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‘फैक्ट्री में घुसे आतंकी, बेटे को उठा ले गए’:माली में ओडिशा के वेंकट अगवा, फैमिली बोली- कंपनी ने कहा पुलिस ने अरेस्ट किया है
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6 months agoon
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Divya Akashभुवनेश्वर,एजेंसी। ‘वेंकट से आखिरी बार 30 जून को बात हुई थी। वो मेरा बड़ा बेटा है। अफ्रीका के देश माली में काम करता है। हर रोज शाम को 6 से 7 के बीच मेरे पास फोन करता था। उसने बताया था कि उसके इलाके में आतंकी घुस आए हैं। कंपनी ने कहा है कि बाहर मत निकलना। खतरा है, इसलिए हम कंपनी के क्वार्टर में ही रह रहे हैं। एक-दो महीने की दिक्कत है, तब तक हम बाहर नहीं निकलेंगे।’
ओडिशा के गंजाम की रहने वाली पी. नरसम्मा एक हफ्ते से बेटे के फोन का इंतजार कर रही हैं। उनके बेटे पी. वेंकटरमन माली के कायस शहर में एक सीमेंट फैक्ट्री में सुपरवाइजर थे। ये फैक्ट्री हैदराबाद के प्रसादित्य ग्रुप की है। एक जुलाई, 2025 को आतंकियों ने फैक्ट्री पर हमला कर दिया और वर्कर्स को बंधक बनाकर ले गए। इनमें वेंकटरमन समेत तीन भारतीय भी हैं।
वेंकटरमन के साथ अगवा बाकी दो भारतीय तेलंगाना के सर्विस इंजीनियर अपरेश्वर और आंध्रप्रदेश के रहने वाले फोरमैन रमना हैं। कायस पर हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन अल-कायदा से जुड़े जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन (JNIM) ने ली है। इसलिए माना जा रहा है कि वेंकटरमन, अमरेश्वर और रमना उसी के कब्जे में हैं।

फोटो में वेंकटरमन अपनी अफ्रीकी दोस्त के साथ हैं। ये फोटो 8 जून को ली गई थी। तब वे माली के पड़ोसी देश टोगो गए थे।
कंपनी ने बताया- वेंकट को पुलिस ने अरेस्ट किया है
वेंकटरमन का परिवार गंजाम जिले के समरजोल गांव में रहता है। घर में मां और भाई हैं। एक बहन भी हैं, जिनकी शादी हो चुकी है।
वेंकट रमन ने आखिरी बात परिवार से 30 जून की शाम 6 से 7 बजे के बीच बात की थी। वे हर रोज शाम करीब 7 बजे कॉल करते थे। 30 जून के बाद वेंकट का फोन नहीं आया। परिवार ने फोन किया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।
3 जुलाई को मुंबई से वेंकटरमन की कंपनी ब्लू स्टार प्राइवेट लिमिटेड से किसी जूलियट डिसूजा का फोन आया। उन्होंने बताया कि वेंकटरमन को पुलिस ने कस्टडी में ले लिया है। आप लोग चिंता न करें, हम उन्हें छुड़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
वजह पूछने पर जूलियट ने बताया कि माली के एक मॉल में आतंकियों ने आग लगा दी थी। वेंकटरमन वहीं थे, इसलिए पुलिस ने शक के आधार पर उन्हें कस्टडी में लिया है। कंपनी ने भरोसा दिया कि वे 3-4 दिन में छूट जाएंगे।
वेंकटरमन के बहनोई बब्लू बताते हैं, ‘हमें कंपनी की बातों पर यकीन नहीं हुआ। तभी हमें न्यूज से पता चला कि वेंकटरमन को आतंकियों ने अगवा कर लिया है। खबरों में तीन लोगों की फोटो दिखाई जा रही थी। इनमें वेंकट भी थे। ये खबर देखकर हम डर गए।’
‘हमने कंपनी को दोबारा फोन किया। तब हमें बताया कि खबर सही है। साथ ही हमें हिदायत दी कि हम इस बारे में किसी से बात न करें, क्योंकि इससे मामला बिगड़ सकता है। कंपनी ने यह भी कहा कि आतंकवादी फिरौती मांग रहे हैं। हम 7-8 दिनों में सभी को छुड़ा लेंगे।’
