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सरकार से हटते ही मस्क बोले-ट्रम्प को पद से हटाएं:अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- इलॉन पागल हुए, उनके सरकारी ठेके और सब्सिडी खत्म कर देंगे

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वॉशिंगटन,एजेंसी। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार से हटते ही इलॉन मस्क खुलकर उनका विरोध कर रहे हैं। गुरुवार रात को मस्क और ट्रम्प के बीच तीखी बहस हुई। बहस इतनी बढ़ी कि मस्क ने ट्रम्प को पद से हटाने की बात कह दी।

मस्क ने कहा उनकी मदद के बिना ट्रम्प चुनाव नहीं जीत पाते। ट्रम्प के ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ को फिजूलखर्ची बताते हुए उन्होंने कहा उन्हें पद से हटा देना चाहिए। उनकी जगह उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए।

इलॉन मस्क के हमलों से नाराज ट्रम्प ने कहा कि मस्क पहले इस बिल पर खामोश रहे और सरकार से हटते ही पलट गए। वे पागल हो चुके हैं। उन्होंने मस्क की कंपनियों के सरकारी ठेके और सब्सिडी खत्म करने की धमकी भी दी।

सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए, बहस कैसे शुरू हुई और किसने क्या कहा…

ट्रम्प के बिग ब्यूटीफुल बिल से शुरू हुई बहस

ट्रम्प ने गुरुवार रात करीब 9:35 बजे मीडिया से बात की। पत्रकारों ने पूछा कि मस्क ने आपके बिग ब्यूटीफुल बिल (टैक्स और खर्च बिल) की आलोचना की है। इसके बारे में आप क्या कहेंगे?

इसके जवाब में ट्रम्प ने कहा- मुझे हमेशा से इलॉन पसंद रहे हैं। आपने देखा होगा कि उन्होंने मेरे लिए क्या कहा, उन्होंने मेरे बारे में कुछ भी बुरा नहीं कहा है। मैं चाहूंगा कि वे बिल की बजाय मेरी आलोचना करें, क्योंकि बिल शानदार है। यह हमारे देश के इतिहास में सबसे बड़ी कटौती है।

ट्रम्प ने आगे कहा- इलॉन को इस बिल की पूरी जानकारी थी, शायद यहां बैठे किसी भी इंसान से ज्यादा। उन्हें इससे कोई समस्या नहीं थी। उन्हें अचानक दिक्कत तब हुई, जब पता चला कि हमें इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मैंडेट में कटौती करनी होगी, क्योंकि इसमें अरबों डॉलर का खर्च है।

मैं उनकी बात समझ सकता हूं, लेकिन उन्हें बिल की हर बात पता थी। उन्होंने कभी कोई शिकायत नहीं की, लेकिन वे जैसे ही हमारी सरकार से अलग हुए, उनकी राय बदल गई। मैं इलॉन से बहुत निराश हूं। मैंने उनकी बहुत मदद की है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और जर्मन राष्ट्रपति फ्रेडरिक मर्त्ज के बीच गुरुवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई। इस दौरान पत्रकार के पूछे गए एक सवाल पर ट्रम्प ने मस्क पर नाराजगी जताई।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और जर्मन राष्ट्रपति फ्रेडरिक मर्त्ज के बीच गुरुवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई। इस दौरान पत्रकार के पूछे गए एक सवाल पर ट्रम्प ने मस्क पर नाराजगी जताई।

मस्क ने कहा- ट्रम्प का दावा झूठा

मस्क ने ट्रम्प के दावे को झूठा बताते हुए कहा, ‘मुझे टैक्स और खर्च बिल बिल के बारे में कुछ नहीं पता था। ट्रम्प का दावा झूठा है।’

मस्क ने X पर लिखा- यह झूठ है। मुझे यह बिल कभी नहीं दिखाया गया और इसे आधी रात को इतनी जल्दी पास किया गया कि कांग्रेस (संसद) के किसी भी सांसद को इसे पढ़ने का मौका तक नहीं मिला।

