Connect with us

कोरबा

धारदार चट्टान, ले सकती हैं जान: देवपहरी, परसखोला,केंदई, फुटहामुड़ा पिकनिक स्पॉट में जरूरी है एहतियात बरतना

Published

on

असावधानी से हो सकता है हादसा, पानी कितना है और खतरा कितना है अनुमान लगाना मुश्किल

विशेष-लेख-कमलज्योति।

कोरबा। उगते सूरज के समय बिखरती सूरज की किरणे हो या फिर अस्त होने के समय सुनहरी रोशनी और बादलों के बीच झिलमिलाती किरणे।  बहते पानी में आधा बाहर तो आधा भीतर की ओर डूबा चट्टान जब बाहर से चमकता हुआ दिखाई देता है तो यह देखने वालों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। पानी की धार से तराशे गए इन चट्टानों में सूरज निकलने से लेकर सूरज के डूबने तक चमक ही नहीं होती, नुकीले और धारदार चट्टान कई स्थानों पर किसी को काटने, खरोंच पहुंचाने से लेकर उन्हें अपनी गुफानुमा जगहों में कैद करने की क्षमता भी रखती है। बेशक यह कोरबा जिले का प्रसिद्ध  पिकनिक स्पॉट देवपहरी, परसखोला, फुटहामुड़ा ही है, जो अपनी खूबसूरती तथा आसपास के मनोरम दृश्य के लिए सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है।
    पर्यटन और सैर सपाटे के इस मौसम में हल्की ठण्ड, चटक धूप के साथ मनोरम दृश्य हमें मजबूर करते हैं कि हम भी मस्ती और मनोरंजन के लिए परिवार तथा दोस्तों के साथ इन जगहों में जाएं। चूल्हा बनाकर आग जलाये, पसंद का खाना बनाये और आसपास के खूबसूरत सा नजारों को देखकर कुछ गाते,गुनगुनाते, नाचते हुए हमेशा के लिए अपनी यादगार तस्वीर कैमरों में कैद करें। मस्ती और मनोरंजन की यह ख्वाहिश यादगार लम्हों में तब तक कैद होती है, जब तक हम ऐसे स्थानों पर सुरक्षित जाये और सुरक्षित लौट आए, वर्ना जरा सी असावधानी और लापरवाही हमें कभी न भूल पाने वाली वह गम दे जाती है, जो किसी के मस्ती और मनोरंजन के समय बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। कुछ ऐसा ही हादसा जिले के इस देवपहरी जलप्रपात, परसखोला और बालको के फुटहामुड़ा पिकनिक स्पॉट पर बीते माह सिलसिलेवार घटित हुआ। आपस में तय कर नाबालिग छात्र यहां चले तो आए, किसी अनहोनी या हादसों की परवाह किए बगैर पानी में उतरकर नहाने लगे। दूर-दूर तक फैले हुए खतरनाक चट्टानों में पानी कितना है और खतरा कितना है ? इसकी परवाह किए बिना पानी में उतरना उनके लिए मस्ती या मनोरंजन नहीं बल्कि मौत साबित हुआ। जिले में ऐसी कुछ घटनाएं भी है, जिसमे आपस में मस्ती करते हुए और एक दूसरे को पानी में उतरने-कूदने के चैलेज करते हुए छात्र