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पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा-पंजाब सरकार को चेतावनी:कहा- सख्त आदेश देने को मजबूर न करें; जुर्माना कम लगाया, जानकारी भी गलत दी
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2 months agoon
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Divya Akashहिसार ,एजेंसी। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने गलत जानकारी देने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई। हरियाणा सरकार की कार्रवाई से भी सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नजर नहीं आया। कोर्ट ने कहा कि हमें सख्त आदेश देने के लिए मजबूर न करें।
जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशों को महज दिखावा बताया।
कोर्ट ने कहा कि अगर ये सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो चलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।
हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की सैटेलाइट इमेज।
केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (EPA) के तहत नियम बनाने और जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया।
दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा- आयोग ने प्रदूषण रोकने के लिए लागू होने वाली सख्तियों को लागू करवाने के लिए कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया। प्रदूषण को रोकने में नाकाम रहे अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई क्यों नहीं की गई, इसके बजाय उन्हें सिर्फ नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया?
जिस पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि पराली जलाने वालों पर 10 दिन के अंदर CAQM एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी।
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1 जनवरी से इन स्मार्टफोन पर नहीं चलेगा WhatsApp, लिस्ट में चेक करें कहीं आपका फोन तो शामिल नहीं
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18 hours agoon
December 24, 2024By
Divya Akashमुंबई ,एजेंसी। WhatsApp, जो कि Meta का एक प्रमुख इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है, दुनिया भर में 295 मिलियन से अधिक यूजर्स द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। कंपनी इस ऐप में लगातार नए फीचर्स और सिक्योरिटी अपडेट्स देती रहती है। लेकिन अब एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसे जानकर पुराने स्मार्टफोन यूजर्स को परेशानी हो सकती है। 31 दिसंबर 2024 के बाद, WhatsApp कई पुराने स्मार्टफोन्स पर काम नहीं करेगा। अगर आप भी इनमें से कोई स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको अपने फोन को अपग्रेड करने की जरूरत पड़ेगी। आइए जानते हैं, कौन से स्मार्टफोन्स पर WhatsApp काम नहीं करेगा।
1 जनवरी से काम नहीं करेगा WhatsApp
1 जनवरी 2025 से, जिन स्मार्टफोन्स में Android KitKat या इससे पहले का ऑपरेटिंग सिस्टम होगा, उनमें WhatsApp नहीं चलेगा। मतलब, 31 दिसंबर 2024 तक ही इन स्मार्टफोन्स पर WhatsApp काम करेगा, उसके बाद यूजर्स न तो WhatsApp के जरिए मैसेज भेज पाएंगे और न ही रिसीव कर सकेंगे।
कंपनी ने क्यों लिया यह फैसला?
WhatsApp के साथ-साथ, Meta के अन्य प्लेटफॉर्म्स जैसे Facebook और Instagram भी इन स्मार्टफोन्स पर काम करना बंद कर देंगे। यह फैसला कंपनी ने सुरक्षा कारणों से लिया है। पुरानी टेक्नोलॉजी में जरूरी सिक्योरिटी फीचर्स नहीं होते, जिसके कारण हैकिंग की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए कंपनी ने पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर काम करना बंद करने का निर्णय लिया है।हालांकि, Android KitKat पर काम करने वाले स्मार्टफोन्स की संख्या अब कम हो गई है, इसलिए इसका असर अधिकतर WhatsApp यूजर्स पर नहीं पड़ेगा।
इन स्मार्टफोन्स में नहीं चलेगा WhatsApp:
1 जनवरी 2025 से निम्नलिखित स्मार्टफोन्स में WhatsApp काम नहीं करेगा:
Samsung
- Samsung Galaxy S4 Mini
- Samsung Galaxy S3
- Samsung Galaxy Note 2
- Samsung Galaxy Ace 3
Motorola
- Moto G
- Moto RAZR HD
- Moto E 2014
HTC
- HTC One X
- HTC One X+
- HTC Desire 500
- HTC Desire 601
LG
- LG Optimus G
- LG Nexus 4
- LG G2 Mini
- LG L90
Sony
- Sony Xperia Z
- Sony Xperia SP
- Sony Xperia T
- Sony Xperia V
देश
CM आतिशी के सामने चुनाव लड़ सकती है अलका लांबा, कांग्रेस ने तैयार की 28 उम्मीदवारों की लिस्ट
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18 hours agoon
December 24, 2024By
Divya Akashनई दिल्ली ,एजेंसी।दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव कमेटी (CEC) की बैठक राजधानी दिल्ली में हुई, जिसमें पार्टी ने 35 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की। बैठक में कुल 28 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं, जबकि बाकी 7 सीटों पर अभी फैसला नहीं लिया गया और इन्हें पेंडिंग रखा गया है।
