Connect with us

छत्तीसगढ़

सचिन पायलट का दो दिन छत्तीसगढ़ दौरा:कांग्रेस प्रदेश प्रभारी 23-24 जून को संगठन की समीक्षा करेंगे, आगामी रणनीति पर लेंगे बैठकें

Published

on

रायपुर, एजेंसी। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट 23 और 24 जून को दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। इस दौरान वे संगठन की समीक्षा करेंगे। आगामी रणनीति को लेकर पार्टी के नेताओं से चर्चा करेंगे। उनके दौरे की पुष्टि कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी विजय जांगिड़ ने की है।

पायलट का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब प्रदेश कांग्रेस कई अहम मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर है। सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रही है। 2 दिवसीय दौरे के दौरान वे पार्टी पदाधिकारियों, जिला और ब्लॉक स्तर के नेताओं से मुलाकात कर जमीनी फीडबैक लेंगे।

संगठन पर होगा फोकस

बताया जा रहा है कि, पायलट का दौरा पूरी तरह संगठनात्मक समीक्षा पर केंद्रित रहेगा। पार्टी की वर्तमान स्थिति, कार्यकर्ताओं की भूमिका पर विशेष चर्चा होगी। संगठन के ढांचे को मजबूत करने के लिए नए दिशा-निर्देश भी दिए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि पायलट कुछ जिलों का दौरा भी कर सकते हैं, हालांकि अंतिम कार्यक्रम जल्द जारी होगा।

विजय जांगिड़ ने दी जानकारी

कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी विजय जांगिड़ ने कहा, “सचिन पायलट का यह दौरा संगठन को नई ऊर्जा देगा। वे कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करेंगे और पार्टी की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। पार्टी की गतिविधियों को और सक्रिय करने की दिशा में यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है।”

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कोरबा

वैकल्पिक रोजगार और बढ़ी हुई मुआवजा राशि की मांग को लेकर 26 दिसंबर को गेवरा खदान बंद और कार्यालय घेराव करेंगे भू विस्थापित

Published

on

गेवरा प्रबंधन के बार बार झूठे आश्वाशन से अक्रोशित हैं भू विस्थापित

कोरबा/गेवरा। पोंडी बाहनपाठ एवंं अमगांव के विस्थापितों ने एसईसीएल गेवरा प्रबंधन को ज्ञापन सौंपकर खदान में होने वाले कामों में वैकल्पिक रोजगार के साथ बढ़ी हुई मुआवजा राशि प्रदान करने की मांग कई बार भू विस्थापितों ने किया, लेकिन हर बार झूठा आश्वाशन और वादाखिलाफी से परेशान भू विस्थापितों ने गेवरा प्रबंधन और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं का समाधान नहीं होने पर 26 दिसंबर को गेवरा खदान बंद और कार्यालय घेराव की चेतावनी दी है।

ग्राम पोंडी के भू विस्थापित मनोज राठौर ने बताया कि नरईबोध,भठोरा,भिलाई बाजार, रलिया,पोंडी, बाहनपाठ एवंं अमगांव का अधिसूचना प्रकाशन धारा 9 सभी ग्रामों का एक समान है। नरईबोध,भठोरा,भिलाई बाजार एवं रलिया के भू विस्थापितों को कंपनी सेक्रेटरी के स्वीकृत मिनट्स 326 वा निदेशक बोर्ड मीटिंग के पत्र क्र. 2310 दिनांक 8.8.2022 के अनुसार बढ़ी हुई मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है जबकि पोंडी, बाहनपाठ एवंं अमगांव के भू विस्थापितों को उक्त मिनट्स के अनुसार बढ़ी हुई मुआवजा राशि के भुगतान से वंचित किया गया है और एसईसीएल ने हम विस्थापितों को कहा था की छोटे खातेदार जिनके परिवार को स्थाई रोजगार नहीं मिल रहा है उन्हें खदान में होने वाले वैकल्पिक कार्यों में रोजगार प्रदान किया जाएगा, लेकिन हमारे गांव के अधिग्रहण के चौदह वर्ष बाद भी प्रबंधन ने रोजगार देने का वायदा पूरा नहीं किया है।

