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अमेरिका हिंसा- 12 राज्यों के 25 शहरों में प्रदर्शन:लॉस एंजिलिस में शाम 6 बजे के बाद कर्फ्यू, ट्रम्प बोले- सुरक्षाबल पूरी ताकत से निपटेंगे
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7 months agoon
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Divya Akashलॉस एंजिलिस,एजेंसी। अमेरिका के लॉस एंजिलिस में 5 दिनों से जारी प्रदर्शन के कारण शाम 6 बजे के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है। लॉस एंजिलिस की मेयर कैरन बैस ने इमरजेंसी की घोषणा की है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालने के फैसले के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन अमेरिका के 12 राज्यों के 25 शहरों तक फैल चुका है। सैन फ्रांसिस्को, डलास, ऑस्टिन, टेक्सास और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं।
हालात पर काबू पाने के लिए ट्रम्प ने लॉस एंजिलिस में 4 हजार नेशनल गार्ड के अलावा 700 मरीन कमांडो को भी तैनात कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालात खराब हो रहे हैं। जरूरत पड़ने पर वे पूरी ताकत से निपटेंगे। वहीं, सोमवार-मंगलवार को लॉस एंजिलिस पुलिस ने करीब 1100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।
उपद्रवियों ने कई दुकानों में चोरी और लूटपाट की
लॉस एंजिलिस में अवैध प्रवासियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के विरोध में चोरी और लूटपाट की घटनाएं भी सामने आई हैं। मंगलवार को नकाबपोश दंगाइयों ने एक मॉल में स्थित जारा स्टोर में तोड़फोड़ और लूटपाट की।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लोग जारा स्टोर के दरवाजे तोड़कर अंदर घुसते और सामान लूटते दिखे। एक अन्य वीडियो में कुछ उपद्रवी एडिडास स्टोर, फार्मेसियां, मारिजुआना दुकानें और ज्वेलरी शॉप्स में भी तोड़फोड़ करते दिख रहे हैं।
लॉस एंजिलिस पुलिस डिपार्टमेंट के अधिकारी क्रिस मिलर ने बताया- एक महिला को एपल स्टोर में चोरी करते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
ट्रम्प बोले- जरूरत पड़ी तो सैन्य बल का इस्तेमाल करूंगा
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि अगर लॉस एंजिलिस में हिंसा जारी रही तो वे पूरे शहर में विद्रोह कानून लागू कर सकते हैं। यह कानून सरकार को हिंसा रोकने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करने की इजाजत देता है।
ट्रम्प ने कहा,

पिछले 2 दिन से हालात बेहद बिगड़ रहे हैं, अगर बगावत हुई तो मैं जरूर विद्रोह कानून लागू करूंगा।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में होने वाली आर्मी परेड के दौरान प्रदर्शन को लेकर भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रदर्शन करता है तो उसे सेना का सामना करना पड़ेगा। 14 जून को अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ और ट्रम्प का 79वां जन्मदिन भी है।
इस हिंसा में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। यह हिंसक प्रदर्शन अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालने के फैसले के खिलाफ हो रहे हैं। फिलहाल लॉस एंजिलिस में हिंसा थमती नजर आ रही है।
पिछले दिनों लॉस एंजिलिस में आगजनी-प्रदर्शन की 5 फुटेज…

उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी।

अमेरिकी झंडे पर थूकते और उसे जलाते हुए प्रदर्शनकारी।

एक उपद्रवी कार के ऊपर खड़ा होकर मेक्सिको का झंडा लिए नजर आया।

शहर में एक के बाद एक कई गाड़ियां जलती हुई नजर आईं।

300 नेशनल गार्ड्स प्रोटेक्टिव शील्ड्स के साथ खड़े थे और धीरे-धीरे भीड़ की ओर बढ़ते गए।
ट्रम्प की पार्टी का आरोप- प्रदर्शनकारियों को डेमोक्रेट और चीन पैसे दे रहे
ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी ने लॉस एंजिलिस में प्रदर्शनों को लेकर डेमोक्रेट नेताओं और चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपब्लिकन सांसद बिल एसेयली ने एक पोस्ट में लिखा- इन प्रदर्शनों की फंडिंग डेमोक्रेट समर्थित संगठनों और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी संस्थाओं द्वारा की जा रही है।
एसेयली ने कहा कि ICE के खिलाफ यह प्रदर्शन चिरला ने आयोजित किया था। जिसे 2023 में बाइडेन प्रशासन के दौरान करीब 285 करोड़ रुपए की ग्रांट मिली थी। मार्च 2025 में होमलैंड सिक्योरिटी ने उनकी फंडिंग पर रोक लगाई और बकाया राशि वापस ले ली।
रिपब्लिकन नेताओं ने PSS पर भी शक जताया है कि उसे चीनी अरबपति नेविल सिंगहम से फंडिंग मिलती है। जो अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को पैसे देते हैं।
लॉस एंजिलिस में नेशनल गार्ड तैनात किए
राष्ट्रपति ट्रम्प ने लॉस एंजिलिस में हालात को काबू करने के लिए 2000 नेशनल गार्ड्स को भेजा है। हालांकि, कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और लॉस एंजिलिस की मेयर कैरन बैस ने नेशनल गार्ड्स भेजने का विरोध किया है। यह पहला मौका है जब किसी राज्य में नेशनल गार्ड को बिना गवर्नर की अनुमति के भेजा गया।
लॉस एंजिलिस में 6-7 जून को सरकार ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ एक अभियान चलाया था। इसी का विरोध हो रहा है। छापेमारी राष्ट्रपति ट्रम्प की डिपोर्टेशन पॉलिसी का हिस्सा है।