जिस नंबर से वेंकट की फैमिली को फोन आया था, हमने उस पर बात करनी चाही, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। इसलिए ब्लू स्टार प्राइवेट लिमिटेड का पक्ष नहीं मिल पाया।
अब वेंकट के परिवार की बात पिता की मौत, परिवार गरीब, वेंकट पढ़ाई छोड़ नौकरी करने लगे
वेंकटरमन तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। बहन पी. जेमामणि, छोटे भाई पी. लम्बोदर और मां पी. नरसम्मा हैं। पिता का 2011 में निधन हो गया था। तब वेंकटरमन सिर्फ 14 साल के थे। 8वीं में पढ़ते थे। पिता की बीमारी ने परिवार को तोड़ दिया था। उनके जाने के बाद बच्चों की जिम्मेदारी मां पी. नरसम्मा पर आ गई।
उन्होंने अपना घर किराए पर दे दिया। खुद छोटे से किराए के मकान में रहने लगीं, ताकि कुछ पैसे बचें और वे बच्चों को पढ़ा सकें। नरसम्मा बताती हैं, ‘बच्चें पढ़-लिखकर काबिल बन जाएं, इसलिए मैंने एक दिन भी आराम नहीं किया। बेटे बड़े हुए, तो कमाने के लिए घर से बाहर चले गए।’
वेंकटरमन के बारे में नरसम्मा बताती हैं, ‘पति की डेथ हुई, तब वेंकट गांव के स्कूल में पढ़ता था। परिवार की हालत देखकर कम उम्र में ही उसने काम करने का मन बना लिया। 10वीं पास करने के बाद ITI में एडमिशन लिया। पढ़ाई पूरी होने से पहले ही उसे नौकरी मिल गई। इसलिए उसने कोर्स पूरा नहीं किया।’
‘2016 में वेंकट ने मुंबई की एक कंपनी में काम शुरू किया था। वहां एलिवेटर टेक्नीशियन का काम था। 2017 में मुंबई में ही ब्लू स्टार प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ गया। यहां उसे लिफ्ट टेक्नीशियन का काम मिला।’
2018 में पहली बार विदेश गए, 4 देशों में काम किया
वेंकटरमन के बचपन के दोस्त एम. रामकृष्ण बताते हैं, ‘वेंकट हमेशा कहता था कि मेरे परिवार की स्थिति खराब है। मुझे उनका ख्याल रखना है। ज्यादा पैसे कमाने के लिए वो 2018 में विदेश चला गया।
पहले अफ्रीका में सेनेगल, इसके बाद टोगो, नाइजीरिया और माली गया। वो 6 महीने के कॉन्ट्रैक्ट पर जाता था, फिर 1-2 महीने के लिए घर आता था। 9 महीने पहले वो माली गया था।’

वेंकटरमन अभी डायमंड सीमेंट कंपनी में क्वालिटी चेक सुपरवाइजर थे।
वेंकटरमन की बहन जेमामणि बताती हैं, ‘भाई को घूमने का बड़ा शौक था। वो हमेशा नई जगह जाने की बात करते थे। मेरी बेटी 5-6 महीने की थी, तब मैं आखिरी बार उनसे मिली थी। वे हैदराबाद में मुझसे मिलने आए थे। 10-15 दिन हमारे साथ ही रुके।’
वेंकटरमन घर पर हर महीने 20-25 हजार रुपए भेजते थे। इसी से घर का खर्च चलता था। मां नरसम्मा बताती हैं, ‘मैंने बेटी की शादी के लिए 4 लाख रुपए कर्ज लिया था। वेंकटरमन ही इसे चुका रहा था।’

एक हफ्ते से ज्यादा हो गया, वेंकट के बारे में पता नहीं चल रहा है। उसका फोन भी नहीं आ रहा है। बस मेरा बेटा जल्दी से वापस आ जाए। मुझे उसी का इंतजार है।
वेंकटरमन के छोटे भाई पी. लंबोदर 21 साल के हैं। वे कहते हैं, ‘भैया की शादी नहीं हुई थी। वे कहते थे कि पहले घर बनवा लें। शादी फिर हो जाएगी। वे हमें अपने काम के बारे में ज्यादा नहीं बताते थे। हमें लगता है कि ब्लूस्टार कंपनी के जरिए वे माली गए होंगे। वहां उन्हें डायमंड सीमेंट कंपनी में काम मिला होगा।’
