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कोरबा

वेदांता बालको ने हासिल किया एएसआई का परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 सर्टिफिकेट

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भारत की आइकॉनिक एल्युमिनियम उत्पादक बालको यह सर्टिफिकेट पाने वाली देश की पहली कंपनी है

नई दिल्ली/बालको। वेदांता एल्युमिनियम की इकाई भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने कोरबा, छत्तीसगढ़ स्थित अपने संयंत्र में प्राथमिक एल्युमिनियम उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग एंड सप्लाई के लिए एल्युमिनियम स्टूवर्डशिप इनिशिएटिव (एएसआई) का परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 सर्टिफिकेशन हासिल किया है। बालको संयंत्र में मॉल्टन एल्युमिनियम (गर्म धातु) उत्पादन हेतु स्मेल्टर के दो पॉटलाइंस तथा एल्युमिनियम को आकार देने के लिए तीन कास्टहाउस और रोल्ड प्रोडक्ट एवं पावर जेनरेशन प्लांट शामिल हैं। ये सब मिलकर बालको की सालाना 5,75,000 टन एल्युमिनियम उत्पादन क्षमता को मुमकिन बनाते हैं। बालको में एल्युमिनियम वायर रॉड, इंगॉट, प्राइमरी फाउंड्री अलॉय और रोल्ड प्रोडक्ट के साथ ही भारत की पहली ‘लो कार्बन’ एल्युमिनियम रेंज रिस्टोरा का उत्पादन होता है। इन उत्पादों का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंसुलेशन, विद्युत परियोजनाओं तथा बिजली का सामान और पैकेजिंग जैसे विभिन्न उद्योगों में होता है। एएसआई का परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाली बालको पहली भारतीय कंपनी बन गई है। इससे पहले वेदांता एल्युमिनियम झारसुगुडा, ओडिशा स्थित विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर स्थित अपने स्मेल्टर व कैप्टिव पावर प्लांट के लिए एएसआई परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी2 सर्टिफिकेट हासिल कर चुकी है। एएसआई सर्टिफिकेशन कार्यक्रम को विभिन्न पहलुओं की गहन परामर्श प्रक्रिया के जरिए विकसित किया गया है तथा वैश्विक एल्युमिनियम मूल्य श्रृंखला के लिए यह एकमात्र व्यापक स्वैच्छिक सस्टेनेबिलिटी मानक पहल है। एएसआई परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 (2022) को एक से ज्यादा वर्षों की संशोधन प्रक्रिया के पश्चात् मई 2022 में लांच किया गया। पर्यावरण, सामाजिक एवं गवर्नेंस (ईएसजी) इन तीन स्तंभों के तहत यह 11 सिद्धांतों एवं 62 कसौटियों को परिभाषित करता है। इसका लक्ष्य है एल्युमिनियम मूल्य श्रृंखला में सस्टेनेबिलिटी संबंधी लक्ष्यों को हासिल करना जैसे जैव विविधता, मूलनिवासियों के अधिकार, सर्कुलेरिटी व ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन। भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) का स्वतंत्र थर्ड पार्टी ऑडिट सेटिजिय़ोन वेरिफिका द्वारा किया गया। वेदांता एल्युमिनियम के सीईओ श्री जॉन स्लेवन ने कहा कि एएसआई परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 सर्टिफिकेशन प्राप्त कर एएसआई के सदस्यता होने पर हम बालको का स्वागत करते हैं। इस सर्टिफिकेशन में हमारे ‘लो कार्बन ग्रीन’ एल्युमिनियम रिस्टोरा और रिस्टोरा अल्ट्रा ब्रांड का उत्पादन शामिल है। भारत की आइकॉनिक एल्युमिनियम उत्पादक के तौर पर बालको एल्युमिनियम वैल्यू चैन के प्रत्येक कदम में सस्टेनेबल प्रक्रियाओं के अमल में अग्रणी रही है और वैश्विक उद्योग में स्वयं को एक बेंचमार्क के रूप में स्थापित किया है। यह सर्टिफिकेशन दायित्वपूर्ण उत्पादन विधियों के लिए हमारी निरंतर प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इससे हमारी टीम को एक सस्टेनेबल दुनिया के निर्माण हेतु एल्युमिनियम की असीम संभावनाओं का उपयोग करने के और नए तरीके तलाशने की प्रेरणा मिलेगी। एल्युमिनियम स्टूवर्डशिप इनिशिएटिव की सीईओ डॉ फियोना सोलोमन ने कहा कि हम भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) को उसकी छत्तीसगढ़ स्थित इंटिग्रेटिड एल्युमिनियम उत्पादन सुविधाओं के लिए परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 (2022) सर्टिफिकेशन हासिल करने पर बधाई देते हैं। भारत की एल्यूमिनिमय उत्पादक एवं वेदांता लिमिटेड – एल्युमिनियम बिजऩेस का हिस्सा होने के नाते बालको वैश्विक एल्युमिनियम उद्योग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह सर्टिफिकेशन बालको के सस्टेनेबिलिटी सफर में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। कंपनी उन विधियों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है पर्यावरण, सामाजिक एवं गवर्नेंस (ईएसजी) की कसौटियों पर खरी उतर सकें। बालको वेदांता एल्युमिनियम की ईकाई है। वेदांता ने 2050 तक नैट ज़ीरो हासिल करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण को अपनाया है। इसके लिए कंपनी ने उत्सर्जन घटाने की स्पष्ट समय सीमा तय की है, कार्बन कटौती की अत्याधुनिक तकनीक तैनात की हैं, नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों का उपयोग बढ़ाया है तथा स्थानीय समुदायों के बीच जाकर जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए जमीनी स्तर पर सहयोग किया जा रहा है। पारिस्थितिक जरूरतों और कारोबारी आवश्यकताओं के बीच संतुलन कायम करते हुए कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2012 से वित्तीय वर्ष 2023 तक ग्रीन हाउस गैसों की प्रचंडता में 28 प्रतिशत की प्रभावशाली कटौती करने में कामयाबी पाई है; साथ ही इस दौरान उत्पादन में तीन गुना इजाफा भी दर्ज किया गया है। वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्युमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 23 में 22.9 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्युमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्युमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है जिनका उपयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्युमिनियम को एल्युमिनियम उद्योग में एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असैसमेंट 2023 में पहली वैश्विक रैंकिंग मिली है, यह उपलब्धि कंपनी की सस्टेनेबल विकास प्रक्रियाओं को प्रतिबिम्बित करती है। भारत में अपने विश्वस्तरीय एल्युमिनियम स्मेल्टर्स और एल्यूमिना रिफाइनरी के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्युमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ‘भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रही है।