सूझबूझ से काम नहीं लेते और जोखिमों के बीच पानी में उतर जाते हैं। इन स्थानों में छात्र पानी में बह चुके हैं। चीखते चिल्लाते और देखते ही देखते पानी में समाहित होकर लापता हुए छात्रों को उनके दोस्त भी बचा नहीं पाए, क्योंकि ऐसे हादसों के वक्त डरना, सहमना लाजिमी है और सूझबूझ के साथ कोई उपाय भी दिमाग में नहीं आ पाता। जिला प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण पिकनिक स्थलों पर सावधानी बरतने संबंधी बोर्ड भी लगाये जाते हैं लेकिन मस्ती में चूर अनेक लोग ऐसे सूचनाओं का अनदेखी कर खतरनाक स्थानों पर चले जाते हैं। हादसे की सूचना पर अलर्ट  प्रशासन और पुलिस, नगर सेना, एसडीआरएफ तथा ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर पूरी कोशिश करते हैं लेकिन मस्ती और लापरवाही की वजह से तत्काल किसी को मौत के मुंह से खीच लाना सम्भव नहीं हो पाता, क्योंकि देरी से सूचना मिलने, अंधेरा हो जाने,पानी का स्तर बढ़ जाने और अटपटे चट्टानों से रेस्क्यू में रोड़ा इन स्थानों पर हुए हादसों का परिणाम आखिरकार जिंदगी के उम्मीदों के बीच नदी के पानी और चमकते चट्टानों के खोह से सिर्फ लाशे ही निकली है। ऐसे हादसों में किसी परिवार का एकलौता चिराग बुझ गया तो किसी परिवार में सबसे बड़ी उम्मीदें भी बिखर गई। खैर अब जो होना था सो हो गया। इसे लापरवाही कहें, हादसा या चूक कहें, लेकिन आगे किसी के साथ ऐसे हादसे न हों, इस दिशा में सतर्क होना भी जरूरी है। जिले में कई ऐसे पिकनिक स्पॉट है और इन पिकनिक स्पॉट के खूबसूरत नजारे आपको आकर्षित जरूर करेंगे। देवपहरी का पिकनिक स्पॉट जलप्रपात की वजह से सभी को आने के लिए मजबूर करती है। बड़े-बड़े चट्टानों से होकर पानी बहती तो है लेकिन यह खतरनाक भी है और यहाँ तेज गति से बहती पानी की धारा को छूना,बिना सतर्कता के साथ चट्टानों में चलना आपके लिए जोखिम भरा हो सकता है,क्योंकि यहाँ मौजूद भारी भरकम चट्टानों में सिर्फ चमक ही नहीं है, तेज फिसलन भी है, जिसमे असावधानीवश चलकर और गिरकर आप अपनी हड्डियां भी तुड़वा सकते हैं। बालको क्षेत्र के परसखोला, फुटहामुड़ा के जलप्रपात और पिकनिक स्पॉट में उतरकर चट्टानों में जाने और फंसकर फिसल जाने का खतरा है। जगह-जगह मौजूद चट्टानें आपको कभी भी हादसों का शिकार बना सकते हैं, इसलिए कोशिश करिये कि आपके बच्चे ऐसी जगहों में न जाए, उसके लिए सचेत रहे। ऐसी जगहों में कुछ सुरक्षा के इंतजाम व सावधानी और सतर्कता आपके खतरे को टालने में बहुत हद तक मददगार बन सकते हैं।