वहीं, गंजाम जिला परिषद की सदस्य प्रीति साहू कहती हैं, ‘इन हालात की वजह गरीबी है। गरीबी न होती, तो कोई बच्चा घर से बाहर इतनी दूर कमाने नहीं जाता। कंपनियां गांव के लोगों को बाहर लेकर जाती हैं, वे अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभातीं। अब ब्लू स्टार कंपनी परिवार के लोगों से कह रही है कि आपने मामले को उजागर कर दिया है। हम आपको अब कोई जानकारी नहीं देंगे, ये सही नहीं है।’
परिवार का आरोप- दूतावास से मदद नहीं मिली
वेंकटरमन के बारे में पता चलने पर परिवार ने 4 जुलाई को गंजाम जिले के हिंजलीकाटू थाने में शिकायत दर्ज कराई और वेंकट को जल्द छुड़वाने की गुजारिश की। पुलिस ने कहा कि यह इंटरनेशनल इश्यू है। देखना होगा कि हम क्या कर सकते हैं।
इसके बाद बब्लू ने गंजाम के कलेक्टर दिव्य ज्योति परिड़ा से बात की। उन्होंने दूतावास में बात करने की सलाह दी। बब्लू ने ऑनलाइन दूतावास का नंबर निकाला और फोन किया। वे बताते हैं कि वहां किसी ने फोन नहीं उठाया। हमने मेल भी किया लेकिन जवाब नहीं आया।
हालांकि, 2 जुलाई को विदेश मंत्रालय ने कहा कि माली की राजधानी बमाको में भारतीय दूतावास माली के अफसरों, एजेंसियों और सीमेंट फैक्ट्री के मैनेजमेंट के साथ लगातार कॉन्टैक्ट में है। अधिकारियों ने अगवा किए गए वर्कर्स के परिवारों से भी कॉन्टैक्ट किया गया है।
इमने इस बारे में हिंजलीकाटू के तहसीलदार तपन कुमार महापात्रा से बात की। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मैंने कलेक्टर साहब को रिपोर्ट भेज दी है।
माली में एक साथ सात शहरों पर आतंकियों का हमला
सात देशों से घिरा माली दुनिया के सबसे ज्यादा आतंकवाद प्रभावित देशों में शामिल है। भारतीय विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, यहां 561 भारतीय रहते हैं। माली में 2020 और 2021 में यहां सेना तख्तापलट कर चुकी है। आतंकवादी संगठन अल कायदा से जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन सेना पर हमले कर रहा है।
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सोने-चांदी के दाम लगातार तीसरे दिन ऑल टाइम हाई पर:सोना ₹344 बढ़कर ₹1.37 लाख पर पहुंचा, चांदी इस साल ₹1.33 लाख महंगी हुई
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59 minutes agoon
December 24, 2025By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। सोने-चांदी के दाम आज, 24 दिसंबर को लगातार तीसरे दिन ऑलटाइम हाई पर हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार सोना 344 रुपए बढ़कर 1,36,627 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है। इससे पहले मंगलवार को ये 1,36,283 रुपए पर था।
वहीं, 1 किलो चांदी की कीमत 7,983 रुपए बढ़कर 2,18,983 रुपए प्रति किलो के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई है। कल इसकी कीमत रू.2,11,020/किलो थी। दस दिन में चांदी 30,703 रुपए महंगी हुई है। 11 दिसंबर को इसकी कीमत 1,88,281 रुपए प्रति किलो थी।
अलग-अलग शहरों में रेट्स अलग क्यों होते हैं?
