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जेप्टो का दावा: जल्द बनेगी पूरी तरह भारतीय कंपनी, 2025 में IPO लॉन्च करने की तैयारी

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नई दिल्ली , एजेंसी। रोजमर्रा के उपयोग के सामान की त्वरित आपूर्ति करने वाली कंपनी जेप्टो ने भारतीय बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने और सकारात्मक लाभप्रदता हासिल करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ आदित पालिचा ने कहा कि जेप्टो जल्द ही पूरी तरह से भारतीय स्वामित्व वाली इकाई बन जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि 2025 में कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लॉन्च करने की योजना है।

घरेलू निवेशकों से 35 करोड़ डॉलर का फंड

कंपनी ने हाल ही में प्रमुख भारतीय निवेशकों से 35 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण जुटाया है। यह फंड कंपनी के विस्तार और परिचालन को मजबूत बनाने में सहायक होगा। फिलहाल जेप्टो करीब 24 शहरों में काम कर रही है और अगले वित्त वर्ष तक 50 से अधिक शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की योजना है।

त्वरित वाणिज्य मॉडल पर सफाई

आदित पालिचा ने त्वरित वाणिज्य (क्विक कॉमर्स) मॉडल पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह मॉडल किराना दुकानों को प्रभावित नहीं कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि यह उद्योग लाखों नौकरियां पैदा कर रहा है और उपभोक्ताओं के साथ-साथ श्रमिकों के लिए व्यापक मूल्य सृजन कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जेप्टो पर बेचे जाने वाले 99.8% उत्पाद लागत से अधिक कीमत पर बिकते हैं, जिससे बाजार खराब करने वाले मूल्य निर्धारण के आरोप गलत साबित होते हैं।

भारतीय स्वामित्व और विस्तार की योजना

पालिचा ने यह भी बताया कि कंपनी ने सिंगापुर से भारत में स्थानांतरण की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। वित्त वर्ष 2025-26 तक जेप्टो एक पूर्णतः भारतीय स्वामित्व वाली इकाई बन जाएगी।नई दिल्ली: रोजमर्रा के उपयोग के सामान की त्वरित आपूर्ति करने वाली कंपनी जेप्टो ने भारतीय बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने और सकारात्मक लाभप्रदता हासिल करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ आदित पालिचा ने कहा कि जेप्टो जल्द ही पूरी तरह से भारतीय स्वामित्व वाली इकाई बन जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि 2025 में कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लॉन्च करने की योजना है।

घरेलू निवेशकों से 35 करोड़ डॉलर का फंड

कंपनी ने हाल ही में प्रमुख भारतीय निवेशकों से 35 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण जुटाया है। यह फंड कंपनी के विस्तार और परिचालन को मजबूत बनाने में सहायक होगा। फिलहाल जेप्टो करीब 24 शहरों में काम कर रही है और अगले वित्त वर्ष तक 50 से अधिक शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की योजना है।

त्वरित वाणिज्य मॉडल पर सफाई

आदित पालिचा ने त्वरित वाणिज्य (क्विक कॉमर्स) मॉडल पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह मॉडल किराना दुकानों को प्रभावित नहीं कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि यह उद्योग लाखों नौकरियां पैदा कर रहा है और उपभोक्ताओं के साथ-साथ श्रमिकों के लिए व्यापक मूल्य सृजन कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जेप्टो पर बेचे जाने वाले 99.8% उत्पाद लागत से अधिक कीमत पर बिकते हैं, जिससे बाजार खराब करने वाले मूल्य निर्धारण के आरोप गलत साबित होते हैं।

भारतीय स्वामित्व और विस्तार की योजना

पालिचा ने यह भी बताया कि कंपनी ने सिंगापुर से भारत में स्थानांतरण की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। वित्त वर्ष 2025-26 तक जेप्टो एक पूर्णतः भारतीय स्वामित्व वाली इकाई बन जाएगी।

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भारत का हरित क्षेत्र 25.17% तक बढ़ा, पर्यावरण पर सकारात्मक असर : सरकारी रिपोर्ट

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नई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।

भारत के वनावरण में बढ़ोतरी

भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।

कार्बन अवशोषण में वृद्धि

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।

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PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च सम्मान:ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर पाने वाले पहले भारतीय PM; अब तक 20 देश कर चुके सम्मानित

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कुवैत सिटी ,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान कुवैत के अमीर शेख मिशाल ​​​​​​अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने दिया। ये सम्मान पाने वाले मोदी पहले भारतीय PM हैं। मोदी को किसी देश से मिलने वाला ये 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।

ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है। यह अवॉर्ड दोस्ती की निशानी के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शासकों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को दिया जा चुका है।

वहीं, अमीर शेख मिशाल के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पीएम ने लिखा-

कुवैत के अमीर के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। हमने अपनी पार्टनरशिप को स्ट्रैटजिक लेवल तक बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी मजबूत होगी।

इससे पहले PM मोदी का अमीर के महल बायन पैलेस में स्वागत किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। PM मोदी शनिवार को दो दिन के कुवैत दौरे पर पहुंचे थे।

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खड़गे बोले- चुनाव नियम बदलना सरकार की सोची-समझी साजिश:यह EC की आजादी पर हमला; केंद्र ने कहा था- पोलिंग बूथ के फुटेज सार्वजनिक नहीं होंगे

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नई दिल्ली,एजेंसी। वोटिंग नियमों में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ECI) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।

रविवार सुबह X पर पोस्ट में उन्होंने कहा- पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं। यह सरकार की सोची-समझी साजिश है।

जब भी कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में ट्रांसपेरेंसी के बारे में लिखा, तो ECI ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।

अधिकारियों ने बताया कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नैरेटिव फैलाया जा सकता है। बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते हैं।

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