पंछियों की कलरव सुने,कलकल बहती पानी की आवाजें सुने…
आप जहां भी पिकनिक स्पॉट देखने जाए तो आसपास के मनोरम दृश्य को देखे। शांत वातावरण में कलकल, झर-झर बहती पानी की आवाज तो उनकी तरंगों को सुने, बादलों के साथ नीले आसमानों की पानी में बनती तस्वीरों को देखे, चमकते चट्टानों को हीरे के चमक के रूप में दूर से देखे। पक्षियों की चहचहाहट, कलरव को सुने। दूर तक फैले रेत में नंगे पांव चले। गुनगुनी धूप का आंनद लें और कभी धूप लगने पर पेड़ों की छांव में बैठकर देखे। कुछ देर खुद को यहां चलती हवाओं के साथ महसूस करके देखेंगे तो निःसंदेह प्रकृति का अनुपम दृश्य आपकों भावविभोर कर देंगे। प्रकृति ने नदी व पहाड़, झरने, जंगल का मनोरम दृश्य आपके हृदय में खूबसूरती और सुकून का भाव उत्पन्न करने के लिए दिए हैं, न कि ऐसे जगहों में जाकर जोखिम लेने और जिंदगी गंवा देने के लिए दिए हैं।

घर का सूरज जैसे काले बादलों में खो गया…
कुछ युवा मित्रों के साथ बालको के गहनिया पिकनिक स्पॉट में गए सूरज दास ने देखा देखी में पानी में छलांग लगा दी। पानी में नुकीले चट्टान से उसके सिर पर गहरा चोट लगा। अचानक बेसुध हुए सूरज को किसी तरह अस्पताल लाया गया। गरीब परिवार अपने बेटे के इलाज के लिए अस्पताल तक दौड़ लगाते रहे। मस्तिष्क में चोट लगने से याददाश्त और रीढ़ की हड्डी में खिंचाव की वजह से वह कई साल तक व्हीलचेयर में ही रहा। लगभग 6 फीट का हष्टपुष्ट युवा सूरज ने जरा सी गलती कर न सिर्फ खुद की अच्छी खासी जिंदगी बर्बाद कर ली अपितु अपने गरीब माता-पिता के लिए भी अनेक मुश्किलें खड़ी कर दी..। जुलाई 2023 में एक शिक्षक देवपहरी में डूब गया। अप्रैल और अक्टूबर 24 में परसखोला में नाबालिग छात्र पानी में छलांग लगाकर वापस जिंदा नहीं लौटे। निर्मला स्कूल का नाबालिग छात्र फुटहामुड़ा में पानी और सुरंगनुमा पत्थरो के बीच समा गया। इन घटनाओं से यह भी सीख मिलती है कि शिक्षक हो या छात्र,सभी के लिए जरा सी चूक या लापरवाही उनकी जान ले सकती है।

अनावश्यक पानी में न उतरे, दृश्य निहारे और लौट आएं –
देवपहरी, परसखोला, फुटहामुड़ा, केंदई, सतरेंगा, नकिया जैसे स्थानों पर पानी का भराव, पत्थरो की खतरनाक श्रृंखला है,यहाँ मुझे तैरना आता है यह सोच कर पानी में बिल्कुल भी न उतरे। सैर सपाटे के लिए पहुँचने के पश्चात आसपास के मनोरम दृश्यों को निहारे,कैमरे में इन दृश्यों को कैद कर खुद की भी तस्वीर ले लेकिन पानी में उतर कर नहाने का साहस न करें। आप बहुत ही सावधानी से वाहन चलाते हुए ऐसे स्थानों पर जाए। शराब का सेवन न करे और पिकनिक मनाने आने पर यहाँ गंदगी न फैलाए। पिकनिक जाने के दौरान अपने साथ एहतियात के तौर पर रस्सी, टॉर्च  और अन्य सुरक्षा उपकरण भी अवश्य रखे। कोशिश करें कि आप दिन के उजाले में घर से बाहर निकले और अंधेरा होने से पहले ही लौट आएं।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कोरबा

वनविभाग आई एक्शन मोड में, बांकीमोंगरा क्षेत्र मे विभाग ने चलाया बुलडोजर, देखते रहे बेजाकब्जा धारी,,,।

Published

on

संवाददाता साबीर अंसारी

बांकीमोंगरा:– थाना बांकीमोंगरा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग का बांस बाड़ी जो इंदिरा नगर में है, जहां काफी लंबे अर्शे से वन विभाग ने अपना जोन (डिपो) बना रक्खा है, जहां के बेखौफ स्थानीय लोगों के द्वारा जोन के ठीक बाजू से 10 मीटर के दूरी से ही वन भूमि को कब्जा कर मकान निर्माण किया हुआ था जिनको पहले भी कई बार नोटिस दिया जा चुका था पर कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। कार्यवाही न होने के वजह से कब्जाधारी लोगों को कोई डर ही नहीं था और अभी वर्तमान में उनके द्वारा बिना किसी डर के धड़ल्ले से वन भूमि में निर्माण का कार्य किया जा रहा था जो लगभग वन भूमि के अंदर 100 मीटर तक घुस कब्जा कर लिए थे,,,।