IBJA की सोने की कीमतों में 3% GST, मेकिंग चार्ज, ज्वेलर्स मार्जिन शामिल नहीं होता। इसलिए शहरों के रेट्स इससे अलग होते हैं। इन रेट्स का इस्तेमाल RBI सोवरेन गोल्ड बॉन्ड के रेट तय करने के लिए करता है। कई बैंक गोल्ड लोन के रेट तय करने के लिए इसे इस्तेमाल करते हैं।
इस साल सोना रू.60,465 और चांदी रू.1.33 लाख महंगी हुई
- इस साल अब तक सोने की कीमत 60,473 रुपए बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,36,627 रुपए हो गया है।
- चांदी का भाव भी इस दौरान 1,32 ,966 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 2,18,983 रुपए प्रति किलो हो गई है।
गोल्ड में तेजी के 3 प्रमुख कारण
- डॉलर कमजोर- अमेरिका के ब्याज दर घटाने से डॉलर कमजोर हुआ और सोने की होल्डिंग कॉस्ट कम हुई, इससे लोग खरीदने लगे।
- जियोपॉलिटिकल- रूस-यूक्रेन जंग और दुनिया में तनाव बढ़ने से निवेशक सोने को सबसे सुरक्षित निवेश मानकर खरीद रहे हैं।
- रिजर्व बैंक- चीन जैसे देश अपने रिजर्व बैंक में सोना भर रहे हैं, ये सालभर में 900 टन से ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं, इसलिए दाम ऊपर जा रहे हैं।
चांदी में तेजी के 3 प्रमुख कारण
- इंडस्ट्रियल डिमांड- सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स और EV में भारी इस्तेमाल, चांदी अब सिर्फ ज्वेलरी नहीं, जरूरी कच्चा माल बन गई है।
- ट्रंप का टैरिफ डर- अमेरिकी कंपनियां चांदी का भारी स्टॉक जमा कर रही हैं, ग्लोबल सप्लाई में कमी से कीमतें ऊपर चढ़ीं।
- मैन्युफैक्चरर होड़ में- प्रोडक्शन रुकने के डर से सभी पहले से खरीद रहे हैं, इसी वजह से आने वाले महीनों में भी तेजी बनी रहेगी।
आने वाले दिनों में और बढ़ सकते हैं दाम
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि चांदी की डिमांड में अभी तेजी है जिसके आगे भी बने रहने का अनुमान है। ऐसे में चांदी अगले 1 साल में 2.50 लाख तक जा सकती है। वहीं इस साल के आखिर तक चांदी की कीमत 2.10 लाख रुपए किलो पहुंच सकती है।
वहीं अगर सोने के बात करें इसकी डिमांड में भी तेजी बनी हुई। ऐसे में अगले साल तक ये 1.50 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है। वहीं इस साल के आखिर तक इसकी कीमत 1.35 लाख रुपए किलो पहुंच सकती है।
सोना खरीदते समय इन 2 बातों का रखें ध्यान
1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग से पता चलता है कि सोना कितने कैरेट का है।
2. कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।
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इसरो ने 6100kg का अमेरिकी सैटेलाइट लॉन्च किया:भारत से भेजा गया यह सबसे भारी उपग्रह, धरती पर कहीं से भी वीडियो कॉल कर सकेंगे
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1 hour agoon
December 24, 2025By
Divya Akashश्रीहरिकोटा,एजेंसी। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने बुधवार सुबह LVM3-M6 रॉकेट से अमेरिकी सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 लॉन्च किया। 6,100 किलोग्राम वजनी ब्लूबर्ड, भारत से लॉन्च किया गया अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट है।
इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने इसे देश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। इससे पहले, नवंबर में लॉन्च किया गया LVM3-M5 कम्युनिकेशन सैटेलाइट-03 करीब 4,400 किलोग्राम का था। इसे जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित किया गया था।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को जिस LVM3-M6 रॉकेट से लॉन्च किया गया, उसका वजन 640 टन है। यह भारत का सबसे भारी लॉन्च व्हीकल है। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 नेक्स्ट-जेन कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसका मकसद सामान्य स्मार्टफोन तक सीधे हाई-स्पीड सेल्युलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना है।
इसके जरिए धरती पर कहीं से भी बिना टावर 4G और 5G वॉयस कॉल, वीडियो कॉल, मैसेजिंग, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और अमेरिका स्थित AST स्पेसमोबाइल (AST एंड साइंस, LLC) के बीच हुए एक कॉमर्शियल समझौते का हिस्सा है। न्यूस्पेस इंडिया, ISRO का कॉमर्शियल ब्रांच है।
लॉन्चिंग के 15 मिनट के बाद रॉकेट से अलग हुआ सैटेलाइट
इसरो के मुताबिक, करीब 43.5 मीटर ऊंचा LVM3-M6 रॉकेट बुधवार सुबह 8:54 बजे श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से रवाना हुआ। लगभग 15 मिनट की उड़ान के बाद ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट रॉकेट से अलग हुआ और करीब 520km ऊपर अंतरिक्ष के लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में उसे सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
रॉकेट को 90 सेकेंड देरी से, सुबह 8:55:30 लॉन्च किया गया था। इसे पहले सुबह 8:54 बजे लॉन्च किया जाना था। इसरो के अनुसार, श्रीहरिकोटा के स्पेस एरिया के ऊपर हजारों एक्टिव सैटेलाइट लगातार गुजर रहे थे। अन्य सैटेलाइट के साथ टकराव की आशंका को देखते हुए मिशन का लॉन्च समय 90 सेकेंड बढ़ाया गया।

यह तस्वीर LVM3-M6 रॉकेट के लॉन्चिंग की है, जिस पर ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट भेजा गया।
LVM3 से चंद्रयान-3 लॉन्च हुआ था, यह तीसरा कॉमर्शियल मिशन
LVM3-M6, जिसे GSLV Mk-III भी कहा जाता है, ISRO का तीन-चरणीय रॉकेट है। इसमें क्रायोजेनिक इंजन लगा है, जिसे इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर ने विकसित किया है। रॉकेट में लिफ्ट-ऑफ के लिए दो S200 सॉलिड रॉकेट बूस्टर लगाए गए हैं, जिन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर ने तैयार किया है।
यह LVM3 की 9वीं उड़ान और ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट के लिए तीसरा कॉमर्शियल मिशन है। ISRO के मुताबिक, LVM3 अब तक आठ लगातार सफल लॉन्च पूरे कर चुका है, जिनमें चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 जैसे प्रमुख मिशन भी शामिल हैं।
इसी रॉकेट ने 2023 में चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचाकर इतिहास रचा था। LVM3 को उसके भारी भरकम वजन के चलते, पब्लिक और मीडिया ने लोकप्रिय फिल्म बाहुबली से प्रेरित होकर ‘बाहुबली रॉकेट’ नाम दिया है।
इसरो चेयरमैन बोले- LVM-3 का 9वां उड़ान मिशन सफल रहा
इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने लॉन्चिंग के बाद अपने संबोधन में ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 कम्युनिकेशन सैटेलाइट के सफल लॉन्च को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा- लॉन्च व्हीकल ने ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 कम्युनिकेशन सैटेलाइट को सफलतापूर्वक और सटीक रूप से तय ऑर्बिट में स्थापित किया है।
