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कोरबा

एसईसीएल की अनूठी पहल – नि:शुल्क आयुर्वेदिक न्यूरोथेरेपी एवं पंचकर्म कैम्प का शुभारंभ

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बिलासपुर। एसईसीएल सीएमडी हरीश दुहन के दिशा-निर्देश से स्वच्छता ही सेवा 2025 अभियान के अंतर्गत एक और ऐतिहासिक पहल करते हुए प्रियदर्शिनी क्लब, इंदिरा विहार कॉलोनी, बिलासपुर में नि:शुल्क आयुर्वेदिक न्यूरोथेरेपी एवं पंचकर्म कैम्प का शुभारंभ मुख्य अतिथि निदेशक (मानव संसाधन) बिरंची दास के करकमलों से आज दिनांक 26 सितम्बर 2025 को डॉ. श्रुतिदेव मिश्रा (प्रमुख चिकित्सा सेवायें, एसईसीएल), डॉ. महेन्द्र रघुवंशी (एमडी न्यूरोथेरेपी एवं वात रोग विशेषज्ञ), महाप्रबंधक (कल्याण) श्यामला राव, महाप्रबंधक (सीएसआर) सी.एम. वर्मा, उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन-प्रशासन/जनसंपर्क/राजभाषा) मनीष श्रीवास्तव, प्रबंधक (सिविल)भानु सिंह की उल्लेखनीय उपस्थिति में हुआ ।


अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि बिरंची दास ने इस पहल को अत्यंत सराहनीय बताते हुए कहा कि आधुनिक जीवनशैली और मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग से उत्पन्न दुष्प्रभावों से बचाव के लिए हमारी पुरातन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियां अत्यंत प्रभावी हैं। उन्होंने अपने संबोधन में दशहरा पर्व की अग्रीम बधाई देते हुए कर्मीगण एवम उनके परिवारजनों को अधिकाधिक मात्रा में उपस्थित होकर इसका लाभ लेने का आव्हान किया ।
डॉ. महेन्द्र रघुवंशी ने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को आयुर्वेदिक न्यूरोथेरेपी एवं पंचकर्म की विशेषताओं एवं उनके लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इन सेवाओं के माध्यम से प्रतिभागियों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधार, शरीर से विषैले तत्वों की शुद्धि, दर्द निवारण तथा जीवनशैली संबंधी रोगों की रोकथाम के उपाय प्रदान किए जाएंगे।


इस नि:शुल्क आयुर्वेदिक न्यूरोथेरेपी एवं पंचकर्म कैम्प के अंतर्गत विभिन्न पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें प्रमुख न्यूरोथेरेपी उपचार, पंचकर्म चिकित्सा, फायर नीडल थेरेपी, ब्लड कपिंग, लीच थेरेपी, अग्नि कर्म एवं विद्ध कर्म हैं। यह नि:शुल्क चिकित्सा कैम्प एसईसीएल कर्मियों एवं उनके परिजनों के स्वास्थ्य संवर्धन के साथ-साथ समाज में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय पहल है।
कार्यक्रम में उद्घोषणा का दायित्व वरीय प्रबंधक (मानव संसाधन-कल्याण) ने निभाया । इस अवसर पर बड़ी मात्रा में लाभार्थीगण, अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे ।

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कोरबा

लव-जिहाद के आरोप के बीच फायरिंग,मुख्य आरोपी गिरफ्तार:कोरबा कोर्ट में मैरिज के लिए देने वाले थे आवेदन, उससे पहले हमला, अब तक पांच अरेस्ट

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कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक व्यवसायी के मकान पर फायरिंग के मामले में तीसरे मुख्य आरोपी शक्ति सिंह और एक अन्य युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

इस घटना के बाद पुलिस ने पहले ही उत्तर प्रदेश निवासी शूटर दुर्गेश पांडे और कोरबा निवासी आशीष जांगड़े व हर्ष सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। उनकी निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल किया गया हथियार और वाहन बरामद कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक यह विवाद कथित लव जिहाद से जुड़ा है।

युवक ने कहा कि कोरबा कोर्ट में शादी के लिए देने वाले थे। उससे पहले फायरिंग हुई है। इसी विवाद के चलते उत्तर प्रदेश से शूटर बुलवाकर वारदात को अंजाम दिया गया। यह मामला कटघोरा थाना क्षेत्र के कसनियां गांव का है।

यह घटना बुधवार देर रात कटघोरा थाना अंतर्गत कासनिया में सामने आई थी। सिकंदर मेमन अपने परिवार के साथ घर में थे। रात करीब 9:45 बजे उन्हें गोली चलने की आवाज सुनाई दी। जब वे बाहर निकले, तो बाइक सवार युवक ने उन्हें देखकर दूसरी बार गोली चला दी, जिसके बाद परिवार के सदस्य तुरंत घर के अंदर चले गए।

भागते वक्त लोगों ने आरोपी को पकड़ा

घटना को अंजाम देने के बाद बाइक सवार बदमाश भाग रहा था, लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद वह बाइक सहित सड़क पर गिर गया। उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए कपड़े भी बदल लिए थे। लेकिन इलाके के लोगों ने उसे पकड़ लिया।

पुलिस ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के शूटर दुर्गेश पांडे और कोरबा शहर के हर्ष सिंह और आशीष जांगड़े को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनकी निशानदेही पर घटना में इस्तेमाल की गई बाइक और देसी कट्टा भी बरामद कर लिया है।