इस बढ़ते कब्जे को देख वन विभाग के द्वारा 8 कब्जाधारियों को चिन्हित कर दिनांक 29/05/25 को शॉर्ट नोटिस दिया गया,,, जिसमें 4 लोगों ने कब्जा भूमि पर पक्का मकान निर्माण करा लिया था और चार लोग बाड़ी बनाए हुए थे, और इस बार भी लोग नोटिस को नजरअंदाज करते हुए अपना कब्जा बरकरार रखा जिसके बाद दिनांक 04/06/25 को वन विभाग का अमला सुबह सुबह पूरे विभाग के दल बल के साथ बुलडोजर लेकर बांस बाड़ी के पीछे पंहुचा, और चिन्हित लोगों के बेजा कब्ज़ा को तोडना शुरू कर दिया, बेजाकब्जा धारियों ने विरोध करने की कोशिश की पर नाकाम रहे और वन अमला अपना काम करता रहा।

बेजा कब्जा हटाने के बाद विभाग द्वारा स्थानीय लोगों को कड़ी शब्दों में हिदायत दी गई कि वन भूमि के दायरे अंदर जो भी कब्जा करेगा उन सब पर कार्यवाही की जाएगी,,।

जानकारी के अनुसार इसी क्षेत्र में जल्द ही एक बार फिर हो सकती है कार्यवाही।

Continue Reading

कोरबा

कांगे्रस का संविधान बचाओ आंदोलन : वक्ताओं ने कहा – संविधान बदलने भाजपा की साजिश कभी सफल नहीं होगी

Published

on

कोरबा। भाजपा की नफरत में डूबी बयानबाजी, भारत के सामाजिक ताने – बाने के लिए एक गंभीर खतरा है। इस नफरत का एकमात्र विकल्प हमारे सविंधान में निहित संदेश है । यह एक ऐसा विचार है, जो भारत के नागरिकों को परस्पर सम्मान, प्रेम और सबके सम्मिलित उत्थान के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता के आधार पर एकबद्ध करता है ।


उक्त कथन सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कोरबा सुभाष चौक पर आयोजित विधानसभा स्तरीय सविंधान बचाओ आंदोलन की आमसभा में अपने उद्बोधन में व्यक्त किया। सांसद महंत ने आगे कहा कि भारत में दो विचारधाराएं है, एक जो सविंधान की रक्षा करती है तथा समानता और एकता की बात करती है और दूसरी विचारधारा सविंधान खतम करने वालों की है ।


पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सविंधान की रक्षा करते रहेंगे । यह सविंधान डॉ.अंबेडकर जी, महात्मा गांधी जी और देश के हर नागरिक का सविंधान है, इसलिए हम सबको इसकी रक्षा करनी चाहिए। किसी भी हालात में हमें, हमारे सविंधान को नष्ट नहीं होने देंगे। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ.भीमराव अंबेडकर के तैल्यचित्र एवं नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजली अर्पित कर उन्हें नमन किया गया ।
जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष नत्थुलाल यादव ने कहा कि भाजपा भारत में धर्म, भाषा और जाति के नाम पर नफरत फैलाने का काम रही है । कांग्रेस इस नफरत का खिलाफत करते रहेगी ।


जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष मनोज चौहान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से भारत को एकजूट रखने की कोशिश की है। श्रीमती इंदिरा गांधी और राजीव गांधी देश को एकजूट रखने के लिए अंतिम सांस तक कार्य करते रहे और शहीद हुए।