वी. नारायणन ने कहा- यह अमेरिका की कंपनी AST स्पेसमोबाइल के लिए पहला डेडिकेटेड कॉमर्शियल लॉन्च है। यह श्रीहरिकोटा से 104वां लॉन्च और LVM-3 लॉन्च व्हीकल का 9वां सफल मिशन है, जिससे इसकी 100% विश्वसनीयता साबित होती है। नारायणन ने कहा- यह LVM-3 का 52 दिनों के भीतर दूसरा लगातार मिशन है।

इसरो चेयरमैन वी. नारायणन और वैज्ञानिकों ने बाद ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 के सफल लॉन्च के बाद, उसे ले जाने वाले LVM3-M6 रॉकेट का एक मॉडल प्रदर्शित किया।
PM मोदी बोले- भारत की अंतरिक्ष यात्रा में मील का पत्थर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट में लिखा- यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक गौरवपूर्ण मील का पत्थर है। यह भारत की भारी-भरकम लॉन्च क्षमता को मजबूत करता है और ग्लोबल कॉमर्शियल लॉन्च मार्केट में हमारी बढ़ती भूमिका को मजबूत करता है।
अमेरिकी कंपनी बोली- सेलुलर ब्रॉडबैंड को पूरी दुनिया में पहुंचाना टारगेट
अमेरिकी कंपनी AST स्पेसमोबाइल स्पेस-आधारित सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क तैयार कर रही है, जो सीधे स्मार्टफोन से जुड़ सकता है। इसे कॉमर्शियल और सरकारी दोनों तरह के इस्तेमाल के लिए तैयार किया गया है।
कंपनी के अनुसार, सितंबर 2024 में उसने ब्लूबर्ड 1 से 5 तक कुल पांच सैटेलाइट लॉन्च किए थे, जो अमेरिका और कुछ अन्य देशों में लगातार कवरेज देते हैं। नेटवर्क के विस्तार के लिए आगे भी ऐसे सैटेलाइट लॉन्च किए जाने की योजना है।
कंपनी दुनिया भर के 50 से अधिक मोबाइल ऑपरेटर्स के साथ साझेदारी कर चुकी है। कंपनी के मुताबिक, उनका टारगेट सेलुलर ब्रॉडबैंड को पूरी दुनिया में पहुंचाने का है। कंपनी हर उस जगह पर कनेक्टिविटी देना चाहती हैं, जहां ट्रेडिशनल नेटवर्क नहीं पहुंच पाता।
इससे शिक्षा, सोशल नेटवर्किंग, स्वास्थ्य सेवा समेत कई क्षेत्रों में बहुत से अवसर खुलेंगे। कंपनी के मुताबिक, उनकी सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए किसी को सर्विस प्रोवाइडर्स (मोबाइल नेटवर्क देने वाली कंपनियां जैसे- एयरटेल, वोडाफोन) बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

AST स्पेसमोबाइल के CEO एबेल एवेलन ने 2024 में ब्लूबर्ड के ब्लॉक 2 सैटेलाइट लॉन्च करने की घोषणा की थी।
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गडकरी बोले- देश में हिंदू-मुस्लिम समस्या के लिए कांग्रेस जिम्मेदार:सेक्युलरिज्म की गलत व्याख्या की, इसका अर्थ धर्मनिरपेक्षता नहीं, सर्व धर्म समभाव है
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1 hour agoon
December 24, 2025By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा, ‘देश में आज भी जो हिंदू-मुस्लिम से जुड़ी समस्याएं दिखती हैं, उनकी वजह कांग्रेस की सेक्युलरिज्म की सोच और वोट बैंक की राजनीति है। कांग्रेस ने सेक्युलरिज्म की गलत व्याख्या की।’
गडकरी के मुताबिक, ‘सेक्युलर का अर्थ धर्मनिरपेक्षता या किसी एक वर्ग का तुष्टिकरण करना नहीं है। इसका सही मतलब ‘सर्व धर्म समभाव’ होता है, यानी सभी धर्मों को समान सम्मान और सबको न्याय और सभी के साथ बराबरी का व्यवहार करना है।’
गडकरी दिल्ली में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी की किताब ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन भी मौजूद थे।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान को दोहराते हुए कहा कि भारत पहले भी सेक्युलर था, आज भी है और हमेशा रहेगा। यह बीजेपी-RSS की वजह से नहीं, बल्कि भारतीय, हिंदू और सनातन संस्कृति की वजह से है, जो विश्व का कल्याण सिखाती है।