अप्रवासियों पर लाठी चार्ज करते अमेरिकी नेशनल गार्ड्स।
मेयर बोली- हमें सेना या नेशनल गार्ड की जरूरत नहीं
ट्रम्प के नेशनल गार्ड और मरीन्स को भेजने की आलोचना करते हुए लॉस एंजिलिस मेयर बास ने कहा-
अभी हम अंधेरे में हैं। हमें नहीं पता कि कब क्या होने वाला है। हमारे पास इस स्थिति से निपटने की क्षमता है, और हमें सेना या नेशनल गार्ड की जरूरत नहीं है, खासकर तब जब हमने इसके लिए कहा ही नहीं था। राष्ट्रपति ने राज्यपाल से शक्ति छीन ली है, यह अस्वीकार्य है।
वहीं, ट्रम्प ने कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम को गिरफ्तार करने की बात कही थी। ट्रम्प ने कहा, “न्यूसम ने बहुत खराब काम किया है। उनका सबसे बड़ा जुर्म है कि वो फिर से गवर्नर बनना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें न्यूसम पसंद हैं, लेकिन कामकाज में कमजोर लगते हैं।
3000 आप्रवासियों को गिरफ्तार करने का लक्ष्य
ट्रम्प की डिपोर्टेशन पॉलिसी के तहत ICE को हर दिन बिना दस्तावेज वाले 3000 आप्रवासियों को रिकॉर्ड संख्या में गिरफ्तार और डिपोर्ट करने का लक्ष्य है। छापेमारी की एक वजह कुछ व्यापारियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करना भी है।
अधिकारियों के मुताबिक, हर दिन करीब 1600 अवैध अप्रवासियों को पकड़ा जा रहा है। दरअसल, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने दावा किया कि एक हजार प्रदर्शनकारियों ने एक फेडरल ऑफिस को घेरकर ICE अधिकारियों पर हमला किया।
इन प्रदर्शनकारियों में मुख्य तौर से आप्रवासी समुदाय के समर्थक, स्थानीय निवासी, और आप्रवासी अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन जैसे कोएलिशन फॉर ह्यूमन इमिग्रेंट राइट्स और नेशनल डे लेबर ऑर्गनाइजिंग नेटवर्क के सदस्य हैं।
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सोने-चांदी के दाम लगातार तीसरे दिन ऑल टाइम हाई पर:सोना ₹344 बढ़कर ₹1.37 लाख पर पहुंचा, चांदी इस साल ₹1.33 लाख महंगी हुई
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4 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। सोने-चांदी के दाम आज, 24 दिसंबर को लगातार तीसरे दिन ऑलटाइम हाई पर हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार सोना 344 रुपए बढ़कर 1,36,627 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है। इससे पहले मंगलवार को ये 1,36,283 रुपए पर था।
वहीं, 1 किलो चांदी की कीमत 7,983 रुपए बढ़कर 2,18,983 रुपए प्रति किलो के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई है। कल इसकी कीमत रू.2,11,020/किलो थी। दस दिन में चांदी 30,703 रुपए महंगी हुई है। 11 दिसंबर को इसकी कीमत 1,88,281 रुपए प्रति किलो थी।
अलग-अलग शहरों में रेट्स अलग क्यों होते हैं?
IBJA की सोने की कीमतों में 3% GST, मेकिंग चार्ज, ज्वेलर्स मार्जिन शामिल नहीं होता। इसलिए शहरों के रेट्स इससे अलग होते हैं। इन रेट्स का इस्तेमाल RBI सोवरेन गोल्ड बॉन्ड के रेट तय करने के लिए करता है। कई बैंक गोल्ड लोन के रेट तय करने के लिए इसे इस्तेमाल करते हैं।
इस साल सोना रू.60,465 और चांदी रू.1.33 लाख महंगी हुई
- इस साल अब तक सोने की कीमत 60,473 रुपए बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,36,627 रुपए हो गया है।
- चांदी का भाव भी इस दौरान 1,32 ,966 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 2,18,983 रुपए प्रति किलो हो गई है।
गोल्ड में तेजी के 3 प्रमुख कारण
- डॉलर कमजोर- अमेरिका के ब्याज दर घटाने से डॉलर कमजोर हुआ और सोने की होल्डिंग कॉस्ट कम हुई, इससे लोग खरीदने लगे।
- जियोपॉलिटिकल- रूस-यूक्रेन जंग और दुनिया में तनाव बढ़ने से निवेशक सोने को सबसे सुरक्षित निवेश मानकर खरीद रहे हैं।
- रिजर्व बैंक- चीन जैसे देश अपने रिजर्व बैंक में सोना भर रहे हैं, ये सालभर में 900 टन से ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं, इसलिए दाम ऊपर जा रहे हैं।
चांदी में तेजी के 3 प्रमुख कारण
- इंडस्ट्रियल डिमांड- सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स और EV में भारी इस्तेमाल, चांदी अब सिर्फ ज्वेलरी नहीं, जरूरी कच्चा माल बन गई है।
- ट्रंप का टैरिफ डर- अमेरिकी कंपनियां चांदी का भारी स्टॉक जमा कर रही हैं, ग्लोबल सप्लाई में कमी से कीमतें ऊपर चढ़ीं।
- मैन्युफैक्चरर होड़ में- प्रोडक्शन रुकने के डर से सभी पहले से खरीद रहे हैं, इसी वजह से आने वाले महीनों में भी तेजी बनी रहेगी।
आने वाले दिनों में और बढ़ सकते हैं दाम
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि चांदी की डिमांड में अभी तेजी है जिसके आगे भी बने रहने का अनुमान है। ऐसे में चांदी अगले 1 साल में 2.50 लाख तक जा सकती है। वहीं इस साल के आखिर तक चांदी की कीमत 2.10 लाख रुपए किलो पहुंच सकती है।
वहीं अगर सोने के बात करें इसकी डिमांड में भी तेजी बनी हुई। ऐसे में अगले साल तक ये 1.50 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है। वहीं इस साल के आखिर तक इसकी कीमत 1.35 लाख रुपए किलो पहुंच सकती है।
सोना खरीदते समय इन 2 बातों का रखें ध्यान
1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग से पता चलता है कि सोना कितने कैरेट का है।
2. कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।
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इसरो ने 6100kg का अमेरिकी सैटेलाइट लॉन्च किया:भारत से भेजा गया यह सबसे भारी उपग्रह, धरती पर कहीं से भी वीडियो कॉल कर सकेंगे
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4 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashश्रीहरिकोटा,एजेंसी। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने बुधवार सुबह LVM3-M6 रॉकेट से अमेरिकी सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 लॉन्च किया। 6,100 किलोग्राम वजनी ब्लूबर्ड, भारत से लॉन्च किया गया अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट है।
इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने इसे देश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। इससे पहले, नवंबर में लॉन्च किया गया LVM3-M5 कम्युनिकेशन सैटेलाइट-03 करीब 4,400 किलोग्राम का था। इसे जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित किया गया था।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को जिस LVM3-M6 रॉकेट से लॉन्च किया गया, उसका वजन 640 टन है। यह भारत का सबसे भारी लॉन्च व्हीकल है। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 नेक्स्ट-जेन कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसका मकसद सामान्य स्मार्टफोन तक सीधे हाई-स्पीड सेल्युलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना है।
इसके जरिए धरती पर कहीं से भी बिना टावर 4G और 5G वॉयस कॉल, वीडियो कॉल, मैसेजिंग, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और अमेरिका स्थित AST स्पेसमोबाइल (AST एंड साइंस, LLC) के बीच हुए एक कॉमर्शियल समझौते का हिस्सा है। न्यूस्पेस इंडिया, ISRO का कॉमर्शियल ब्रांच है।
लॉन्चिंग के 15 मिनट के बाद रॉकेट से अलग हुआ सैटेलाइट
इसरो के मुताबिक, करीब 43.5 मीटर ऊंचा LVM3-M6 रॉकेट बुधवार सुबह 8:54 बजे श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से रवाना हुआ। लगभग 15 मिनट की उड़ान के बाद ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट रॉकेट से अलग हुआ और करीब 520km ऊपर अंतरिक्ष के लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में उसे सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
रॉकेट को 90 सेकेंड देरी से, सुबह 8:55:30 लॉन्च किया गया था। इसे पहले सुबह 8:54 बजे लॉन्च किया जाना था। इसरो के अनुसार, श्रीहरिकोटा के स्पेस एरिया के ऊपर हजारों एक्टिव सैटेलाइट लगातार गुजर रहे थे। अन्य सैटेलाइट के साथ टकराव की आशंका को देखते हुए मिशन का लॉन्च समय 90 सेकेंड बढ़ाया गया।