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कोरबा

भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में षडयंत्र पूर्वक ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म कर दिया – जिला कांग्रेस

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जिला कांग्रेस अध्यक्षद्वय सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल एवं सपना चौहान ने लगाया आरोप

कोरबा:- जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल एवं शहर अध्यक्ष श्रीमती सपना चौहान ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा है कि भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में षडयंत्र पूर्वक ओबीसी आरक्षण को लगभग खत्म कर दिया है, जिसके कारण ओबीसी वर्ग से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अपने अधिकार का हनन समझ रहे है, जबकि प्रदेश में ओबीसी वर्ग की बहुतायत है।
जिला कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधानों में किये गये दुर्भावना पूर्वक संसोधन के चलते अधिकांश जिला एवं जनपद पंचायतों में आरक्षण खत्म हो गया है। प्रदेश के 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में जहां पहले 25 प्रतिशत सीटे अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीवारों के लिए आरक्षित थी, अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है, जिसके कारण ओबीसी वर्ग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं और अपने अधिकारों का हनन समझ रहे हैं।
मैदानी क्षेत्रों में अनेक पंचायते ऐसी है, जहां पर 90 से 99 प्रतिशत आबादी ओबीसी की है लेकिन वहां पर भी ओबीसी के लिए सरपंच का पद आरक्षित नहीं है। पंचों का आरक्षण भी जनसंख्या के अनुपात में काफी कम है। पूर्व में ओबीसी के लिए आरक्षित ये सभी सीटें सामान्य घोषित हो चुकी है। साय सरकार द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में दुर्भावना पूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिलें और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पंचों का जो भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित था, अब वे सामान्य सीटें घोषित हो चुकी हैं।
बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ है। सरगुजा संभाग के पांच जिलें अंबिकापुर, बलरामपुर, सुरजपुर, कोरिया-महेन्द्रगढ़-चिरमिरी, भरतपुर-सोनहत, बस्तर के 7 जिलें-बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर-मोहला, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और कोरबा जिलें में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है।
सरकार द्वारा स्थानीय नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है, उसका परिणाम सामने है। इस सरकार ने ओबीसी वर्ग के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती की है। रायपुर जिला पंचायत में 16 में से केवल 4 सीट ही ओबीसी के लिए आरक्षित है, उसी तरह बिलासपुर जिलें में 17 में से केवल 1 क्षेत्र ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। ओबीसी पुरूष के लिए 17 में से 1 भी सीट आरक्षित नही है, उसी तरह 4 जनपद पंचायतों में जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला, 1 अनारक्षित महिला और 1 जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है। यहां एक भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित नही है जिसके कारण प्रदेश के ओबीसी वर्ग चुनाव लड़ने से वंचित हो गया है और साय सरकार ने ओबीसी वर्ग हो चुनाव लड़ने से षडयंत्र पूर्वक रोक दिया है और यह सरकार ओबीसी विरोधी बन गयी हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है।