- भारतीय संस्कृति सहिष्णु, करुणामय और सभी को साथ लेकर चलने वाली है और इतिहास में किसी हिंदू राजा द्वारा धार्मिक स्थलों को नष्ट करने का उदाहरण नहीं मिलता।
गडकरी बोले- ‘नेशन फर्स्ट’ की सोच केवल नारों तक सीमित नहीं हो

गडकरी उदय माहुरकर की किताब ‘माय आइडिया ऑफ नेशन फर्स्ट: रिडिफाइनिंग अनएलॉयड नेशनलिज्म’ लोकार्पण समारोह में पहुंचे थे।
नितिन गडकरी मंगलवार को ही एक अन्य कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा-
‘नेशन फर्स्ट’ की सोच केवल नारों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसके लिए देश के इतिहास को ईमानदारी से समझना, व्यवस्था की कमियों को पहचानना और भविष्य की क्षमताएं विकसित करना जरूरी है।
गडकरी ने कहा कि आधुनिकीकरण अंधी नकल पर नहीं, बल्कि सभ्यतागत आत्मविश्वास पर आधारित होना चाहिए। इस मौके पर भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल वीजी खंडारे भी मौजूद थे।
गडकरी की बड़ी बातें…
- सबसे पहली समस्या है, जो 1947 के बाद कांग्रेस लगातार हती आई है वह है सेक्युलरवाद। सबसे पहले आप घर जाकर डिक्शनरी में सेक्युलर शब्द का अर्थ क्या है, वह निकालिए। सेक्युलर का अर्थ धर्म-निरपेक्षता नहीं है। सेक्युलर का अर्थ है सर्वधर्म समभाव। लेकिन वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए समस्या सुलझाने के बजाए उसका निर्माण किया।
- जावेद अख्तर ने एक बार अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की थी। जावेद अख्तर ने वाजपेयी से पूछा- कि अगर आपका शासन आएगा तो सेक्युलरवाद खत्म हो जाएगा। तो अटलजी ने कहा- यह देश सेक्युलर है, सेक्युलर था और सेक्युलर ही रहेगा। हम कहते हैं कि विश्व का कल्याण हो। हम कभी ये नहीं कहते कि मेरा कल्याण हो, मेरे परिवार का कल्याण हो।
- स्वामी विवेकानंद ने भी शिकागो में जो भाषण दिया था। उसमें उन्होंने कहा था कि मैं यहां यह कहने नहीं आया हूं कि मेरा धर्म श्रेष्ठ है और मेरा भगवान श्रेष्ठ है। मैं यह कहने के लिए आया हूं कि आप जिस भगवान पर विश्वास करते हो, जिस धर्म पर विश्वास रखते हो, वह श्रेष्ठ है। अंत में हम एक ही जगह पहुंचने वाले हैं।
- किसी हिंदू राजा ने किसी दूसरे धर्मस्थल ध्वस्त किए हों, यह पूरे इतिहास में कहीं नहीं मिलता है। इसका कारण है कि हमारा वो कल्चर नहीं है। हम सर्वधर्म समभाव का अनुकरण करते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश 47 के बाद राजनीति में जो धर्म निरपेक्षता की व्याख्या बनकर जो समस्या खड़ी हुई। वह आज भी हमारे सामने खड़ी हुई है।
- हम अधिकारवादी नहीं हैं, विस्तारवादी नहीं हैं। हमारे अगल-बगल में छोटे-मोटे देश हैं, लेकिन उनके मन में ये डर नहीं है कि हिंदुस्तान हमारी भूमि ले लेगा। जबकि, दुनिया के अन्य छोटे-मोटे देशों के यह डर है। क्यों? क्योंकि, हमारा कल्चर, हमारी संस्कृति ही यही है।

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कोरबा2 years agoकटघोरा जनपद की 25 करोड़ की जमीन उनके करीबी कांग्रेसियों की 25 लाख में कैसे हो गई?
कोरबा2 years agoदर्री में 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना के लिए नई सरकार गठन के बाद होगी पर्यावरणीय जनसुनवाई
छत्तीसगढ़2 years agoबिलासपुर में अपोलो अस्पताल के 4 सीनियर डॉक्टर अरेस्ट