यह तस्वीर LVM3-M6 रॉकेट के लॉन्चिंग की है, जिस पर ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट भेजा गया।
LVM3 से चंद्रयान-3 लॉन्च हुआ था, यह तीसरा कॉमर्शियल मिशन
LVM3-M6, जिसे GSLV Mk-III भी कहा जाता है, ISRO का तीन-चरणीय रॉकेट है। इसमें क्रायोजेनिक इंजन लगा है, जिसे इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर ने विकसित किया है। रॉकेट में लिफ्ट-ऑफ के लिए दो S200 सॉलिड रॉकेट बूस्टर लगाए गए हैं, जिन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर ने तैयार किया है।
यह LVM3 की 9वीं उड़ान और ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट के लिए तीसरा कॉमर्शियल मिशन है। ISRO के मुताबिक, LVM3 अब तक आठ लगातार सफल लॉन्च पूरे कर चुका है, जिनमें चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 जैसे प्रमुख मिशन भी शामिल हैं।
इसी रॉकेट ने 2023 में चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचाकर इतिहास रचा था। LVM3 को उसके भारी भरकम वजन के चलते, पब्लिक और मीडिया ने लोकप्रिय फिल्म बाहुबली से प्रेरित होकर ‘बाहुबली रॉकेट’ नाम दिया है।
इसरो चेयरमैन बोले- LVM-3 का 9वां उड़ान मिशन सफल रहा
इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने लॉन्चिंग के बाद अपने संबोधन में ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 कम्युनिकेशन सैटेलाइट के सफल लॉन्च को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा- लॉन्च व्हीकल ने ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 कम्युनिकेशन सैटेलाइट को सफलतापूर्वक और सटीक रूप से तय ऑर्बिट में स्थापित किया है।
वी. नारायणन ने कहा- यह अमेरिका की कंपनी AST स्पेसमोबाइल के लिए पहला डेडिकेटेड कॉमर्शियल लॉन्च है। यह श्रीहरिकोटा से 104वां लॉन्च और LVM-3 लॉन्च व्हीकल का 9वां सफल मिशन है, जिससे इसकी 100% विश्वसनीयता साबित होती है। नारायणन ने कहा- यह LVM-3 का 52 दिनों के भीतर दूसरा लगातार मिशन है।