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कोरबा

पालिका अध्यक्ष पद हेतु प्रशांति सिंह पर दांव लगा सकती है कांग्रेस

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25 वर्षों से कांग्रेस की राजनीति में हैं सक्रिय
कोरबा/दीपका ।

नगर पालिका परिषद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है और दीपका में भाजपा के कई दावेदार सामने आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस में जो नाम उभरकर सामने आया है, उसमें कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री प्रशांति सिंह का नाम सबसे ऊपर लिया जा रहा है और माना जा रहा है कि कांग्रेस प्रशांति पर अपना दांव लगा सकती है।
नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद दीपका नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद हेतु सक्रिय कांग्रेस नेत्री प्रशांति सिंह की दमदार दावेदारी की चर्चा होने लगी है । उल्लेखनीय है कि जिले की राजनीति में प्रशांति पिछले 25 वर्षों से सक्रिय रह कर कांग्रेस के लिए पूरी शिद्दत से काम कर रही हैं विधान सभा हो अथवा लोक सभा के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए जीतोड़ मेहनत से कांग्रेस संगठन में इनका क़द बढ़ा है, वहीं कांग्रेस के क्षत्रप डॉ चरण दास महंत तथा सांसद ज्योत्सना महंत
का पूरा आशीर्वाद भी इन्हें प्राप्त है । कांग्रेस नेत्री प्रशांति सिंह ने एक मुलाक़ात में बताया कि यदि पार्टी उन्हें नगर पालिका अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी घोषित करती है, तो दीपका के समस्त कांग्रेस नेताओं व कॉर्यकर्ताओं की मदद से वे यह चुनाव निश्चित रूप से जीतेंगी। प्रशांति सिंह उच्च शिक्षित महिला हैं। उनके मन में दीपका नगर पालिका के सर्वांगीण विकास की ललक है। उनका कहना है -दीपका में पिछले 25 वर्षों से रहते हुए उन्होंने यहां के लोगों की सेवा की है । महिलाओं के बीच लोकप्रियता का लाभ भी इन्हें मिल सकता है। यही कारण है कि दीपका नगर पालिका अध्यक्ष के लिये कांग्रेस पार्टी में इनके नाम की खूब चर्चा हो रही है।पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कँवर, बोधराम कँवर, प्रदेश कांग्रेस के सचिव तनवीर अहमद, प्रदेश महासचिव प्रशांत मिश्रा का आशीर्वाद भी इन्हें मिलेगा, ऐसी चर्चा है ।

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कोरबा

बालको के शीतकालीन शिविर से छात्रों के आगामी बोर्ड परीक्षा की तैयारी हुई आसान

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बालकोनगर। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने प्रोजेक्ट कनेक्ट के तहत कक्षा 6वीं और 12वीं के छात्रों के लिए शीतकालीन शिविर का आयोजन किया। विद्या भवन सोसायटी के साझेदारी तथा जिला शिक्षा विभाग के सहयोग से सप्ताहिक शिविर संपन्न हुआ। हर साल की तरह इस बार भी शिविर के माध्यम से कक्षा 10वीं और 12वीं के आगामी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी और भविष्य में करियर चुनाव के लिए तैयार किया गया। शिविर में 11 स्कूलों के 250 छात्रों ने भाग लिया।

