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ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर के शिवलिंग को लेकर छिड़ा नया विवाद:श्री श्री रविशंकर बोले- मेरे पास हैं शिवलिंग के अंश, शंकराचार्यों, संतों, महंतों ने किया विरोध
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1 week agoon
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Divya Akash
सोमनाथ ,एजेंसी। प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर के शिवलिंग को लेकर नया विवाद छिड़ गया है। शंकराचार्यों, संतों, महंतों और शिव उपासकों ने श्री श्री रविशंकर की सोमनाथ मंदिर में शिवलिंग को दोबारा स्थापित करने की घोषणा का विरोध शुरू कर दिया है।
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि श्री श्री रविशंकर ने अब तक इस बारे में बात क्यों नहीं की? द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा- ज्योतिर्लिंग स्वयंभू है और इसे दोबारा प्रतिष्ठित करने की आवश्यकता नहीं है। वहीं, हरिगिरि महाराज ने कहा- ज्वाला को कभी खंडित नहीं किया जा सकता, इसलिए इसे दोबारा स्थापित करने का सवाल ही नहीं उठता।
शिव उपासक निजानंद स्वामी ने कहा कि 1000 साल पुराने सोमनाथ शिवलिंग के टुकड़े किसी के पास होना संभव नहीं है। सोमनाथ ट्रस्ट के ट्रस्टी पीके लाहिड़ी ने कहा कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि ये टुकड़े मूल शिवलिंग के हैं या नहीं।
अब जानिए इस विवाद की पूरी वजह
हाल ही में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने यह दावा कर सबका ध्यान खींचा था कि उनके पास सोमनाथ शिवलिंग के 4 हिस्से हैं। इस शिवलिंग को 1,000 साल पहले महमूद गजनवी ने तोड़ दिया था। उन्होंने बताया कि शिवलिंग के ये टुकड़े उन्हें हाल ही में संपन्न हुए महाकुंभ के दौरान मिले। उन्होंने यह भी घोषणा की है कि 4 में से दो हिस्सों को सोमनाथ मंदिर में दोबारा स्थापित किया जाएगा।
श्री श्री रविशंकर कई मीडिया संस्थानों को दिए इंटरव्यू में शिवलिंग के इन हिस्सों को सोमनाथ में दोबारा स्थापित करने की बात कह चुके हैं। श्री श्री रविशंकर की इसी घोषणा पर उनकी राय जानने के लिए दिव्य भास्कर ने शंकराचार्यों और संतों-महंतों से बातचीत की, जिसमें उन्होंने श्री श्री रविशंकर के दावे का कड़ा विरोध किया है।
श्री श्री रविशंकर ने अब तक इस बारे में बात क्यों नहीं की? ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दिव्य भास्कर से कहा- नरेंद्र मोदी सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। अमित शाह और लालकृष्ण आडवाणी भी ट्रस्ट से जुड़े हैं। रविशंकर उन सभी से मिलते रहते हैं। तो फिर रविशंकर ने अब तक उनसे इस बारे में बात क्यों नहीं की? करोड़ों सनातन भक्त सोमनाथ के दर्शन के लिए आते हैं और यह उनकी आस्था का विषय है।
उन्होंने आगे कहा- यदि आपके पास शिवलिंग के टुकड़े हैं, तो सोमनाथ मंदिर में जो अभी स्थापित है, उसे पूर्ण शिवलिंग नहीं कहा जा सकता। वहां हर दिन पूजा होती है। तो आपका मतलब यह है कि अधूरे शिवलिंग की पूजा की जाती है। यह कैसे हो सकता है? अगर आप कहते हैं कि यह पहले वाले शिवलिंग का ही एक हिस्सा है। अब जबकि नया शिवलिंग स्थापित हो गया है, तो पहले वाले शिवलिंग के हिस्से का कोई मतलब नहीं है।
इससे आस्था में विभाजन पैदा होगा
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आगे कहा- अब जो शिवलिंग वहां ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित है, वही ज्योतिर्लिंग है। केवल उसी की पूजा की जाएगी। किसी दूसरे की पूजा करना आस्था को नुकसान पहुंचाने वाला कार्य है। यह आस्था का विभाजन है। यदि नया मंदिर किसी अन्य स्थान पर स्थापित किया जाता है, तो कुछ लोग इसे सोमनाथ मानकर वहां भी पूजा करने लगेंगे। तो आप (श्री श्री रविशंकर) हमारी केंद्रीय आस्था को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए इसका कोई मतलब नहीं है। शास्त्रों में इसका कोई उल्लेख नहीं है। ज्योतिर्लिंग स्वयं प्रकट होता है। लेकिन हमें दिखाई नहीं देता, इसलिए अपनी सुविधा के लिए हम प्रतीक के रूप में शिवलिंग स्थापित कर उसकी पूजा करते हैं। सोमनाथ में एक शिवलिंग स्थापित है। इसकी पूजा हो रही है। इसलिए सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा स्पष्ट है। अब इसमें कुछ नया जोड़ने की कोई जरूरत नहीं।
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बेंगलुरु भगदड़- DCP ने पहले ही चेतावनी दी थी : दावा- सरकार को बताया था RCB के लाखों फैंस आ सकते हैं, संभालना मुश्किल होगा
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1 minute agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
बेंगलुरु,एजेंसी। बेंगलुरु भगदड़ केस में रविवार को नया खुलासा हुआ है। DCP एमएन करिबासवना गौड़ा ने 4 जून को विक्ट्री परेड से पहले राज्य सरकार को लेटर लिखकर चेतावनी दी थी।
इसमें उन्होंने कहा था कि RCB की फैन फॉलोइंग पूरे देश में है। अगर चिन्नास्वामी स्टेडियम में प्रोग्राम होता है तो लाखों लोग वहां पहुंच सकते हैं। हमारे पास पर्याप्त पुलिस बल नहीं है, जिससे सुरक्षा इंतजाम करना मुश्किल होगा।
इस लेटर के सामने आने के बाद सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि जब पहले से ही खतरे की जानकारी थी, तो इतने बड़े आयोजन की इजाजत क्यों दी गई।
दरअसल, 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 75 लोग घायल हो गए।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 9 सवाल पूछे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को जीत का जश्न मनाने के लिए परमिशन किसने दी? यह फैसला कब और कैसे लिया गया? क्या आयोजकों ने जरूरी परमिशन ली थी? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब कर्नाटक सरकार को 10 जून तक हाईकोर्ट में दाखिल करने होंगे।
कर्नाटक हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस सीएम जोशी की बेंच ने गुरुवार को सुओमोटो (स्व प्रेरणा से) रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये सवाल उठाए थे।
इससे पहले शुक्रवार को RCB और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।

