गलत बताया। इसी के विरोध में पूरे छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया गया है, जिसका कोरबा में भी समर्थन किया जा रहा है।
विश्वकर्मा ने यह भी कहा कि कोरबा में भी धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं। रूमगड़ा, कटघोरा, करतला क्षेत्रों के अलावा कोरबा शहर में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिससे कई बार विवाद की स्थिति बनी है। पुलिस ने ऐसे मामलों में कई बार केस भी दर्ज किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रलोभन और झूठ बोलकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जिससे कोरबा में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
सर्व हिंदू समाज द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन के तहत, खुले दुकानदारों से पूछा जा रहा था कि क्या वे धर्म परिवर्तन का समर्थन करते हैं। उनसे कहा गया कि यदि वे समर्थन नहीं करते, तो अपनी दुकानें बंद रखें।