दरअसल, बाइडेन सरकार ने एक नीति बना रखी थी जिसमें कार कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने को कहा गया था। इसका मकसद पेट्रोल-डीजल पर चलने वाली गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करना था।

ट्रम्प और उनके समर्थक इसके खिलाफ हैं। उनका मानना है कि लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। इलेक्ट्रिक गाड़ियां महंगी हैं।

ट्रम्प ने हाल ही में दावा किया था कि उन्होंने ‘इलेक्ट्रिक वाहन मैंडेट’ को खत्म कर दिया है, जिससे लोगों को फिर से अपनी पसंद की गाड़ी खरीदने की आजादी मिली है।

ट्रम्प के इस फैसले का मस्क और उनकी कंपनी टेस्ला पर सीधा असर पड़ेगा क्योंकि मस्क का बिजनेस मॉडल इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर ही टिका हुआ है।

मस्क बोले- मेरे बिना चुनाव हार जाते ट्रम्प

इसके बाद मस्क ने ट्रम्प के विरोध में लगातार कई पोस्ट किए। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा लिखा- मेरे बिना ट्रम्प चुनाव हार जाते। डेमोक्रेट्स हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स पर कब्जा कर लेते और सीनेट में रिपब्लिकन 51-49 के अंतर से जीतते।

इस पर ट्रम्प ने जवाब में कहा कि वे मस्क के बिना भी चुनाव जीत जाते।

ट्रम्प के इस जवाब पर मस्क ने कहा- ‘ऐसी एहसान फरामोशी’

ट्रम्प ने 11 मार्च को टेस्ला कार खरीदी थी। तब उन्होंने इसे शानदार कार बताया था।

ट्रम्प ने 11 मार्च को टेस्ला कार खरीदी थी। तब उन्होंने इसे शानदार कार बताया था।

ट्रम्प ने सब्सिडी खत्म करने की धमकी की

मस्क के बाद ट्रम्प ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल से मस्क को निशाने पर लिया और सब्सिडी खत्म करने की धमकी दी…

ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर लिखा- इलॉन मेरे लिए परेशानी बन रहे थे। मैंने उन्हें जाने के लिए कहा। मैंने उनका इलेक्ट्रिक वाहन (EV) मैंडेट खत्म कर दिया, जो लोगों को ऐसी इलेक्ट्रिक कारें खरीदने के लिए मजबूर करता था, जिन्हें कोई नहीं चाहता था। उन्हें महीनों से पता था कि मैं ऐसा करूंगा, फिर भी वह पागल हो गए!

एक अन्य पोस्ट में ट्रम्प ने कहा- हमारे बजट में अरबों डॉलर बचाने का सबसे आसान तरीका है कि इलॉन की सरकारी सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट्स खत्म कर दिया जाए। मुझे हमेशा हैरानी होती थी कि बाइडेन ने ऐसा क्यों नहीं किया। ट्रम्प ने कहा कि वे मस्क की कंपनियों के साथ अमेरिकी सरकार के सारे एग्रीमेंट खत्म करने पर विचार कर रहे हैं।

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देश

अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर सबसे बड़ी कार्रवाई ! छापेमारी में 44 गिरफ्तार, विरोध कर लोगों पर दागे आंसू गैस गोले

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वाशिंगठन,एजेंसी। अमेरिका के लॉस एंजिलिस में संघीय आव्रजन अधिकारियों ने आव्रजन नियम के उल्लंघन को लेकर शुक्रवार को 44 लोगों को गिरफ्तार किया। एक संघीय हिरासत केंद्र के बाहर उस समय झड़प देखी गई जब इस कार्रवाई का विरोध करने जुटे लोगों को तितर-बितर करने के लिए अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागे। गृह मंत्रालय की प्रवक्ता यास्मीन पिट्स ओ’कीफ ने बताया कि आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन अधिकारियों और एजेंटों ने तीन स्थानों पर तलाश अभियान चलाया। ‘कोअलिशन ऑफ ह्यूमेन इमिग्रेंट राइट्स’ की कार्यकारी निदेशक एंजेलिका सालास ने कहा कि आव्रजन अधिकारियों ने बताया कि उन्हें दो किराना स्टोर, ‘फैशन डिस्ट्रिक’ में एक गोदाम और एक डोनट की दुकान समेत सात स्थानों से लोगों को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी मिली है।

अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के प्रवक्ता सियारन मैकएवॉय ने पुष्टि की कि एजेंटों और एक न्यायाधीश ने पाया कि ‘फैशन डिस्ट्रिक्ट’ में नियोक्ता अपने कुछ कर्मचारियों के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर रहे थे जिसके बाद कारोबारी के यहां तलाश अभियान चलाया गया। शुक्रवार शाम को लॉस एंजिलिस में एक संघीय हिरासत केंद्र के बाहर काफी संख्या में लोग इस कार्रवाई के विरोध में इकट्ठा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तार किए गए लोगों के समर्थन में ‘उन्हें आजाद करो’, ‘उन्हें देश में रहने दो’ के नारे लगाए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। हेलमेट पहने और डंडे लिए अधिकारियों ने धीरे-धीरे प्रदर्शनकारियों को इमारत से दूर कर दिया। 

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विदेश

मस्क ने ट्रम्प के खिलाफ यौन-शोषण वाली पोस्ट डिलीट की:पहले एप्स्टीन केस का जिक्र किया था, कहा था- बड़े खुलासे का टाइम आ गया

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वॉशिंगटन,एजेंसी। टेस्ला के CEO इलॉन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण में शामिल होने वाली पोस्ट सोशल मीडिया से हटा दी है।

इससे पहले मस्क ने गुरुवार को सनसनीखेज दावा करते हुए कहा था कि इस मामले में बड़ा खुलासा करेंगे। उन्होंने दावा किया था कि ट्रम्प का नाम एप्स्टीन फाइलों में है।

एप्स्टीन केस एक हाई-प्रोफाइल क्रिमिनल मामला है, जिसमें अमेरिकी अरबपति जेफरी एप्स्टीन पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और तस्करी के आरोप लगे थे। इस केस में दुनियाभर के कई हाईप्रोफाइल लोगों के नाम सामने आए थे।

एप्स्टीन के साथ ट्रम्प की 1992 की तस्वीर

डोनाल्ड ट्रम्प के साथ यौन शोषण का आरोपी जेफ्री एप्स्टीन। (फाइल फोटो)

डोनाल्ड ट्रम्प के साथ यौन शोषण का आरोपी जेफ्री एप्स्टीन। (फाइल फोटो)

मस्क ने वीडियो भी शेयर किया था, ट्रम्प पार्टी में एप्स्टीन के साथ दिखे

मस्क ने लिखा था- एप्स्टीन फाइल्स में ट्रम्प का नाम

मस्क ने X पर लिखा था- अब बड़ा खुलासा करने का टाइम है। डोनाल्ड ट्रम्प का नाम एप्स्टीन फाइलों में हैं। यही वजह है कि इन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया। डोनाल्ड ट्रम्प, आपका दिन शुभ हो।

एक अन्य पोस्ट में कहा था- इस पोस्ट को भविष्य के लिए मार्क कर लें। सच्चाई सामने आएगी।