इसरो चेयरमैन वी. नारायणन और वैज्ञानिकों ने बाद ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 के सफल लॉन्च के बाद, उसे ले जाने वाले LVM3-M6 रॉकेट का एक मॉडल प्रदर्शित किया।
PM मोदी बोले- भारत की अंतरिक्ष यात्रा में मील का पत्थर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट में लिखा- यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक गौरवपूर्ण मील का पत्थर है। यह भारत की भारी-भरकम लॉन्च क्षमता को मजबूत करता है और ग्लोबल कॉमर्शियल लॉन्च मार्केट में हमारी बढ़ती भूमिका को मजबूत करता है।
अमेरिकी कंपनी बोली- सेलुलर ब्रॉडबैंड को पूरी दुनिया में पहुंचाना टारगेट
अमेरिकी कंपनी AST स्पेसमोबाइल स्पेस-आधारित सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क तैयार कर रही है, जो सीधे स्मार्टफोन से जुड़ सकता है। इसे कॉमर्शियल और सरकारी दोनों तरह के इस्तेमाल के लिए तैयार किया गया है।
कंपनी के अनुसार, सितंबर 2024 में उसने ब्लूबर्ड 1 से 5 तक कुल पांच सैटेलाइट लॉन्च किए थे, जो अमेरिका और कुछ अन्य देशों में लगातार कवरेज देते हैं। नेटवर्क के विस्तार के लिए आगे भी ऐसे सैटेलाइट लॉन्च किए जाने की योजना है।
कंपनी दुनिया भर के 50 से अधिक मोबाइल ऑपरेटर्स के साथ साझेदारी कर चुकी है। कंपनी के मुताबिक, उनका टारगेट सेलुलर ब्रॉडबैंड को पूरी दुनिया में पहुंचाने का है। कंपनी हर उस जगह पर कनेक्टिविटी देना चाहती हैं, जहां ट्रेडिशनल नेटवर्क नहीं पहुंच पाता।
इससे शिक्षा, सोशल नेटवर्किंग, स्वास्थ्य सेवा समेत कई क्षेत्रों में बहुत से अवसर खुलेंगे। कंपनी के मुताबिक, उनकी सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए किसी को सर्विस प्रोवाइडर्स (मोबाइल नेटवर्क देने वाली कंपनियां जैसे- एयरटेल, वोडाफोन) बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

AST स्पेसमोबाइल के CEO एबेल एवेलन ने 2024 में ब्लूबर्ड के ब्लॉक 2 सैटेलाइट लॉन्च करने की घोषणा की थी।
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गडकरी बोले- देश में हिंदू-मुस्लिम समस्या के लिए कांग्रेस जिम्मेदार:सेक्युलरिज्म की गलत व्याख्या की, इसका अर्थ धर्मनिरपेक्षता नहीं, सर्व धर्म समभाव है
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4 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा, ‘देश में आज भी जो हिंदू-मुस्लिम से जुड़ी समस्याएं दिखती हैं, उनकी वजह कांग्रेस की सेक्युलरिज्म की सोच और वोट बैंक की राजनीति है। कांग्रेस ने सेक्युलरिज्म की गलत व्याख्या की।’
गडकरी के मुताबिक, ‘सेक्युलर का अर्थ धर्मनिरपेक्षता या किसी एक वर्ग का तुष्टिकरण करना नहीं है। इसका सही मतलब ‘सर्व धर्म समभाव’ होता है, यानी सभी धर्मों को समान सम्मान और सबको न्याय और सभी के साथ बराबरी का व्यवहार करना है।’
गडकरी दिल्ली में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी की किताब ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन भी मौजूद थे।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान को दोहराते हुए कहा कि भारत पहले भी सेक्युलर था, आज भी है और हमेशा रहेगा। यह बीजेपी-RSS की वजह से नहीं, बल्कि भारतीय, हिंदू और सनातन संस्कृति की वजह से है, जो विश्व का कल्याण सिखाती है।
- भारतीय संस्कृति सहिष्णु, करुणामय और सभी को साथ लेकर चलने वाली है और इतिहास में किसी हिंदू राजा द्वारा धार्मिक स्थलों को नष्ट करने का उदाहरण नहीं मिलता।
गडकरी बोले- ‘नेशन फर्स्ट’ की सोच केवल नारों तक सीमित नहीं हो