पोंडी, बाहनपाठ एवंं अमगांव के भू विस्थापितों ने गेवरा महाप्रबंधक के साथ जिला प्रशासन से भी समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर ज्ञापन दिया है साथ ही समस्याओं का समाधान नहीं होने पर 26 दिसंबर को गेवरा खदान बंद और कार्यालय घेराव की सूचना सभी को पहले ही दी गई लेकिन कोई सकारात्मक पहल होता नहीं दिख रहा है, इस लिए आंदोलन के सिवा और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।

जनपद सदस्य नेहा राजेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि अब समस्याओं का समाधान किए बगैर खदान विस्तार का काम नहीं होने देंगे। अधिग्रहण के समय प्रबंधन केवल झूठे वादे करता है और खदान विस्तार होते ही भू विस्थापितों को मिलने वाले अधिकार से वंचित कर दिया जाता है इसलिए पहले समस्याओं का समाधान हो फिर खदान विस्तार की बात होगी।

घेराव जनपद सदस्य नेहा राजेन्द्र सिंह तंवर, भूस्थापित मनोज राठौर,चेतन दास,सूरज कंवर,राम गोपाल, फिरतू यादव, भरत केवट,भैयाराम केवट, एवं ग्राम पोंडी,बाहनपाठ एवंं अमगांव के भू विस्थापितों के नेतृत्व में किया जायेगा।

Continue Reading

छत्तीसगढ़

सामाजिक एकता, स्वाभिमान और परंपरा का भव्य संगम: सक्ती में आयोजित 24वां कुर्मी साझा कार्यक्रम बना समाज की शक्ति का प्रतीक

Published

on

सक्ती। कुर्मी समाज की एकता, सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक गौरव को सशक्त रूप देने वाला 24वां कुर्मी साझा कार्यक्रम शक्ति नगरी में अत्यंत गरिमामय, भव्य और भावनात्मक वातावरण में संपन्न हुआ। यह आयोजन न केवल सामाजिक समरसता का प्रतीक बना, बल्कि समाज की संगठित शक्ति, परंपराओं के प्रति सम्मान और भविष्य की दिशा तय करने वाला ऐतिहासिक अवसर भी सिद्ध हुआ।


इस गरिमामयी कुर्मी साझा कार्यक्रम में प्रदेश एवं देश स्तर के अनेक प्रख्यात जनप्रतिनिधियों और समाज के वरिष्ठ नेतृत्व की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विजय बघेल (दुर्ग), सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े (जांजगीर–चांपा), श्रीमती लता ऋषि चन्द्राकर, पूर्व मंत्री धरमलाल कौशिक, पूर्व विधायक नारायण चंदेल, केशव चन्द्रा एवं प्रांतीय अध्यक्ष कृष्ण कांत चंद्रा का साल, श्रीफल एवं पुष्पहार से आत्मीय एवं सम्मानपूर्वक अभिनंदन किया गया।


कार्यक्रम स्थल पर कुर्मी समाज के वरिष्ठजनों, युवाओं, मातृशक्ति और बड़ी संख्या में सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि कुर्मी समाज आज संगठन, चेतना और नेतृत्व के स्तर पर निरंतर सशक्त हो रहा है। मंच से वक्ताओं ने समाज की गौरवशाली परंपराओं, कृषि आधारित संस्कृति, मेहनतकश पहचान और सामाजिक योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि कुर्मी समाज सदैव राष्ट्र निर्माण, सामाजिक समरसता और विकास की मुख्यधारा में अग्रणी रहा है।