एप्स्टीन केस- नाबालिग लड़कियों के शोषण का आरोप

  • जेफ्री एप्स्टीन को पहली बार 2006 में फ्लोरिडा के पाम बीच से गिरफ्तार किया गया। एप्स्टीन को वेश्यावृत्ति और नाबालिग को लालच देने के लिए दोषी ठहराया गया।
  • हालांकि कुछ सौदेबाजी के बाद उसे सिर्फ 13 महीने की हिरासत मिली, जिसमें वर्क रिलीज की इजाजत थी।
  • वर्जीनिया गिफ्रे नाम की महिला ने 2009 में आरोप लगाया कि एप्स्टीन ने उन्हें नाबालिग रहते यौन तस्करी के लिए मजबूर किया। 2011 में गिफ्रे ने इस मामले में ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू का भी नाम लिया
  • 2015 में ग्रिफ्रे ने एप्स्टीन के खिलाफ मुकदमा दायर किया। इसमें एप्स्टीन के प्रिंस एंड्रयू और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ रिश्तों का जिक्र था।
  • एप्स्टीन को 2019 में फिर से नाबालिगों की यौन तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया। गिफ्रे ने ही एप्स्टीन के खिलाफ अदालत में गवाही दी।
  • एप्स्टीन को वेश्यावृत्ति का नेटवर्क चलाने और बड़ी संख्या में महिलाओं के यौन शोषण और मानव तस्करी का दोषी ठहराया गया।
फोटो में प्रिंस एंड्रयू हैं, जिनका हाथ 17 वर्षीय वर्जीनिया गिफ्रे की कमर पर है। सबसे दाएं एप्स्टीन की प्रेमिका घिसलैन मैक्सवेल है। फोटो 10 मार्च 2001 को लंदन में मैक्सवेल के घर पर ली गई थी।

फोटो में प्रिंस एंड्रयू हैं, जिनका हाथ 17 वर्षीय वर्जीनिया गिफ्रे की कमर पर है। सबसे दाएं एप्स्टीन की प्रेमिका घिसलैन मैक्सवेल है। फोटो 10 मार्च 2001 को लंदन में मैक्सवेल के घर पर ली गई थी।

एप्स्टीन की लिस्ट में बिल क्लिंटन, माइकल जैक्सन का नाम

  • जनवरी 2024 में एक अमेरिकी कोर्ट ने जेफ्री एप्स्टीन से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक किए थे। इसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, माइकल जैक्सन और ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू जैसे हाई-प्रोफाइल लोगों के नाम थे।
  • इसमें बिल क्लिंटन और प्रिंस एंड्रयू के साथ एप्स्टीन की पुरानी दोस्ती का भी जिक्र किया गया था। एप्स्टीन के मुताबिक क्लिंटन को कम उम्र की लड़कियां पसंद थीं। हालांकि क्लिंटन के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हो पाया।
2019 में अमेरिकी कोर्ट के बाहर जेफ्री एप्स्टीन के खिलाफ प्रदर्शन करती महिलाएं।

2019 में अमेरिकी कोर्ट के बाहर जेफ्री एप्स्टीन के खिलाफ प्रदर्शन करती महिलाएं।

एप्स्टीन ने जेल में खुदकुशी की थी

एप्स्टीन को 2019 में फ्लोरिडा और न्यूयॉर्क में नाबालिगों की यौन तस्करी के आरोपों में फिर से गिरफ्तार किया गया। 10 अगस्त 2019 को एप्स्टीन ने जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिस वक्त उसकी मौत हुई, ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति थे।

2025 में 25 अप्रैल को वर्जीनिया गिफ्रे की भी मौत हो गई। रिपोर्ट्स में बताया गया कि उन्होंने आत्महत्या की है। उन्होंने बताया था कि एप्स्टीन ने उन्हें 1999 से 2002 के बीच कई बड़ी हस्तियों के पास भेजा था। उन्होंने यह भी कहा था कि वे एप्स्टीन के जरिए ट्रम्प से कई बार मिली थीं।

ब्यूटीफुल बिल को लेकर भिड़ गए थे मस्क और ट्रम्प

ट्रम्प और मस्क के बीच गुरुवार को बिग ब्यूटीफुल बिल (टैक्स और खर्च बिल) को लेकर जमकर बहसबाजी हुई थी। पहले ट्रम्प ने मीडिया से बात करते हुए मस्क को लेकर नाराजगी जताई थी।

ट्रम्प ने कहा था कि जब हमने अनिवार्य तौर पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के कानून में कटौती करने की बात कही तो मस्क को दिक्कत होने लगी। मैं इलॉन से बहुत निराश हूं। मैंने उनकी बहुत मदद की है।

