छत्तीसगढ़
PM से मुलाकात, फिर राज्यपाल की जिलों में समीक्षा बैठकें:बैज बोले-राज्य में अघोषित राष्ट्रपति शासन, BJP बोली- उन्हें गवर्नर के काम की समझ नहीं
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2 months agoon
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Divya Akash
रायपुर ,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका इन दिनों प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। वे न सिर्फ स्थानीय कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकों में सरकार की योजनाओं की समीक्षा भी कर रहे हैं।
4 फरवरी को पीएम नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद लगातार वे जिलों का दौरा कर रहे हैं, यही वह पहलू है, जिसे लेकर अब सियासत हो रही है।
कांग्रेस का आरोप है कि यह सीधे तौर पर सरकार को कमजोर करने और प्रशासन को राज्यपाल के नियंत्रण में लेने की प्रक्रिया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने इसे अघोषित राष्ट्रपति शासन करार देते हुए सरकार की नाकामी बताया है, तो वहीं बीजेपी का कहना है कि बैज को राज्यपाल के कामों की समझ ही नहीं है।

राज्यपाल हर जिले में अधिकारियों की सरकारी योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक ले रहे हैं।
सीएम और मंत्री क्यों नहीं ले रहे समीक्षा बैठक – बैज
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्यपाल रमेन डेका के दौरों को लेकर कहा कि प्रदेश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि राज्यपाल खुद जिलों में जाकर प्रशासनिक बैठकों की अगुआई कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये स्पष्ट संकेत है कि छत्तीसगढ़ में सरकार नाम की कोई चीज नहीं बची है। अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं, जनता भगवान भरोसे है।
अगर जिलों में प्रशासनिक बैठकों की जरूरत है, तो मुख्यमंत्री या उनके मंत्री इसे क्यों नहीं कर रहे? राज्यपाल का ऐसा करना बताता है कि प्रदेश में अघोषित रूप से राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है।

राज्यपाल प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति की ग्राउंड लेवल पर जानकारी ले रहे हैं।

जिलों में दौरा करते हुए गांवों में आम जनता से भी मुलाकात कर रहे हैं।
मानसिक रूप से विचलित हो चुके हैं बैज – श्रीवास्तव
कांग्रेस के इन आरोपों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख होते हैं और उनके पास योजनाओं की समीक्षा करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा, राज्यपाल के दौरों को लेकर कांग्रेस जिस तरह हायतौबा मचा रही है, वह उनकी हताशा को दिखाता है।
दीपक बैज मानसिक रूप से विचलित हो चुके हैं। वे नहीं जानते कि राज्यपाल का काम क्या होता है। कांग्रेस खुद कमजोर हो चुकी है और अब अनावश्यक मुद्दे उठाकर भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही है।
अब तक इन जिलों का दौरा कर चुके हैं राज्यपाल
- गरियाबंद
- दंतेवाड़ा
- जांजगीर-चांपा
- कोरबा
- सक्ती
- खैरागढ़
- बेमेतरा
- कोरिया
- सरगुजा

4 फरवरी को राज्यपाल रमेन डेका ने पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी।
पीएम से मुलाकात के बाद बढ़ी सक्रियता
4 फरवरी को उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद वो लगातार जिला का दौरा कर वहां समीक्षा बैठकें ले रहे हैं। लाइवलीहुड कॉलेज और प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर केन्द्र और राज्य सरकार की कई योजनाओं की समीक्षा उन्होंंने की।
राज्यपाल रमेन डेका अब तक आधा दर्जन से ज्यादा जिलों का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने कई सरकारी योजनाओं की समीक्षा कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। इसके अलावा, वे अपने दौरों के दौरान वृक्षारोपण जैसी गतिविधियों में भी भाग ले रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर राज्यपाल की यह सक्रियता अचानक क्यों बढ़ गई है?
प्रदेश में यह पहली बार हो रहा है कि राज्यपाल खुद प्रशासनिक बैठकों का नेतृत्व कर रहे हैं। आमतौर पर यह काम मुख्यमंत्री और मंत्रियों का होता है, लेकिन राज्यपाल की इस बढ़ती सक्रियता को लेकर अलग-अलग अटकलें लगाई जा रही हैं।

सूरजपुर जिले में स्वसहायता समूह की महिलाओं से राज्यपाल मिले और सिलाई सेंटर का मुआयना किया।
क्या वाकई राजनीतिक संकेत बदल रहे हैं?
राज्यपाल की इन बैठकों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपने-अपने दावे कर रहे हैं, लेकिन जनता के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इससे शासन व्यवस्था में कोई बदलाव आएगा? क्या प्रशासन पर राज्यपाल की पकड़ मजबूत हो रही है, या यह केवल एक नियमित प्रक्रिया है जिसे विपक्ष बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहा है?
फिलहाल, राज्यपाल रमेन डेका के दौरों और प्रशासनिक बैठकों को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमाई हुई है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी कितनी आगे जाती है और इसके क्या परिणाम निकलते हैं।