अतिथियों ने अपने संबोधन में शिक्षा, संगठनात्मक मजबूती, सामाजिक एकजुटता और राजनीतिक जागरूकता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि ऐसे साझा कार्यक्रम समाज को जोड़ने, नई पीढ़ी को संस्कार देने और सामूहिक निर्णय की शक्ति को मजबूत करने का कार्य करते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे समाज की रीढ़ बनकर आगे आएं और सामाजिक उत्थान में सक्रिय भूमिका निभाएं।
कार्यक्रम का वातावरण अत्यंत भावनात्मक रहा, जब समाज के वरिष्ठ नेतृत्व को सम्मानित किया गया और समाज की एकता के लिए सामूहिक संकल्प लिया गया। हर चेहरे पर गर्व, आत्मविश्वास और अपने समाज के प्रति गहरा जुड़ाव साफ दिखाई दे रहा था। कुर्मी साझा कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि जब समाज संगठित होता है, तो उसकी आवाज मजबूत, प्रभावी और निर्णायक बनती है।


कुल मिलाकर, सक्ती में आयोजित 24वां कुर्मी साझा कार्यक्रम
➡️ सामाजिक स्वाभिमान का उत्सव,
➡️ एकता और संगठन की मिसाल,
➡️ और भविष्य के लिए दिशा तय करने वाला ऐतिहासिक मंच बनकर सामने आया,
जिसने कुर्मी समाज की शक्ति, संस्कार और संकल्प को एक बार फिर पूरे प्रदेश के सामने मजबूती से स्थापित किया।

Continue Reading

कोरबा

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत अब प्रत्येक माह की 07 तारीख को मनाया जाएगा ‘आवास दिवस’

Published

on

जिले की सभी ग्राम पंचायतों में होगा आवास दिवस का आयोजन

कोरबा। राज्य कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के प्रभावी क्रियान्वयन, स्वीकृत आवासों के निर्माण को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कराने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जनजागरूकता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत कोरबा दिनेश कुमार नाग के द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

जारी निर्देशों के अनुसार जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में अब प्रत्येक माह की 07 तारीख को चावल महोत्सव एवं महात्मा गांधी नरेगा के रोजगार दिवस के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत “आवास दिवस” का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।

आवास दिवस के अवसर पर ग्राम पंचायत स्तर पर हितग्राहियों की सूची का वाचन किया जाएगा। साथ ही 90 दिवस अथवा निर्धारित समय से पूर्व आवास निर्माण पूर्ण करने वाले हितग्राहियों का सम्मान, लंबित किश्तों का त्वरित भुगतान, मनरेगा मजदूरी भुगतान की समीक्षा, आवास निर्माण में आ रही समस्याओं का तत्काल निराकरण तथा निर्माण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

इसके अतिरिक्त पीएमएवाई-ग्रामीण के अंतर्गत स्वीकृत आवासों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण कराने, पंचायत पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को योजना के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी देने तथा विभिन्न विभागों के साथ अभिसरण की संभावनाओं पर भी चर्चा की जाएगी। लाभार्थियों की समस्याओं के शीघ्र समाधान हेतु टोल-फ्री नंबर 1800-233-1290 के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश भी दिए गए हैं।

सीईओ ने बताया कि आवास दिवस को एक सतत अभियान के रूप में संचालित किया जाएगा, जिसके अंतर्गत मासिक बैठकों के माध्यम से लाभार्थियों को स्थानीय निर्माण सामग्री के उपयोग, प्रशिक्षित राजमिस्त्री की सहायता से गुणवत्तापूर्ण आवास निर्माण, 20 से 25 वर्ग मीटर के मानक आवास डिजाइन तथा अन्य तकनीकी पहलुओं की जानकारी प्रदान की जाएगी। साथ ही निर्माण कार्यों की प्रगति की नियमित समीक्षा कर समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण को गति प्रदान करना, लाभार्थियों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करना तथा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाना है।

Continue Reading
Advertisement

Trending