बेंगलुरु में भगदड़ में 11 मौतों को लेकर विपक्ष के नेता आर. अशोक और बीजेपी विधायकों ने रविवार को सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम के खिलाफ प्रदर्शन किया।
कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारियों का इस्तीफा कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ई एस जयराम ने इस्तीफा दे दिया है। दोनों ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के विक्ट्री सेलिब्रेशन के दौरान मची भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी ली है।
शंकर और जयराम ने संयुक्त बयान में कहा;-
पिछले दो दिनों में हुई अप्रत्याशित और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की वजह से हम यह बताना चाहते हैं कि हमने KSCA के सचिव और कोषाध्यक्ष के रूप में अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, हमारी भूमिका बहुत सीमित थी।
बेटे की कब्र से लिपट गया पिता, बोला- मुझे यहीं रहना है

भगदड़ में बीटी लक्ष्मण के 21 साल के बेटे भौमिक सहित 11 लोगों की मौत हुई थी।
कर्नाटक भाजपा ने शनिवार को X पर एक ऐसा ही वीडियो शेयर किया। इसमें एक व्यक्ति अपने बेटे की कब्र से लिपटकर रोता दिख रहा है।
व्यक्ति का नाम बीटी लक्ष्मण है। भगदड़ में उसके 21 साल के बेटे भौमिक लक्ष्मण की मौत हो गई थी। वीडियो में बीटी लक्ष्मण अपने बेटे के शव के पास जोर-जोर से रोते हुए कह रहे हैं, ‘मैंने उसके लिए जो जमीन खरीदी, वहीं पर उसे दफना दिया। मुझे अब कहीं नहीं जाना। मैं भी यहीं रहना चाहता हूं।’
कर्नाटक के हसन जिले का रहने वाला भौमिक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा और इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर का स्टूडेंट था। वह उन 11 लोगों में शामिल था, जिनकी बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर RCB के विक्ट्री परेड के दौरान भगदड़ मचने से मौत हो गई थी।
बेंगलुरु हादसे की फोटो देखिए…

RCB के सेलिब्रेशन में 3 लाख से ज्यादा फैंस एकत्रित हो गए थे। (फोटो- विधानसभा के बाहर की है।)

एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में घुसने के लिए फैंस दीवार से चढ़ने लगे। जिसके बाद भगदड़ मची।