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छत्तीसगढ़
तोमर ब्रदर्स पर शिकंजा..निगम अफसर घर पहुंचे, दस्तावेज मांगे
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2 minutes agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
जोन कमिश्नर बोले- मकान निर्माण परमिशन की जांच होगी; IT और पुलिस की भी इन्वेस्टिगेशन अलग
रायपुर,एजेंसी। रायपुर के हिस्ट्रीशीटर रोहित और वीरेंद्र तोमर पर शिकंजा और कसता जा रहा है। कुछ दिन पहले उनके घर से पुलिस ने लाखों रुपए कैश, सोने-चांदी के जेवरात और हथियार बरामद किए थे। अब रविवार को निगम अफसर भी उनके घर पहुंचे।
निगम की टीम ने तोमर ब्रदर्स के परिजनों से मकान निर्माण और टैक्स संबंधित दस्तावेजों की मांग की। इसके कुछ देर बार दस्तावेज लेकर टीम चली गई। दोनों भाई पिछले 7 दिन से फरार हैं।
जोन 8 के कमिश्नर हितेंद्र यादव ने बताया कि इन दस्तावेजों की जांच की जाएगी। उनके पास कितनी अनुमति है और मकान कितने में बना है? यानी अगर घर निर्माण में कुछ अवैध निकलता है तो घर पर भी कार्रवाई हो सकती है।
इसके अलावा आयकर विभाग की टीम अलग जांच कर रही है। वीरेंद्र और रोहित के पास कुल कितनी संपत्ति है? दोनों भाई कितनी संपत्तियों का टैक्स दे रहे हैं? कितनी प्रॉपर्टी बेनामी है? इन सभी सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं।

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के घर निगम की टीम जांच कर रही है।

हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के घर में जांच के दौरान कैश-हथियार बरामद किए गए थे।
कर्जदारों को डराने के लिए इस्तेमाल करते थे आवाजी कारतूस
सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के परिजनों से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है। पुलिस ने आरोपियों के घर से सामान जब्त करने के दौरान अवैध हथियार और आवाजी कारतूस जब्त किए थे।
जांच अधिकारियों को आशंका है, कि आवाजी कारतूस का इस्तेमाल हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधु कर्जदारों को डराने के लिए इस्तेमाल करते थे।

पुलिस की गिरफ्त में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित का भतीजा दिव्यांश तोमर।
भतीजा दिव्यांश बोला- सब चाचा को पता
हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के घर से पुलिस ने 37 लाख से ज्यादा नकद, 734 ग्राम सोने के जेवरात, 125 ग्राम चांदी, 4 गाड़ियां, आई-पेड, लैपटॉप, चेक एटीएम कार्ड, डी.व्ही.आर., ई-स्टाम्प जब्त किया था।
इसके अलावा पैसों के लेन-देन के हिसाब का रजिस्टर, जमीनों के दस्तावेज, नोट गिनने का मशीन, 5 तलवार, 1 रिवाल्वर, 1 पिस्टल, जिंदा राउंड और आवाजी कारतूस भी बरामद किए गए थे।
पुलिस ने सामान जब्त करने के साथ ही वीरेंद्र और रोहित के भतीजे दिव्यांश प्रताप तोमर को भी रिमांड में लिया था। दिव्यांश से 2 दिन दस्तावेज दिखाकर पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन उसने सब चाचा को पता है बोलकर जानकारी नहीं दी।
मददगारों की जानकारी जुटा रही पुलिस
शहर में अंडा ठेला लगाने वाला इतना बड़ा सूदखोर कैसे बना? इसका पता लगाने के लिए पुलिस उसके मददगार की कुंडली निकालेगी। कुंडली निकालने की शुरुआत जेल से होगी। वीरेंद्र तोमर 2006 में कारोबारी पर चाकू से हमला किया था। 2013 में हत्या का केस दर्ज हुआ था।
इस दौरान जेल गया था और पहले से जेल में बंद दूसरे राज्यों के कुछ अपराधियों से मेल मुलाकात बढ़ी। जेल से छूटने के बाद वीरेंद्र ने ब्याज में पैसे देने का काम शुरू किया था। इसके बाद उसके खिलाफ कई और मुकदमे दर्ज हुए।
जेल के अंदर और जेल के बाहर वीरेंद्र और रोहित की मदद करने वालों की जानकारी पुलिस जुटा रही है। मददगारों के अलावा वीरेंद्र और रोहित के खास गुर्गे, जिनके पास उनकी संपत्ति हो सकती है, उनका पता भी जांच एजेंसी लगा रही है।