युवक बोला- पहले से मिल रही थी धमकियां

तौसीफ मेमन ने बताया कि उनका हिंदू लड़की से शादी को लेकर जो मामला चल रहा है, उसे लेकर वे पहले हाईकोर्ट गए थे। कोर्ट ने उन्हें स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह करने का सुझाव दिया था। इसके बाद उन्होंने अपर कलेक्टर कार्यालय में शादी के लिए आवेदन भी दिया था, लेकिन 18 सितंबर को वह आवेदन खारिज कर दिया गया।

तौसीफ ने कहा हम गुरुवार को जिला अदालत (डिस्ट्रिक्ट कोर्ट) में दोबारा आवेदन देने जा रहे थे, लेकिन उससे पहले ही हमारे घर पर फायरिंग हो गई।

उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले भी उन्हें फोन और वॉट्सऐप के जरिए धमकियां मिल रही थीं। धमकी देने वाला खुद को विश्व हिंदू परिषद से जुड़ा बता रहा था। तौसीफ ने अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है।

कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि अब तक इस मामले में 5 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पुलिस मुख्य आरोपी से पूछताछ कर रही है।

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कोरबा

पूर्व गृहमंत्री ने कोरबा कलेक्टर पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप:ननकीराम बोले- कलेक्टर नहीं बदला तो 4 अक्टूबर को सीएम कार्यालय के सामने देंगे धरना

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कोरबा। छत्तीसगढ़ के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कलेक्टर को तत्काल हटाने की मांग की है। कंवर ने चेतावनी दी है कि यदि कलेक्टर को नहीं हटाया गया, तो वह 4 अक्टूबर को रायपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने धरने पर बैठेंगे।

कंवर ने कलेक्टर अजीत वसंत पर “हिटलरशाही” तरीके से प्रशासन चलाने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर तीन दिन के भीतर कलेक्टर को हटाने की मांग की थी।

पूर्व मंत्री ने 400 महिला स्वसहायता समूहों और फर्जी मुआवजे के मामलों में भी अनियमितताओं का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कलेक्टर का व्यवहार सही नहीं है और वह कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर रहे हैं।

4 अक्टूबर को सीएम दफ्तर के सामने धरने पर बैठेंगे पूर्व गृह मंत्री

एक वीडियो बयान में ननकीराम कंवर ने कहा, “हमने माननीय मुख्यमंत्री जी को सूचना दी थी। उस समय (तीन दिन में) धरना देना था, लेकिन नवरात्रि में व्यस्तता के कारण मैं 4 अक्टूबर को रायपुर में बैठूंगा।”

कंवर ने स्पष्ट किया है कि 4 अक्टूबर को रायपुर में उनका धरना अनिश्चितकालीन होगा। हालांकि, उन्होंने धरने की अवधि और इसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या को लेकर कोई निश्चित जानकारी नहीं दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री जल्द ही कलेक्टर का स्थानांतरण कर सकते हैं।

ननकीराम कंवर की इस चेतावनी ने छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है।

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कोरबा

कांग्रेस ने ननकी राम के धरने का किया समर्थन:पीसीसी अध्यक्ष बैज बोले- अपमानित और प्रताड़ित होकर कंवर ने यह कदम उठाया

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कोरबा/रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने दोबारा प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन को पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि, वे 4 अक्टूबर को सीएम हाउस के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे।

इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने ननकीराम कंवर के धरना प्रदर्शन का समर्थन किया है। बैज ने कहा कि ननकी राम कंवर ने संगठन और सरकार से बार-बार न्याय की मांग की, लेकिन समाधान नहीं मिला।

उन्होंने बताया कि उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जांच और परीक्षण का आश्वासन दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर कंवर ने दोबारा पत्र लिखा है और 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना देने का ऐलान किया है। हम उनके इस निर्णय का स्वागत करते हैं।

ननकी राम कंवर ने लिखा कलेक्टर को पत्र।

ननकी राम कंवर ने लिखा कलेक्टर को पत्र।

अपमानित और प्रताड़ित होकर यह कदम उठाया

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, कंवर भाजपा के सबसे वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं। अगर उनकी बात को भी संगठन और सरकार में नजरअंदाज किया जा रहा है, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। कंवर ने अपमानित और प्रताड़ित होकर यह कदम उठाया है।

बैज ने आगे कहा कि संभव है कि कंवर के इस निर्णय के बाद सरकार को नींद से जगना पड़े। उन्होंने कंवर के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अपनी ही सरकार और भाजपा के खिलाफ हिम्मत दिखाते हुए आवाज बुलंद की है। यह प्रशासनिक आतंकवाद के खिलाफ मजबूत लड़ाई की शुरुआत है।

क्या है विवाद ?

ननकीराम कंवर ने आरोप लगाया है कि, कलेक्टर हिटलरशाही तरीके से प्रशासन चला रहे हैं। उनके खिलाफ सैकड़ों भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है। उन्होंने कहा कि 40,000 स्व-सहायता समूह की महिलाओं से अरबों की ठगी, मालगांव और रलिया में फर्जी मुआवजे के नाम पर करोड़ों रुपए की अनियमितता जैसे मामलों में कलेक्टर की सीधी संलिप्तता है।

पहले भी पूर्व मंत्री को कलेक्टर ने भेजा था नोटिस

पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि, कलेक्टर भाजपा कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को टारगेट कर रहे हैं। इसमें एक पत्रकार का मकान गिराने और पार्टी कार्यकर्ताओं के राइस मिल और पेट्रोल पंप को सील किए जाने की घटनाएं शामिल हैं।

यह विवाद पहले भी चर्चा में रहा है, जब कलेक्टर अजित वसंत ने पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को एक फेसबुक पोस्ट के लिए नोटिस भेजा था। कलेक्टर का कहना था कि पोस्ट प्रशासन की छवि खराब करती है और सामाजिक वैमनस्य फैलाने की मंशा रखती है।

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