भगदड़ के बाद घायलों को अस्पताल ले जाते लोग।
KSCA बोला- भीड़ संभालने की जिम्मेदारी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की थी कर्नाटक सरकार ने KSCA, RCB और DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क के खिलाफ FIR दर्ज करने के बाद गुरुवार को अधिकारियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रघुराम भट, सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ई एस जयराम ने भगदड़ मामले में अपने खिलाफ FIR रद्द करने की मांग की थी।
इस पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने KSCA के अफसरों को 16 जून को अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी से राहत दे दी थी। KSCA ने इससे पहले हाईकोर्ट में अपनी याचिका में कहा था कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर गेट पर भीड़ को मैनेज करने की जिम्मेदारी RCB और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की थी।
RCB के मार्केटिंग हेड को 14 दिन की न्यायिक हिरासत एक दिन पहले शुक्रवार को RCB और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के चार अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया गया। कोर्ट ने सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।

बेंगलुरु पुलिस ने RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले को शुक्रवार को गिरफ्तार किया। उन पर विक्ट्री परेड और सेरेमनी के फ्री पास देने से जुड़ा पोस्ट करने का आरोप है।
बेंगलुरु भगदड़ मामले के अब तक के अपडेट्स-
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने पॉलिटिकल सेक्रेटरी के. गोविंदराज को बर्खास्त कर दिया।
- बेंगलुरु के ADGP इंटेलिजेंस हेमंत एम निंबालकर का ट्रांसफर किया गया। IPS रवि एस. उनकी जगह लेंगे।
- भगदड़ में घायल 25 साल के रोलन गोम्स ने कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन मे RCB, KSCA और DNA एजेंसी के खिलाफ FIR दर्ज कराई।
- सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
- बेंगलुरु पुलिस ने RCB के सीनियर मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के 3 अधिकारियों- किरण, सुमंथ और सुनील मैथ्यू को गिरफ्तार किया।
- RCB के मार्केटिंग हेड निखिल को दुबई जाते वक्त बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। उसने हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। सोमवार को उसकी याचिका पर सुनवाई होगी।
- IPS अधिकारी सीमंत कुमार ने बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर का पदभार संभाला।
- बेंगलुरु पुलिस ने RCB और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया। सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
- कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ई एस जयराम पद से इस्तीफा दिया।
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“मुझे शक है…”पहली बार राज ठाकरे के साथ अपने रिश्ते पर बोलीं सोनाली बेंद्रे
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21 hours agoon
June 7, 2025By
Divya Akash
मुंबई, एजेंसी। बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे को भला कौन नहीं जानता। उनकी अलौकिक सुंदरता और अभिनय प्रतिभा ने उन्हें 90 के दशक की कई फिल्मों के लिए लोकप्रिय पसंद बनाया और उन्हें एक वफादार प्रशंसक आधार दिलाया। हाल ही में सोनाली ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और उनके रिश्ते को लेकर पहली बार बात की। कुछ दिनों पहले दोनों का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ था।
कुछ दिनों पहले सोनाली बेंद्रे और राज ठाकरे सालों बाद एक साथ नजर आए थे। इस दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें सोनाली आंखों से राज ठाकरे को बुलाती नजर आई, जिसके बाद कई तरह की बातें चलने लगी। एएनआई से बातचीत में बेंद्रे ने सभी दावों को खारिज कते हुए कहा- ” “क्या उन्होंने… मुझे संदेह है, मैं उस समय अपनी बहन से बात कर रही थी जो वहीं थी।” गपशप की आलोचना करते हुए, बेंद्रे ने कहा- ” मुझे लगता है कि जब लोग इस तरह से बात करते हैं तो यह बहुत अच्छा नहीं लगता। उन्होंने बताया कि दोनों परिवारों के बीच संबंध दशकों पुराने हैं।