पुलिस ने आरोपी तोमर बंधुओं के घर से ये जब्त किया। (लाल घेरे में ओरिजिनल कारतूस के साथ हरी डिब्बी लगा आवाजी कारतूस)
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई देखकर पीड़ित पहुंच रहे थाना
हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित के कई शिकार हैं। आरोपियों और उनके गुर्गों का खौफ पीड़ितों को इस कदर था, कि उनके शहर में रहते हुए शिकायत देने नहीं पहुंच रहे थे। पुलिस ने वीरेंद्र और रोहित पर जबसे कार्रवाई शुरू की है, तब से पीड़ितों के मन में डर खत्म हो गया है।
दो दिन पहले पुरानी बस्ती थाना में नारायणपुर जिले के पीड़ित ने आरोपी रोहित तोमर के खिलाफ एक पीड़ित ने शिकायत की है। पीड़ित ने पुलिस को बताया, कि उसने 10 लाख रुपए कर्ज लिया था और ब्याज सहित 1 करोड़ 10 लाख रुपए दिए।
इसके बाद भी रोहित उसको परेशान करता था। पुलिस ने इस केस को भी दर्ज कर लिया है। नारायणपुर के पीड़ित के अलावा कई और व्यक्ति आरोपी तोमर बंधुओं के खिलाफ शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।
अब तक 3 FIR दर्ज- टीआई कश्यप
हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के खिलाफ जांच कर रहे पुरानी बस्ती टीआई योगेश कुमार कश्यप ने बताया, कि आरोपियों के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद अब तक 3 केस दर्ज किया गया है। आरोपी वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर फरार है, उनकी तलाश की जा रही है।
छत्तीसगढ़
रायपुर : कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने वैज्ञानिक एवं उन्नत तकनीकों को अपनाने किया प्रेरित
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18 minutes agoon
June 8, 2025By
Divya Akash

जिले के किसानों को कृषि सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के साथ आधुनिक कृषि तकनीकों की मिल रही है जानकारी
रायपुर।

कृषि मंत्री रामविचार नेताम शनिवार को सरगुज़ा जिला प्रवास के दौरान विकासखण्ड उदयपुर के ग्राम उदयपुर में आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने उपस्थित कृषकों को बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक खेती, सरकार की प्रमुख योजनाएं, उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग, प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कृषकों को रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान के बारे में बताया एवं खेती में जल का उचित उपयोग करने हेतु सुझाव दिए। किसानों से खरीफ 2025 की तैयारी के संबंध चर्चा करते हुए कहा कि कृषि में वैज्ञानिक तरीकों और उन्नत तकनीकों को अपनाएं। किसी भी प्रकार की समस्या के सम्बन्ध में उपस्थित अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों से सलाह लें। कार्यक्रम में उपस्थित अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल ने भी विकसित कृषि संकल्प अभियान के फायदे बताते हुए किसानों से अधिक से अधिक संख्या में कार्यक्रम में शामिल होने अपील की। इस दौरान कृषि मंत्री नेताम ने किसानों को बीज वितरित किया।
इस दौरान किसानों को वैज्ञानिकों के द्वारा कृषकों के खरीफ संबधी समस्याओं का समाधान के साथ ही कृषि की आधुनिक तकनीक जैसे ड्रोन से यूरिया एवं कीटनाशक का छिड़काव, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभ, उन्नत किस्मों से अधिक उत्पादन, समन्वित कृषि कार्यक्रम, उर्वरकों का समुचित मात्रा में उपयोग की जानकारी दी गई। खरीफ सीजन की विशेष तैयारी और फसल विविधीकरण के तरीके किसानों को सिखाए गए तथा उत्पादकता बढ़ाने के उपायों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया गया। वहीं उन्नत नस्ल के पशुपालन एवं मत्स्य पर भी प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में कृषि विभाग के उपसंचालक पी.एस. दीवान, कृषि वैज्ञानिक सूर्य प्रकाश गुप्ता सहित विभागीय अधिकारी एवं कृषक उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़
22 घंटे बाद मिला एनीकेट में डूबे युवक का शव
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28 minutes agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
बेटी और भतीजे को डूबने से बचाया; लेकिन खुद डूब गया
जांजगीर-चांपा,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में एक पिता ने अपनी बेटी और भतीजे की जान बचाने के लिए अपनी जान दे दी। हथनेवरा एनिकट के पास हसदेव नदी में डूबे लक्ष्मी प्रसाद साहू (32 साल) का शव 22 घंटे बाद मिला है।
घटना 7 जून की सुबह 7:15 बजे की है। प्रकाश इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत लक्ष्मी प्रसाद अपनी बेटी श्वेता और भतीजा मनीष के साथ नहाने गए थे। दोनों बच्चे नदी में नहा रहे थे। अचानक वे गहरे पानी में चले गए। यह देखकर लक्ष्मी प्रसाद उन्हें बचाने कूद पड़े।

22 घंटे के रेस्क्यू के बाद SDRF ने खोज निकाला।
ऑक्सीजन के साथ एनीकेट में उतरी SDRF
लक्ष्मी प्रसाद ने दोनों बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल दिया। लेकिन वे खुद गहरे पानी में डूब गए। सूचना मिलते ही चांपा पुलिस मौके पर पहुंची। खोजबीन के बाद बिलासपुर से SDRF की टीम को बुलाया गया। टीम दोपहर 3 बजे पहुंची और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ तलाश शुरू की।

लक्ष्मी प्रसाद साहू का शव एनीकेट में तैरता मिला।
22 घंटे बाद तैरता मिला शव
रात होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा। रविवार 8 जून की सुबह 5:30 बजे लक्ष्मी प्रसाद का शव घटना स्थल से 400 मीटर दूर नदी किनारे तैरता मिला। SDRF की टीम ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


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