गडकरी उदय माहुरकर की किताब ‘माय आइडिया ऑफ नेशन फर्स्ट: रिडिफाइनिंग अनएलॉयड नेशनलिज्म’ लोकार्पण समारोह में पहुंचे थे।
नितिन गडकरी मंगलवार को ही एक अन्य कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा-
‘नेशन फर्स्ट’ की सोच केवल नारों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसके लिए देश के इतिहास को ईमानदारी से समझना, व्यवस्था की कमियों को पहचानना और भविष्य की क्षमताएं विकसित करना जरूरी है।
गडकरी ने कहा कि आधुनिकीकरण अंधी नकल पर नहीं, बल्कि सभ्यतागत आत्मविश्वास पर आधारित होना चाहिए। इस मौके पर भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल वीजी खंडारे भी मौजूद थे।
गडकरी की बड़ी बातें…
- सबसे पहली समस्या है, जो 1947 के बाद कांग्रेस लगातार हती आई है वह है सेक्युलरवाद। सबसे पहले आप घर जाकर डिक्शनरी में सेक्युलर शब्द का अर्थ क्या है, वह निकालिए। सेक्युलर का अर्थ धर्म-निरपेक्षता नहीं है। सेक्युलर का अर्थ है सर्वधर्म समभाव। लेकिन वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए समस्या सुलझाने के बजाए उसका निर्माण किया।
- जावेद अख्तर ने एक बार अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की थी। जावेद अख्तर ने वाजपेयी से पूछा- कि अगर आपका शासन आएगा तो सेक्युलरवाद खत्म हो जाएगा। तो अटलजी ने कहा- यह देश सेक्युलर है, सेक्युलर था और सेक्युलर ही रहेगा। हम कहते हैं कि विश्व का कल्याण हो। हम कभी ये नहीं कहते कि मेरा कल्याण हो, मेरे परिवार का कल्याण हो।
- स्वामी विवेकानंद ने भी शिकागो में जो भाषण दिया था। उसमें उन्होंने कहा था कि मैं यहां यह कहने नहीं आया हूं कि मेरा धर्म श्रेष्ठ है और मेरा भगवान श्रेष्ठ है। मैं यह कहने के लिए आया हूं कि आप जिस भगवान पर विश्वास करते हो, जिस धर्म पर विश्वास रखते हो, वह श्रेष्ठ है। अंत में हम एक ही जगह पहुंचने वाले हैं।
- किसी हिंदू राजा ने किसी दूसरे धर्मस्थल ध्वस्त किए हों, यह पूरे इतिहास में कहीं नहीं मिलता है। इसका कारण है कि हमारा वो कल्चर नहीं है। हम सर्वधर्म समभाव का अनुकरण करते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश 47 के बाद राजनीति में जो धर्म निरपेक्षता की व्याख्या बनकर जो समस्या खड़ी हुई। वह आज भी हमारे सामने खड़ी हुई है।
- हम अधिकारवादी नहीं हैं, विस्तारवादी नहीं हैं। हमारे अगल-बगल में छोटे-मोटे देश हैं, लेकिन उनके मन में ये डर नहीं है कि हिंदुस्तान हमारी भूमि ले लेगा। जबकि, दुनिया के अन्य छोटे-मोटे देशों के यह डर है। क्यों? क्योंकि, हमारा कल्चर, हमारी संस्कृति ही यही है।

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