पूर्व महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि देश की संपत्ति को केन्द्र सरकार द्वारा लगातार बेची जा रही है । रेल्वे स्टेशनों पर वेटिंग हॉल में प्रति घण्टे के दर से किराया देना पड़ रहा है ।
प्रदेश कांग्रेस सचिव विकास सिंह ने कहा कि देश और प्रदेश में जो सरकार चल रही है, वह सविंधान को तोडऩे और बदलने का असफल प्रयास कर रही है। उनका यह प्रयास कभी भी सफल नहीं होगा ।
श्याम सुंदर सोनी ने कहा कि जिस तरह से केन्द्र सरकार की भाजपा सरकार सविंधान के साथ छेड़छाड़ कर रही है, वह चिंता का विषय है। सविंधान से हम सबको अधिकार मिले हैं। केन्द्र सरकार तमाम जांच एजेंसी को अपना एजेंट बनाकर विपक्ष को परेशान करने में लगी है। यह विषय भी सविंधान के नियमों के विरूद्ध है
कार्यक्रम में दुलेश्वरी सिदार, सूरज महंत, रेखा त्रिपाठी, उपनेता प्रतिपक्ष डॉ.रामगोपाल कुर्रे, सांसद प्रतिनिधि मोहन प्रधान, सुरेश सहगल, सपना चैहान, बी एन सिंह, कुसुम द्विवेदी, प्रदीप पुरायणे, राकेश पंकज, सुभाष राठौर, संतोष राठौर, सुकसागर निर्मलकर, बसंत चंद्रा, दुष्यंत शर्मा, रमेश जायसवाल, जयप्रकाश यादव, राजेन्द्र तिवारी, बद्रीकिरण, नारायण कुर्रे, अविनाश बंजारे, मस्तुल कंवर, रवि चंदेल, अनुज जायसवाल, अर्जुन सिंह, आकाश पटेल, पालुराम साहू, अश्वनी पटेल, मनक साहू, अतुल दास, गिरधारी बरेठ, रमेश वर्मा, राजेश यादव, लक्ष्मी महंत, दीपक राठौर, शशिलता पाण्डेय, राजेन्द्र ठाकुर, रामकुमार राठौर, गणेश दास, जीवन चैहान ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने किया और अंत में पार्षद मुकेश राठौर ने आभार व्यक्त किया ।

Continue Reading

कोरबा

X-बॉयफ्रेंड बोला- तू मुझे छोड़ नहीं सकती, फिर मारा चाकू:नाबालिग लड़की बोली- उसने जेल से छूटने के बाद भी मारने की धमकी दी

Published

on

कोरबा,एजेंसी। कोरबा जिले में एक्स बॉयफ्रेंड ने अपनी एक्स गर्लफ्रेंड के सीने में चाकू मारा है। सिविल लाइन के डिंगापुर रिक्शा पारा में शनिवार (7 जून) को पीड़िता और उसकी मां पूर्व प्रेमी राहुल सारथी (19 साल) के घर उसे समझाने गए थे कि वह उनकी बेटी से दूर रहे, तभी उसने मारपीट की। इसी बीच बचाव करने आई मां को भी चोट लगी है।

मामला रामपुर थाना क्षेत्र का है। राहुल का लड़की के घर आना-जाना था। वह छोटी-छोटी बातों पर टोकता और शक के चलते मारपीट करता था। परेशान होकर रिलेशनशिप के 1 साल बाद लड़की ने उससे ब्रेकअप कर लिया। इसके बाद भी राहुल ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। पीड़िता का कहना है कि, लड़के ने जेल से छूटने के बाद भी मारने की धमकी दी है।

नाबालिग के सीने में टांके लगे है।

नाबालिग के सीने में टांके लगे है।

आरोपी राहुल सारथी ने ये फोटो अपने इंस्टाग्राम पेज पर डाली है।

आरोपी राहुल सारथी ने ये फोटो अपने इंस्टाग्राम पेज पर डाली है।

नाबालिग लड़की ने क्या कहा?

वह अक्सर घर आकर गाली-गलौच और मारपीट करता था। उसका कहना है कि तू किसी और कि नहीं हो सकती न होने दूंगा क्योंकि तेरे चक्कर में मोहल्ले और घर में बदनाम हो चुका हूं इसलिए तु मेरे को छोड़कर नहीं जा सकती।

आगे नाबालिग ने बताया कि, मेरे चेहरे पर वो पहले भी मारा है। आंख के ऊपर टांके आए थे, इस बार फिर मारा है तो सीने में टांके आए है। राहुल कुछ काम नहीं करता था। अभी भी वह धमकी दिया है कि जेल से निकल के फिर मारुंगा। वह धमकी देता था कि वह किसी और की नहीं हो सकती। राहुल के पिता स्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी करते हैं।

बता दें कि पीड़िता के शरीर पर पहले से भी कई चोटों के निशान हैं। परिजनों की शिकायत के बाद थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने जांच की बात कही है।

Continue Reading
Advertisement

Trending