इसके बाद मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्रम्प को एहसान फरामोश बताते हुए लगातार कई ट्वीट किए। मस्क ने कहा कि मैं नहीं होता तो ट्रम्प चुनाव हार जाते। उन्होंने ट्रम्प पर महाभियोग चलाने तक की बात कही थी।

इसके बाद ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर मस्क को निशाने पर लिया। उन्होंने लिखा- जब मैंने उनका ईवी मैंडेट (कानूनी आदेश) वापस लिया तो मस्क पागल हो गए। ट्रम्प ने मस्क की कंपनी को दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करने की धमकी दी थी।

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विदेश

अमेरिका ने 12 देशों के नागरिकों पर लगाया फुल एंट्री बैन, ट्रंप प्रशासन का कड़ा फैसला

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वाशिंगठन,एजेंसी। डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ ही अमेरिका की इमिग्रेशन नीति एक बार फिर से सख्त होती दिख रही है। ताजा फैसले में ट्रंप प्रशासन ने 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। इसके अलावा 7 अन्य देशों पर आंशिक पाबंदियां लागू की गई हैं, जो अमेरिका की यात्रा के इच्छुक हजारों लोगों के लिए झटका साबित हो सकता है। यह फैसला अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा को लेकर लिया गया है, जिसकी जानकारी ट्रंप प्रशासन ने आधिकारिक रूप से साझा की है। यह प्रतिबंध 9 जून से प्रभाव में आ जाएगा।

किन 12 देशों पर पूरी तरह से लगा एंट्री बैन?

अब इन देशों के नागरिक किसी भी रूप में अमेरिका की यात्रा नहीं कर पाएंगे :- अफगानिस्तान, ईरान, म्यांमार (बर्मा), लीबिया, चाड, कांगो गणराज्य, इरिट्रिया, हैती, इक्वेटोरियल गिनी, सूडान, यमन, सोमालिया

इन देशों के नागरिकों के लिए न केवल वीजा अप्रूवल ठप होगी, बल्कि अमेरिका के किसी एयरपोर्ट, बॉर्डर या टर्मिनल पर प्रवेश करने की स्थिति में उन्हें तुरंत हिरासत में लिया जाएगा।

इन 7 देशों पर आंशिक प्रतिबंध, वीजा नियमों में सख्ती

इन देशों के नागरिक अमेरिका तो आ सकेंगे, लेकिन अब उनके वीजा की शर्तों में सख्ती कर दी गई है। इनका अमेरिका में ठहरने का समय सीमित कर दिया गया है और बी-1, बी-2, एफ, एम, और जे वीजा श्रेणियों पर कड़ा नियंत्रण लागू किया गया है :- बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला

नए दिशा-निर्देशों के तहत इन देशों के नागरिकों को वीजा मिलना कठिन होगा, और मिलने की स्थिति में भी लंबे समय तक अमेरिका में रुकना संभव नहीं होगा।

कैसे लागू किया जाएगा ये प्रतिबंध?
अमेरिकी प्रशासन ने इन प्रतिबंधों के लागू होने से पहले संबंधित देशों की सरकारों और वहां के अमेरिकी दूतावासों को सूचित कर दिया है। एयरलाइंस को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन देशों के नागरिकों को अमेरिका की उड़ानों में बोर्डिंग की अनुमति न दें। इसके बावजूद अगर कोई व्यक्ति किसी रास्ते से अमेरिका पहुंच जाता है, तो एयरपोर्ट, बॉर्डर और इमिग्रेशन चेकपॉइंट्स पर उसे हिरासत में लेने की तैयारी की जा चुकी है।

 पहले भी लग चुके हैं ऐसे प्रतिबंध
यह कोई पहला मौका नहीं है जब अमेरिका ने यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान 2017 में भी 7 मुस्लिम बहुल देशों पर बैन लगाया गया था, जिसमें ईरान, यमन, सीरिया, सोमालिया, इराक, सूडान और लीबिया शामिल थे। हालांकि तब वैश्विक आलोचना और कानूनी चुनौतियों के बाद कुछ देशों के लिए प्रतिबंधों में ढील दी गई थी।

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