कक्षा 10वीं के लिए विज्ञान, अंग्रेजी और गणित तथा 12वीं के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, अंग्रेजी और लेखाशास्त्र विषय में 6 सदस्यों की टीम द्वारा प्रतिदिन एक घंटे का सत्र आयोजित किया गया। इसमें प्रश्न पत्र पैटर्न से परिचय, वर्कशीट और मॉडल पेपर का उपयोग करके विभिन्न विषयों का अभ्यास, संदेह निवारण, समय प्रबंधन, प्रेरणा और जरूरतमंद छात्रों पर व्यक्तिगत ध्यान देना शामिल था। इसके साथ ही विशेषज्ञों द्वारा 6वीं से 12वीं के छात्रों को करियर परामर्श तथा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में बताया गया। भविष्य में उन्हें विषय अनुसार स्ट्रीम एवं करियर चुनने के विकल्प की जानकारी दी गई।

शीतकालीन शिविर बच्चों को सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है। छात्रों में रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए पहेलियाँ, कहानी सुनाना और मॉडल बनाने जैसी आकर्षक कार्यक्रम शामिल की गईं। विभिन्न शैक्षणिक सत्र के साथ छात्रों ने इनडोर और आउटडोर खेल, क्विज़ और समूह प्रतियोगिता में भाग लिया। 21वीं सदी के कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हुए सहयोग, रचनात्मकता और संचार को बढ़ावा देने के लिए वीडियो और डिजिटल उपकरणों का उपयोग भी बताया गया।

शिविर के माध्यम से छात्रों के भीतर संगठनात्मक कौशल को बढ़ावा दिया गया जो यह सुनिश्चित करती हैं कि वे टीम के वातावरण में बेहतर ढंग से कार्य करें। छात्रों के बीच शिविर द्वारा प्रदान की जाने वाली शैक्षिक सहायता उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। नियमित मूल्यांकन और व्यक्तिगत प्रतिक्रिया से सभी ने गणित में बेहतर कौशल का प्रदर्शन किया।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि शिक्षा हमारे सामुदायिक विकास का प्रमुख स्तंभ है। कंपनी की प्रोजेक्ट कनेक्ट से बच्चों में आत्मविश्वास और समस्या-समाधान क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। हमारा लक्ष्य स्थानीय युवाओं के बीच शिक्षा को उनके जीवन का आधार बनाना तथा व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना जिससे उन्हें रोजगार योग्य कौशल सीखने के अवसर प्राप्त हों। देश के उत्तरोत्तर विकास में सभी की भागीदारी महत्वपूर्ण है। हमारे विभिन्न सामुदायिक विकास कार्यक्रम इसी दृष्टिकोण से जुड़े हुए हैं।

गर्ल्स स्कूल की छात्रा ममता श्रीवास ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम हमारी शिक्षा को बेहतर बनाती है जिनसे हमे बहुत सीखने को मिला। शिविर से हम निश्चित रूप पढ़ने के लिए सार्थक कदम उठाएंगे। हमने पढ़ाई के साथ नया सीखने का मौका मिला जिसके लिए मैं बालको का धन्यवाद करना चाहती हूं।

वर्ष 2016 में शुरू किए गए परियोजना ‘कनेक्ट’ के अंतर्गत नियमित कक्षाएं आयोजित कर, ड्रॉपआउट छात्रों को पढ़ाने और ग्रीष्मकालीन एवं शीतकालीन शिविर के माध्यम से सामुदायिक क्षेत्र में शिक्षा को नईं उचांईयों पर पहुंचा रहा है। बालको कर्मचारियों तथा स्वयंसेवी शिक्षकों के माध्यम से विज्ञान, अंग्रेजी, गणित और अकाउंटेंसी (सेमा) में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मदद से छात्रों के ग्रेड में सुधार, शिक्षकों की क्षमता निर्माण और करियर परामर्श के साथ सरकारी स्कूलों में सीखने का शैक्षिक माहौल विकसित करना है। छह सरकारी स्कूलों में परियोजना के माध्यम से सेमा विषयों पर नियमित कक्षाओं से 2150 से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं।

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