बेंद्रे ने कहा- “इस तथ्य के अलावा कि मेरे जीजा और मेरी बहन… मेरे जीजा जो एक क्रिकेटर हैं और इसलिए राज के चचेरे भाई के साथ क्रिकेट खेलते थे… बहन के पति और वे हमेशा साथ खेलते थे। दूसरी बात, मेरी बहन की सास विभाग की प्रमुख थीं जिन्होंने हमें (रामनारायण) रुइया कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया, जहां से मैं हूँं,”। अभिनेत्री ने आगे एक निजी पारिवारिक संबंध का खुलासा करते हुए कहा, “…तो वे सभी एक-दूसरे को जानते थे। मेरे लिए, संबंध यह था कि शर्मिला, राज की पत्नी, उनकी मां और मेरी मासी सबसे अच्छी दोस्त थीं। उनकी मां ने मुझे 10 दिनों तक अपने पास रखा। इसके अलावा, ‘सरफरोश’ अभिनेत्री ने कहा- “मैंने हमेशा यात्रा की है… ऐसा कुछ नहीं है कि मैं उन्हें एक सीमा से ज़्यादा जानती हूं क्योंकि मैं दो साल में केवल एक बार गर्मियों की छुट्टियों या ऐसे ही कुछ समय के लिए महाराष्ट्र आई हूं,”।
राजनीति में उनकी रुचि के बारे में पूछे जाने पर, ‘दिलजले’ अभिनेत्री ने किसी भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से दृढ़ता से इनकार किया। उन्होंने कहा- “नहीं, वास्तव में नहीं। मुझे लगता है कि इसके लिए आपको बहुत मोटी चमड़ी की ज़रूरत होती है, जो मेरे पास नहीं है… और मैं राजनीतिक रूप से सही नहीं हूं… दुर्भाग्य से”। ऐसी खबरें थी कि सालों पहले सोनाली और राज ठाकरे रिश्ते में थे, हालांकि शादीशुदा होने के वलते राज ठाकरे अपने रिश्ते को आगे नहीं बढ़ा पाए।
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राजस्थान में सियासी सरगर्मियां तेज, अशोक गहलोत के घर पहुंचे सचिन पायलट; 2 घंटे की मुलाकात ने बढ़ाई हलचल
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22 hours agoon
June 7, 2025By
Divya Akash
जयपुर,एजेंसी। राजस्थान की राजनीति में एक नया और दिलचस्प मोड़ तब आया जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं AICC महासचिव सचिन पायलट ने पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरकारी आवास का रुख किया। यह मुलाकात जयपुर स्थित सिविल लाइंस के उस सरकारी आवास पर हुई जहां अशोक गहलोत वर्षों से रहते हैं। यह सामान्य राजनीतिक शिष्टाचार से कहीं ज्यादा बड़ी मुलाकात मानी जा रही है क्योंकि दोनों नेताओं के बीच पिछले कुछ वर्षों से तनातनी बनी रही है। ऐसे में यह भेंट राजस्थान कांग्रेस में संभावित एकता और सुलह की तरफ इशारा करती है।
क्यों पहुंचे पायलट गहलोत के घर?
इस मुलाकात का औपचारिक कारण स्वर्गीय राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा का निमंत्रण देना था। राजेश पायलट की पुण्यतिथि हर वर्ष 11 जून को दौसा जिले के भंडाना-जीरोता गांव स्थित स्मारक स्थल पर आयोजित की जाती है। इस बार कार्यक्रम इसलिए भी खास है क्योंकि यह उनकी 25वीं पुण्यतिथि है। सचिन पायलट खुद इस आयोजन के प्रमुख आयोजक हैं और चाहते हैं कि इसमें कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हों। सचिन पायलट और अशोक गहलोत की यह मुलाकात केवल चाय-पानी की नहीं थी। दोनों नेता लगभग दो घंटे तक बंद कमरे में चर्चा करते रहे। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में कयास लगना शुरू हो गया है कि क्या कांग्रेस आलाकमान अब राजस्थान में दोनों गुटों को फिर से एक करने की कोशिश कर रहा है?
गहलोत ने दी प्रतिक्रिया, पुरानी यादें की साझा
मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा “AICC महासचिव सचिन पायलट आज मेरे निवास पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. राजेश पायलट की पुण्यतिथि कार्यक्रम का निमंत्रण देने आए। हम दोनों 1980 में साथ लोकसभा पहुंचे थे और लगभग 18 वर्षों तक संसद में साथ काम किया। उनके असमय निधन से पार्टी और मुझे व्यक्तिगत रूप से बड़ी क्षति हुई।” गहलोत के इस बयान को एक भावनात्मक और राजनीतिक रूप से संतुलित संदेश माना जा रहा है, जो पार्टी के भीतर एकजुटता का संकेत भी देता है।



बेंगलुरु भगदड़- DCP ने पहले ही चेतावनी दी थी : दावा- सरकार को बताया था RCB के लाखों फैंस आ सकते हैं, संभालना मुश्किल होगा

वनविभाग आई एक्शन मोड में, बांकीमोंगरा क्षेत्र मे विभाग ने चलाया बुलडोजर, देखते रहे बेजाकब्जा धारी,,,।

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