आतिशी के सामने अलका लांबा का नाम तय
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के सामने कालकाजी सीट से अलका लांबा का नाम तय किया गया है। यह कांग्रेस CEC की दूसरी बैठक थी, जिसमें विभिन्न सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर गहन चर्चा हुई। बैठक में दिल्ली की कुछ अन्य महत्वपूर्ण सीटों पर भी चर्चा की गई, जिनमें सीमापुरी, जंगपुरा, मटिया महल और बिजवासन शामिल हैं। इन सीटों से कांग्रेस ने इन संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया है:
- सीमापुरी: राजेश लिलोठिया
- जंगपुरा: फरहाद सूरी
- मटिया महल: आसिम अहमद
- बिजवासन: देवेंद्र सहरावत
घोषणापत्र पर काम शुरू
कांग्रेस इन चार सीटों पर इन उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकती है। इसके साथ ही, दिल्ली कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र पर भी काम शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी महिलाओं के लिए एक बड़ा वादा कर सकती है, जिसमें हर महीने 3000 रुपए की आर्थिक सहायता और 400 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना शामिल हो सकती है।
नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला जारी
दिल्ली चुनाव से पहले नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला भी जारी है। हाल ही में, आम आदमी पार्टी (AAP) के दो पूर्व नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। इनमें असीम अहमद खान और कर्नल देवेंद्र सहरावत शामिल हैं, जिन्होंने केजरीवाल की पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया। इसके अलावा, सीमापुरी से राजेंद्र पाल गौतम और सीलमपुर से अब्दुल रहमान जैसे मौजूदा विधायक भी AAP छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
अब्दुल रहमान को कांग्रेस ने सीलमपुर से टिकट दे दिया है, जबकि राजेंद्र पाल गौतम को टिकट मिलने का अभी इंतजार है। कांग्रेस की इन गतिविधियों से साफ दिख रहा है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी को लेकर गंभीर है और दिल्ली में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए नए कदम उठा रही है।
देश
बांग्लादेश की शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग पर भारत ने दिखाया कड़ा रुख, कहा-फिलहाल ‘No Comment”
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18 hours agoon
December 24, 2024By
Divya Akashनई दिल्ली ,एजेंसी। बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार ने भारत से अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया है। इस संबंध में भारत को बांग्लादेश हाई कमीशन से *नोट वर्बेल* मिला है। भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के सूत्रों ने पुष्टि की, “हमें बांग्लादेश से *नोट वर्बेल* मिला है। फिलहाल, इस पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।”
क्या है नोट वर्बेल?
नोट वर्बेल एक अनौपचारिक कूटनीतिक पत्र होता है, जो तीसरे व्यक्ति की ओर से भेजा जाता है। बता दे कि शेख हसीना (77) बांग्लादेश में 16 वर्षों तक सत्ता में रहीं और 5 अगस्त को देश में बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद भारत आ गईं। बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने उन पर “मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार” के आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। बांग्लादेश के गृह सलाहकार जाहंगीर आलम ने कहा, “हमने भारतीय विदेश मंत्रालय को पत्र भेजकर उनकी प्रत्यर्पणा की अनुमति मांगी है। इस प्रक्रिया पर काम चल रहा है।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत और बांग्लादेश के बीच एक प्रत्यर्पण संधि मौजूद है, जिसके तहत हसीना को वापस लाया जा सकता है।
यूनुस सरकार का रुख
बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने पिछले महीने अपने 100 दिनों के शासन के दौरान कहा था, “हर हत्या के लिए न्याय सुनिश्चित करना हमारा उद्देश्य है। हम भारत से शेख हसीना को वापस भेजने का अनुरोध करेंगे।”
अल्पसंख्यकों पर हमले
शेख हसीना के बांग्लादेश से बाहर जाने के बाद से वहां हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाएं तेज हो गई हैं। ISKCON कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने हाल ही में इन हमलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों में तीन मंदिरों पर हमले हुए हैं। क्रिसमस के मौके पर ईसाई समुदाय को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है।”
भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय संसद में विदेश राज्य मंत्री किर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि बांग्लादेश में अब तक हिंसा की 2,200 घटनाएं दर्ज की गई हैं। भारत ने इन हमलों को लेकर बांग्लादेश सरकार से अपनी चिंता साझा की है।भारत ने बांग्लादेश सरकार से उम्मीद जताई है कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है।
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